जगमगाती रोशनी संग मिले नयी रफ्तार
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- Category: नवंबर 2012
क्या आप भी रफ्तार की नयी सवारी करने के लिए त्योहारी मौसम का इंतजार कर रहे हैं और उलझन में हैं कि बाजार में उपलब्ध तमाम विकल्पों की भरमार के बीच क्या चुनें?
जहाँ न पहुँचे बैंक, वहाँ पहुँचा सहारा!
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- Category: सिंतंबर 2012
राजेश रपरिया, सलाहकार संपादक :
हाल ही में उच्चतम न्यायालय ने सेबी के एक निर्णय को सही ठहराते हुए सहारा ग्रुप की दो कंपनियों को 24,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम 15% ब्याज के साथ तीन महीने में निवेशकों को लौटाने के आदेश दिये हैं। इस मुकदमे की कार्रवाई के दौरान ऐसे तथ्य निकल कर आये हैं, जिन्होंने आर्थिक जगत के कई मिथकों को झुठलाते दिख रहे हैं। इन तथ्यों को मानें तो यह भी मानना होगा कि ग्रामीण भारत शहरी भारत से ज्यादा संपन्न है और पूँजी बाजार की ओर ग्रामीण भारत का रुझान देश के शहरी निवेशकों से ज्यादा है। यह बात गले नहीं उतरती। शायद इसीलिए उच्चतम न्यायलय को इस तिलिस्म को भेदने के लिए ज्यादा व्यापक और सख्त आदेश देने पड़े हैं।
गलत नीति, गड़बड़ आवंटन
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- Category: सिंतंबर 2012
नरेंद्र तनेजा, ऊर्जा विशेषज्ञ :
कोयला घोटाले पर पक्ष-विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप चल रहे हैं, लेकिन घोटाला तो हुआ है, चाहे उसे आप किसी भी नजर से देखें। इसकी जो नीति बनायी गयी, वह ढह गयी और अमल में भी खामियाँ रहीं। कोयला सचिव ने प्रधानमंत्री कार्यालय को सचेत किया, लेकिन फिर भी कुछ नहीं किया गया। बाद में नीलामी का निर्णय लिया गया, लेकिन उसको भी लागू नहीं किया गया। तमाम ऐसी कंपनियों को भी कोयला ब्लॉक दे दिये गये, जिन्हें इस क्षेत्र का बिल्कुल भी अनुभव नहीं था और बिल्कुल नौसिखिया थीं।
एक करोड़ की सुरक्षा
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- Category: सिंतंबर 2012
राजीव रंजन झा :
नोएडा में रहने वाले पंकज गोयल की आयु 45 वर्ष और व्यक्तिगत सालाना आमदनी 2.20 लाख रुपये है। इनके पिता ने जब इनसे कहा तो इन्होंने भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) से एक बीमा करवा लिया। लेकिन इस योजना के नफा-नुकसान के बारे में उन्हें कुछ नहीं पता। उन्हें यह भी मालूम नहीं है कि उनकी इस योजना में कुल बीमा राशि कितनी है। उन्हें बस इतना पता है कि सालाना 18,889 रुपये की दो किस्तें जाती हैं।
धीमापन जारी रहने की आशंका
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- Category: सिंतंबर 2012
अभीक बरुआ, मुख्य अर्थशास्त्री, एचडीएफसी बैंक :
पिछले साल की पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था की विकास दर 8% थी और यह अब घट कर 5.5% पर आ गयी है। निश्चित रूप से हमारी अर्थव्यवस्था धीमी पड़ रही है। मेरा मानना है कि कारोबारी साल 2012-13 के अंत तक हमारी विकास दर 5.5% या इससे थोड़ी अधिक रह सकती है। पिछले साल के औसत स्तर से इस साल हमारी विकास दर नीची ही रहेगी।
शेयर बाजार
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- Category: सिंतंबर 2012
अगर शेयर भाव एक स्तर से नीचे आ जायें तो प्रमोटरों को कुछ भुगतान करना पड़ता है या और अधिक शेयर गिरवी रखने पड़ते हैं। प्रमोटर अतिरिक्त भुगतान नहीं कर पाये या मार्जिन के तौर पर अतिरिक्त शेयर नहीं दे पाये तो कर्ज देने वाले को यह अधिकार होता है कि वह खुले बाजार में उन शेयरों को बेच दे।
सेल के नतीजों ने किया निराश
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- Category: सिंतंबर 2012
कारोबारी साल 2012-13 की पहली तिमाही में स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) के मुनाफे में 18% की कमी आयी है। अप्रैल-जून 2012 तिमाही में कंपनी को 696 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है। पिछले साल की इसी तिमाही में कंपनी को 848 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। कंपनी की कुल आमदनी में भी 3% की गिरावट दर्ज हुई है। अप्रैल-जून 2012 तिमाही में कंपनी की कुल आमदनी 11056 करोड़ रुपये रही है। पिछले साल की इसी अवधि में इसकी कुल आय 11408 करोड़ रुपये रही थी।
इडेलवाइज के पंचरत्न
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- Category: सिंतंबर 2012
ब्रोकिंग फर्म इडेलवाइज सिक्योरिटीज ने ऑटो, बैंक, कृषि और आईटी क्षेत्र से जुड़ी पाँच कंपनियों के नतीजों, आगामी योजनाओं और भावी बाजार को देखते हुए निवेशकों को काफी लंबी अवधि के लिए पोर्टफोलिओ में रखने की सलाह दी है। इडेलवाइज का मानना है कि ये शेयर आपकी वित्तीय आजादी का साधन बन सकते हैं ।
फंड मैनेजर 16,800 के नीचे नहीं देख रहे सेंसेक्स को
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- Category: सिंतंबर 2012
केवल 15% फंड मैनेजर इस साल के अंत तक 5% से ज्यादा गिरावट की संभावना देख रहे हैं। उनके मुकाबले 85% फंड मैनेजर मान रहे हैं कि बाजार दिसंबर 2012 तक या तो केवल 5% ऊपर या नीचे के दायरे में रहेगा, या इससे ऊपर जायेगा।
बाजार में तेजी की चाहत, मगर अंदर बसा है डर
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- Category: सिंतंबर 2012
राजीव रंजन झा :
अपने भारतीय बाजार में निवेशकों का मिजाज बड़ा नाजुक है। हाल में बाजार का जो हाल दिखा है, उससे लग रहा है कि लोग बाजार में तेजी की चाहत तो रखते हैं, मगर अंदर कुछ ऐसा डर बसा है जो उन्हें लाल रंग की पहली झलक दिखते ही घबरा देता है। निफ्टी 4 जून की तलहटी 4770 से अभी 23 अगस्त को 5449 तक चला आया, मतलब 679 अंक की उछाल मिल गयी। लेकिन अगले 2-3 कारोबारी दिनों में इस ऊपरी स्तर से सवा सौ डेढ़ सौ अंक नीचे फिसलते ही बाजार में एकदम मायूसी छायी दिख रही है। जनाब, शेयर बाजार क्या हमेशा एक सीधी रेखा पर चलता है?
सोने के रिकॉर्ड भाव : थक सकती है चाल
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- Category: सिंतंबर 2012
राजीव कपूर, कमोडिटी प्रमुख, ट्रस्टलाइन सिक्योरिटीज :
निवेशकों को बीते आठ सालों से सोने में साल-दर-साल काफी अच्छा लाभ मिला है और सोने की चमक पर यकीन करने वालों को इसने लगातार खुशी दी है। भारतीयों के बीच तो सोने के प्रति पारपंरिक रूप से जबरदस्त झुकाव और इस पर गहरा विश्वास है। अगस्त के तीसरे हफ्ते में भारतीय बाजार में सोने का भाव 31,000 रुपये प्रति 10 ग्राम से भी ऊपर के नये उच्चतम भाव को छू गया।
घर बेच कर खरीदा दफ्तर
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- Category: सितंबर 2013
बृजेश अग्रवाल, सीओओ, दिनेश अग्रवाल, सीईओ, इंडियामार्ट :
हमने सबसे पहले जो करीब 2000 ग्राहक बनाये थे, उनकी वेबसाइटों का सारा डिजाइन हाथ से बना था। जब हमने उनके उत्पादों की जानकारी डायरेक्ट्री के रूप में इंडियामार्ट पर डालने का फैसला किया, तो उनकी वेबसाइटों को पूरा फिर से डिजाइन किया गया। उसी समय लोगों ने ऐसे मुद्दे सामने रखे कि इंडियामार्ट पर जो उत्पादक या विक्रेता हैं, उनकी विश्वसनीयता क्या है? इस पर हमने ट्रस्टसील नाम का उत्पाद तैयार किया। इसके लिए पहले हमने ऐसी कई कंपनियों से बात की, जो ट्रस्ट वेरिफिकेशन का काम करते हैं। लेकिन उन सबके उत्पाद बहुत महँगे थे और एसएमई के लिए उपयुक्त नहीं थे।
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