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इडेलवाइज के पंचरत्न

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Category: सिंतंबर 2012

ब्रोकिंग फर्म इडेलवाइज सिक्योरिटीज ने ऑटो, बैंक, कृषि और आईटी क्षेत्र से जुड़ी पाँच कंपनियों के नतीजों, आगामी योजनाओं और भावी बाजार को देखते हुए निवेशकों को काफी लंबी अवधि के लिए पोर्टफोलिओ में रखने की सलाह दी है। इडेलवाइज का मानना है कि ये शेयर आपकी वित्तीय आजादी का साधन बन सकते हैं ।

बजाज ऑटो
ब्रोकिंग फर्म का कहना है कि बजाज ऑटो देश की दूसरी सबसे बड़ी दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी है और घरेलू बाजार में इसकी 28% हिस्सेदारी है। कंपनी मोटरसाइकिल क्षेत्र में प्लैटिना (इंट्री), डिस्कवर (एक्जीक्युटिव) और पल्सर (प्रीमियम) का उत्पादन करती है। आने वाले समय में इसके बाजार में विस्तार होगा। इसलिए कंपनी के शेयर में लंबी अवधि का नजरिया रख कर खरीदारी करना अच्छा रहेगा।
आईसीआईसीआई बैंक
भारत में इस समय बचत और पूँजी निर्माण देश की जीडीपी के लगभग 34% के बराबर है। लिहाजा इडेलवाइज का मानना है कि भारत के विकास के मौजूदा दौर में वित्तीय क्षेत्र में मध्यवर्ती कारोबार के लिए काफी अच्छे मौके बन रहे हैं। आईसीआईसीआई बैंक संपत्ति और अपने वित्तीय आँकड़ों के लिहाज से निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा बैंक है। देश भर में बैंक की 2750 शाखायें हैं। बैंक वाहन ऋण, वाणिज्यिक वाहन ऋण, जीवन बीमा, जरनल बीमा और संपत्ति प्रबंधन के कारोबार में बाजार में अव्वल है। इन बुनियादी बातों को देखते हुए ब्रोकिंग फर्म ने लंबी अवधि के लिए आईसीआईसीआई बैंक के शेयर को खरीदने की सलाह दी है।
यस बैंक
यस बैंक देश के उन प्रमुख निजी बैंकों में से एक है, जिनकी वित्त्ीाय स्थिति काफी मजबूत है। साल 2012-13 की पहली तिमाही के अंत तक देश भर में बैंक की 381 शाखाएँ हैं। ब्रोकिंग फर्म का अनुमान है कि आने वाले दो वर्षों में बैंक के लोन बुक में 24% से ज्यादा इजाफा होगा। बैंक के प्रमोटरों में राना कपूर और अशोक कपूर शामिल हैं। इन्हें नीदरलैंड के राबो बैंक का वित्तीय सहयोग मिला है। इसके साथ ही वैश्विक स्तर पर प्राइवेट इक्विटी निवेशकों का भी सहयोग प्राप्त है। ब्रोकिंग फर्म का कहना है कि लंबी अवधि का निवेश करने के नजरिये से यस बैंक का चुनाव करना अच्छा रहेगा।
कोरोमंडल इंटरनेशनल
कोरोमंडल इंटरनेशनल देश की दूसरी सबसे बड़ी फास्फोरस फर्टिलाइजर निर्माता कंपनी है। कारोबारी साल 2012-13 में कंपनी ने अपनी फर्टिलाइजर उत्पादन की क्षमता 33 लाख टन से बढ़ा कर 40 लाख टन करने की योजना बनायी है। कंपनी ने वैश्विक स्तर पर कई कंपनियों के साथ रणनीतिक साझेदारी कर रखी है। इससे कंपनी को कच्चा माल पाने और गुणवत्ता सुधार करने में सहयोग मिल रहा है।
कंपनी के लिए सबसे अच्छी बात यह है कि यह ऋण मुक्त है और इसके पास करीब 600 करोड़ रुपये की नकदी है। ब्रोकिंग फर्म का कहना है कि कंपनी के शेयर मौजूदा भाव पर निवेश के लिए अच्छे दिख रहे हैं। कारोबारी साल 2010-2013 के दौरान कंपनी की आय में 21%, एबिटा में 24% और आरओई में 31% की बढ़ोतरी हुई है।
टीसीएस
आईटी क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी टीसीएस का प्रदर्शन इन्फोसिस और विप्रो के मुकाबले पिछले कुछ सालों से अच्छा चल रहा है। कंपनी ने बीएफएसआई, रिटेल, मैन्युफैक्चरिंग और दूरसंचार के क्षेत्रों से अच्छा कारोबार हासिल किया है। ब्रोकिंग फर्म का अनुमान है कि आगामी वर्षों में भी कंपनी के कारोबार में विस्तार होगा। अनुमान है कि कंपनी कारोबारी साल 2012-13 में 14.5% और साल 2013-14 में 15.5% वृद्धि हासिल करेगी। लंबी अवधि के हिसाब से कंपनी के शेयर में निवेश करना ठीक रहेगा।
(निवेश मंथन, सितंबर 2012)

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