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सरकारी घाटे पर काबू पाना सबसे जरूरी

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Category: मार्च 2012

ललित ठक्कर, एमडी, एंजेल ब्रोकिंग :

बजट में मेरे हिसाब से इस साल देखने वाली सबसे महत्वपूर्ण बात यह होगी कि खनन और भूमि अधिग्रहण विधेयक पर किस तरह के कदम उठाये जाते हैं। अब प्रधानमंत्री कार्यालय में इस बारे में कुछ सकारात्मक चर्चा होती दिख रही है और इस पर उठ रहे मुद्दों को सुलझाने के लिए उद्योग समूहों से बातचीत हुई है।

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बस किसी एक पहलू को नहीं देखेगा बाजार

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Category: मार्च 2012

संजय सिन्हा, संस्थापक, साइट्रस एडवाइजर्स :

बाजार की सबसे पहली अपेक्षा इस साल के केंद्रीय बजट से यह है कि इसमें सरकारी घाटे (फिस्कल डेफिसिट) पर नियंत्रण पाने की कोशिश की जायेगी। बाजार चाहता है कि सरकार अपने घाटे को काबू में लाये, साथ ही साथ उद्योग जगत यह भी उम्मीद कर रहा है कि सरकार करों की दरें इन स्तरों से अब ऊपर न बढ़ाये।

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एसटीटी में राहत मिलने की उम्मीद

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Category: मार्च 2012

गजेंद्र नागपाल, सीईओ, यूनिकॉन इन्वेस्टमेंट :

बाजार काफी समय से इस बात को लेकर चिंतित है कि सरकार की तरफ से नीतियों के मोर्चे पर कुछ नया नहीं हो रहा है और नीतिगत सुधार ठप पड़ा है। बाजार की चिंता यह है कि सरकार के इस तरह अटक जाने से अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ रहा है।

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क्या बजट से आपको मिलेगी कोई सौगात?

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Category: मार्च 2012

शिवानी भास्कर :

बजट का समय आते ही बड़े-बड़े उद्योग घरानों से लेकर हर तरह के दबाव समूह से सक्रिय हो जाते हैं, चाहे वे किसानों से जुड़े हों, मजदूरों से या फिर नौकरीपेशा वर्ग से। उद्योग जगत के लिए मिनिमम अल्टरनेट टैक्स (मैट), उत्पाद (एक्साइज) शुल्क, अलग-अलग तरह के अन्य शुल्क और सेस वगैरह महत्वपूर्ण मसले होते हैं। शेयर बाजार का खास ध्यान लंबी अवधि और छोटी अवधि के पूँजीगत प्राप्ति कर (कैपिटल गेन टैक्स) और सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (एसटीटी) वगैरह पर होता है।

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विकास का रथ अटका जीडीपी वृद्धि दर 6.1% पर

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Category: मार्च 2012

भारत के विकास की रफ्तार कुछ अटकती दिख रही है। जुलाई-सितंबर 2011 की तिमाही में विकास दर (जीडीपी वृद्धि) पहले ही 6.9% पर आ गयी थी। अब ताजा आँकड़ों के मुताबिक अक्टूबर-दिसंबर 2011 की तिमाही में विकास दर और भी घट कर 6.1% रह गयी है।

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अनिल अग्रवाल का बड़ा दाँव, वेदांत समूह पुनर्गठन

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Category: मार्च 2012

सुशांत शेखर : 

वेदांत रिसोर्सेस पीएलसी के चेयरमैन अनिल अग्रवाल बड़ी पहल करने के लिए जाने जाते हैं। स्टरलाइट इंडस्ट्रीज और सेसा गोवा के विलय का ऐलान करके अनिल अग्रवाल ने एक झटके में अपनी होल्डिंग कंपनी वेदांत रिसोर्सेस पीएलसी का 61% कर्ज घटाने का इंतजाम कर लिया। यह विलय शेयरों के लेनदेन के जरिये होगा। विलय के बाद सेसा गोवा का नाम बदल कर सेसा स्टरलाइट हो जायेगा। स्टरलाइट इंडस्ट्रीज के निवेशकों को अपने 5 शेयरों के बदले सेसा स्टरलाइट के 3 शेयर मिलेंगे।

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कहीं और क्यों जाना, एलआईसी है ना!

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Category: मार्च 2012

ओएनजीसी विनिवेश :

अखबार की एक खबर बता रही है कि ओएनजीसी के 42.78 करोड़ सरकारी शेयरों की नीलामी में से 40 करोड़ शेयर अकेले भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के खाते में गये हैं। कुछ अन्य खबरों के मुताबिक एक मार्च को 3.30 बजे नीलामी खत्म होने के समय कुल 29.22 करोड़ शेयरों की बोलियाँ आयी थीं, लेकिन अंत में कुल 42.78 करोड़ शेयरों में से 42.04 करोड़ शेयरों की बोलियाँ लगीं। इन खबरों में कहा गया कि एलआईसी के साथ-साथ एसबीआई ने भी इस नीलामी में शेयरों का बड़ा हिस्सा उठाया, हालाँकि कुछ अपुष्ट अटकलों में कहा गया कि एसबीआई ने अपनी बोलियाँ बाद में वापस ले लीं।

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सबको है मार्च का इंतजार

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Category: फरवरी 2012

राजेश रपरिया, सलाहकार संपादक

टेलीकॉम घोटाले में अदालती निर्णयों से एक अरसे से छायी धुंध छँट गयी है। ऐसा लगता है कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को कारोबारी जगत ने सकारात्मक ढंग से ही लिया है। कम-से-कम शेयर बाजार की प्रतिक्रिया से यही लगता है। सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय से 2जी स्पेक्ट्रम के आवंटन में हुए फर्जीवाड़े का देश के सामने रहस्योद्घाटन तो हो गया, लेकिन कई अनुत्तरित सवाल भी रह गये। 

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‘लाइसेंस राजा’ पर अदालती हथौड़ा

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Category: फरवरी 2012

सरकार और कॉर्पोरेट क्षेत्र के दिग्गजों के खिलाफ कुछ चुनिंदा व्यक्तियों की यह लड़ाई सफलता के इस अंजाम तक पहुँच सकेगी, यह सोचने वाले लोग शुरुआत में कम ही होंगे। संचार (टेलीकॉम) क्षेत्र का विवादों से पुराना नाता रहा है।

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सबसे बड़ी अदालत के जवाब

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Category: फरवरी 2012

क्या सरकार संविधान में शामिल समानता के बुनियादी हक के अनुरूप कोई उचित और पारदर्शी प्रक्रिया अपनाये बिना प्राकृतिक संसाधन या राष्ट्रीय संपत्ति किसी को देने या बाँटने का अधिकार रखती है?

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2जी घोटाला, अब तो चीजें दुरुस्त कर ले सरकार

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Category: फरवरी 2012

राजीव रंजन झा :

इंटरनेट पर एक कार्टून तेजी से फैल रहा है, जिसमें मोबाइल टावरों की शर-शैय्या (तीरों से बने बिछावन) पर डॉ. मनमोहन सिंह लेटे हैं। इस कार्टून में जो कहने की कोशिश की गयी है, वह तो लोगों के दिलों तक तुरंत पहुँचती है। लेकिन भीष्म पितामह के इस मिथक को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से जोडऩे में एक अड़चन है।

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चिदंबरम को मिली 2जी मामले में राहत

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Category: फरवरी 2012

गृह मंत्री पी चिदंबरम को 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में सह-अभियुक्त बनाने की मांग इस मामले की सुनवाई कर रही निचली अदालत ने नामंजूर कर दी है।

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  1. 2जी घोटाला, एक तराजू में न तौलें शौरी और राजा को
  2. फैसले से किस पर कितना असर
  3. रिलायंस का मुनाफा दूसरी तिमाही से 22.2% कम
  4. बजट में बस बहीखाता या नयी दिशा?

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