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  • कर बचत और मुनाफे से मेल कराती निवेश की पाठशाला
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2जी घोटाला, एक तराजू में न तौलें शौरी और राजा को

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Category: फरवरी 2012

महेश उप्पल, निदेशक, कॉम फस्ट इंडिया :

टेलीकॉम क्षेत्र में जिस महत्वपूर्ण और कठिन सुधार से अभी तक राजनीतिज्ञ और अफसर हिचकिचा रहे थे, वह काम न्यायालय ने कर दिया है। इसके लिए हमें अदालत का आभार मानना चाहिए। पहले आओ पहले पाओ नीति के बारे में दो चीजें हैं।

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फैसले से किस पर कितना असर

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Category: फरवरी 2012

2जी घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले का दूरगामी असर पडऩे की उम्मीद जतायी जा रही है। इस फैसले से ग्राहकों, कंपनियों और उनके कर्मचारियों के साथ भारत में विदेशी निवेश पर भी असर पडऩे की बात की जा रही है। आइये देखते हैं कि इस फैसले का किस पर कितना असर पड़ सकता है।

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रिलायंस का मुनाफा दूसरी तिमाही से 22.2% कम

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Category: फरवरी 2012

बाजार में पहले से चल रहे अंदेशों के मुताबिक ही रिलायंस इंडस्ट्रीज ने तीसरी तिमाही के कमजोर नतीजे सामने रखे हैं। हालाँकि कंपनी के कुल कारोबार में अक्टूबर-दिसंबर 2011 की तिमाही में 40.2% की बढ़ोतरी दर्ज की गयी है, लेकिन इसकी एबिटा आय और मुनाफे में काफी कमी आयी है।

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बजट में बस बहीखाता या नयी दिशा?

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Category: फरवरी 2012

शिवानी भास्कर :

साल की शुरुआत का यह ऐसा समय होता है, जब पूरे देश का अर्थतंत्र एक ही तैयारी में जुटा होता है- अगले वित्त वर्ष का बजट। जहाँ तमाम उद्योग संगठन और अलग-अलग क्षेत्रों के प्रतिनिधि अपने-अपने हितों के लिए वित्त मंत्रालय के साथ बैठकें कर उसे अपनी मांगों की सूचियाँ थमाते हैं, वहीं सरकारी विभाग और मंत्रालय भी अपनी-अपनी माँगों के साथ मान-मनुहार में लग जाते हैं।

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केंद्र का नहीं, पूरे देश का बजट बने

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Category: फरवरी 2012

बजट से पूरे देश और दुनिया को यह संदेश देना होगा कि भारत सरकार की आर्थिक सुधार की जो रेल गाड़ी पटरी से उतर चुकी है, उसे वापस पटरी पर डाला जा रहा है। बजट केवल वार्षिक बहीखाता नहीं होता है। सबसे बड़ा मुद्दा यह होता है कि अगले 12 महीनों में देश की दिशा क्या रहेगी, नीतियों के स्तर पर और विभिन्न क्षेत्रों में किन बातों को प्राथमिकता दी जायेगी। पिछले 12 महीनों के अंदर हमने देखा है कि हमारा देश आर्थिक मसलों को लेकर लगभग दिशाहीन हो चुका है।

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जेब कटेगी साहब!

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Category: फरवरी 2012

राजेश रपरिया :

महँगाई से मिले जख्मों के भरने के निकट भविष्य में कोई आसार नहीं हैं, क्योंकि केंद्र सरकार के आगामी बजट में वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी आपकी जेब कतरने का कोई प्रयास नहीं छोड़ेंगे। अर्थव्यवस्था के सभी बड़े आर्थिक संकेतकों का सरकारी आकलन बेमतलब साबित हो गया है। 

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चुनावी आहट से गरमाया शेयर बाजार?

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Category: फरवरी 2012

उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर शेयर बाजार ने मन में लड्डू बाँधने शुरू कर दिये हैं। बाजार में एक आम धारणा बन रही है कि इस बार सबसे ज्यादा फायदा कांग्रेस को ही मिलेगा। बसपा घटेगी और सपा कुछ बढ़ कर कांग्रेस के सहयोग से सरकार बनाने की हालत में आ जायेगी।

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साल 2012 में पैसे बनाने के मूल-मंत्र

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Category: फरवरी 2012

विनेश मेनन, सीईओ, बजाज कैपिटल इन्वेस्टर सर्विसेज:

निवेश के फैसले में ‘समय’ सबसे अहम पहलुओं में से एक है। कुछ लोगों ने अपनी वित्तीय आदतों के बारे में कुछ प्रण किये होंगे तो कुछ ने इसके बारे में सोचा भी नहीं होगा। क्या हमने सोचा है कि पैसे कमाने के लिहाज से 2012 किस तरह अलग होगा।

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सीआरआर घटने से जगी उम्मीद

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Category: फरवरी 2012

सुशांत शेखर :

भारतीय रिजर्व बैंक ने 24 जनवरी को हुई तीसरी तिमाही की समीक्षा बैठक में नकद आरक्षित अनुपात यानी सीआरआर में 0.5% अंक की कटौती कर दी। इस कटौती के बाद सीआरआर 5.5% हो गया है। आरबीआई ने अप्रैल 2010 के बाद पहली बार सीआरआर में बदलाव किया है।

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मारुति सुजुकी ने पेश की नयी डिजायर

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Category: फरवरी 2012

मारुति सुजुकी इंडिया ने अपनी एंट्री लेवल सेडान कार डिजायर का एक छोटा संस्करण लांच कर दिया है। डिजायर का नया मॉडल पेट्रोल और डीजल दोनों विकल्पों में उपलब्ध है। इसकी लंबाई 4 मीटर से कम है, इस वजह से इस पर 10% एक्साइज ड्यूटी कम लगेगी।

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वाहन बीमा : अपने अधिकारों को जानें

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Category: फरवरी 2012

आपका वाहन आपके लिए कीमती वस्तु है और इसकी सुरक्षा करना भी आपके लिए उतना ही अनिवार्य है। इस मामले में जब आप ढिलाई बरतते हैं तो भी सरकार की ओर से प्रावधान है कि आप अपने वाहन की उचित सुरक्षा सुनिश्चित कर लें।

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सरकारी जड़ता टूटने की ख्वाहिश

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Category: जनवरी 2012

राजेश रपरिया, सलाहकार संपादक :

पूरी उम्मीद है कि सन 2012 पिछले साल जैसा भयावह नहीं होगा। मुद्रास्फीति, ऊँची ब्याज दरें, कमजोर होता रुपया और वैश्विक आर्थिक कारकों ने पिछले साल भारत की विकास गाथा को लील लिया। लेकिन निवेश मंथन के ताजा सर्वेक्षण में यह उम्मीद उभर कर सामने आयी है कि 2012 का साल 2011 जितना खराब और डरावना नहीं होगा। मुद्रास्फीति की दर धीरे-धीरे उतार पर है।

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  1. कहीं पास ही है तलहटी
  2. कैसा रहेगा वर्ष
  3. फिर आईपीओ घोटाला, सेबी ने चलाया डंडा
  4. शेयर बाजार, करीब 5200 तक उछाल की दिखती है गुंजाइश

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