तोड़ दी सोने की हथकड़ी
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- Category: सितंबर 2011
विजय शेखर :
मेरी अब तक की कहानी में ऐसी कई बातें हैं, जो वैसे तो संभव नहीं लगती हैं लेकिन मेरे साथ हो गयीं। मैंने बारहवीं तक की सारी पढ़ाई हिंदी माध्यम से की। इंजीनियरिंग कॉलेज की प्रवेश परीक्षा में सफल हो पाना सपना सच होने जैसा था।
सदाबहार हाट बन गया है ई-कॉमर्स
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- Category: सितंबर 2011
इंटरनेट पर कारोबार
भारत में कंप्यूटर और इंटरनेट के प्रसार के साथ ही ई-कॉमर्स का कारोबार भी तेजी से बढ़ रहा है। इलेट्रॉनिक्स और वाणिज्य के मेल से बना यह कारोबार इंटरनेट के उपभोक्ताओं के बीच इतना लोकप्रिय हो चुका है कि पिछले चार-पाँच वर्षों से इसमें सालाना 35% से 40% वृद्धि देखी जा रही है।
हम कोलकाता को लंदन बनायेंगे
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- Category: सितंबर 2011
कोलकाता डायरी
पश्चिम बंगाल में ‘परिबर्तन’ का नारा जोरों पर है और यहाँ तक कि राज्य का नाम भी बदल कर पश्चिमबंग करने के लिए राज्य विधानसभा ने विधेयक पारित कर दिया है। दावा यह है कि केवल राज्य का नाम नहीं बदल रहा, बल्कि इसकी सूरत और सीरत भी बदल रही है।
डॉयशे बैंक के सीईओ अंशु जैन के लिए कांटों भरा ताज
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- Category: सितंबर 2011
डॉयशे बैंक के सीईओ अंशु जैन के लिए कांटों भरा ताज :
लॉड्र्स के मैदान में जब भारतीय क्रिकेट टीम इंग्लैंड से टेस्ट मैच में दुर्गति झेल रही थी, उसी दौरान डॉयशे बैंक ने पहली बार किसी गैर-यूरोपीय को सह-मुख्य कार्यकारी अधिकारी (को-सीईओ) नियुक्त किया। वह कोई और नहीं, भारतीय क्रिकेट टीम के एक बड़े प्रशंसक और राहुल द्रविड़ के मित्र अंशु जैन थे।
ये फेसबुक वाले शंकर शर्मा कौन हैं?
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- Category: सितंबर 2011
राकेश झुनझुनवाला के नाम से एक फर्जी ब्लॉग अगर काफी नहीं था तो अब शंकर शर्मा के नाम से एक फर्जी फेसबुक प्रोफाइल भी बन कर तैयार है। ब्रोकिंग फर्म फस्र्ट ग्लोबल के शंकर शर्मा तो बताते हैं कि उन्होंने कभी फेसबुक नाम की वेबसाइट का चेहरा भी नहीं देखा है।
हमने यह बीड़ा उठाया है
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- Category: अगस्त 2011
राजेश रपरिया, सलाहकार संपादक
लालच एक ऐसी बला है जो व्यक्ति का विवेक देखते-देखते ही हर लेती है। लालच के दुष्परिणामों को लेकर अनेक कथाएँ हैं, जो हमने बचपन से सुनी हैं। अज्ञानियों की बातें छोड़ें, बड़े-बड़े अनुभवी जानकार और विशेषज्ञ माने जाने वाले शख्स भी आये दिन लालच के चंगुल में फँस जाते हैं। दुनिया ने जितनी तरक्की की है, तकनीक जितनी ही उन्नत हो रही है, लालच का जाल उतना ही घना होता जा रहा है।
आखिर परवान चढ़ा कैर्न वेदांत सौदा
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- Category: अगस्त 2011
अगस्त 2010 से लटका हुए कैर्न वेदांत सौदे को आखिरकार हरी झंडी मिल गयी। थोड़ा अनिल अग्रवाल झुके, ब्रिटेन की कंपनी कैर्न एनर्जी पीएलसी भी थोड़ा झुकी और सरकार का आशीर्वाद मिल गया। वैसे तो नये समझौते में कैर्न के साथ यह सौदा वेदांत समूह के लिए 60 करोड़ डॉलर सस्ता हो गया, लेकिन पहले सरकारी आशीर्वाद के बिना यह सौदा कर डालना कितना महँगा पड़ा, यह तो अनिल अग्रवाल ही जानते होंगे!
इस बीच अप्रैल 2011 में भारत का औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) 6.3% की दर से बढ़ा। यह दर आधार वर्ष (बेस ईयर) बदलने के बाद की है। अगर पुराने आधार वर्ष के मुताबिक देखें तो अप्रैल में आईआईपी 4.4% बढ़ी, जो जानकारों के अनुमान से कुछ कम ही रही। हालाँकि नये आधार वर्ष से तय किये गये आँकड़ों को जानकार औद्योगिक उत्पादन की ज्यादा बेहतर तस्वीर मान रहे हैं।
थोड़े धीमे विकास के बीच ऊँची महँगाई दर और ऊँची ब्याज दर के इस दौर में बाजार और सरकार का चिंता में पडऩा लाजिमी है।
(निवेश मंथन, अगस्त 2011)
पर हम होंगे तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था
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- Category: अगस्त 2011
आज भले ही अर्थव्यवस्था की धीमी पड़ती रफ्तार को लेकर चिंता हो रही हो, लेकिन भविष्य अब भी सुनहरा ही दिख रहा है। भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा, यह भविष्यवाणी करने वालों में अब स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक भी शामिल हो गया है।
थोड़ी खुशी ज्यादा गम
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- Category: अगस्त 2011
जनवरी-मार्च 2011 यानी बीते कारोबारी साल की चौथी तिमाही के नतीजों में बाजार को खुशी कम मिली, झटके ज्यादा मिले। इसकी शुरुआत तो इन्फोसिस से ही हो गयी, जिसके नतीजों के साथ हर तिमाही नतीजों के मौसम की एक तरह से शुरुआत मानी जाती है। ऐसे कुछ खास नामों पर नजर, जिन्होंने बाजार को मायूस या खुश किया।
ओएनजीसी : आगे दारोमदार सब्सिडी के बोझ पर ही
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- Category: अगस्त 2011
साल 2010-11 की चौथी तिमाही में ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन लिमिटेड का मुनाफा 26' घट गया। जनवरी-मार्च 2011 के दौरान कंपनी का मुनाफा 2,790.86 करोड़ रुपये रहा, जबकि पिछले साल की समान तिमाही में यह 3,776.41 करोड़ रुपये रहा था।
भारतीय स्टेट बैंक : निजाम बदलते ही लगा जोर का झटका
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- Category: अगस्त 2011
बाजार को झटका देने वाले तिमाही नतीजों में शायद एसबीआई के नतीजे को सबसे ऊपर रखा जा सकता है। जनवरी-मार्च 2011 तिमाही में बैंक का मुनाफा केवल 20.88 करोड़ रुपये रहा, जबकि इसे पिछले कारोबारी साल की समान तिमाही में 1866.60 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था।
रिलायंस इंडस्ट्रीज : गैस उत्पादन की चिंता सबसे भारी
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- Category: अगस्त 2011
भारत की सबसे बड़ी निजी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने जनवरी-मार्च 2011 की तिमाही के दौरान 5376 करोड़ रुपये का मुनाफा हासिल किया। यह पिछले कारोबारी साल की समान तिमाही के 4710 करोड़ रुपये से 14% ज्यादा रहा।
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