बचत के नुस्खे
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- Category: दिसंबर 2011
इंडिया इन्फोलाइन के संपादक अनिल मास्कारेन्हास ने अपने किसी मित्र की विचित्र किंतु सत्य शुभकामना को सबके साथ बाँटा है।
सटीक अनुमान मुनाफे में न बदलने का गम
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- Category: दिसंबर 2011
अगर कोई पिछले 3-4 महीनों के दौरान डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट आती देख पाया हो, तेल मार्केटिंग कंपनियों के शेयर टूटने की संभावना को पहले से भाँप पाया हो, सोने-चाँदी और तेल के भाव बढऩे का आकलन ठीक से कर पाया हो और खाद्य चीजों की कीमतें बढऩे का सही अनुमान लगा पाया हो, तो जरूर उसने हाल में तगड़ा मुनाफा कमाया होगा। लेकिन विजय भंबवानी को अफसोस है कि बाजार में इन सारी बातों का ठीक अनुमान लगा पाने के बावजूद वे अपने इस सटीक आकलन को मुनाफे में नहीं बदल पाये। उन्होंने फेसबुक पर अपने मित्रों के बीच अफसोस जताया कि मैं बुरा सीईओ साबित हुआ।
मध्यम और सस्ते घरों के दाम बढ़ेंगे
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- Category: दिसंबर 2011
बीत रहे साल 2011 में जमीन जायदाद का कारोबार कैसा चला, इस पर नजर डालने के साथ-साथ जरूरी है कि नये साल की संभावनाओं को टटोला जाये। जमीन-जायदाद क्षेत्र की सलाहकार कंपनी जेएलएल इंडिया के रिसर्च प्रमुख आशुतोष लिमये बता रहे हैं कि नये साल में व्यावसायिक रियल एस्टेट की माँग स्थिर ही रहेगी।
कंप्यूटर नहीं तो क्या गम है!बढ़ रही है मोबाइल पर शेयरों की खरीद-बिक्री
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- Category: दिसंबर 2011
पूनम :
तमाम शेयर ब्रोकरों का रोना है कि इस समय बाजार से निवेशक गायब हैं, खरीद-बिक्री की मात्रा एकदम घट गयी है। लेकिन कम-से-कम मोबाइल फोन पर शेयरों की खरीद-बिक्री के बारे में ऐसा नहीं कहा जा सकता। मोबाइल फोन पर शेयरों की खरीद-बिक्री इस साल अप्रैल में शुरू की गयी थी। तब से इसमें लगातार बढ़त का ही रुख दिखा है। अप्रैल से अक्टूबर तक यह कारोबार लगभग चौगुना हो चुका है।
‘ह्युंदै इऑन’ भारतीय बाजार में
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- Category: दिसंबर 2011
जापानी वाहन कंपनी ह्युंदै मोटर्स ने अपनी सबसे छोटी कार ‘इऑन’ भारतीय बाजार में पेश की है। कंपनी की सबसे छोटी और सबसे सस्ती कार ‘इऑन’ में 814 सीसी का पेट्रोल ‘आईआरडीई’ इंजन लगा हुआ है।
गणेश, सरस्वती बिन नहीं सधेंगी लक्ष्मी
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- Category: अक्तूबर 2011
राजेश रपरिया, सलाहकार संपादक :
लक्ष्मी को सभी पाना चाहते हैं, लेकिन उन्हें प्रसन्न करने का सही तरीका अपनाने में लोग चूक जाते हैं। भारतीय परंपरा कहती है कि लक्ष्मी की पूजा गणेश और सरस्वती को साथ रखे बिना नहीं होती। बुद्धि और विद्या की संगत के बिना लक्ष्मी आयेंगी नहीं, और अगर कभी आ गयीं तो ज्यादा समय तक रुकेंगी नहीं। इस अंक में रवि बुले का लेख धन, बुद्धि और विद्या के इस साहचर्य को बखूबी समझा रहा है।
स्वास्थ्य बीमा अब कंपनी बदलें पॉलिसी नहीं
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- Category: अक्तूबर 2011
सुशांत शेखर :
एक अक्टूबर से मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी की तर्ज पर स्वास्थ्य बीमा पोर्टेबिलिटी लागू हो गयी है। मतलब यह कि अब अगर आप चाहें तो अपनी पॉलिसी बदले बिना बीमा कंपनी बदल सकते हैं। बीमा क्षेत्र के नियामक आईआरडीए के दिशा-निर्देशों के मुताबिक अगर कोई ग्राहक अपनी मौजूदा बीमा कंपनी से संतुष्ट नहीं है और नयी बीमा कंपनी चुनना चाहता है तो उसे पॉलिसी नवीनीकरण की तिथि के 45 दिनों से पहले नयी कंपनी को आवेदन देना होगा।
गरीबी रेखा को लेकर उलझन में सरकार
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- Category: अक्तूबर 2011
देश के अर्थशास्री प्रधानमंत्री के राज में गरीबों के साथ इतना घटिया मजाक किया जायेगा। यह शायद ही किसी ने सोचा होगा। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाले योजना आयोग ने गरीबी रेखा की नयी परिभाषा दी।
कार्ड क्लोनिंग के शिकार बने कुमार मंगलम बिड़ला
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- Category: अक्तूबर 2011
आदित्य बिड़ला समूह के मुखिया कुमार मंगलम बिड़ला मुंबई में थे और उनका क्रेडिट कार्ड उनके पास था, लेकिन उसी क्रेडिट कार्ड पर बेंगलूरु में खरीदारी हो रही थी। इसका पता तब चला, जब उन्हें अपने क्रेडिट कार्ड का 2.86 लाख रुपये का बिल मिला।
नया खनन विधेयक : बाँटना होगा मुनाफा
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- Category: अक्तूबर 2011
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने खान और खनन (नियंत्रण और विकास) विधेयक 2011 को मंजूरी दे दी है। यह 1957 में बने विधेयक की जगह लेगा। संभावना है कि यह विधेयक संसद के शीतकालीन सत्र में प्रस्तुत किया जायेगा।
फेडरल ‘ट्विस्ट’ में उलझे दुनिया के बाजार
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- Category: अक्तूबर 2011
सुशांत शेखर :
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की 21 सितंबर को हुई बैठक से वैश्विक बाजारों को बहुत उम्मीदें थीं। लोग सोच रहे थे कि फेडरल रिजर्व के चेयरमैन बेन बर्नांके कुछ ऐसा जरूर करेंगे, जिससे मंदी के मुहाने पर खड़ी अमेरिकी अर्थव्यस्था को राहत मिलेगी।
क्या अच्छे लोगों के पास लक्ष्मी नहीं जातीं?
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- Category: अक्तूबर 2011
रवि बुले :
यह ऐसी बात है जिसे हम फिल्मों में देखते हैं। कहानियों में सुनते हैं। पुराणों में पाते हैं। नायक अभावों में पैदा होता है, पलता है, बढ़ता है। वह सत्य के लिए, समृद्धि के लिए संघर्ष करता है, जबकि खलनायक तमाम बुराइयों के बाद भी ऐश्वर्य के शिखर पर रहता है।
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