Nivesh Manthan
Menu
  • Home
  • About Us
  • ई-पत्रिका
  • Blog
  • Home/
  • 2012/
  • जनवरी 2012/
  • रुपये की कमजोरी हो सकती है खतरनाक
Follow @niveshmanthan

बजाज ने उतारी चारपहिया ‘ऑटो’

Details
Category: जनवरी 2012

सुशांत शेखर:

बजाज ऑटो ने 3 जनवरी को अपनी पहली चारपहिया गाड़ी आरई 60 से पर्दा उठा दिया। कुछ दिन पहले से ही मीडिया में इसकी चर्चाएँ शुरू हो गयी थीं। खास कर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर जब भी इस गाड़ी से संबंधित खबर आती थी तो 2008 के ऑटो एक्सपो में बजाज की कार के प्रोटोटाइप मॉड़ल का वीडियो दिखाया जाता था। इस वीडियो में बजाज की कार का डिजाइन किसी भी छोटी कार से खूबसूरत है।

इसके नैनो से भी सस्ते होने की चर्चाओं ने इसके लिए इंतजार बढ़ा दिया था। लेकिन 2008 के ऑटो एक्सपो से 2012 के ऑटो एक्सपो तक कहानी बहुत कुछ बदल चुकी है और साथ ही बदल गयी है बजाज की यह छोटी कार भी।

बजाज ने आरई 60 के रूप में जो चारपहिया गाड़ी पेश की है, वह कार जैसी दिखती जरूर है, लेकिन इसे कार कहना मुश्किल है। खुद बजाज ऑटो के एमडी राजीव बजाज भी इसे कार नहीं कहते। वो इसे चारपहिया व्यावसायिक वाहन कहते हैं।

दरअसल इसे चारपहिया ‘ऑटो’ कहना ज्यादा मुनासिब लगता है। बजाज ऑटो ने इस गाड़ी का नाम अपनी ऑटो सीरीज के नाम पर ही आरई 60 रखा है। कंपनी ने इसमें केवल 200 सीसी का वॉटर कूल्ड डीटीएस4 इंजन लगाया है, जो 20 बीएचपी की ताकत देता है। मतलब इसका इंजन बजाज की अपनी मोटरसाइकिल पल्सर से भी कम ताकत वाला है। इस गाड़ी का माइलेज 35 किलोमीटर प्रति लीटर है, मगर इस गाड़ी की अधिकतम रफ्तार महज 70 किलोमीटर प्रति घंटे की है। इसमें बैठने की क्षमता 2+२ और 1+3 बतायी गयी है। अभी जिस वाहन को दिखाया गया, वह 2+२ की है, लेकिन 1+3 तो साफ तौर पर ऑटो का डिजाइन है। यह गाड़ी प्रदूषण के मोर्चे पर बेहतर लगती है, क्योंकि यह प्रति किलोमीटर केवल 60 ग्राम कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन करती है।

बजाज ने इस चारपहिया वाहन को शहरी परिवहन के विकल्प के तौर पर पेश किया है, यानी उसकी नजर ऑटो के बाजार पर  ही  है। कंपनी ने अभी इसकी कीमत का खुलासा नहीं किया है। लेकिन माना जा रहा है कि इसकी कीमत एक से डेढ़ लाख रुपये के बीच हो सकती है। कंपनी इसे पहले भारत के बाजार में पेश करने के बजाए श्रीलंका में उतारेगी। इसे पेट्रोल के साथ एलएनजी और सीएनजी में भी उतारने की तैयारी है।

कार के ‘ऑटो’ बनने की कहानी

बजाज ने 2007 में रेनॉ-निसान के साथ मिलकर सस्ती छोटी कार बनाने का शुरुआती करार किया। उस समय टाटा की सस्ती कार की चर्चाएँ भी शुरू हो गयी थीं। 2008 के ऑटो एक्सपो में टाटा की नैनो से पर्दा उठने से ठीक एक दिन पहले बजाज ने अपनी छोटी कार का प्रोटोटाइप मॉडल पेश कर दिया। टाटा ने कई मुश्किलों के बावजूद 23 मार्च 2009 को अपनी छोटी कार नैनो बाजार में उतार दी। लेकिन बजाज ऑटो की छोटी कार लटकती चली गयी।

शुरुआती करार के मुताबिक बजाज ऑटो को सस्ती कार का डिजाइन तैयार करने के साथ उसका उत्पादन करना था। वहीं रेनॉ-निसान की जिम्मेदारी मार्केटिंग की थी। लेकिन कंपनी के एमडी राजीव बजाज ने 15 जुलाई 2011 को कह दिया कि उन्हें कार कारोबार में फायदा नहीं नजर आता। उन्होंने मीडिया से कहा कि उनका इरादा एक व्यावसायिक चारपहिया वाहन लाने का है। उन्होंने बताया कि नवंबर 2009 में ही उनका इरादा बदलने लगा था।

लेकिन अटकलें चलती रहीं कि बजाज की साझेदार रेनॉ-निसान इस फैसले से खुश नहीं है। रेनॉ-निसान चाहती थी कि नयी गाड़ी को बजाज की तिपहिया के मौजूदा प्लेटफॉर्म को उन्नत कर उस पर बनाने के बजाय एक कार का नया प्लेटफॉर्म विकसित किया जाये। साथ ही वह इसे एक कार की तरह ही पेश करना चाहती थी। बजाज और रेनॉ-निसान का करार टूटने की अटकलें भी चलती रहीं। लेकिन राजीव बजाज रेनॉ-निसान को यह समझाने में सफल रहे कि इस गाड़ी की लागत कम रखने के लिए उसे कंपनी के औरंगाबाद संयंत्र में बनाना जरूरी है। नया प्लेटफॉर्म तैयार करने के बजाय अगर गाड़ी को ऑटो के उन्नत प्लेटफॉर्म पर बनाया जाय तो इसका इस्तेमाल यात्री कार के साथ व्यावसायिक वाहन के तौर पर भी किया जा सकता है। रेनॉ निसान इस फॉर्मूले पर तैयार हो गयी।

दोनों के बीच पिछले साल हुए नये करार के मुताबिक रेनॉ निसान नयी गाड़ी के यात्री कार वाले स्वरूप की मार्केटिंग की जिम्मेदारी उठायेगी। वहीं व्यावसायिक वाहन का वितरण खुद बजाज ऑटो करेगी। बाजार में अटकलें यह भी थीं कि राजीव बजाज अपने तिपहिया के जमे-जमाये कारोबार पर कोई आँच नहीं आने देना चाहते थे। कंपनी छोटी कारों के बाजार में घमासान को देखते हुए इसमें बड़े स्तर पर नया निवेश करके जोखिम नहीं उठाना चाहती थी। 

आरई 60 के लिए राजीव बजाज की नजर भारत से ज्यादा विदेशी बाजारों पर है। यही वजह है कि वो इसे भारत से पहले श्रीलंका और बांग्लादेश में उतारना चाहते हैं, जहाँ उन्हें एक सस्ती व्यावसायिक गाड़ी के लिए अच्छी संभावना दिख रही है।

(निवेश मंथन, जनवरी 2012)

  • सातवाँ वेतन आयोग कहीं खुशी, कहीं रोष
  • एचडीएफसी लाइफ बनेगी सबसे बड़ी निजी बीमा कंपनी
  • सेंसेक्स साल भर में होगा 33,000 पर
  • सर्वेक्षण की कार्यविधि
  • भारतीय अर्थव्यवस्था ही पहला पैमाना
  • उभरते बाजारों में भारत पहली पसंद
  • विश्व नयी आर्थिक व्यवस्था की ओर
  • मौजूदा स्तरों से ज्यादा गिरावट नहीं
  • जीएसटी पारित कराना सरकार के लिए चुनौती
  • निफ्टी 6000 तक जाने की आशंका
  • बाजार मजबूत, सेंसेक्स 33,000 की ओर
  • ब्याज दरें घटने पर तेज होगा विकास
  • आंतरिक कारक ही ला सकेंगे तेजी
  • गिरावट में करें 2-3 साल के लिए निवेश
  • ब्रेक्सिट से एफपीआई निवेश पर असर संभव
  • अस्थिरताओं के बीच सकारात्मक रुझान
  • भारतीय बाजार काफी मजबूत स्थिति में
  • बीत गया भारतीय बाजार का सबसे बुरा दौर
  • निकट भविष्य में रहेगी अस्थिरता
  • साल भर में सेंसेक्स 30,000 पर
  • निफ्टी का 12 महीने में शिखर 9,400 पर
  • ब्रेक्सिट का असर दो सालों तक पड़ेगा
  • 2016-17 में सुधार आने के स्पष्ट संकेत
  • चुनिंदा क्षेत्रों में तेजी आने की उम्मीद
  • सुधारों पर अमल से आयेगी तेजी
  • तेजी के अगले दौर की तैयारी में बाजार
  • ब्रेक्सिट से भारत बनेगा ज्यादा आकर्षक
  • सावधानी से चुनें क्षेत्र और शेयर
  • छोटी अवधि में बाजार धारणा नकारात्मक
  • निफ्टी 8400 के ऊपर जाने पर तेजी
  • ब्रेक्सिट का तत्काल कोई प्रभाव नहीं
  • निफ्टी अभी 8500-7800 के दायरे में
  • पूँजी मुड़ेगी सोना या यूएस ट्रेजरी की ओर
  • निफ्टी छू सकता है ऐतिहासिक शिखर
  • विकास दर की अच्छी संभावनाओं का लाभ
  • बेहद लंबी अवधि की तेजी का चक्र
  • मुद्रा बाजार की हलचल से चिंता
  • ब्रेक्सिट से भारत को होगा फायदा
  • निफ्टी साल भर में 9,200 के ऊपर
  • घरेलू बाजार आधारित दिग्गजों में करें निवेश
  • गिरावट पर खरीदारी की रणनीति
  • साल भर में 15% बढ़त की उम्मीद
  • भारतीय बाजार का मूल्यांकन ऊँचा
  • सेंसेक्स साल भर में 32,000 की ओर
  • भारतीय बाजार बड़ी तेजी की ओर
  • बाजार सकारात्मक, जारी रहेगा विदेशी निवेश
  • ब्रेक्सिट का परोक्ष असर होगा भारत पर
  • 3-4 साल के नजरिये से जमा करें शेयरों को
  • रुपये में कमजोरी का अल्पकालिक असर
  • साल भर में नया शिखर
7 Empire

अर्थव्यवस्था

  • भारत की विकास दर (जीडीपी वृद्धि दर) : भविष्य के अनुमान
  • भारत की विकास दर (जीडीपी वृद्धि दर) बीती तिमाहियों में
  • भारत की विकास दर (जीडीपी वृद्धि दर) बीते वर्षों में

बाजार के जानकारों से पूछें अपने सवाल

सोशल मीडिया पर

Additionaly, you are welcome to connect with us on the following Social Media sites.

  • Like us on Facebook
  • Follow us on Twitter
  • YouTube Channel
  • Connect on Linkedin

Download Magzine

    Overview
  • 2023
  • 2016
    • July 2016
    • February 2016
  • 2014
    • January

बातचीत

© 2025 Nivesh Manthan

  • About Us
  • Blog
  • Contact Us
Go Top