आरकॉम : सातवीं कमजोर तिमाही
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- Category: जुलाई 2011
बाजार में शायद ही कोई व्यक्ति कंपनी के नतीजे अच्छे रहने की उम्मीद कर रहा हो। लेकिन इसके नतीजों ने नाउम्मीद बाजार को भी झटका दे दिया। इसका 2010-11 की चौथी तिमाही का मुनाफा सीधे 86% घट कर 168.6 करोड़ रुपये रह गया।
विप्रो : थोड़ा डर थोड़ा संकोच
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- Category: जुलाई 2011
आईटी क्षेत्र की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी विप्रो के नतीजे भी बाजार को खुश करने में नाकाम रहे। जनवरी-मार्च तिमाही में कंपनी का तिमाही-दर-तिमाही आधार पर कंसोलिडेटेड मुनाफा 4.3% बढ़ कर 1375 करोड़ रुपये हो गया।
डीएलएफ : हिल रहा है मुनाफे का महल
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- Category: जुलाई 2011
भारत में जमीन-जायदाद (रियल एस्टेट) क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी डीएलएफ का जनवरी-मार्च 2011 का कंसोलिडेटेड मुनाफा ठीक पिछली तिमाही के 466 करोड़ रुपये से घट कर 345 करोड़ रुपये हो गया।
टीसीएस : बाजार का बढ़ता भरोसा
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- Category: जुलाई 2011
इन तिमाही नतीजों में इन्फोसिस से बाजार जितना निराश हुआ, टीसीएस से उसे उतना ही भरोसा मिला। सूचना तकनीक (आईटी) क्षेत्र में देश की सबसे बड़ी कंपनी टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज (टीसीएस) का कंसोलिडेटेड मुनाफा तिमाही-दर-तिमाही आधार पर 2370 करोड़ रुपये से 10.7% बढ़ कर 2623 करोड़ रुपये हो गया।
कैर्न इंडिया : अच्छे नतीजों पर भारी पड़ा रॉयल्टी का मुद्दा
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- Category: जुलाई 2011
कारोबारी साल 2010-11 की चौथी तिमाही में कैर्न इंडिया का कंसोलिडेटेड मुनाफा 902% बढ़ा, मतलब सीधे लगभग दस गुना हो गया। जनवरी-मार्च 2011 की तिमाही में कंपनी का मुनाफा 2457.79 करोड़ रुपये रहा, जबकि पिछले साल की समान तिमाही में यह 245.19 करोड़ रुपये रहा था।
आईसीआईसीआई बैंक : हर कसौटी पर खरे नतीजे
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- Category: जुलाई 2011
कारोबारी साल 2010-11 की चौथी तिमाही में बैंक का कंसोलिडेटेड मुनाफा 1,568 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की इसी तिमाही में 1,342 करोड़ रुपये था। इस तरह मुनाफे में 16.8% की बढ़ोतरी हुई।
एचडीएफसी : मोटा मार्जिन
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- Category: जुलाई 2011
हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचडीएफसी) का चौथी तिमाही का साल-दर-साल 23.3% बढ़ा। जनवरी-मार्च 2011 की तिमाही में इसने 1141.95 करोड़ का मुनाफा कमाया, जबकि पिछले साल की इसी तिमाही में यह मुनाफा 926.38 करोड़ रुपये था।
कोल इंडिया : काले हीरे की चमक
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- Category: जुलाई 2011
यह भारत नहीं, बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी है और इसके तिमाही नतीजे बाजार की उम्मीदों से काफी आगे रहे।
अभी आकर्षक है भारतीय बाजार
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- Category: जुलाई 2011
पी एन विजय
अभी और गिरने का बुनियादी कारण नहीं
पी एन विजय मानते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था को कई नकारात्मक बातें चोट पहुँचा रही हैं। लेकिन उनके मुताबिक इन नकारात्मक बातों से बाजार को पहले ही चोट लग चुकी है। बाजार के प्रमुख सूचकांक निफ्टी के बारे में उन्हें भरोसा है कि यह 5200 के नीचे नहीं जायेगा। और हाँ, उन्होंने बनाया है आपके लिए भी एक पोर्टफोलिओ। एक खास बातचीत...
निफ्टी 9000 तक छलांग या 3800 का गोता?
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- Category: जुलाई 2011
राजीव रंजन झा
भारतीय बाजार इस समय कुछ निराश और कुछ डरा-डरा सा है और लोग ऊपर के लक्ष्यों के बदले नीचे के समर्थन स्तरों की ही बातें ज्यादा कर रहे हैं। ऐसे में अगर निफ्टी के 9000 के लक्ष्य की बात की जाये तो कुछ अटपटा ही लगेगा ना! लेकिन शेयर बाजार तो संभावनाओं का ही नाम है। इसलिए जरा इस चार्ट पर नजर डालें, फिर देखते हैं कि 9000 की बात एक संभावना है या खयाली पुलाव।
धंधा कुछ मंदा है?
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- Category: जुलाई 2011
तकरीबन सभी क्षेत्रों पर पिछले कारोबारी चौथी तिमाही में कम या ज्यादा दबाव दिखा है, लेकिन शेयर ब्रोकिंग कंपनियों पर इस समय दोहरा दबाव दिख रहा है। जो शेयर बाजार में सूचीबद्ध कंपनियाँ हैं, उनका दबाव तो उनके तिमाही नतीजों में झलक ही रहा है।
बोनस शेयर बचा सकते हैं कैपिटल गेन टैक्स से
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- Category: जुलाई 2011
महेश गुप्ता,चार्टर्ड एकाउंटेंट
पूँजीगत लाभ पर कर देनदारी बचाने का एक खास तरीका बता रहे हैं चार्टर्ड एकाउंटेंट महेश गुप्ता।
जब भी आप कोई संपत्ति, जैसे जमीन-जायदाद, सोना-चांदी, पेंटिंग जैसी कला-सामग्री वगैरह बेचते हैं, तो उस पर आपको पूँजीगत लाभ का कर (कैपिटल गेन टैक्स) चुकाना पड़ सकता है। इसी तरह से शेयरों पर 1 साल से कम अवधि में फायदा होने पर छोटी अवधि का पूँजीगत लाभ कर (शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स) देना पड़ता है। लेकिन ऐसे पूँजीगत लाभ की देनदारी से बचा जा सकता है। पर हाँ, उसके लिए आपको शेयर बाजार का सहारा लेना होगा, और यह ध्यान रहे कि शेयर बाजार में किसी भी निवेश पर एक जोखिम तो रहता ही है।
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