आईटी क्षेत्र की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी विप्रो के नतीजे भी बाजार को खुश करने में नाकाम रहे। जनवरी-मार्च तिमाही में कंपनी का तिमाही-दर-तिमाही आधार पर कंसोलिडेटेड मुनाफा 4.3% बढ़ कर 1375 करोड़ रुपये हो गया।
दिसंबर तिमाही में विप्रो को 1319 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। चौथी तिमाही में विप्रो की आय 6% बढ़ कर 8302 करोड़ रुपये रही। वहीं कंपनी की प्रति शेयर आमदनी यानी ईपीएस 5.41 रुपये से बढ़ कर 5.64 रुपये हो गयी। कंपनी ने वित्त वर्ष 2010-11 के लिए 4 रुपये प्रति शेयर का लाभांश देने का ऐलान किया। चौथी तिमाही में आईटी सेवाओं और उत्पादों से कंपनी की कमाई में मामूली कमी आयी। दिसंबर तिमाही में कंपनी की आईटी क्षेत्र से आमदनी 6176 करोड़ रुपये थी, जो चौथी तिमाही में घट कर 6150 करोड़ रुपये रह गयी। विप्रो ने अप्रैल-जून 2011 यानी 2011-12 की पहली तिमाही में आईटी सेवा कारोबार से 139.2-142.2 करोड़ डॉलर की आय होने की उम्मीद जतायी।
आनंद राठी सिक्योरिटीज ने इन नतीजों के बाद विप्रो का लक्ष्य भाव 510 रुपये रख कर इसे होल्ड रेटिंग दी, यानी मौजूदा शेयरधारकों को इसे रखे रहने की सलाह दी। हालाँकि इस ब्रोकिंग फर्म के मुताबिक विप्रो ने भविष्य के बारे में संकोची अनुमान ही सामने रखा। इसने अपनी रिपोर्ट में जिक्र किया कि विप्रो के इन अनुमानों में हाल में खरीदी गयी कंपनी एसएआईसी के आईटी कारोबार को शामिल नहीं किया गया है, जिसकी सालाना आय करीब 18.8 करोड़ डॉलर है। इस आमदनी को शामिल करने पर 2011-12 की पहली तिमाही की आमदनी में बढ़ोतरी की दर सुधर कर 2.8% से 4.9% तक हो सकती है।
(निवेश मंथन, जुलाई 2011)