Nivesh Manthan
Menu
  • Home
  • About Us
  • ई-पत्रिका
  • Blog
  • Home/
  • 2016
Follow @niveshmanthan

आरकॉम : सातवीं कमजोर तिमाही

Details
Category: जुलाई 2011

बाजार में शायद ही कोई व्यक्ति कंपनी के नतीजे अच्छे रहने की उम्मीद कर रहा हो। लेकिन इसके नतीजों ने नाउम्मीद बाजार को भी झटका दे दिया। इसका 2010-11 की चौथी तिमाही का मुनाफा सीधे 86% घट कर 168.6 करोड़ रुपये रह गया।

पिछले कारोबारी साल में जनवरी-मार्च के दौरान इसका मुनाफा 1219.5 करोड़ रुपये था। ठीक पिछली तिमाही से भी इसका मुनाफा 65% कम रहा। यह लगातार सातवीं तिमाही थी, जब कंपनी के मुनाफे में कमी आयी। पिछले कारोबारी साल में कंपनी का मुनाफा 4,655 करोड़ रुपये था। इस तरह सालाना मुनाफे में 71.1% की कमी आयी।
आईडीएफसी ने इन नतीजों पर अपनी टिप्पणी में कहा कि कंपनी ने 78.8 अरब रुपये की जो तिमाही आमदनी दिखायी, उसमें एकाउंटिंग संबंधी बदलावों का एकमुश्त असर शामिल था। इसके मुताबिक एकाउंटिंग संबंधी बदलावों को हटा कर देखने पर आमदनी 53.3 अरब रुपये रही, जो उसके अपने अनुमान से 5.2% ज्यादा थी। इसके बावजूद कंपनी की एबिटा आय अनुमानों से 5-6% कम रही, क्योंकि इसके कारोबार के हर हिस्से में मार्जिन पर दबाव रहा। आईडीएफसी के मुताबिक उसे कंसोलिडेटेड मार्जिन में 3.50% अंक की गिरावट और ब्याज का ज्यादा बोझ की वजह से सबसे ज्यादा निराशा हुई। इन नतीजों के आधार पर आईडीएफसी ने कंपनी का मूल्यांकन 115 रुपये प्रति शेयर से घटा कर 110 रुपये कर दिया (एक साल आगे के अनुमानों के आधार पर)। इसने घटती मुनाफेदारी, ऊँचे कर्ज और 2जी स्पेक्ट्रम के आवंटन के बारे में चल रही जाँच को ध्यान में रख कर कंपनी के लिए अंडरपरफॉर्मर की रेटिंग जारी रखी।
(निवेश मंथन, जुलाई 2011)

  • सातवाँ वेतन आयोग कहीं खुशी, कहीं रोष
  • एचडीएफसी लाइफ बनेगी सबसे बड़ी निजी बीमा कंपनी
  • सेंसेक्स साल भर में होगा 33,000 पर
  • सर्वेक्षण की कार्यविधि
  • भारतीय अर्थव्यवस्था ही पहला पैमाना
  • उभरते बाजारों में भारत पहली पसंद
  • विश्व नयी आर्थिक व्यवस्था की ओर
  • मौजूदा स्तरों से ज्यादा गिरावट नहीं
  • जीएसटी पारित कराना सरकार के लिए चुनौती
  • निफ्टी 6000 तक जाने की आशंका
  • बाजार मजबूत, सेंसेक्स 33,000 की ओर
  • ब्याज दरें घटने पर तेज होगा विकास
  • आंतरिक कारक ही ला सकेंगे तेजी
  • गिरावट में करें 2-3 साल के लिए निवेश
  • ब्रेक्सिट से एफपीआई निवेश पर असर संभव
  • अस्थिरताओं के बीच सकारात्मक रुझान
  • भारतीय बाजार काफी मजबूत स्थिति में
  • बीत गया भारतीय बाजार का सबसे बुरा दौर
  • निकट भविष्य में रहेगी अस्थिरता
  • साल भर में सेंसेक्स 30,000 पर
  • निफ्टी का 12 महीने में शिखर 9,400 पर
  • ब्रेक्सिट का असर दो सालों तक पड़ेगा
  • 2016-17 में सुधार आने के स्पष्ट संकेत
  • चुनिंदा क्षेत्रों में तेजी आने की उम्मीद
  • सुधारों पर अमल से आयेगी तेजी
  • तेजी के अगले दौर की तैयारी में बाजार
  • ब्रेक्सिट से भारत बनेगा ज्यादा आकर्षक
  • सावधानी से चुनें क्षेत्र और शेयर
  • छोटी अवधि में बाजार धारणा नकारात्मक
  • निफ्टी 8400 के ऊपर जाने पर तेजी
  • ब्रेक्सिट का तत्काल कोई प्रभाव नहीं
  • निफ्टी अभी 8500-7800 के दायरे में
  • पूँजी मुड़ेगी सोना या यूएस ट्रेजरी की ओर
  • निफ्टी छू सकता है ऐतिहासिक शिखर
  • विकास दर की अच्छी संभावनाओं का लाभ
  • बेहद लंबी अवधि की तेजी का चक्र
  • मुद्रा बाजार की हलचल से चिंता
  • ब्रेक्सिट से भारत को होगा फायदा
  • निफ्टी साल भर में 9,200 के ऊपर
  • घरेलू बाजार आधारित दिग्गजों में करें निवेश
  • गिरावट पर खरीदारी की रणनीति
  • साल भर में 15% बढ़त की उम्मीद
  • भारतीय बाजार का मूल्यांकन ऊँचा
  • सेंसेक्स साल भर में 32,000 की ओर
  • भारतीय बाजार बड़ी तेजी की ओर
  • बाजार सकारात्मक, जारी रहेगा विदेशी निवेश
  • ब्रेक्सिट का परोक्ष असर होगा भारत पर
  • 3-4 साल के नजरिये से जमा करें शेयरों को
  • रुपये में कमजोरी का अल्पकालिक असर
  • साल भर में नया शिखर
7 Empire

अर्थव्यवस्था

  • भारत की विकास दर (जीडीपी वृद्धि दर) : भविष्य के अनुमान
  • भारत की विकास दर (जीडीपी वृद्धि दर) बीती तिमाहियों में
  • भारत की विकास दर (जीडीपी वृद्धि दर) बीते वर्षों में

बाजार के जानकारों से पूछें अपने सवाल

सोशल मीडिया पर

Additionaly, you are welcome to connect with us on the following Social Media sites.

  • Like us on Facebook
  • Follow us on Twitter
  • YouTube Channel
  • Connect on Linkedin

Download Magzine

    Overview
  • 2023
  • 2016
    • July 2016
    • February 2016
  • 2014
    • January

बातचीत

© 2025 Nivesh Manthan

  • About Us
  • Blog
  • Contact Us
Go Top