Nivesh Manthan
Menu
  • Home
  • About Us
  • ई-पत्रिका
  • Blog
  • Home/
  • 2014/
  • मार्च 2014
Follow @niveshmanthan

डॉयशे बैंक के सीईओ अंशु जैन के लिए कांटों भरा ताज

Details
Category: सितंबर 2011

डॉयशे बैंक के सीईओ अंशु जैन के लिए कांटों भरा ताज :

लॉड्र्स के मैदान में जब भारतीय क्रिकेट टीम इंग्लैंड से टेस्ट मैच में दुर्गति झेल रही थी, उसी दौरान डॉयशे बैंक ने पहली बार किसी गैर-यूरोपीय को सह-मुख्य कार्यकारी अधिकारी (को-सीईओ) नियुक्त किया। वह कोई और नहीं, भारतीय क्रिकेट टीम के एक बड़े प्रशंसक और राहुल द्रविड़ के मित्र अंशु जैन थे।

इंग्लैंड टेस्ट शृंखला के कारण भारतीय टीम के सितारे भले ही इन दिनों गर्दिश में चल रहे हों, लेकिन क्रिकेट प्रेमी 48 वर्षीय अंशु जैन की खुशकिस्मती की छाप उनके मित्र द्रविड़ पर भी रही। जयपुर में 26 मार्च 1963 को जन्मे अंशु जैन को पढ़ाने-लिखाने के लिए उनके पिता को अपना घर तक गिरवी रखना पड़ा था, लेकिन आज उनका यही होनहार बेटा जर्मनी के सबसे बड़े बैंक का सबसे बड़ा अधिकारी है।
डॉयशे बैंक ने अंशु जैन को प्रबंधन बोर्ड के चेयरमैन जोसफ एकरमैन की जगह नियुक्त किया है, जो अगले साल मई में सेवानिवृत्त होने वाले हैं। जर्मनी के इस बैंक की लंदन स्थित अत्यधिक सफल निवेश बैंकिंग शाखा का नेतृत्व कर रहे जैन प्रबंधन बोर्ड में अपने सहयोगी ज्यूरगन फित्शेन के साथ कारोबार का जिम्मा संभालेंगे। जैन और फित्शेन दोनों को एशिया और भारत का बड़ा निवेशक माना जाता है। दिल्ली के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स और यूनिवर्सिटी ऑफ मैसाच्युसेट्स से पढ़ाई करने वाले जैन की नियुक्ति को भारतीय कारोबार तथा जर्मनी के इस बैंक के भारतीय अभियान दोनों के लिए अच्छा माना जा रहा है।
डॉयशे बैंक इंडिया की ज्यादातर आमदनी निवेश बैंकिंग से आती है, जो जैन के प्रभावशाली साम्राज्य का हिस्सा है। दुनिया भर में फैली अपनी तीन हजार से अधिक शाखाओं वाला यह बैंक विदेशी मुद्रा का सबसे बड़ा कारोबारी है।
अंशु जैन के बारे में कहा जाता है कि वे निवेश और प्रतिभूति बैंकिंग के मंजे हुए खिलाड़ी हैं। पिछले वर्ष जब पश्चिमी जगत के तकरीबन सभी बड़े बैंक जब वित्तीय संकट से जूझ रहे थे तो अंशु जैन की मेहनत के दम पर डॉयशे बैंक ने कर अदायगी के बाद 2.33 अरब यूरो का लाभ अर्जित किया था। बैंक की ऐसी साख बनाने और लाभ दिलाने का 90% श्रेय अंशु जैन के विभाग को ही जाता है। पिछले पाँच वर्षों में उन्होंने बैंक को लगभग 16 अरब यूरो का शुद्ध लाभ दिलाया है। बैंक का प्रबंधन उनकी कार्यशैली से इतना खुश हुआ कि उसने जैन का वेतन बैंक के वर्तमान प्रमुख एकरमैन की आय से भी ज्यादा कर दिया। पिछले साल वेतन, बोनस आदि मिला कर उनकी कुल आय एक करोड़ 20 लाख यूरो (लगभग 80 करोड़ रुपये) थी, जबकि एकरमैन की आय सिर्फ 88 लाख यूरो ही है। जैन के पास बैंक के साढ़े तीन करोड़ यूरो के शेयर भी हैं और इनसे होने वाली आय उनके वेतन पैकेज का हिस्सा नहीं है।
जो व्यक्ति यूरोप का नहीं है और न ही जर्मन भाषा जानता है, उसे 130 साल पुराने इस सबसे बड़े बैंक का सर्वोच्च अधिकारी बनाना कई असरदार व्यक्तियों को पसंद नहीं था। सबसे पहले तो एकरमैन ने ही अंशु जैन को सीईओ बनाने का प्रस्ताव ठुकरा दिया था। वे अपनी जगह बंडेसबैंक सेंट्रल बैंक के पूर्व अध्यक्ष एक्सेल वेबर को लाना चाहते थे।
लेकिन प्रबंधन ने इसे खारिज कर दिया। एकरमैन और पर्यवेक्षक बोर्ड के चेयरमैन क्लेमेंस बोर्सिग के बीच वेबर को नहीं रखे जाने और इस शीर्ष पद पर किसी वैकल्पिक उम्मीदवार की नियुक्ति को लेकर विवाद भी हुआ। बैंक के प्रबंधन और पर्यवेक्षक बोर्ड के लिए एक उत्तराधिकारी को तैयार नहीं करने की विफलता से न सिर्फ बैंक को नुकसान का खतरा था बल्कि जर्मनी की अर्थव्यवस्था भी गड़बड़ा सकती थी। वित्तीय संकट के इस दौर में डॉयशे बैंक का प्रमुख जर्मनी के कॉर्पोरेट प्रतिष्ठान का चेहरा होता है और सरकार के लिए समझौता करने वाला प्रमुख वार्ताकार माना जाता है। दूसरी तरफ, यह कहा गया कि दो-दो सीईओ की नियुक्ति जोखिम भरी होगी, क्योंकि इससे आंतरिक प्रतिद्वंद्विता की भावना और नीति-निर्माण की गति धीमी पड़ सकती है।
यह तर्क भी रखा गया कि जर्मनी के इस बैंक का को-सीईओ बनने के लिए कुछ बुनियादी योग्यताएँ होनी अंशु जैन में नहीं हैं, मसलन जैन न तो जर्मन बोलना जानते हैं और न ही बर्लिन और जर्मनी के कॉर्पोरेट सेक्टर में उनका कोई जरूरी संपर्क है। जर्मनों का राष्ट्रीय खेल फुटबॉल है, जबकि जैन क्रिकेट-प्रेमी हैं।
ऐसे में अंशु जैन का चुना जाना वाकई आश्चर्यजनक है। जर्मन शायद ही यह बात पचा पायें कि गरीबी और भ्रष्टाचार के बोलबाले वाले देश से आया एक बैंकर उन्हें बैंकों के प्रबंधन के गुर सिखायेगा। कई लोग यह भी कह सकते हैं कि बड़े बैंकों के शीर्ष पद पर दो को-सीईओ की नियुक्ति का पिछला अनुभव अच्छा नहीं रहा है। सैनफोर्ड विल और जॉन रीड वर्ष 1990 में सिटीग्रुप के शीर्ष पद पर थे, लेकिन रीड को जल्द ही अपदस्थ कर दिया गया था। बहरहाल, जैन इस बैंक के साथ 16 वर्षों से जुड़े हैं लेकिन इन सब कारकों को देखते हुए यह उनके लिए कांटों भरा ताज साबित हो सकता है। ठ्ठ
(निवेश मंथन, सितंबर 2011)

  • सातवाँ वेतन आयोग कहीं खुशी, कहीं रोष
  • एचडीएफसी लाइफ बनेगी सबसे बड़ी निजी बीमा कंपनी
  • सेंसेक्स साल भर में होगा 33,000 पर
  • सर्वेक्षण की कार्यविधि
  • भारतीय अर्थव्यवस्था ही पहला पैमाना
  • उभरते बाजारों में भारत पहली पसंद
  • विश्व नयी आर्थिक व्यवस्था की ओर
  • मौजूदा स्तरों से ज्यादा गिरावट नहीं
  • जीएसटी पारित कराना सरकार के लिए चुनौती
  • निफ्टी 6000 तक जाने की आशंका
  • बाजार मजबूत, सेंसेक्स 33,000 की ओर
  • ब्याज दरें घटने पर तेज होगा विकास
  • आंतरिक कारक ही ला सकेंगे तेजी
  • गिरावट में करें 2-3 साल के लिए निवेश
  • ब्रेक्सिट से एफपीआई निवेश पर असर संभव
  • अस्थिरताओं के बीच सकारात्मक रुझान
  • भारतीय बाजार काफी मजबूत स्थिति में
  • बीत गया भारतीय बाजार का सबसे बुरा दौर
  • निकट भविष्य में रहेगी अस्थिरता
  • साल भर में सेंसेक्स 30,000 पर
  • निफ्टी का 12 महीने में शिखर 9,400 पर
  • ब्रेक्सिट का असर दो सालों तक पड़ेगा
  • 2016-17 में सुधार आने के स्पष्ट संकेत
  • चुनिंदा क्षेत्रों में तेजी आने की उम्मीद
  • सुधारों पर अमल से आयेगी तेजी
  • तेजी के अगले दौर की तैयारी में बाजार
  • ब्रेक्सिट से भारत बनेगा ज्यादा आकर्षक
  • सावधानी से चुनें क्षेत्र और शेयर
  • छोटी अवधि में बाजार धारणा नकारात्मक
  • निफ्टी 8400 के ऊपर जाने पर तेजी
  • ब्रेक्सिट का तत्काल कोई प्रभाव नहीं
  • निफ्टी अभी 8500-7800 के दायरे में
  • पूँजी मुड़ेगी सोना या यूएस ट्रेजरी की ओर
  • निफ्टी छू सकता है ऐतिहासिक शिखर
  • विकास दर की अच्छी संभावनाओं का लाभ
  • बेहद लंबी अवधि की तेजी का चक्र
  • मुद्रा बाजार की हलचल से चिंता
  • ब्रेक्सिट से भारत को होगा फायदा
  • निफ्टी साल भर में 9,200 के ऊपर
  • घरेलू बाजार आधारित दिग्गजों में करें निवेश
  • गिरावट पर खरीदारी की रणनीति
  • साल भर में 15% बढ़त की उम्मीद
  • भारतीय बाजार का मूल्यांकन ऊँचा
  • सेंसेक्स साल भर में 32,000 की ओर
  • भारतीय बाजार बड़ी तेजी की ओर
  • बाजार सकारात्मक, जारी रहेगा विदेशी निवेश
  • ब्रेक्सिट का परोक्ष असर होगा भारत पर
  • 3-4 साल के नजरिये से जमा करें शेयरों को
  • रुपये में कमजोरी का अल्पकालिक असर
  • साल भर में नया शिखर
7 Empire

अर्थव्यवस्था

  • भारत की विकास दर (जीडीपी वृद्धि दर) : भविष्य के अनुमान
  • भारत की विकास दर (जीडीपी वृद्धि दर) बीती तिमाहियों में
  • भारत की विकास दर (जीडीपी वृद्धि दर) बीते वर्षों में

बाजार के जानकारों से पूछें अपने सवाल

सोशल मीडिया पर

Additionaly, you are welcome to connect with us on the following Social Media sites.

  • Like us on Facebook
  • Follow us on Twitter
  • YouTube Channel
  • Connect on Linkedin

Download Magzine

    Overview
  • 2023
  • 2016
    • July 2016
    • February 2016
  • 2014
    • January

बातचीत

© 2025 Nivesh Manthan

  • About Us
  • Blog
  • Contact Us
Go Top