फिर मंदी के बादल : क्या बेड़ा पार लगायेगा आपका म्यूचुअल फंड
- Details
- Category: सितंबर 2011
अचानक ही लोगों के मन में 2008 की यादें ताजा हो रही हैं, जब शायद ही किसी म्यूचुअल फंड की एनएवी गहरी डुबकियाँ लगाने से बच पायी हो। ऐसे में म्यूचुअल फंड के निवेशकों के मन में एक साथ डर और लालच दोनों तरह के भाव पैदा होते हैं।
हम बुनियादी ढंग से सस्ते शेयर चुन रहे हैं
- Details
- Category: सितंबर 2011
गोपाल अग्रवाल, सीआईओ, मिरै एसेट ग्लोबल इन्वेस्टमेंट्स (इंडिया) :
विश्व की अर्थव्यवस्था में कर्ज संकट के चलते इस समय भारतीय बाजार में काफी गिरावट आयी है। अंतरराष्ट्रीय निवेशक विश्व अर्थव्यवस्था के बारे में चिंताओं की वजह से शेयर बाजार से बाहर निकल रहे हैं। उनके पोर्टफोलिओ में भारत का हिस्सा काफी छोटा रहता है। और हम सब जानते हैं कि भारतीय बाजार में जो तरलता (लिक्विडिटी) आती है, वह विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) का निवेश आने की वजह से ही होती है।
अगले तीन सालों में इक्विटी में ही फायदा
- Details
- Category: सितंबर 2011
डेविड पेजारकर, इक्विटी प्रमुख, दाइवा एएमसी :
इस समय निवेशकों को अपना पैसा तो बिल्कुल ही नहीं निकालना चाहिए। बाजार 20% से ज्यादा की गिरावट के बाद जिस तरह के मूल्यांकन पर आ चुका है, वहाँ बेचना तो कतई समझदारी नहीं होगी। कोई मेरी बात को कुछ इस तरह तरह भी देख सकता है कि एक फंड मैनेजर कभी म्यूचुअल फंड से पैसा निकालने की बात तो कह ही नहीं सकता। लेकिन आप केवल इस साल की गिरावट को न देखें।
और गिरावट के इंतजार में बस छूट जाती है
- Details
- Category: सितंबर 2011
अनिल चोपड़ा, सीईओ, बजाज कैपिटल :
बाजार में गिरावट आयी है इसलिए निवेश करना चाहिए, ऐसा सोचना गलत है। या फिर बाजार नीचे गिर रहा है, इसलिए इसमें से निकल जाना चाहिए, यह सोचना भी गलत है। म्यूचुअल फंड संपत्ति बनाने का एक जरिया है, बशर्ते आपका कोई लंबी अवधि का लक्ष्य हो।
नजर बैलेंस शीट, प्रबंधन और ब्रांड पर
- Details
- Category: सितंबर 2011
स्वाति कुलकर्णी, फंड मैनेजर, यूटीआई म्यूचुअल फंड :
अभी विश्व अर्थव्यवस्था में सामान्य से कम दर से विकास हो रहा है। वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर काफी चिंता है, खास कर अमेरिका और यूरोप को लेकर। ऐसे माहौल में मौजूदा मूल्यांकन पर भारतीय बाजार तुलनात्मक रूप से आकर्षक लग रहा है।
निफ्टी अगले दो महीनों में 5400 पर?
- Details
- Category: सितंबर 2011
राजीव रंजन झा :
निवेश मंथन के अगस्त अंक में मैंने लिखा था कि खतरे का निशान तो 5178 पर ही है। मैंने कहा था, ‘अगर यह 6339-5178 की 23.6% वापसी के स्तर 5452 को तोड़ कर नीचे आने लगे तो यह कमजोरी बढऩे का साफ संकेत होगा। वैसी हालत में 5178 अगला स्वाभाविक लक्ष्य तो होगा ही, और उसके नीचे चले जाने पर भी कोई आश्चर्य नहीं होगा।‘
गिरावट में खरीदें रिलायंस का शेयर
- Details
- Category: सितंबर 2011
आपके सवाल, पी.एन. विजय के जवाब
मैं ऑर्किड केमिकल्स के शेयर में फंस गयी हूँ। यह बुनियादी रूप से कैसा शेयर है।- आँचल मिश्र (ईमेल)
गाड़ी बीमा : क्या आप भी हैं एजेंट के भरोसे?
- Details
- Category: सितंबर 2011
शिवानी भास्कर :
सतीश वर्मा को बुधवार को कनॉट प्लेस से अपने घर रोहिणी जाते समय जब ट्रैफिक पुलिस की एक पीसीआर ने रोका, तो एक बार तो वह घबराये। जब ट्रैफिक इंस्पेक्टर ने उन्हें बताया कि यह दस्तावेजों की रूटीन चेकिंग के लिए है तो वे निश्चिंत हो गये।
बॉस के लिए ऐसी टाई जो एक नजर में भा जाये
- Details
- Category: सितंबर 2011
शिवानी भास्कर :
पश्चिमी सभ्यता में ढली पोशाक का एक अहम हिस्सा टाई अब शीर्ष पद पर बैठे व्यक्तियों की जिंदगी का हिस्सा बन चुकी है। आप यदि अच्छी ड्रेस में हैं, लेकिन टाई नहीं लगायी है तो आपका आकर्षण फीका पड़ सकता है। वहीं यदि आपने टाई लगायी है तो साधारण पोशाक भी आपके आकर्षण को कम नहीं कर पायेगी।
आवेदन रद्द होने के 10 खास कारण
- Details
- Category: सितंबर 2011
क्या आपको नहीं मिला के्रडिट कार्ड?
आर्थिक उदारीकरण के इस दौर में प्लास्टिक मनी के नाम से मशहूर हो चुका क्रेडिट कार्ड न सिर्फ स्टेटस सिंबल बन चुका है बल्कि आड़े वक्त में काम आने वाला आपका सच्चा हमसफर भी है। इतना ही नहीं, क्रेडिट कार्ड आपकी पहचान का महत्वपूर्ण साधन भी हो गया है।
तोड़ दी सोने की हथकड़ी
- Details
- Category: सितंबर 2011
विजय शेखर :
मेरी अब तक की कहानी में ऐसी कई बातें हैं, जो वैसे तो संभव नहीं लगती हैं लेकिन मेरे साथ हो गयीं। मैंने बारहवीं तक की सारी पढ़ाई हिंदी माध्यम से की। इंजीनियरिंग कॉलेज की प्रवेश परीक्षा में सफल हो पाना सपना सच होने जैसा था।
सदाबहार हाट बन गया है ई-कॉमर्स
- Details
- Category: सितंबर 2011
इंटरनेट पर कारोबार
भारत में कंप्यूटर और इंटरनेट के प्रसार के साथ ही ई-कॉमर्स का कारोबार भी तेजी से बढ़ रहा है। इलेट्रॉनिक्स और वाणिज्य के मेल से बना यह कारोबार इंटरनेट के उपभोक्ताओं के बीच इतना लोकप्रिय हो चुका है कि पिछले चार-पाँच वर्षों से इसमें सालाना 35% से 40% वृद्धि देखी जा रही है।
सोशल मीडिया पर
Additionaly, you are welcome to connect with us on the following Social Media sites.