गिरती ब्याज दरें : डेब्ट फंडों में निवेश
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- Category: दिसंबर 2016
ब्याज दरों में गिरावट का क्रम शुरू हो गया है और वित्तीय सलाहकार निवेशकों को इससे संबंधित सलाह देने में जुट गये हैं और कई तरह के निवेश विकल्पों की सलाह दे रहे हैं। लक्ष्य है पोर्टफोलिओ में ऐसा बदलाव ताकि इस गिरावट का अधिकतम फायदा उठाया जा सके। लेकिन जानकार यह भी कहते हैं कि ब्याज दरों में गिरावट का फायदा उठाने की सोच रहे निवेशक को विकल्पों का चयन करते समय जोखिम उठाने की अपनी क्षमता को ध्यान में रखना चाहिए।
दीर्घकालिक निवेश के लिए आगामी समय अच्छा मौका
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- Category: दिसंबर 2016
आईसीआईसीआई डायरेक्ट का मानना है कि अगले 12-18 महीनों में दीर्घकालिक निवेशकों के लिए उत्कृष्ट निवेश अवसर मिलने की संभावना है। ब्रोकिंग फर्म की सलाह है कि निवेशकों को मौजूदा अस्थिरता के कारण हताश नहीं होना चाहिए और बाजार में मौजूदा कमजोरी से लाभान्वित होने के लिए एसआईपी या नियमित निवेश शुरू कर देना चाहिए।
छोटी उम्र से निवेश के होते हैं फायदे बड़े
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- Category: दिसंबर 2016
म्यूचुअल फंडों में कम उम्र में निवेश करना कई तरह से फायदेमंद होता है, लिहाजा यह अवसर नहीं गँवाना चाहिए।
निवेश का फलसफा एकदम सीधा है कि वर्तमान में इसे जितनी जल्दी शुरू किया जाये, भविष्य उतना ही बेहतर बन सकता है। आप जितनी जल्दी निवेश शुरू करते हैं, उस पर हासिल होने वाला प्रतिफल आपके लिए और व्यापक प्रतिफल का आधार तैयार करता है। निवेश की भाषा में कहें तो इससे चक्रवृद्घि ब्याज हासिल होता रहता है।
अब म्यूचुअल फंड का भी एटीएम कार्ड!
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- Category: दिसंबर 2016
विभिन्न म्यूचुअल फंड अब ऐसे समाधान प्रस्तुत करने लगे हैं, जिनमें पैसे डालने-निकालने के मामले में तो वैसी ही सहूलियत हो जितनी बैंक खाते में होती है, मगर प्रतिफल ज्यादा मिले।
नोटबंदी ने बिगाड़ी है शेयर बाजार की चाल
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- Category: दिसंबर 2016
राजीव रंजन झा :
पिछले अंक से अब तक भारतीय शेयर बाजार को दो बड़ी बातों ने प्रभावित किया। अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की अप्रत्याशित जीत हुई। इससे वैश्विक बाजारों में घबराहट फैली और भारतीय बाजार पर भी असर हुआ। पर वैश्विक बाजार तुरंत सँभल गये। ट्रंप के चुने जाने का भारतीय शेयर बाजार और अर्थव्यवस्था पर कोई दूरगामी असर नहीं लगता। यह नतीजा आने के बाद से अमेरिकी बाजारों और साथ ही वैश्विक बाजारों में स्थिरता है। अमेरिकी शेयर बाजार तो फिर से नयी रिकॉर्ड ऊँचाइयों को छू रहा है।
‘काले धन पर चोट से बढ़ेगी जीडीपी’
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- Category: दिसंबर 2016
राजीव रंजन झा : नोटबंदी के फैसले पर कुछ लोग कह रहे हैं कि लंबी अवधि में यह फायदेमंद रहेगा। दूसरी ओर कुछ लोगों को यह आशंका है कि इससे आर्थिक गतिविधियाँ रुकेंगी। क्या इससे तीसरी और चौथी तिमाही के लिए कंपनियों की आय के आकलन गड़बड़ा नहीं जायेंगे?
ओला का राइड शेयरिंग के लिए कनेक्टेड कार प्लेटफॉर्म
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- Category: दिसंबर 2016
टैक्सी एग्रीगेटर ऐप्प ओला ने राइड शेयरिंग के लिए एक कनेक्टेड कार प्लेटफॉर्म ओला प्ले पेश किया है, जो कार के अंदर ग्राहकों के अनुभव में काफी बदलाव ला सकता है। ओला प्ले उपयोगकर्ताओं को अत्याधुनिक कार कंट्रोल, पर्सनलाइज्ड कंटेंट और पूरी तरह से कनेक्टेड इंटरैक्टिव अनुभव देगा।
थोक एवं खुदरा महँगाई से राहत
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- Category: दिसंबर 2016
महँगाई के मोर्चे पर राहत की खबर है। अक्टूबर 2016 में थोक महँगाई दर यानी डब्ल्यूपीआई घट कर चार महीने के निचले स्तर 3.39% पर आ गयी है। सितंबर में भी थोक महँगाई दर घट कर 3.57% रही थी। वहीं अगस्त की थोक महँगाई दर 3.74% से संशोधित हो कर 3.85% कर दी गयी है। खुदरा महँगाई दर अक्टूबर में 4.3% से घट कर 4.2% रही है जो 14 महीनों का सबसे निचला स्तर है। सबसे ज्यादा राहत दालों की महँगाई से मिली है, जो सितंबर के 14% से गिर कर अक्टूबर में 4% के करीब आ गयी है।
मारुति ने पेश की नयी वैगन आर
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- Category: दिसंबर 2016
मारुति सुजुकी ने अपनी लोकप्रिय हैचबैक कार वैगन आर का सीमित संस्करण %वैगन-आर फेलिसिटी’ पेश किया है। यह एलएक्सआई और वीएक्सआई वर्जन में तैयार किया गया है। वैगनआर एलएक्सआई की कीमत 4.40 लाख रुपये और वीएक्सआई मॉडल की कीमत 5.37 लाख रुपये रखी है।
मोदी सरकार नौ दिन चली ढाई कोस
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- Category: नवंबर 2016
राजेश रपरिया, सलाहकार संपादक :
विश्व बैंक की जारी हाल की कारोबारी सुगमता सूचकांक रिपोर्ट में भारत महज एक अंक ही ऊपर खिसक पाया है। अब भारत 190 देशों की 2015-16 की सूची में 130वें पायदान पर खड़ा है। सही मायनों में भारत एक अंक भी नहीं खिसक पाया है, क्योंकि इससे एक साल पहले की सूची में भारत 130वें पायदान पर ही खड़ा था।
महँगाई का डर दूर करेंगी ये जीएसटी दरें
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- Category: नवंबर 2016
जीएसटी के लिए दरों का ऐलान हो गया है। इससे आम आदमी की जेब पर तो कोई खास असर पड़ता नहीं दिख रहा है, लेकिन ऐशोआराम वाली और नुकसानदेह चीजों के लिए जेब जरा और ढीली करनी पड़ सकती है।
कॉर्पोरेट संग्राम
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- Category: नवंबर 2016
करीब 100 से अधिक कंपनियों और 100 अरब डॉलर से अधिक राजस्व वाले देश के सबसे बड़े और विविधीकृत कारोबारी समूह टाटा संस में विरासत और अधिकारों को लेकर जंग छिड़ गई है। आखिर क्यों बने ऐसे हालात और कैसे बनेगी बिगड़ी बात?
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