टैक्सी एग्रीगेटर ऐप्प ओला ने राइड शेयरिंग के लिए एक कनेक्टेड कार प्लेटफॉर्म ओला प्ले पेश किया है, जो कार के अंदर ग्राहकों के अनुभव में काफी बदलाव ला सकता है। ओला प्ले उपयोगकर्ताओं को अत्याधुनिक कार कंट्रोल, पर्सनलाइज्ड कंटेंट और पूरी तरह से कनेक्टेड इंटरैक्टिव अनुभव देगा।
हार्डवेयर प्लेटफॉर्म क्वालकॉम के साथ साझेदारी में ओला द्वारा पेश अपनी तरह की यह पहली सुविधा है। इसके साथ ओला उत्कृष्ट विश्वस्तरीय कनेक्टेड इन-कार अनुभव प्रदान करेगी। इसके अलावा ओला प्ले विभिन्न साझेदारों जैसे एप्पल म्युजिक, सोनी लिव, ऑडियो कंपास आदि के जरिये ग्राहकों को उच्च गुणवत्ता का इंटरैक्टिव अनुभव प्रदान करेगी। ओला प्ले बेंगलुरु, मुंबई और दिल्ली में ओला प्राइम के चुनिंदा उपभोक्ताओं के लिए उपलब्ध होगा और इसे मार्च 2017 तक अन्य शहरों के 50,000 से अधिक वाहनों पर उपलब्ध कराया जायेगा। इसके अलावा ओला ने भारत में नोटबंदी के चलते लोगों के बीच कैश की किल्लत को देखते हुए अपनी नयी पोस्टपेड सेवा ओला क्रेडिट पेश कर दी है। ओला की इस सेवा की सबसे खास बात यह है कि ग्राहक यात्रा के एक हफ्ते बाद तक भुगतान कर सकते हैं। ओला ग्राहक यात्रा बुक करते समय अपने भुगतान विकल्प के तौर पर ओला क्रेडिट को चुन सकते हैं, जिसमें ग्राहक एक हफ्ते में भुगतान कर सकते हैं।
उबेर का ज्यादा तेज, ज्यादा स्मार्ट नया ऐप्प जारी
ऑनलाइन टैक्सी एग्रीगेटर उबेर ने नया ज्यादा तेज और ज्यादा स्मार्ट पर्सनलाइज्ड उबेर ऐप्प जारी किया। नया उबेर ऐप्प यात्री की दिनचर्या को परख कर सीख सकता है। इसलिए इस ऐप्प से अक्सर यात्रा करने वाले यात्री नये शार्टकट देख सकते हैं।
मतलब यह कि यात्री केवल एक बार क्लिक करके अपनी यात्रा जारी रख सकते हैं। जल्द ही यात्री अपने कैलेंडर को भी उबेर ऐप्प के साथ जोड़ पायेंगे। कंपनी ने इसके अलावा एक नयी सुविधा शुरू की है, जो यात्रियों को अपना गंतव्य किसी जगह की बजाय किसी व्यक्ति के नाम पर स्थापित करने में सक्षम बनाता है। नया ऐप्प अगले कुछ हफ्तों में आईओएस और एंड्रायड प्रयोक्ताओं के लिए जारी कर दिया जायेगा।
मॉर्गन स्टैनले ने फ्लिपकार्ट का मूल्यांकन 38% घटाया
अमेरिकी म्यूचुअल फंड मॉर्गन स्टैनले ने भारत की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस फ्लिपकार्ट में अपने शेयरों का मूल्य 38% घटा दिया है, जिससे कंपनी का मूल्यांकन घट कर 5.58 अरब डॉलर रह गया है। मॉर्गन स्टैनले के इस कदम से फ्लिपकार्ट को प्रतिस्पर्धी कंपनी अमेजन से मुकाबला करने के लिए रकम जुटाने का दबाव बढ़ेगा। मॉर्गन स्टैनले ने फ्लिपकार्ट में अपनी हिस्सेदारी के मूल्यांकन में लगातार छठी तिमाही में कटौती की है। यूएस सिक्योरिटी ऐंड एक्सचेंज कमीशन को 28 नवंबर को दी जानकारी में मॉर्गन स्टैनले ने सितंबर में समाप्त तिमाही के दौरान फ्लिपकार्ट में अपने शेयरों का मूल्यांकन 52.13 डॉलर प्रति शेयर कर दिया, जो इससे पिछली तिमाही के 84.29 डॉलर प्रति शेयर के मुकाबले 38.2% कम है। जून 2015 में उसने फ्लिपकार्ट के लिए 142.24 डॉलर प्रति शेयर का मूल्यांकन किया था। मूल्यांकन में कटौती से फ्लिपकार्ट के रकम जुटाने की आगामी योजनाओं पर असर पड़ेगा।
मोबाइल वॉलेट मोबीक्विक का हल्का ऐप्प
भारतीय मोबाइल वॉलेट दिग्गज मोबीक्विक ने भारत में ऐप्प का लाइट वर्जन पेश करने की घोषणा कर दी है। इस ऐप्प का साइज एक एमबी है। इसके जरिये यह उन ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करेगा, जिनके फोन में धीमा इंटरनेट है।
मोबीक्विक लाइट को डाउनलोड करने के लिए दुकानदार या रिटेलर किसी भी एंड्रॉयड स्मार्टफोन से 80971-80971 पर मिस्ड कॉल देकर बिना ईमेल आईडी दिये और गूगल प्ले स्टोर एकाउंट के बगैर डाउनलोड कर सकते हैं। इस नंबर पर मिस्ड कॉल देने पर ऐप्प को डाउनलोड करने का लिंक भेज दिया जायेगा। इस ऐप्प को 2जी कनेक्शन पर भी 30 सेकेंड में डाउनलोड किया जा सकेगा। लिंक पर क्लिक करने के बाद यूजर से ओटीपी माँगा जायेगा, इसके बाद मोबीक्विक प्लेटफॉर्म पर रजिस्टर कर लिया जायेगा। यह ऐप्प पुराने ऑपरेटिंग सिस्टम वाले एंड्रॉयड स्मार्टफोन पर भी आसानी से काम करेगा। यह ऐप्प सभी प्रमुख भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होगा और जल्द ही मोबीक्विक लाइट बगैर इंटरनेट के भी काम करेगा।
सेबी ने आसान बनाया स्टार्टअप में निवेश
शेयर बाजार नियामक सेबी ने नवांकुरों (स्टार्टअप) को बड़ा प्रोत्साहन दिया है। सेबी ने नवांकुरों में एंजेल फंडों के निवेश के नियम आसान कर दिये हैं। अब एंजेल फंड 25 लाख रुपये का भी निवेश कर सकेंगे। पहले यह सीमा कम-से-कम 50 लाख रुपये थी। सेबी ने नवांकुरों में एंजेल निवेशकों की संख्या 49 से बढ़ा कर 200 करने को मंजूरी दी है। इसके अलावा अब पाँच साल पहले तक गठित नवांकुरों में निवेश की अनुमति भी होगी, जबकि इससे पहले तीन साल पुराने नवांकुरों में ही निवेश को मंजूरी थी। सेबी ने निवेश फंडों में बदलाव की घोषणा की है। एंजेल निवेशकों की लॉक-इन अवधि को तीन साल से घटा कर एक साल कर दिया गया है।
(निवेश मंथन, दिसंबर 2016)