Nivesh Manthan
Menu
  • Home
  • About Us
  • ई-पत्रिका
  • Blog
  • Home/
  • 2013/
  • अक्तूबर 2013/
  • जोखिम लें, मगर अनुशासन के साथ
Follow @niveshmanthan

रंग नहीं जमा पा रहा एमसीएक्स-एसएक्स इक्विटी में

Details
Category: मार्च 2013

डी आलोक :

पिछले दिनों शुरू हुआ एमसीएक्स-एसएक्स स्टॉक एक्सचेंज अपनी तमाम कोशिशों के बावजूद कारोबारियों-निवेशकों को आकर्षित करने में नाकामयाब दिख रहा है।

गौरतलब है कि देश के सबसे नये स्टॉक एक्सचेंज एमसीएक्स-एसएक्स में इक्विटी और इक्विटी डेरिवेटिव श्रेणियों में 11 फरवरी से कामकाज शुरू हो गया। इसके साथ ही बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के बाद एमसीएक्स- एसएक्स देश का तीसरा राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज बन गया है। इसने एसएक्स40 के नाम से अपना प्रमुख सूचकांक बनाया है जिसमें 40 दिग्गज और अधिक तरलता वाले शेयर रखे गये हैं।
बाजार के जानकार यह तो मान रहे हैं कि तीसरा राष्ट्रीय एक्सचेंज शुरू होने से नवोन्मेष को बढ़ावा मिलेगा और बाजारों की क्षमता में भी बढ़ोतरी होगी। लेकिन अब तक की स्थिति देखें तो यह एक्सचेंज कुछ खास कारोबारी मात्रा आकर्षित नहीं कर पाया है। अपने कामकाज के पहले दिन इस स्टॉक एक्सचेंज का कुल कारोबार (टर्नओवर) महज 12.53 करोड़ रुपये का रहा। यदि हम पहले सात कारोबारी दिनों की बात करें तो इक्विटी श्रेणी में रोजाना औसतन केवल 33 लाख रुपये का कुल कारोबार हुआ। इसकी तुलना यदि हम एनएसई से करें तो इसमें इक्विटी श्रेणी में रोजाना औसतन 11,000-12,000 करोड़ रुपये का कारोबार होता है। बीएसई में यह आँकड़ा तकरीबन 2200 करोड़ रुपये के आसपास बैठता है।
एमसीएक्स-एसएक्स स्टॉक एक्सचेंज में शुरुआती सात दिनों में इक्विटी डेरिवेटिव (एफएंडओ) श्रेणी में रोजाना औसतन 12.5 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ। वहीं दूसरी ओर यदि हम एनएसई के पिछले एक महीने के आँकड़ों पर नजर डालें तो में यहाँ रोजाना इस श्रेणी में औसतन 1.22 लाख करोड़ रुपये का कामकाज हुआ। ऐसी स्थिति को देखते हुए इस नये एक्सचेंज ने कारोबारी मात्रा आकर्षित करने के लिए कुछ योजनाओं की घोषणा की है।
छह मार्च से इसने ब्रोकरों और इंटरमीडियरीज के लिए इक्विटी और इक्विटी डेरिवेटिव श्रेणियों में लिक्विडिटी एन्हेंसमेंट स्कीम (एलईएस) शुरू की है। इस योजना के तहत ब्रोकरों को एक निश्चित अवधि के दौरान उन प्रतिभूतियों में कारोबार आकर्षित करने पर प्रोत्साहन दिया जायेगा, जिनमें कारोबारी गतिविधियाँ काफी कम हैं। एमसीएक्स- एसएक्स इस योजना के तहत प्रतिदिन 200 करोड़ रुपये तक का कारोबार आकर्षित करने पर 500 रुपये प्रति करोड़ की प्रोत्साहन राशि और 200 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार आकर्षित करने पर 750 रुपये प्रति करोड़ की प्रोत्साहन राशि देगा।
इस एक्सचेंज ने हाल में अपने एक बयान में कहा है कि किसी महीने के दौरान 20 प्रतिभूतियों में अपने उत्तरदायित्व को 90% तक पूरा करने वाले मार्केट मेकर को हर महीने 21 लाख रुपये का अतिरिक्त प्रोत्साहन दिया जायेगा।
वहीं 40 प्रतिभूतियों में मार्केट मेकिंग करने वाले को हर महीने 50 लाख रुपये का अतिरिक्त प्रोत्साहन मिलेगा। चूँकि कुल मिला कर आम निवेशकों की बाजार में सहभागिता कम ही रहती है, ऐसे में समय-समय पर इन्हें आकर्षित करने के लिए योजनाएँ घोषित की जाती रही हैं।
एमसीएक्स-एसएक्स स्टॉक एक्सचेंज ने ब्रोकरों को आकर्षित करने के अलावा निवेशकों को सीधे तौर पर आकर्षित करने के लिए भी योजना घोषित की है। नकद (कैश) श्रेणी और स्टॉक फ्यूचर में सौदे करने वालों को इस योजना के तहत प्रतिदिन 100 रुपये का प्रोत्साहन देने की बात कही गयी है। लेकिन इस योजना का लाभ उठाने के लिए यह जरूरी होगा कि वह निवेशक एक महीने के दौरान नकद श्रेणी में कम-से-कम 11 लाख रुपये और स्टॉक फ्यूचर में कम-से-कम एक करोड़ रुपये का कारोबार करे। इसके अलावा इस योजना के तहत प्रोत्साहन पाने के लिए महीने में हर दिन इन श्रेणियों में कम-से-कम एक सौदा करना भी जरूरी होगा।
एमसीएक्स-एसएक्स का कहना है कि सदस्यता के अनुमोदन में देरी, केवाईसी संबंधी दिक्कतों और कंप्यूटर नेटवर्क की समस्याओं के चलते अभी कारोबारी मात्रा कम है। प्रबंधन का मानना है कि इन समस्याओं के खत्म होने पर निश्चित तौर से इसकी कारोबारी मात्रा बढ़ेगी। पर इतना तो कह सकते हैं कि एमसीएक्स-एसएक्स इक्विटी श्रेणी में उस धमक के साथ नहीं उतर सका, जैसा इसने मुद्रा बाजार में किया था।
(निवेश मंथन, मार्च 2013)

  • सातवाँ वेतन आयोग कहीं खुशी, कहीं रोष
  • एचडीएफसी लाइफ बनेगी सबसे बड़ी निजी बीमा कंपनी
  • सेंसेक्स साल भर में होगा 33,000 पर
  • सर्वेक्षण की कार्यविधि
  • भारतीय अर्थव्यवस्था ही पहला पैमाना
  • उभरते बाजारों में भारत पहली पसंद
  • विश्व नयी आर्थिक व्यवस्था की ओर
  • मौजूदा स्तरों से ज्यादा गिरावट नहीं
  • जीएसटी पारित कराना सरकार के लिए चुनौती
  • निफ्टी 6000 तक जाने की आशंका
  • बाजार मजबूत, सेंसेक्स 33,000 की ओर
  • ब्याज दरें घटने पर तेज होगा विकास
  • आंतरिक कारक ही ला सकेंगे तेजी
  • गिरावट में करें 2-3 साल के लिए निवेश
  • ब्रेक्सिट से एफपीआई निवेश पर असर संभव
  • अस्थिरताओं के बीच सकारात्मक रुझान
  • भारतीय बाजार काफी मजबूत स्थिति में
  • बीत गया भारतीय बाजार का सबसे बुरा दौर
  • निकट भविष्य में रहेगी अस्थिरता
  • साल भर में सेंसेक्स 30,000 पर
  • निफ्टी का 12 महीने में शिखर 9,400 पर
  • ब्रेक्सिट का असर दो सालों तक पड़ेगा
  • 2016-17 में सुधार आने के स्पष्ट संकेत
  • चुनिंदा क्षेत्रों में तेजी आने की उम्मीद
  • सुधारों पर अमल से आयेगी तेजी
  • तेजी के अगले दौर की तैयारी में बाजार
  • ब्रेक्सिट से भारत बनेगा ज्यादा आकर्षक
  • सावधानी से चुनें क्षेत्र और शेयर
  • छोटी अवधि में बाजार धारणा नकारात्मक
  • निफ्टी 8400 के ऊपर जाने पर तेजी
  • ब्रेक्सिट का तत्काल कोई प्रभाव नहीं
  • निफ्टी अभी 8500-7800 के दायरे में
  • पूँजी मुड़ेगी सोना या यूएस ट्रेजरी की ओर
  • निफ्टी छू सकता है ऐतिहासिक शिखर
  • विकास दर की अच्छी संभावनाओं का लाभ
  • बेहद लंबी अवधि की तेजी का चक्र
  • मुद्रा बाजार की हलचल से चिंता
  • ब्रेक्सिट से भारत को होगा फायदा
  • निफ्टी साल भर में 9,200 के ऊपर
  • घरेलू बाजार आधारित दिग्गजों में करें निवेश
  • गिरावट पर खरीदारी की रणनीति
  • साल भर में 15% बढ़त की उम्मीद
  • भारतीय बाजार का मूल्यांकन ऊँचा
  • सेंसेक्स साल भर में 32,000 की ओर
  • भारतीय बाजार बड़ी तेजी की ओर
  • बाजार सकारात्मक, जारी रहेगा विदेशी निवेश
  • ब्रेक्सिट का परोक्ष असर होगा भारत पर
  • 3-4 साल के नजरिये से जमा करें शेयरों को
  • रुपये में कमजोरी का अल्पकालिक असर
  • साल भर में नया शिखर
7 Empire

अर्थव्यवस्था

  • भारत की विकास दर (जीडीपी वृद्धि दर) : भविष्य के अनुमान
  • भारत की विकास दर (जीडीपी वृद्धि दर) बीती तिमाहियों में
  • भारत की विकास दर (जीडीपी वृद्धि दर) बीते वर्षों में

बाजार के जानकारों से पूछें अपने सवाल

सोशल मीडिया पर

Additionaly, you are welcome to connect with us on the following Social Media sites.

  • Like us on Facebook
  • Follow us on Twitter
  • YouTube Channel
  • Connect on Linkedin

Download Magzine

    Overview
  • 2023
  • 2016
    • July 2016
    • February 2016
  • 2014
    • January

बातचीत

© 2025 Nivesh Manthan

  • About Us
  • Blog
  • Contact Us
Go Top