भारत बना बिजली निर्यातक देश
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- Category: अप्रैल 2017
बिजली ले लो... बिजली...
लगभग हर राज्य में बिजली की कमी एक बड़ी समस्या है, जिसका असर आम लोगों की जिंदगी पर भी होता है और उद्योग एवं व्यवसाय जगत पर भी।
देन पर शुल्क वसूलने को लामबंद हुए बैंक
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- Category: अप्रैल 2017
प्रणव :
अंग्रेजी में एक मशहूर कहावत है कि ‘देयर इज नो फ्री लंच’, यानी कुछ भी मुफ्त नहीं मिलता।
अलग नतीजे क्यों रहे उत्तर प्रदेश चुनाव के?
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- Category: अप्रैल 2017
राजीव रंजन झा :
उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनावों में प्रचार, मतदान और मतगणना तक के समूचे दौर में लोगों को बार-बार बिहार चुनाव भी याद आता रहा।
सवाल विशेषज्ञ के जवाब
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- Category: अप्रैल 2017
अनिल चोपड़ा, ग्रुप सीईओ, बजाज कैपिटल :
मैंने एस्कॉट्र्स हाई यील्ड इक्विटी प्लान - ग्रोथ विकल्प में लगभग एक साल पहले निवेश किया था और इसका प्रदर्शन अच्छा रहा है। क्या मैं उसी फंड में कुछ और निवेश करूँ? इस फंड का एएमयू बहुत छोटा है। क्या निवेशकों के लिए यह जोखिम का एक पहलू है? - विवेक मिश्र, पटना
बासमती का भाव 10,000 रुपये प्रति क्विंटल की ओर
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- Category: अप्रैल 2017
कोहिनूर फूड्स के जेएमडी गुरनाम अरोड़ा का अनुमान है कि इस साल बासमती चावल का घरेलू थोक मूल्य 10,000 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर को पार कर सकता है। मार्केट टाइम्स के सुरेश मनचंदा के साथ गुरनाम अरोड़ा की खास बातचीत। अरोड़ा बता रहे हैं कि उनकी कंपनी जल्द ही बाजार में अपने कुछ नये ब्रांड भी उतारने वाली है।
कर आतंकवाद के रास्ते पर मोदी सरकार?
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- Category: मार्च 2017
राजेश रपरिया, सलाहकार संपादक :
दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने से पहले एक कारेाबारी संगठन के समारोह में नरेंद्र मोदी ने यूपीए सरकार के कर प्रशासन के रवैये को आतंकवादी घोषित कर कारोबारी समुदाय का दिल जीत लिया था।
नोटबंदी से बेअसर जीडीपी?
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- Category: मार्च 2017
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने संसद में नोटबंदी की आलोचना करते हुए कहा था कि इसके चलते भारत की विकास दर 2% घट सकती है।
नोटबंदी पर निराशा नहीं, केवल राजनीतिक विरोध
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- Category: मार्च 2017
अदि गोदरेज, चेयरमैन, गोदरेज समूह :
जीडीपी के तीसरी तिमाही के आँकड़े क्या आपके लिए चौंकाने वाले हैं?
कम रहा नोटबंदी का असर
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- Category: मार्च 2017
धर्मकीर्ति जोशी, मुख्य अर्थशास्त्री, क्रिसिल :
मुझे विकास दर (जीडीपी वृद्धि) के ये आँकड़े चौंकाने वाले नहीं लगे हैं। यह सही है कि जीडीपी के आँकड़ों में असंगठित क्षेत्र की झलक अच्छी तरह नहीं आ पाती।
मेल नहीं बैठ रहा आँकड़ों का
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- Category: मार्च 2017
धनंजय सिन्हा, रिसर्च प्रमुख (संस्थागत) , एमके ग्लोबल :
जीडीपी के चौंकाने वाले आँकड़े आने के दो-तीन कारण हैं। एक तो उन्होंने डीबेस किया है, यानी पिछले साल का आँकड़ा उन्होंने घटाया है, जिससे इस बार की दर में अंतर आ जाता है।
2017-18 में ऊँची विकास दर
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- Category: मार्च 2017
नौशाद फोबर्स, अध्यक्ष, सीआईआई :
आर्थिक विकास दर के ताजा आँकड़ों से यह दिखता है कि विमुद्रीकरण का असर केवल तात्कालिक रहा है।
क्या रुक गयी ब्याज दरों की गिरावट?
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- Category: मार्च 2017
फरवरी की मौद्रिक नीति समीक्षा में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नीतिगत दरों को लेकर अपने रवैये में बदलाव किया है।
अर्थव्यवस्था
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