एसबीआई मैग्नम कॉमा फंड 11 साल से अधिक पुराना फंड है।
लगभग 238 करोड़ रुपये की औसत संपदा वाले इस फंड की एनएवी 31 मार्च 2017 को 34.46 रुपये की है। यह बीते एक साल के प्रदर्शन के पैमाने पर अभी तालिका में सबसे ऊपर नजर आ रहा है। इसके ग्रोथ विकल्प का बीते एक साल का प्रतिफल 49.6% है। छह महीने के प्रदर्शन में भी यह 15.5% वास्तविक प्रतिफल के साथ विविधीकृत इक्विटी फंडों की सूची में दूसरे स्थान पर है।
हालाँकि तीन साल के प्रदर्शन में यह 21.1% वार्षिक औसत प्रतिफल के साथ 38वें स्थान पर और पाँच साल के प्रदर्शन में 10.3% वार्षिक औसत प्रतिफल दर्शाते हुए 74वें स्थान पर है। इस लिहाज से यही कहा जा सकता है कि हाल में इसने अपने प्रदर्शन को सुधारा है। इसके चार्ट को देखने से पता चलता है कि इसके प्रदर्शन में लगभग पिछले एक साल से ही अच्छा सुधार आना शुरू हुआ है। लेकिन लंबी अवधि में यह अपनी श्रेणी में ऊपरी स्थानों पर टिका रहता है या नहीं, यह देखना बाकी है। दरअसल पिछले तीन महीनों की अवधि में इसका प्रदर्शन फिसलता दिखा है। कमोडिटी जैसे भारी उतार-चढ़ाव वाले क्षेत्र पर केंद्रित होने के कारण बहुत छोटी अवधियों में इसके प्रदर्शन में काफी अंतर आते रहना स्वाभाविक ही कहा जा सकता है।
इस फंड के नाम के अनुरूप इसका घोषित उद्देश्य कमोडिटी शेयरों, खास कर तेल-गैस, धातु, मैटेरियल और कृषि संबंधी शेयरों में निवेश करना है। इस उद्देश्य के मुताबिक ही इसके पोर्टफोलिओ में ऊर्जा क्षेत्र की पीएसयू कंपनियों के साथ-साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज की बड़ी हिस्सेदारी है। अच्छी बात यह है कि हाल में रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में अच्छी तेजी आयी है और इसका लाभ फंड को मिलेगा। इसके पोर्टफोलिओ का झुकाव मुख्य रूप से दिग्गज शेयरों की तरफ है, जिनकी हिस्सेदारी लगभग 64% है, जबकि मँझोले शेयरों की हिस्सेदारी लगभग 21% और छोटे शेयरों की हिस्सेदारी लगभग 15% है। रिचर्ड डिसूजा अगस्त 2014 से इसके फंड मैनेजर हैं।
बीते एक साल में पूरे बाजार के साथ-साथ कमोडिटी शेयरों में आयी तेजी का इस फंड को लाभ मिला है। आने वाले समय में भी वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार के साथ कमोडिटी भाव मजबूत रह सकते हैं। मगर निवेशकों को यह ध्यान रखना चाहिए कि भविष्य में कमोडिटी भावों में होने वाले किसी भी उतार-चढ़ाव का सीधा असर इस फंड के प्रदर्शन पर होगा। इसलिए कमोडिटी के चक्रीय उतार-चढ़ाव को समझने वाले और उसका जोखिम वहन कर सकने वाले निवेशकों को ही इस फंड में निवेश करना चाहिए।.
एचडीएफसी प्रूडेंस फंड
एचडीएफसी प्रूडेंस फंड 23 साल से अधिक पुराना फंड है। यह न केवल इस उद्योग के बेहद पुराने, बल्कि सबसे बड़े फंडों में से भी एक है। 14,000 करोड़ रुपये से अधिक के औसत एयूएम के साथ यह संतुलित (बैलेंस्ड) फंडों की श्रेणी में दूसरा सबसे बड़ा फंड है। इस फंड की एनएवी 31 मार्च 2017 को 457.70 रुपये की है।
अभी यह फंड (ग्रोथ विकल्प) संतुलित फंडों की श्रेणी में छह महीने के प्रदर्शन में 10.2% वास्तविक प्रतिफल के साथ सबसे ऊपर है और एक साल में यह 29.5% प्रतिफल दिखाते हुए दूसरे स्थान पर है। इसका औसत वार्षिक प्रतिफल तीन वर्ष की अवधि में 19.9% और पाँच वर्ष की अवधि में 16.2% है। बेहद लंबी अवधि लेते हुए इसकी स्थापना (1 फरवरी 1994) से अब तक औसत वार्षिक प्रतिफल देखें तो यह 18.5% है। इन आँकड़ों से स्पष्ट है कि लंबी अवधि के निवेशकों को इसने निराश नहीं किया है। अगर तीन साल या पाँच साल के रोलिंग रिटर्न के चार्ट भी देखें, तो यह अपनी श्रेणी के औसत से निरंतर काफी अच्छा प्रदर्शन करता रहा है। संतुलित फंड होने के नाते इसके पोर्टफोलिओ में लगभग 75% हिस्सा इक्विटी और बाकी हिस्सा ऋण (डेब्ट) का है। इक्विटी में इसका झुकाव दिग्गज शेयरों की ओर ज्यादा है। वहीं इसके ऋण पोर्टफोलिओ का झुकाव ऊँची क्रेडिट रेटिंग वाले प्रपत्रों की ओर है।
इसके इक्विटी पोर्टफोलिओ में पाँच सबसे ज्यादा हिस्सेदारी वाले शेयर भारतीय स्टेट बैंक (6.7%), लार्सन ऐंड टुब्रो (6.5%), आईसीआईसीआई बैंक (6.4%), इन्फोसिस (5.9%) और टाटा स्टील (3.3%) हैं। क्षेत्रवार देखें तो इसका सबसे ज्यादा निवेश वित्तीय, आईटी, ऊर्जा, ऑटो और इंजीनियरिंग क्षेत्रों के शेयरों में है।
हालाँकि एक बात खटकती है कि एचडीएफसी प्रूडेंस पोर्टफोलिओ में मौजूद शेयरों की कुल संख्या अब लगभग 100 को छूने जा रही है, जो ज्यादा विविधीकरण की समस्या का संकेत है। खुद इसी फंड घराने के एक अन्य प्रमुख संतुलित फंड एचडीएफसी बैलेंस्ड फंड के पोर्टफोलिओ में लगभग 70 शेयर ही हैं। वहीं एसबीआई मैग्नम बैलेंस्ड फंड का पोर्टफोलिओ केवल लगभग 50 शेयरों का है।
इस फंड का एक दिलचस्प पहलू यह है कि प्रशांत जैन वर्ष 1994 से ही लगातार इसके फंड मैनेजर बने हुए हैं। आईआईटी कानपुर से बीटेक, आईआईएम बेंगलूरु से पीजीडीएम और एआईएमआर, अमेरिका से सीएफए कर चुके प्रशांत जैन भारतीय म्यूचुअल फंड उद्योग के कुछ गिने-चुने खास फंड मैनेजरों में से एक हैं। वे एचडीएफसी म्यूचुअल फंड के कई अन्य प्रमुख फंड, जैसे एचडीएफसी टॉप 200 फंड, एचडीएफसी इक्विटी फंड और एचडीएफसी एमएफ मंथली इन्कम प्लान - लॉन्ग टर्म प्लान के फंड मैनेजर भी हैं।
(निवेश मंथन, अप्रैल 2017)