कारोबारी साल 2013-14 की दूसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर 2013 में कंपनियों के नतीजे एक बार फिर से सुस्त रहने के आसार दिख रहे हैं।
लेकिन इस सुस्ती के बीच उम्मीद की एक किरण भी होगी। उम्मीद यह कि इस तिमाही के नतीजे संभवत: 2013-14 की पहली तिमाही से थोड़े बेहतर होंगे। पहली तिमाही में सेंसेक्स कंपनियों का शुद्ध लाभ सालाना आधार पर, यानी पिछले कारोबारी साल की समान तिमाही के मुकाबले 2% से ज्यादा घटा था। पहली तिमाही में यह कमी लेकिन जुलाई-सितंबर 2013 कि तिमाही में सेंसेक्स कंपनियों का मुनाफा सालाना और तिमाही-दर-तिमाही, दोनों लिहाज से बढऩे की उम्मीदें जतायी जा रही हैं।
एंजेल ब्रोकिंग का अनुमान है कि मुनाफे में सालाना आधार पर 8.2% और तिमाही-दर-तिमाही 9.2% वृद्धि होगी। एंजेल का अनुमान सेसा स्टरलाइट और सिप्ला के आँकड़ों को हटा कर है। एंजेल ने सेंसेक्स कंपनियों की तिमाही शुद्ध बिक्री में साल-दर-साल 10.4% और तिमाही-दर-तिमाही 7.7% वृद्धि का आकलन किया है। इसके मुताबिक ऑपरेटिंग मार्जिन में साल-दर-साल केवल एक आधार अंक (बीपीएस) और तिमाही-दर-तिमाही 34 बीपीएस की कमी आयेगी। एक प्रतिशत 100 बीपीएस के बराबर होता है।
मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज (एमओएसएल) का आकलन है कि सेंसेक्स कंपनियों के दूसरी तिमाही के मुनाफे में सालाना आधार पर 5% की वृद्धि होगी। एमओएसएल के मुताबिक सेंसेक्स कंपनियों का मुनाफा पहली तिमाही में 4% घटा था। वहीं इसके अनुसार तिमाही बिक्री में साल-दर-साल 12% बढ़त का अनुमान है।
बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच (बीओए एमएल) के रिसर्च प्रमुख ज्योतिवर्धन जयपुरिया ने अपनी ताजा रिपोर्ट में लिखा है कि तीन तिमाहियों से लगभग शून्य वृद्धि के बाद हमें दूसरी तिमाही में सेंसेक्स कंपनियों (सेसा स्टरलाइट छोड़ कर) के मुनाफे में 13.9% और बिक्री में 12.3% वृद्धि की उम्मीद है। लेकिन जयपुरिया साथ में कहते हैं कि इसे आय चक्र (अर्निंग साइकल) में बदलाव के रूप में नहीं देखा जा सकता। आगे चल कर आय के अनुमानों में कमी आने की संभावना रहेगी। साथ ही एक खास कारण यह है कि सेंसेक्स कंपनियों के मुनाफे में इस संभावित तेज वृद्धि में टाटा समूह की दो अंतरराष्ट्रीय सहायक कंपनियों (टाटा स्टील यूरोप और जेएलआर) का बड़ा योगदान होगा।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के मुताबिक दूसरी तिमाही में सेंसेक्स कंपनियों की आय में साल-दर-साल 12.7% और तिमाही-दर-तिमाही 10.0% वृद्धि होगी। वहीं मुनाफे में साल-दर-साल 7.3% और तिमाही-दर-तिमाही 15.3% वृद्धि का अनुमान है।
इडेलवाइज सिक्योरिटीज ने सेंसेक्स कंपनियों (सेसा स्टरलाइट छोड़ कर) की तिमाही आय में सालाना आधार पर 6.7% और तिमाही आधार पर 5.5% वृद्धि का अनुमान जताया है। मगर आमदनी में साल-दर-साल 12.4% और तिमाही-दर-तिमाही 9.3% वृद्धि का आकलन है।
आय से धीमा मुनाफा
मोटे तौर पर तिमाही मुनाफे में वृद्धि दर साल-दर-साल 5-8% के बीच रहने के अनुमान सामने आ रहे हैं। इस लिहाज से पहली तिमाही के मुकाबले स्थिति जरूर बेहतर लग रही है। लेकिन सेंसेक्स कंपनियों के मुनाफे में वृद्धि की लंबी अवधि की औसत दर 15% है और बीती कई तिमाहियों से सेंसेक्स कंपनियाँ इस औसत से काफी नीचे रह जा रही हैं।
कुल आमदनी या बिक्री में वृद्धि की दर के मुकाबले मुनाफे में वृद्धि की दर कुछ धीमी रहने के अनुमान दिख रहे हैं। इडेलवाइज की रिपोर्ट कहती है कि ऊँची ब्याज लागत और बैंकों के मुनाफे में तीखी कमी के चलते ऐसा दिख रहा है। बीओए एमएल के मुताबिक दूसरी तिमाही में सेंसेक्स कंपनियों की ब्याज लागत पिछले साल की समान तिमाही से 28.8% ज्यादा होगी।
हालात पिछली तिमाही से बेहतर लगने के बावजूद अभी यह नहीं कहा जा सकता कि सब कुछ ठीक होने लगा है। बीओए एमएल की रिपोर्ट के मुताबिक अगर टाटा स्टील यूरोप और जेएलआर के योगदान को हटा कर देखा जाये तो सेंसेक्स कंपनियों के मुनाफे में वृद्धि दर घट कर केवल 2.1% रह जायेगी। स्थिति इस बात से भी समझी जा सकती है कि सेंसेक्स की 30 में से आठ कंपनियों के मुनाफे में गिरावट आने की आशंका है। वहीं एमओएसएल के मुताबिक सेंसेक्स की 12 कंपनियों का मुनाफा दूसरी तिमाही में घटने वाला है।
हालाँकि एमओएसएल ने अपनी समीक्षा में शामिल कुल 140 कंपनियों के विश्लेषण में कहा है कि ज्यादातर कंपनियों के लिए मुनाफे में गिरावट का दौर खत्म हो रहा है। इन 140 कंपनियों के मुनाफे में वृद्धि का वितरण दिखाता है कि जहाँ जनवरी-मार्च 2013 में सबसे ज्यादा 42% कंपनियों का मुनाफा घटा था, वहीं जुलाई-सितंबर 2013 की तिमाही में यह संख्या घट कर 38% रह जायेगी। अगली दो तिमाहियों में यह संख्या और घटने का अनुमान है।
हालाँकि कुछ जानकार अभी यह नहीं मानते कि सबसे बुरा दौर बीत गया है। डेस्टिमनी सिक्योरिटीज के एमडी और सीईओ सुदीप बंद्योपाध्याय कहते हैं, ‘दूसरी तिमाही के नतीजे काफी कमजोर रह सकते हैं। आईटी, दवा और कुछ चुनिंदा निर्यात-आधारित क्षेत्रों को छोड़ दें तो यह कॉर्पोरेट क्षेत्र के लिए सबसे बुरे तिमाही प्रदर्शनों में से एक हो सकता है। मोटे तौर पर लगभग सारे उद्योगों से बाजार को निराशा मिलेगी।’
हालाँकि सुदीप कहते हैं कि संभवत: तीसरी तिमाही से स्थिति में सुधार दिखने लगे। कई ब्रोकिंग फर्मों ने अपनी रिपोर्टों में जिक्र किया है कि 2013-14 की दूसरी छमाही पहली छमाही से बेहतर होगी।
डॉलर की चमकार
दूसरी तिमाही में तमाम ब्रोकिंग फर्मों की उम्मीदें खास कर उन्हीं क्षेत्रों पर टिकी हैं, जहाँ डॉलर में कमाई होती है। दूसरी तिमाही में डॉलर की तुलना में रुपये में सालाना आधार पर 13% और ठीक पिछली तिमाही से 11% की तीखी गिरावट आयी। रुपये की इस कमजोरी के मद्देनजर माना जा रहा है कि आईटी, दवा, ऑटो और धातु जैसे क्षेत्रों का प्रदर्शन अच्छा रहेगा। एमओएसएल की रिपोर्ट के अनुसार निफ्टी में डॉलर आय की प्रमुखता वाली कंपनियों का तिमाही मुनाफा सालाना आधार पर 19% बढऩे की उम्मीद है, जबकि शेष कंपनियों के मुनाफे में 5% की कमी ही आने वाली है।
एंजेल की रिपोर्ट भी कहती है, ‘विकसित अर्थव्यवस्थाओं में सुधार के संकेतों और रुपये में कमजोरी के मद्देनजर हम आईटी और दवा जैसे निर्यात-केंद्रित क्षेत्रों को लेकर सकारात्मक हैं।’
दूसरी तिमाही में सालाना आधार पर आईटी, धातु, दवा, निजी बैंक और ऑटो जैसे क्षेत्रों का मुनाफा अच्छी रफ्तार से बढऩे की उम्मीद है। लेकिन दूसरी ओर कैपिटल गुड्स, सीमेंट, पीएसयू बैंक, बुनियादी ढाँचा (इन्फ्रास्ट्रक्चर), जहाजरानी (शिपिंग) जैसे क्षेत्रों के मुनाफे में गिरावट आने के अनुमान हैं।
आईटी : अच्छे रहेंगे नतीजे
आम तौर पर आईटी कंपनियों के लिए कारोबारी साल की दूसरी तिमाही अच्छी रहती है, क्योंकि इस तिमाही में ग्राहकों के सालाना बजट का बड़ा हिस्सा खर्च होता है। साथ ही कमजोर रुपये के चलते भी आईटी कंपनियों के लाभ पर अच्छा असर होगा। इसीलिए एंजेल ब्रोकिंग का अनुमान है कि इस बार मुनाफे में तिमाही-दर-तिमाही वृद्धि टीसीएस के लिए 15.1%, इन्फोसिस के लिए 12.3% और विप्रो के लिए 16.9% रहेगी। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज का आकलन है कि रुपये में कमजोरी के चलते आईटी कंपनियों के मार्जिन में 3.40% से 4.5% अंक तक की बढ़ोतरी हो सकती है। इसने टीसीएस की आय में तिमाही-दर-तिमाही 20.2% बढ़त का अनुमान रखा है। एमओएसएल के मुताबिक आईटी क्षेत्र में इसके चुनिंदा 9 शेयरों का तिमाही मुनाफा साल-दर-साल 29% बढ़ेगा।
दवा : दिग्गजों से उम्मीद
एंजेल की रिपोर्ट कहती है कि दूसरी तिमाही में दिग्गज कंपनियों के अच्छे प्रदर्शन के चलते दवा क्षेत्र की आय में 11.6% और ईपीएस में 18.7% की बढ़त दर्ज होगी। एमओएसएल ने सन फार्मा, डॉ. रेड्डीज, ग्लेनमार्क और कैडिला के नतीजे मजबूत रहने की उम्मीद जतायी है।
ऑटो : टाटा मोटर्स पर खास नजर
ब्रोकिंग फर्मों को खास कर टाटा मोटर्स से अच्छी उम्मीदें हैं, क्योंकि जेएलआर के आँकड़े अच्छे रहने का अनुमान है। लेकिन अगर टाटा मोटर्स को हटा दें तो एंजेल का आकलन है कि बाकी ऑटो कंपनियों की कुल आमदनी में पिछली तिमाही से 2.8% गिरावट आयेगी, जबकि मुनाफे में 2.2% की कमी आ सकती है। लेकिन सालाना आधार पर ऑटो क्षेत्र का प्रदर्शन टाटा मोटर्स के साथ-साथ मारुति के भी आँकड़ों में सुधार के चलते अच्छा रहेगा। बीओए एमएल के मुताबिक दोपहिया कंपनियों में बजाज ऑटो और टीवीएस के आँकड़े सकारात्मक ढंग से चौंका सकते हैं।
कैपिटल गुड्स और इन्फ्रा : दम नहीं
एंजेल ने कैपिटल गुड्स कंपनियों का मुनाफा साल-दर-साल 28.1% घटने का अनुमान जताया है। हालाँकि ठीक पिछली तिमाही से 77.1% की बढ़त दर्ज होने की आशा है। बुनियादी ढाँचा (इन्फ्रा) क्षेत्र में मुनाफा साल-दर-साल 9.5% घटने, जबकि तिमाही-दर-तिमाही 22.6% बढऩे की संभावना है। एमओएसएल के मुताबिक बीएचईएल का मुनाफा 57% घटेगा।
तेल-गैस : पिछली तिमाही से बेहतर
एमओएसएल के मुताबिक इस तिमाही में रिलायंस की तिमाही बिक्री साल-दर-साल 12.3% बढ़ेगी, लेकिन मुनाफा 0.7% घटेगा। कैर्न का तिमाही मुनाफा साल-दर-साल 49.8% और पिछली तिमाही से 11.2% बढऩे की उम्मीद है। लेकिन तेल मार्केटिंग कंपनियों के मुनाफे में साल-दर-साल भारी कमी की आशंका है। तेल-गैस क्षेत्र का सकल तिमाही मुनाफा साल-दर-साल 42.6% घटने और तिमाही-दर-तिमाही 107.1% बढऩे का अनुमान है।
बैंक : पीएसयू पर चिंता
बैंकिंग क्षेत्र के अनुमानों में निजी और सरकारी बैंकों के बीच साफ फर्क दिखता है। एमओएसएल के अनुसार निजी बैंकों का तिमाही मुनाफा साल-दर-साल 122% बढ़ेगा, जबकि सरकारी बैंकों के तिमाही मुनाफे में 32.6% गिरावट की आशंका है।
(निवेश मंथन, अक्तूबर 2013)