राजीव रंजन झा :
फरवरी 2013 के निवेश मंथन में मैंने राग बाजारी का शीर्षक दिया था, ‘नहीं सँभला 5800 पर तो टूटेगा निफ्टी 5500-5400 तक।’
तब निफ्टी 5904 पर था। मार्च के अंक का शीर्षक था, ‘नये शिखर की तैयारी, या निफ्टी लौटेगा 5,500 की ओर।’ इस शीर्षक में 5,500 की ओर लौटने की बात पर ज्यादा वजन था! उस समय निफ्टी था 5,946 पर। पाँच अप्रैल 2013 को निफ्टी ने 5,535 का निचला स्तर छू लिया।
जब इस तरह करीब दो महीने पहले जिन स्तरों के लक्ष्य नजर आ रहे थे, वे अब हकीकत बन चुके हैं। अब या तो बाजार इन स्तरों के पास सहारा लेकर कुछ वापस सँभलेगा, या फिर कमजोरी के अगले पड़ाव की ओर बढ़ेगा। गौरतलब यह है कि अगर बाजार सहारा लेकर कुछ सँभले भी तो इसे कमजोर बाजार में आने वाली वापस उछाल के तौर पर ही देखा जायेगा। दरअसल बाजार में कमजोरी का यह दौर खत्म होने का भरोसा मौजूदा स्तर से करीब 10% से भी ज्यादा उछलने के बाद ही बनेगा। भारत की मौजूदा आर्थिक और राजनीतिक स्थितियों और वैश्विक परिदृश्य में ऐसा होना बड़ा मुश्किल दिखता है।
अगर बाजार मौजूदा स्तरों पर सहारा नहीं ले सका तो निकट भविष्य में कितनी गिरावट की संभावना बनती है? अप्रैल के पहले हफ्ते में निफ्टी ने नवंबर 2012 की तलहटी 5548 को तोड़ दिया है। अब नवंबर 2012 से पहले की बड़ी तलहटी यानी जून 2012 की तलहटी 4770 पर नजर जाती है। अगर हम 4770 से लेकर जनवरी 2013 के शिखर 6112 तक की उछाल की वापसी देखें, तो इसमें 38.2% वापसी का स्तर 5599 टूट चुका है। ऐसे में 50% वापसी यानी 5441 अगला स्वाभाविक लक्ष्य है। सितंबर 2012 में निफ्टी ने 5447-5527 के दायरे में ऊपरी अंतराल बनाया था। यानी इस खाली अंतराल को भरने की कोशिश में भी निफ्टी यहाँ तक नीचे आ सकता है। नवंबर 2010 के शिखर 6339 से लेकर दिसंबर 2011 की तलहटी 4531 तक की गिरावट वाली संरचना में भी 61.8% वापसी यानी 5648 टूटने के बाद 50% वापसी 5435 पर है। इस तरह निफ्टी के लिए 5400 के ऊपर कहीं सहारा लेने की संभावना अच्छी-खासी है।
अगर निफ्टी 5400 के भी नीचे फिसला तो 4770-6112 की संरचना में 61.8% वापसी का अगला पड़ाव 5283 पर है। वहीं 6339-4531 की संरचना में अगला सहारा 5221 पर होगा। इस तरह 5400 के नीचे जाने पर 5220-5280 के दायरे सहारा मिल सकता है।
अगर सेंसेक्स का चार्ट देखें तो जून 2012 की तलहटी 15,749 से जनवरी 2013 के शिखर 20,204 तक की उछाल की 38.2% वापसी 18,502 पर है। सेंसेक्स इसके नीचे आ चुका है, लिहाजा 50% वापसी का स्तर 17,976 अगला लक्ष्य है, जबकि इसके नीचे जाने पर 61.8% वापसी यानी 17,451 तक फिसलने की आशंका होगी।
हालाँकि मौजूदा स्तरों के आसपास सहारा लेकर एक वापस उछाल लेने की संभावनाएँ देखने के कुछ कारण बनते हैं। इसे समझने के लिए यह देखना जरूरी है कि मैंने फरवरी से ही निफ्टी के लिए 5500-5400 के निचले स्तरों की चर्चा क्यों की थी। तब मेरे ध्यान में 200 दिनों का सिंपल मूविंग एवरेज (फरवरी के शुरुआती दिनों में 5500 के कुछ नीचे) था। साथ ही नवंबर 2012 की तलहटी 5548 पर भी नजर थी। साथ ही 6357 (जनवरी 2008 के ऐतिहासिक शिखर) से 2253 (अक्टूबर 2008) की तलहटी की 80% वापसी 5536 भी ध्यान खींच रही थी।
मार्च के अंक में मैंने यह सवाल रखा कि क्या 5548 एक अधूरे लक्ष्य की तरह है? मैंने सेंसेक्स-निफ्टी के बारे में लिखा था कि ‘अगर ये वापस 50 एसएमए के नीचे फिसले तो कमजोरी के अगले दौर में 200 एसएमए एक स्वाभाविक लक्ष्य बन जायेगा।
संयोग से इन दोनों की नवंबर 2012 की तलहटियाँ भी 200 एसएमए के पास ही हैं। लिहाजा सेंसेक्स के लिए 18,288 और निफ्टी के लिए 5548 तक फिसलने की आशंका को अभी नकारा नहीं जा सकता। इन्हें दरअसल हाल की कमजोरी के अधूरे लक्ष्यों के रूप में भी समझा जा सकता है।’ अब सेंसेक्स और निफ्टी ने इन लक्ष्यों को पा लिया है, इसलिए यहाँ सहारा मिलने में कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
गौरतलब है कि निफ्टी नवंबर 2012 की तलहटी से नीचे आ गया है, लेकिन सेंसेक्स अब भी नवंबर की तलहटी 18,256 से कुछ ऊपर ही है। इसलिए बाजार कुछ और नीचे जाने पर जहाँ सेंसेक्स नवंबर की तलहटी को छूता दिखेगा, वहीं ऐसा लगेगा कि निफ्टी ने नवंबर की तलहटी को अच्छे अंतर से तोड़ दिया है। अब इस संभावना को कैसे नकारें कि बाजार शायद सेंसेक्स की नवंबर की तलहटी पर सहारा लेकर पलटना चाह रहा हो।
ताजा स्थिति देखें तो सेंसेक्स ने 28 मार्च 2013 को 18,552 पर 200 एसएमए को लगभग छू लिया और 28 मार्च को इसका निचला स्तर इसके एकदम पास 18,568 पर रहा। हालाँकि इसके बाद सेंसेक्स ने अच्छी वापसी की और उस दिन इस निचले स्तर से काफी सँभल कर 18,836 पर बंद हुआ। इससे यह संभावना बनी कि शायद सेंसेक्स 200 एसएमए से वापस पलट जाये। लेकिन अप्रैल के पहले हफ्ते में सेंसेक्स 200 एसएमए के भी नीचे फिसलता दिखा है। सोमवार आठ अप्रैल को सेंसेक्स अपने 200 एसएमए के स्तर 18,609 की तुलना में 18,438 पर बंद हुआ।
सेंसेक्स और निफ्टी दोनों का 200 एसएमए के नीचे फिसलना बाजार में लंबी अवधि के लिए कमजोरी आने के अंदेशे पैदा करता है। साथ ही यह साफ है कि जनवरी से अब तक सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने निचले शिखर और निचली तलहटियों का सिलसिला शुरू कर दिया है। सेंसेक्स ने पहले जनवरी में 20,204 का शिखर बनाने के बाद मार्च में 19,755 का निचला शिखर बनाया।
इसी तरह फरवरी के मध्य में 19,382 की तलहटी बनने के बाद मार्च की शुरुआत में 18,760 की निचली तलहटी बनी। मार्च के अंतिम कारोबारी दिन यानी 28 मार्च को सेंसेक्स ने 18,568 का स्तर छू लिया, जो मार्च के पहले हफ्ते में बनी तलहटी से नीचे है। और अब पाँच अप्रैल को सेंसेक्स इससे भी नीचे 18,389 तक फिसल गया।
निफ्टी की कहानी अलग नहीं है। इसने जनवरी में 6112 के शिखर के बाद फरवरी-मार्च में 5970-71 पर दो-तीन निचले शिखर बनाये। इसकी ताजा तलहटियों को देखें तो फरवरी में 5854 के बाद मार्च के पहले हफ्ते में 5664 की निचली तलहटी बनी और 28 मार्च को यह उससे भी नीचे 5605 तक फिसला। अब पाँच अप्रैल को यह 5,535 तक लुढ़कता दिखा।
सेंसेक्स-निफ्टी ने 28 मार्च को छोटी तलहटी बनाने के बाद अप्रैल के पहले हफ्ते में वापस उछलना शुरू किया, लेकिन यह चाल ज्यादा आगे बढ़ नहीं पायी। एक बार फिर राजनीतिक बयानबाजियाँ बहाना बन गयीं बाजार की चाल टूटने का। अप्रैल के पहले हफ्ते में इस छोटी वापस उछाल के दौरान सेंसेक्स और निफ्टी अपने 20 दिनों के एसएमए तक भी नहीं लौटे।
अगर सेंसेक्स-निफ्टी इन स्तरों के पास से सहारा लेकर पलटते भी हैं तो यह अंदेशा बना रहेगा कि उनकी वापस उछाल 50 एसएमए से आगे न जा सके और उसके बाद ये फिर से नीचे का सफर शुरू कर दें। सेंसेक्स का 50 एसएमए आठ अप्रैल को 19,305 पर है, जबकि निफ्टी का 50 एसएमए 5836 पर है। दोनों के 50 एसएमए हर दिन कुछ नीचे आ रहे हैं।
इस तरह 200 एसएमए और 50 एसएमए को देख कर यह कहा जा सकता है कि किसी वापस उछाल में निफ्टी के लिए पहले 5640 और फिर 5830 को पार कर पाना आसान नहीं होगा। अप्रैल के पहले हफ्ते में 5755 का एक छोटा शिखर भी बना है, जो 5640 और 5830 के बीच में एक और बाधा का काम करेगा।
अब ऐसा लगता है कि शायद सेंसेक्स और निफ्टी 2013 की शुरुआत से ही एक गिरती पट्टी बना रहे हैं। दोनों के लिए इस पट्टी की ऊपरी रेखा दरअसल जनवरी और मार्च के शिखरों को छूती है। फिलहाल दोनों ही इस गिरती पट्टी के निचले छोर को लगभग छू रहे हैं। अगर मौजूदा स्तरों के आसपास से पलट कर दोनों ऊपर इस पट्टी की ऊपरी रेखा को छूने चलें तो अप्रैल में ये कहाँ तक चढ़ सकते हैं? सेंसेक्स के लिए इस पट्टी की ऊपरी रेखा अप्रैल की शुरुआत में लगभग 19,500 पर है और अप्रैल के अंत में 19,150 के पास होगी। निफ्टी के लिए ये स्तर 5900 और 5780 के हैं।
जब तक सेंसेक्स-निफ्टी किसी उछाल में इस रेखा को पार न करें तो यही माना जा सकता है कि बाजार इस गिरती पट्टी के अंदर चल रहा है। अगर इस पट्टी के अंदर चलते हुए बाजार मौजूदा स्तरों से एक वापस उछाल ले और उसके बाद पट्टी की ऊपरी रेखा से गिर कर निचली रेखा को छूने चले तो यह मुमकिन है कि अप्रैल के अंत या मई की शुरुआत तक सेंसेक्स करीब 18,000 और निफ्टी करीब 5450-5400 पर नजर आये।
निवेशकों-कारोबारियों के लिए मोटे तौर पर सेंसेक्स पर 19,000-19,500 के दायरे में बड़ी उलझन होगी। अगर सेंसेक्स 19,000 के ऊपर निकला, तो यह छोटी अवधि के लिए कुछ सकारात्मक संकेत देने लगेगा। लेकिन 19,500 पार किये बिना यह इस गिरती पट्टी के ऊपर नहीं निकल सकेगा। अगर यह 19,500 के ऊपर निकला भी तो मार्च का शिखर 19,755 इसके लिए बाधा बन कर खड़ा हो जायेगा। इसी तरह निफ्टी के लिए मोटे तौर पर 5800 से 6000 का दायरा बड़ी दुविधा वाला होगा। लेकिन किसी उछाल में जब तक सेंसेक्स 19,755 और निफ्टी मोटे तौर पर 5950-6000 के दायरे को अच्छी मजबूती से पार नहीं करते, तब तक बाजार में कमजोरी लौटने की आशंका सताती रहेगी। निफ्टी 6000 के ऊपर जाने पर ही निचले शिखर बनने का सिलसिला खत्म होगा और बाजार में नयी जान लौट सकेगी।
निवेश मंथन के पिछले अंक में मैंने लिखा था कि ‘मोटे तौर पर ऊपर की ओर पहले 6000 पार करना और फिर 6112 से आगे निकलना निफ्टी के लिए नयी तेजी का संकेत होगा, जबकि नीचे की ओर 5650-5450 के बड़े दायरे में महत्वपूर्ण सहारा रहेगा। मध्यम से लंबी अवधि में बाजार की दिशा तय करने के लिए ये स्तर सबसे महत्वपूर्ण रहेंगे।’ बाजार की मोटी कहानी आज भी यही है।
(निवेश मंथन, अप्रैल 2013)