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अच्छी कीमतें और अच्छी खबरें साथ नहीं मिलतीं

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Category: मई 2012

भारतीय शेयर बाजार किधर जा रहा है - यह एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब हर किसी को चाहिए लेकिन किसी के पास है नहीं! अभी बाजार में हर तरफ निराशा है। भविष्य बड़ा अनिश्चित लग रहा है। लोगों ने उम्मीदें छोड़ दी हैं। सबको लगता है कि शेयर बाजार अभी उनके लिए गलत जगह है। लगता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था का कोई भविष्य नहीं है। इतिहास हमें बताता है कि ऐसे ही मौकों पर ही शेयर बाजार अपनी तलहटी बनाता है, जो अगली तेजी के दौर का आधार बनता है।

भारतीय शेयर बाजार में कीमतों में जितनी गिरावट आनी थी, वह लगभग आ चुकी है। अब बाजार इन्हीं स्तरों के आसपास समय बिता सकता है। इस प्रक्रिया में बाजार दिशाहीन भटकता रहता है, कीमतें एक दायरे में ऊपर-नीचे होती रहती हैं। कारोबार की मात्रा एकदम से घट जाती है और सबकी रुचि खत्म हो जाती है। ऐसा दौर अमूमन एक तिमाही से लेकर तीन तिमाहियों तक चलता है।
इस समय हम रुपये की कमजोरी का भी सामना कर रहे हैं। वहाँ भी स्थिति वैसी ही खराब है, जैसी शेयर बाजार में। कमजोर रुपये के चलते आपके शेयर बाजार को कम मूल्यांकन मिलता है। इसका उल्टा भी सच है, यानी कमजोर शेयर बाजार के चलते रुपया कमजोर हो जाता है। रुपये में अभी छोटी अवधि के नकारात्मक रुझान का मुख्य कारण चालू खाते (करेंट एकाउंट) का घाटा है। निकट भविष्य में रुपया इन्हीं स्तरों के आसपास घिसट सकता है या और भी फिसल सकता है।
बाजार अक्सर आम राय के विपरीत चलने की प्रवृति रखता है। अभी लोग भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए कोई उम्मीद नहीं रख रहे हैं। इसलिए संभव है कि बाजार सबको चौंका दे, क्योंकि काफी शेयर बड़े सस्ते भावों पर हैं। निवेशकों को यह समझना चाहिए कि अच्छी कीमतें और अच्छी खबरें एक साथ कभी नहीं मिलतीं। इसलिए बुनियादी रूप से मजबूत ऐसी अच्छी कंपनियों को चुनना शुरू करें, जिनके कारोबार में लगातार नकदी का अच्छा प्रवाह है, कारोबारी मॉडल अच्छा है और पिछला प्रदर्शन ठीक रहा है। समय बीतने के बाद आपको ये शेयर इन भावों पर नहीं मिलेंगे। ऐसे शेयर आगे चल कर आपको शानदार मुनाफा दे सकते हैं।
शेयर बाजार में नयी तेजी के लिए कोई स्पष्ट कारण नहीं है। अभी पैसा लगाने पर पैसा बनेगा, यह उम्मीद नहीं बन पा रही है।
- जितेंद्र पांडा,
सेल्स हेड - ब्रोकिंग, फ्यूचर कैपिटल सिक्योरिटीज
कीमतों में जितनी गिरावट आनी थी, वह लगभग आ चुकी है। अच्छी कीमतें और अच्छी खबरें एक साथ कभी नहीं मिलतीं। इसलिए बुनियादी रूप से मजबूत अच्छी कंपनियों को चुनना शुरू करें।
- पशुपति सुब्रमण्यम
निवेश सलाहकार
(निवेश मंथन, मई 2012)

  • सातवाँ वेतन आयोग कहीं खुशी, कहीं रोष
  • एचडीएफसी लाइफ बनेगी सबसे बड़ी निजी बीमा कंपनी
  • सेंसेक्स साल भर में होगा 33,000 पर
  • सर्वेक्षण की कार्यविधि
  • भारतीय अर्थव्यवस्था ही पहला पैमाना
  • उभरते बाजारों में भारत पहली पसंद
  • विश्व नयी आर्थिक व्यवस्था की ओर
  • मौजूदा स्तरों से ज्यादा गिरावट नहीं
  • जीएसटी पारित कराना सरकार के लिए चुनौती
  • निफ्टी 6000 तक जाने की आशंका
  • बाजार मजबूत, सेंसेक्स 33,000 की ओर
  • ब्याज दरें घटने पर तेज होगा विकास
  • आंतरिक कारक ही ला सकेंगे तेजी
  • गिरावट में करें 2-3 साल के लिए निवेश
  • ब्रेक्सिट से एफपीआई निवेश पर असर संभव
  • अस्थिरताओं के बीच सकारात्मक रुझान
  • भारतीय बाजार काफी मजबूत स्थिति में
  • बीत गया भारतीय बाजार का सबसे बुरा दौर
  • निकट भविष्य में रहेगी अस्थिरता
  • साल भर में सेंसेक्स 30,000 पर
  • निफ्टी का 12 महीने में शिखर 9,400 पर
  • ब्रेक्सिट का असर दो सालों तक पड़ेगा
  • 2016-17 में सुधार आने के स्पष्ट संकेत
  • चुनिंदा क्षेत्रों में तेजी आने की उम्मीद
  • सुधारों पर अमल से आयेगी तेजी
  • तेजी के अगले दौर की तैयारी में बाजार
  • ब्रेक्सिट से भारत बनेगा ज्यादा आकर्षक
  • सावधानी से चुनें क्षेत्र और शेयर
  • छोटी अवधि में बाजार धारणा नकारात्मक
  • निफ्टी 8400 के ऊपर जाने पर तेजी
  • ब्रेक्सिट का तत्काल कोई प्रभाव नहीं
  • निफ्टी अभी 8500-7800 के दायरे में
  • पूँजी मुड़ेगी सोना या यूएस ट्रेजरी की ओर
  • निफ्टी छू सकता है ऐतिहासिक शिखर
  • विकास दर की अच्छी संभावनाओं का लाभ
  • बेहद लंबी अवधि की तेजी का चक्र
  • मुद्रा बाजार की हलचल से चिंता
  • ब्रेक्सिट से भारत को होगा फायदा
  • निफ्टी साल भर में 9,200 के ऊपर
  • घरेलू बाजार आधारित दिग्गजों में करें निवेश
  • गिरावट पर खरीदारी की रणनीति
  • साल भर में 15% बढ़त की उम्मीद
  • भारतीय बाजार का मूल्यांकन ऊँचा
  • सेंसेक्स साल भर में 32,000 की ओर
  • भारतीय बाजार बड़ी तेजी की ओर
  • बाजार सकारात्मक, जारी रहेगा विदेशी निवेश
  • ब्रेक्सिट का परोक्ष असर होगा भारत पर
  • 3-4 साल के नजरिये से जमा करें शेयरों को
  • रुपये में कमजोरी का अल्पकालिक असर
  • साल भर में नया शिखर
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