भारत की सबसे बड़ी निजी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने एक बार फिर काफी निराश किया है। गैस उत्पादन में कमी और कमजोर रिफाइनिंग मार्जिन के चलते कंपनी ने जनवरी-मार्च 2012 की तिमाही के दौरान 4,236 करोड़ रुपये का मुनाफा हासिल किया है।
यह मुनाफा पिछले कारोबारी साल की समान तिमाही के 5,376 करोड़ रुपये से 21% कम है। ठीक पिछली तिमाही, यानी इस कारोबारी साल की तीसरी तिमाही के 4,440 करोड़ रुपये के मुकाबले यह 4.6% कम है।
कंपनी का शुद्ध कारोबार (नेट टर्नओवर) 85,182 करोड़ रुपये रहा है, जो ठीक
पिछली तिमाही के 85,135 से 0.05% ज्यादा है। कारोबारी साल 2010-11 की चौथी तिमाही के 72,674 से 17.2% ज्यादा है। कंपनी का ग्रॉस रिफाइनिंग मार्जिन 7.6 डॉलर प्रति बैरल रहा है। यह 2011-12 की तीसरी तिमाही में 6.8 डॉलर प्रति बैरल रहा था। जनवरी-मार्च 2012 में कंपनी का ईपीएस (बेसिक) घट कर 12.9 रुपये हो गया है, जबकि पिछले साल की इसी तिमाही में यह 16.4 रुपये रहा था। रिफाइनिंग कारोबार में कंपनी की तिमाही आमदनी 76,211 करोड़ रुपये रही है, जो ठीक पिछली तिमाही के 76,738 करोड़ रुपये से 7% कम है। 2010-11 की चौथी तिमाही के 62,704 करोड़ रुपये से 21.5% ज्यादा है। कंपनी के तेल-गैस खनन कारोबार की आमदनी 2,609 करोड़ रुपये रही है। इसमें तिमाही-दर-तिमाही 7.9% की गिरावट आयी है, जबकि साल-दर-साल 36.4% की कमी आयी है। पेट्रोकेमिकल कारोबार में कंपनी की आमदनी साल-दर-साल 17.7% बढ़ कर 21,412 करोड़ रुपये रही है। इसमें तिमाही-दर-तिमाही भी 8.2% बढ़ोतरी हुई है। अगर कंपनी के कारोबारी साल 2011-12 के नतीजों की बात करें, तो इस दौरान कंपनी का मुनाफा 12% घटकर 20,040 करोड़ रुपये हो गया। पिछले साल कंपनी का मुनाफा 20,286 करोड़ रुपये रहा था। कंपनी की सालाना आधार पर आमदनी 33% बढ़कर 3,29,904 करोड़ हो गयी। इस दौरान कंपनी का ईपीएस (बेसिक) घट कर 61.2 रुपये हो गया है, जबकि पिछले साल में यह 62.0 रुपये रहा था। कारोबारी साल 2011-12 के दौरान कंपनी के केजी डी 6 ब्लॉक से 551.31 अरब घन फुट गैस का उत्पादन हुआ, जो इससे पिछले कारोबारी साल की तुलना में 23.5% कम है। कच्चे तेल के उत्पादन में भी 37.9% की कमी आयी। कंपनी ने बताया कि ब्लॉक में कुछ समस्या और उत्पादन क्षेत्र में पानी घुसने के चलते उत्पादन प्रभावित हुआ। कंपनी के मुताबिक ब्रिटेन की कंपनी बीपी और उसकी तकनीकी टीम एक योजना पर काम कर रही है, जिससे उत्पादन में इजाफा हो सकता है। हालाँकि इसके लिए सरकार की अनुमति जरूरी है। कंपनी ने कहा कि देश में 4जी सेवाएँ शुरू करने की दिशा में वह काम कर रही है। कंपनी की सहायक इकाई इन्फोटेल ब्रॉडबैंड के पास देश के 22 सर्किलों में बीडब्लूए स्पेक्ट्रम उपलब्ध हैं। कंपनी ने 10 रुपये अंकित मूल्य वाले शेयरों पर 8.50 रुपये का लाभांश का ऐलान किया है। ब्रोकिंग एमके शेयर का कहना है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज के आँकड़े उसकी अपेक्षा से ऊपर रहे हैं। ब्रोकिंग फर्म में कंपनी के शेयर पर होल्ड यानी रखें की रेटिंग कायम रखी है। इसका लक्ष्य भाव 835 रुपये दिया है।
लागत बढऩे से घटा हिंडाल्को का मुनाफा
लागत में बढ़ोतरी और ज्यादा कर ने धातु क्षेत्र की दिग्गज कंपनी हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड के मुनाफे पर दबाब बनाया है। जनवरी-मार्च 2011 तिमाही में कंपनी के मुनाफे में 9.6% कमी आयी है।
इस दौरान कंपनी का मुनाफा 708 करोड़ रुपये से घटकर 640 करोड़ रुपये हो गया। हालाँकि कंपनी की कुल आमदनी में बढ़ोतरी हुई है। कंपनी की कुल आय 6,968 करोड़ रुपये से बढ़कर 7,807 करोड़ रुपये हो गयी। इस दौरान कंपनी का बेसिक ईपीएस 3.34 रुपये रहा है। जनवरी-मार्च 2011 तिमाही में कंपनी के तांबा कारोबार के मुनाफे में 42% की बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान तांबा कारोबार का मुनाफा 206 करोड़ रुपये से बढ़ कर 293 करोड़ रुपये हो गया। लेकिन एल्युमिनियम कारोबार का मुनाफा 562 करोड़ रुपये से घट कर 484 करोड़ रुपये हो गया। अगर कारोबारी साल 2011-12 के नतीजों की बात करें, तो कंपनी को इस कारोबारी साल में 2,237 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ, जबकि कारोबारी साल 2010-11 में कंपनी का मुनाफा 2,137 करोड़ रुपये था। इस कारोबारी साल में कंपनी की कुल आमदनी 27,212 करोड़ रुपये रही, जबकि पिछले साल में समान अवधि में यह 24,207 करोड़ रुपये थी। ब्रोकिंग फर्म एमके शेयर का कहना है कि कंपनी के नतीजें उसकी उम्मीदों से अच्छे रहे हैं। ब्रोकिंग फर्म ने कंपनी के शेयर को होल्ड यानी रखने की सलाह दी है। इसका लक्ष्य भाव 154 रुपये दिया है।
टीसीएस : नतीजे अनुमान के मुताबिक
आईटी क्षेत्र में देश की सबसे बड़ी कंपनी टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज के कारोबारी साल 2011-12 की चौथी तिमाही के नतीजे बाजार के अनुमान के मुताबिक रहे हैं। तिमाही-दर-तिमाही आधार पर कंपनी का कंसोलिडेटेड मुनाफा 2,803 करोड़ रुपये से 3.3% बढ़कर 2,895 करोड़ रुपये हो गया। सालाना आधार पर भी कंपनी ने मुनाफे में 10.4% की बढ़ोतरी दिखायी है। टीसीएस की तिमाही आधार पर आमदनी 0.41% बढ़कर 13,259 करोड़ रुपये हो गयी। सालाना आधार पर आमदनी 30.5% बढ़ी है। जनवरी-मार्च 2012 में टीसीएस का ईपीएस (बेसिक) बढ़ कर 14.70 रुपये हो गया है, जबकि पिछले साल की इसी तिमाही में यह 13.41 रुपये रहा था।
जनवरी-मार्च 2012 की तिमाही के दौरान कंपनी ने 11,832 कर्मचारी जोड़े। इसके चलते कंपनी के कर्मचारियों की कुल संख्या बढ़कर 2.38 लाख पर पहुँच गयी है।
कंपनी के सीईओ और प्रबंध निदेशक एन. चंद्रशेखरन ने कहा है कि हमनें अपनी मजबूत चाल कारोबारी साल 2011-12 की चौथी तिमाही के दौरान भी बनायी रखी। उन्होंने कहा कि कंपनी ने अपना ध्यान लाभप्रदता और मार्केट लीडरशिप की अपनी पोजिशन को कंसोलिडेट करने पर रखा। उनके मुताबिक कंपनी का सेवाओं का व्यापक पोर्टफोलियो सभी बाजारों में बढ़त ले रहा है। इसी के भरोसे कंपनी सभी इंडस्ट्री व बाजारों में संतुलित ग्रोथ हासिल करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
उन्होंने कहा कि कंपनी को कारोबारी साल 2012-13 के दौरान नयी डील बढऩे के चलते अच्छी ग्रोथ की उम्मीद है। कंपनी के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर एंड एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर एस. महालिंगम ने कहा कि बीते 12 महीनों के दौरान बाजार के उतार-चढ़ाव के बावजूद हमनें 2011-12 में बहुत अच्छी ग्रोथ की। ऐसे में हम अपने परिचालन के स्तर पर लागत का ध्यान रखने हुए क्षमता बढ़ाने में निवेश करते रहेंगे। ब्रोकिंग फर्म प्रभुदास लीलाधर का कहना है कि टीसीएस के नतीजे उसकी अपेक्षा अनुसार रहे हैं ब्रोकिंग फर्म ने कंपनी के शेयर को खरीदने की सलाह दी है। इसका लक्ष्य भाव 1,230 रुपये दिया है।
इन्फोसिस : ठंडे अनुमान
साल 2011-12 की चौथी तिमाही में इन्फोसिस के कारोबारी नतीजे उम्मीद से कुछ हल्के रहे, जबकि अगली तिमाही और अगले कारोबारी साल के बारे में कंपनी के अनुमानों ने बाजार को डरा दिया है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2012-13 में अपनी आमदनी 755.3-769.2 करोड़ डॉलर के बीच रहने का अनुमान जताया है। इस तरह कंपनी ने अगले कारोबारी साल के लिए डॉलर आय में सालाना 8-10% बढ़ोतरी का अनुमान रखा है। कंपनी ने अपने एडीआर के लिए ईपीएस का सालाना अनुमान 3.12-3.17 डॉलर का रखा है, जो पिछले साल से 4.0-5.7% की बढ़त दिखाता है।
अगर रुपये के लिहाज से कंपनी के अनुमानों पर नजर डालें तो सालाना आय 2012-13 में 38,431-39,136 करोड़ के बीच रहने की संभावना जतायी गयी है। इस तरह सालाना आय में 13.9-16% बढ़त की उम्मीद है। रुपये के लिहाज से भी कंपनी अपनी ईपीएस अगली तिमाही में काफी घटने की संभावना जता रही है। कॉर्वी स्टॉक ब्रोकिंग ने इन्फोसिस के नतीजों और अनुमानों को निराश करने वाला बताया है। ब्रोकिंग फर्म ने इसकी रेटिंग खरीद से घटा कर होल्ड यानी रखें कर दी है। इसका लक्ष्य भाव 2,550 रुपये रखा है।
विप्रो : भविष्य को लेकर चिंता
आईटी क्षेत्र की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी विप्रो कारोबारी साल 2011-12 के दौरान तो अपने अनुमान के मुताबिक
प्रदर्शन करने में कामयाब रही है। लेकिन भविष्य और खास तौर पर चालू तिमाही को लेकर कंपनी की तरफ से कमजोर आकलन पेश किया गया है। विप्रो का कहना है कि अप्रैल-जून 2012 यानी 2012-13 की पहली तिमाही में कंपनी को आईटी सेवा कारोबार से 152-155 करोड़ डॉलर की आय होने की उम्मीद है। जो कि जनवरी-मार्च 2012 की तिमाही की तुलना में महज 0.6% ज्यादा है। कारोबारी साल 2011-12 की चौथी तिमाही के दौरान कंपनी ने 41 नये ग्राहक जोड़े। कंपनी के चेयरमैन अजीम प्रेमजी ने कहा कि ग्लोबल स्तर पर कॉर्पोरेट्स अपनी आय एवं उत्पादकता बढ़ाने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बढ़ा रहे हैं। हमारी रणनीति इस काम में बेहतर वैल्यू के साथ अपने ग्राहकों की मदद करने की है। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज का कहना है कि विप्रो के नतीजे उसकी अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरे हैं। ब्रोकिंग फर्म ने कंपनी के शेयर पर होल्ड यानी रखें की रेटिंग कायम रखी है। हालाँकि इसका लक्ष्य भाव बढ़ाकर 410 रुपये कर दिया है।
भारती एयरटेल को फिर लगा झटका
देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल लिमिटेड को एक बार फिर झटका लगा है। कंपनी का मुनाफा लगातार नौवीं तिमाही में घटा है।
कंपनी का तिमाही कंसोलिडेटेड मुनाफा (आईएफआरएस) घट कर 1006 करोड़ रुपये पर आ गया। साल भर पहले जनवरी-मार्च 2011 में इसका तिमाही मुनाफा 1401 करोड़ रुपये था, यानी सीधे 28.2% की कमी। ठीक पिछली तिमाही यानी अक्टूबर-दिसंबर 2011 में कंपनी ने 1011 करोड़ रुपये का मुनाफा दिखाया था।
कंपनी की कुल आमदनी पिछली तिमाही के 18,477 करोड़ रुपये की तुलना में 18,7३9 करोड़ रुपये रही, यानी साल-दर-साल 15% और तिमाही-दर-तिमाही केवल 1.४% की बढ़त। मगर कामकाजी मुनाफा (एबिटा) पिछली तिमाही के 5958 करोड़ रुपये से बढ़ कर 6233 करोड़ रुपये रहा, 4.4% की बढ़त के साथ। सालाना हिसाब से एबिटा में 14% बढ़त रही। एबिटा मार्जिन यानी एबिटा आय और कुल आमदनी का अनुपात पिछली तिमाही के 32.2% से सुधर कर इस बार 33.3% रहा।
कंपनी ने 3जी लाइसेंस के लिए जो भारी-भरकम शुल्क चुका रखा है, उसे हर तिमाही में एमॉर्टाइज किया जाना है। इस बार 106 करोड़ रुपये उस मद में गये। साथ ही 3जी लाइसेंस के लिए कंपनी ने जो कर्ज लिये, उन पर ब्याज के मद में 84 करोड़ रुपये गये। विदेशी मुद्रा के उतार-चढ़ाव से कंपनी को 132 करोड़ रुपये की चपत लगी और कर प्रावधानों में भी 198 करोड़ रुपये निकल गये।
कंपनी का अफ्रीकी कारोबार लगातार सुधार के संकेत दे रहा है। अफ्रीका में मोबाइल सेवाओं से कंपनी की आमदनी पिछली तिमाही के 50,949 करोड़ रुपये से बढ़ कर 53,140 करोड़ रुपये हो गयी, यानी तिमाही-दर-तिमाही 4.1% की बढ़त रही। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में अफ्रीकी कारोबार का एबिटा मार्जिन 26.8% था, जो इस बार 27.8% रहा। हालाँकि अफ्रीकी कारोबार अब भी घाटे में है और इसमें एबिटा आय कम होने के साथ-साथ घाटा बढ़ा है।
ब्रोकिंग फर्म इंडिया इन्फोलाइन का कहना है कि भारती एयरटेल के नतीजे उसकी अपेक्षा के अनुसार रहे हैं। ब्रोकिंग फर्म ने कंपनी के शेयर को खरीदने की सलाह दी है। इसका लक्ष्य भाव 409 रुपये का दिया है।
आईसीआईसीआई बैंक : ब्याज आय बढऩे से सुधरा प्रदर्शन
आईसीआईसीआई बैंक ने अच्छे नतीजे पेश किये हैं। कारोबारी साल 2011-12 की चौथी तिमाही में बैंक का कंसोलिडेटेड मुनाफा 15.4% बढ़कर 1,810 करोड़ रुपये हो गया। बैंक का यह मुनाफा पिछले साल की ठीक इसी तिमाही में मुनाफा 1,568 करोड़ रुपये रहा था। जनवरी-मार्च तिमाही 2012 में बैंक की शुद्ध ब्याज आय में भी वृद्धि हुई है।
बैंक की शुद्ध ब्याज आय जनवरी-मार्च 2011 के 8,191 करोड़ रुपये से बढ़ कर इस तिमाही में 10,323 करोड़ रुपये हो गयी है। बैंक की आमदनी जनवरी-मार्च 2011 के 18,179 करोड़ रुपये से बढ़ कर इस तिमाही में 19,300 करोड़ रुपये हो गयी है। बैंक का शुद्ध ब्याज मार्जिन भी इस दौरान बढ़कर 3.01% पर पहुँच गया है, जो कारोबारी साल 2010-11 की चौथी तिमाही में 2.74% था। जनवरी-मार्च 2012 में बैंक का ईपीएस (बेसिक) बढ़ कर 1५.७१ रुपये हो गया है, जबकि पिछले साल की इसी तिमाही में यह 1३.६१ रुपये रहा था।
अगर बैंक के सालाना नतीजों की बात करें, तो बैंक को कारोबारी साल 2011-12 में कंसोलिडेटेड मुनाफा 7,643 करोड़ रुपये हुआ है। बैंक का यह मुनाफा पिछले कारोबारी साल 2010-11 में मुनाफा 6,093 करोड़ रुपये रहा था। इस कारोबारी साल में बैंक की कुल आमदनी में भी बढ़ोतरी हुई है। बैंक की कुल आमदनी कारोबारी साल 2010-11 के 61,595 करोड़ रुपये से बढ़ कर इस साल में 66,658 करोड़ रुपये हो गयी है। कारोबारी साल 2011-12 में बैंक का ईपीएस (बेसिक) बढ़ कर 66.33 रुपये हो गया है, जबकि पिछले साल में यह 53.54 रुपये रहा था। कारोबारी साल 2011-12 के लिए बैंक 16.50 रुपये का लाभांश प्रति शेयर देगा। बैंक का कहना है कि ब्याज एवं गैर ब्याज आय दोनों में खासी बढ़ोतरी होने से ही अच्छा प्रदर्शन संभव हो पाया है।
बैंक की प्रबंध निदेशक एवं सीईओ चंदा कोचर ने कहा है कि पिछले कारोबारी साल के दौरान हमने अपने कारोबार में अच्छी वृद्घि हासिल की। हमने मुनाफा वृद्घि और जोखिम प्रबंधन की रणनीति अपनायी। मुख्य रूप से सहायक इकाइयों से हासिल होने वाले लाभांश की वजह से हमारी अन्य आय में भी तगड़ी बढ़ोतरी हुई है। यह ऐसा साल रहा जब हमारी सहायक इकाइयों ने मुनाफा कमाना शुरू किया और मूल बैंक को अच्छा लाभांश दिया।
एंजेल ब्रोकिंग का आईसीआईसीआई बैंक के प्रति नजरिया सकारात्मक है। ब्रोकिंग फर्म ने इन नतीजों के बाद कंपनी के शेयर में खरीद सलाह कायम रखी है। इसका लक्ष्य भाव 1,183 रुपये रखा है।
हीरो मोटोकॉर्प : अच्छी बिक्री से बढ़ा मुनाफा
वाहनों की अच्छी बिक्री की वजह से दोपहिया क्षेत्र की दिग्गज कंपनी हीरो मोटोकॉर्प के मुनाफे में इजाफा हुआ है। कंपनी का मुनाफा बढऩे के साथ ही अपने वाहनों के दाम 500 रुपये 1,000 रुपये तक बढ़ा दिये हैं। कंपनी ने बढ़ती लागत को इसकी मुख्य वजह बताया है। कारोबारी साल 2011-12 की चौथी तिमाही में कंपनी के मुनाफे में 20.3% की बढ़ोतरी हुई है। कंपनी का मुनाफा 502 करोड़ रुपये से बढ़कर 604 करोड़ रुपये हो गया। इस दौरान कंपनी की कुल आय भी बढ़ी है। कंपनी की कुल आय 5471 करोड़ रुपये से बढ़कर 6140 करोड़ रुपये हो गयी। कंपनी ने जनवरी-मार्च 2012 तिमाही में 15.72 लाख गाड़ियाँ बेची। अगर कारोबारी साल 2011-12 के नतीजों की बात करें, तो मार्च 2012 को खत्म हुए कारोबारी साल में कंपनी को 2378 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है, जबकि पिछले कारोबारी साल में कंपनी का मुनाफा 1928 करोड़ रुपये था। इस दौरान कंपनी की कुल आमदनी 23,944 करोड़ रुपये रही, जो 2010-11 की इस अवधि में 19,688 करोड़ रुपये रही थी। कंपनी ने कारोबारी साल 2011-12 में कुल 62.35 लाख वाहन बेचे।
कंपनी के प्रबंध निदेशक और सीईओ पवन मुंजाल ने कहा कि कंपनी अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और कई अन्य देशों में अपना बाजार बनाने की दिशा में काम कर रही है। ब्रोकिंग फर्म कोटक सिक्योरिटीज का कहना है कि कंपनी के नतीजें उसके उम्मीदों के अनुसार रहे हैं। ब्रोकिंग फर्म ने कंपनी के शेयर को कम करने की सलाह को कायम रखा है। इसका लक्ष्य भाव 1900 रुपये दिया है।
एचडीएफसी के नतीजे
उम्मीदों से अच्छे
हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्पोरेशन ने उम्मीद से अच्छे नतीजे पेश किए हैं। कंपनी के तिमाही मुनाफे में साल-दर-साल 16% की बढ़ोतरी दर्ज की गयी है। 31 मार्च 2012 को खत्म तिमाही में इसका मुनाफा 1326 करोड़ रुपये रहा है, जबकि पिछले साल की ठीक इसी तिमाही में इसका मुनाफा 1142 करोड़ रुपये रहा था। इस दौरान एचडीएफसी की कुल आमदनी में बढ़ोतरी हुई है और यह पिछले साल की जनवरी-मार्च तिमाही के 3,785 करोड़ से बढ़ कर 4,891 करोड़ रुपये हो गया है। जनवरी-मार्च 2012 में कंपनी का ईपीएस (बेसिक) बढ़कर 8.97 रुपये हो गया है, जबकि पिछले साल की इसी तिमाही में यह 7.76 रुपये रहा था। कंपनी की तिमाही शुद्ध ब्याज आय 29% बढ़कर 1681 करोड़ हो गयी है। पिछले साल की समान तिमाही में एनआईआई 1302 करोड़़ रुपये की थी। कंपनी को कारोबारी साल 2011-12 में कंसोलिडेटेड मुनाफा 5,462 करोड़ रुपये हुआ है। पिछले साल में कंपनी का मुनाफा 4,528 करोड़ रुपये रहा था। कंपनी ने प्रति शेयर 11 रुपये लाभांश का ऐलान किया है। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज का कहना है कि कंपनी के नतीजें उसके अनुमान से कहीं ज्यादा हैं। ब्रोंकिंग फर्म कंपनी के शेयर को होल्ड यानी रखने की सलाह दी है। इसका लक्ष्य भाव 719 रुपये दिया है।
बिक्री से उछला रैनबैक्सी
लेबोरेटरीज का मुनाफा
अमेरिकी बाजार में हुई बिक्री का अच्छा असर रैनबैक्सी लेबोरेटरीज लिमिटेड के नतीजों पर दिखायी दिया है। जनवरी-मार्च 2012 तिमाही में कंपनी के कंसोलिडेटेड मुनाफे में 310% की बढ़ोतरी हुई है। इस तिमाही में कंपनी का मुनाफा 1247 करोड़ रुपये रहा है। इससे पिछले साल की इसी अवधि में कंपनी को 304 करोड़ का मुनाफा हुआ था। कंपनी की शुद्ध बिक्री में भी इजाफा हुआ है। जनवरी-मार्च 2012 में कंपनी की बिक्री 3,695 करोड़ रुपये रही। पिछले साल की समान अवधि में यह 2,141 करोड़ रुपये रही थी। कंपनी की कुल आमदनी में भी इजाफा हुआ है। जनवरी-मार्च 2012 में कंपनी की कुल आय 3,923 करोड़ रही। पिछले साल की समान अवधि में यह 2,283 करोड़ रुपये रही थी। जेनरिक लिपिटॉर की बिक्री में भारी बढ़ोतरी के दम पर अमेरिकी बाजार में कंपनी की बिक्री शानदार रही। इसके चलते कंपनी का विदेशी मुद्रा लाभ 345 करोड़ रुपये रहा। कंपनी के सीईओ और प्रबंध निदेशक अरुण शहाणे ने कहा है कि गुणवत्ता बढ़ाने और मानकों पर जोर देने के साथ ही प्रमुख उत्पादों व बाजारों पर ध्यान केंद्रित करने से तिमाही के दौरान रैनबैक्सी के नतीजों पर सकारात्मक असर देखने को मिला। ब्रोकिंग फर्म कॉर्वी ने इन नतीजों के बाद कंपनी के शेयर में होल्ड यानी रखने की सलाह दी है। इसका लक्ष्य भाव 528 रुपये दिया है।
(निवेश मंथन, मई 2012)