नवनीत पब्लिकेशंस अब किताबों और स्टेशनरी के क्षेत्र में एक स्थापित नाम बन चुकी है। आगे चल कर इसके कारोबार में और अच्छी बढ़त दिखसकती है। इसके दो कारण हैं। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि एक तो अगले दो सालों में पाठ्यक्रमों में होने वाले बदलाव की वजह से इसकी बिक्री बढ़ेगी, साथही ई-लर्निंग के कारोबार में भी इस कंपनी की दखल बढ़ रही है।
महाराष्ट्र और गुजरात के बाजार में इस कंपनी की अच्छी पैठ है। इन दोनों राज्यों में पाठ्यक्रम बदलने वाले हैं।
के-12 श्रेणी की शिक्षा का भारतीय बाजार 20 अरब डॉलर का आँका गया है, जो 2013-14 तक बढ़ कर 39 अरब डॉलर का हो जाने का अनुमान है।नवनीत पब्लिकेशंस को बाजार के इस फैलाव का भी अच्छा फायदा मिलेगा। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज का अनुमान है कि नवनीत का कारोबार 2010-11 से 2012-13 के बीच सालाना औसतन 13.4% बढ़ेगा।इस दौरान कंपनी का मुनाफा 24.3% के सालाना औसत से बढऩे का अनुमान है।
साथ ही, बीते सालों के दौरान नवनीत का एबिटा मार्जिन 20% के ऊपर चलता रहा है।आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के अनुमान के मुताबिक 2012-13 में इसका एबिटा मार्जिन 2.70% अंक के सुधार के साथ 23.4% होगा। इसने 2012-13 में 4.3 रुपये की अनुमानित प्रति शेयर आय (ईपीएस)पर 15 पीई अनुपात के आधार पर इसका लक्ष्य भाव 65 रुपये माना है। नवंबर 2011 के अंतिम हफ्ते में 58 रुपये के भाव से करीब 12% बढ़त की गुंजाइश के आधार पर इसने नवनीत का शेयर खरीदने की सलाह दी है।
अक्टूबर 2008 में यह शेयर 14 रुपये के भाव पर था, जहाँ से यह दिसंबर 2010 तक बढ़ कर 76 रुपये का हो गया था। बाजार में आयी गिरावट के साथयह भी फिसला है। लेकिन इसने 14-76 तक की उछाल की 38.2% वापसी के स्तर 52 रुपये के ऊपर अच्छा सहारा लिया है। इस साल फरवरी में भी यह लगभग इसी स्तर पर सहारा लेकर पलटा था। अगर आने वाले दिनों में यह 52 रुपये के स्तर को बचाये रखने में कामयाब रहे तो इस स्तर पर एक अच्छा आधार बन जायेगा। वैसी हालत में छोटी अवधि के निवेशकों को भी इसमें खरीदारी से एक फायदा मिल सकता है।लंबी अवधि के निवेशक इसे पोर्टफोलिओ में जगह दे सकते हैं। लेकिन अगर यह 52 रुपये के नीचे फिसलता दिखे तो सावधान हो जायें और गिरावट थमने का इंतजार करें।
(निवेश मंथन, दिसंबर 2011)