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- Category: जुलाई 2011
महेश गुप्ता,चार्टर्ड एकाउंटेंट
पूँजीगत लाभ पर कर देनदारी बचाने का एक खास तरीका बता रहे हैं चार्टर्ड एकाउंटेंट महेश गुप्ता।
जब भी आप कोई संपत्ति, जैसे जमीन-जायदाद, सोना-चांदी, पेंटिंग जैसी कला-सामग्री वगैरह बेचते हैं, तो उस पर आपको पूँजीगत लाभ का कर (कैपिटल गेन टैक्स) चुकाना पड़ सकता है। इसी तरह से शेयरों पर 1 साल से कम अवधि में फायदा होने पर छोटी अवधि का पूँजीगत लाभ कर (शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स) देना पड़ता है। लेकिन ऐसे पूँजीगत लाभ की देनदारी से बचा जा सकता है। पर हाँ, उसके लिए आपको शेयर बाजार का सहारा लेना होगा, और यह ध्यान रहे कि शेयर बाजार में किसी भी निवेश पर एक जोखिम तो रहता ही है।
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- Category: जुलाई 2011
गोविंद श्रीखंडे
आपके कंसोलिडेटेड तिमाही नतीजों में आमदनी काफी बढ़ी है, लेकिन मुनाफे पर दबाव दिखा है। ऐसा किस वजह से हुआ?
—आपको हमारे नतीजे दो हिस्सों में देखने चाहिए - एक तो शॉपर्स स्टॉप के स्टैंडअलोन नतीजे जिनसे शॉपर्स स्टॉप के डिपार्टमेंट स्टोर का प्रदर्शन पता चलता है, और दूसरे हमारे कंसोलिडेटेड नतीजे जिनमें हाइपर सिटी के आँकड़े पहली बार जुडऩे का असर दिखता है। पिछले साल की पहली तिमाही तक हाइपर सिटी के आँकड़े हमारे नतीजों में नहीं जुड़े थे। दूसरी तिमाही से हाइपर सिटी के आँकड़े भी जुडऩे लगे, जिससे कंसोलिडेटेड नतीजों में कुल आमदनी में उछाल दिखती है। लेकिन हाइपर सिटी अभी घाटे में ही चल रही है, इसलिए कंसोलिडेटेड मुनाफे पर उसका असर तिमाही और सालाना दोनों नतीजों में दिखा है।
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- Category: जुलाई 2011
सुनील मिंगलानी, तकनीकी विश्लेषक
पैसे की पाठशाला
अक्सर लोग शेयर बाजार से डरते हैं, लेकिन वास्तव में हर वह काम खतरनाक है जिसे आपको करना नहीं आता। अगर आपने कार चलाना नहीं सीखा और कार चलाने लगे तो क्या होगा? जब आप किसी भी ऐसे कारोबार में पैसा लगाते हैं, जिसकी आपको अच्छी जानकारी नहीं है, तो आप अपनी सारी पूँजी गँवा सकते हैं।
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- Category: जुलाई 2011
इंटरनेट पर सर्वेक्षण कराने वाली कंपनी स्पीक एशिया ऑनलाइन प्राइवेट लिमिटेड के लुभावने कारोबार का हिसाब दिमाग घुमा देने वाला है। खुद कंपनी के बयानों के मुताबिक इसके भारत में 19 लाख सदस्य (पैनलिस्ट) हैं। इसके कामकाज को समझ कर यही पता चलता है कि तकरीबन हर सदस्य ने इस कंपनी को 5,500 रुपये का छमाही या 11,000 रुपये का सालाना शुल्क दिया होगा। अगर सीधा हिसाब लगायें तो कंपनी ने इस तरह भारत में अपने सदस्यों से करीब 2,000 करोड़ रुपये तक की रकम पा ली है। अगर निवेश मंथन का यह अनुमान सच के करीब नहीं है तो क्या स्पीक एशिया बतायेगी कि उसे और उसके साथ जुड़ी अन्य कंपनियों को इन 19 लाख सदस्यों से ई-जीन का ग्राहक बनने, परीक्षा देने या किसी भी और नाम पर कुल कितनी रकम मिली है?
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- Category: जुलाई 2011
आपको भी क्या ऐसा ही कोई ईमेल मिला है - शानदार नौकरी के लिए प्रस्ताव मारुति सुजुकी या ऐसी ही किसी दिग्गज कंपनी की तरफ से? बिना कोई आवेदन किये, एकदम अचानक? आप सोचने लगे हों कि अरे, शायद सोयी किस्मत जाग गयी!
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- Category: जुलाई 2011
गिरीश बत्रा़, नेटऐंबिट के सीएमडी
आज भले ही आप मोबाइल पर बीमा या क्रेडिट कार्ड की कॉल से परेशान होते हों, लेकिन 8-10 साल पहले फोन पर वित्तीय सेवाएँ बेचने की बात सोचना मुश्किल था। गिरीश बत्रा ने सीधी बिक्री के परंपरागत मॉडल को बदल कर नयी राह चुनी, जिससे उनकी कंपनी आज 4000 लोगों की कंपनी बन चुकी है। नेटऐंबिट के सीएमडी गिरीश बत्रा से एक खास बातचीत...
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- Category: जुलाई 2011
सुशांत
छोटे और मँझोले उद्योग भारतीय उद्योग की रीढ़ माने जाते हैं। देश के कुल निर्यात में 40% योगदान इसी क्षेत्र का है। एक अनुमान के मुताबिक छोटे और मँझोले उद्योग 3 करोड़ से ज्यादा लोगों को रोजगार देते हैं। लेकिन इस क्षेत्र में ज्यादातर उद्योग असंगठित हैं और इससे इन्हें कई दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता है।
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- Category: जुलाई 2011
शिवानी भास्कर
म्यूचुअल फंड
शेयर बाज़ार में निवेश के संबंध में दो एकदम विरोधाभासी बातें प्रचलित हैं। पहली बात यह कि यहाँ सही समय में अपने निवेश का चुनाव सबसे महत्वपूर्ण है। दूसरी बात यह कि शेयर बाजार में बिल्कुल सही समय कभी नहीं पकड़ा जा सकता, यानी शेयर बाजार को तेजी और मंदी के हर चक्र के बिल्कुल निचले हिस्से में पकडऩा और ऊपरी हिस्से में छोडऩा नामुमकिन है। चाहे दुनिया के सबसे सफल निवेशक वारेन बफेट हों या भारत के सबसे मशहूर निवेशक राकेश झुनझुनवाला, सबने अनगिनत बार यही बात कही है।
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