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अब फर्नीचर साइट अर्बन लैडर में रतन टाटा का निवेश

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Category: दिसंबर 2014

ई-कॉमर्स वेबसाइट स्नैपडील और आभूषणों की ऑनलाइन विक्रेता ब्लूस्टोन में निवेश करने के बाद अब रतन टाटा ने फर्नीचर उत्पादों की ऑनलाइन कॉमर्स कंपनी अर्बन लैडर में निवेश करने का निर्णय लिया है।

बेंगलूरु स्थित अर्बन लैडर को आशीष गोयल और राजीव श्रीवत्स जुलाई 2012 में शुरू किया था। यह वेबसाइट इस समय 25 श्रेणियों में लगभग 1,000 फर्नीचर उत्पाद बेचती है। इसका लक्ष्य अगले डेढ़ साल में भारत में फर्नीचर का सबसे बड़ा विक्रेता बनना है। फर्नीचर कारोबार को विशेषज्ञ एक आकर्षन निवेश मानते हैं, क्योकि इसमें मार्जिन काफी होता है। ऑनलाइन खुदरा बिक्री के क्षेत्र में टाटा संस के चेयरमैन एमेरिटस रतन टाटा काफी दिलचस्पी ले रहे हैं। यह इस बात से ही जाहिर है कि इस क्षेत्र में व्यक्तिगत रूप से उन्होंने अर्बन लैडर में अपना तीसरा निवेश किया है।
अर्बन लैडर ने इससे पहले वेंचर कैपिटल फंडों से पूँजी जुटायी है। इस साल जुलाई में कंपनी ने स्टीडव्यू कैपिटल, सैफ पार्टनर्स और कलारी कैपिटल से 2.1 करोड़ डॉलर की पूँजी हासिल की थी। लेकिन रतन टाटा का नाम अर्बन लैडर के साथ जुडऩा कंपनी के लिए अपने-आप में काफी अहमियत रखता है।
अर्बन लैडर ने ऑनलाइन खुदरा कारोबार में खुद को स्थापित करने के लिए तकनीक पर खास जोर दिया है और वह ऑग्मेंटेड रियलिटी का सहारा ले रही है। अपने कई फर्नीचरों में उसने सेंसर तकनीक का इस्तेमाल किया है। यहाँ तक कि अपने भंडार (वेयरहाउस) में चीजों को सँभालने के लिए उसने ड्रोन और रोबोट तकनीक का भी उपयोग किया है।
फिनैकल निर्माता ने शुरू की अपनी कंपनी फिनयुनो
दिग्गज आईटी कंपनी इन्फोसिस के मशहूर कोर बैंकिंग सॉल्यूशन फिनैकल का निर्माता कहे जाने वाले मैंगीपुडी हरगोपाल ने इंफोसिस छोडऩे के बाद अपनी कंपनी फिनयुनो खोली है। यह अमेरिका स्थित स्टार्टअप है, जिसे अब वे भारत में पंजीकृत कराना चाहते हैं।
एम हरगोपाल फिनयुनो के लिए एग्जिक्यूटिव टीम तैयार करने के साथ फंड जुटाने की भी तैयारी कर रहे हैं। यह टीम वित्तीय सेवा संस्थाओं के लिए वर्चुअल रिलेशनशिप मैनेजर (वीआरएम) का काम करेगी। एम हरगोपाल का कहना है कि उनकी कंपनी उच्च गुणवत्ता वाले बैंकिंग समाधान देगी। यह काम मशीन लर्निंग, नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग और बिग डेटा एनालिटिक्स के साथ नवीन तकनीक के जरिये किया जायेगा।
हरगोपाल अपनी कंपनी के लिए सीड मनी यानी जरूरी शुरुआती पूँजी के लिए वेंचर कैपिटल फर्मों से भी बात कर रहे हैं। हालाँकि अभी हरगोपाल ने यह साफ नहीं किया है कि उनकी कंपनी कितना फंड जुटाना चाहती है।
हरगोपाल ने इन्फोसिस में 20 साल तक अपनी सेवाएँ देने के बाद पिछले महीने अपना नाता तोड़ लिया। उन्होंने अपनी इस सेवा के दौरान इन्फोसिस के कोर बैकिंग सोल्यूशन फिनैकल को दुनिया भर में मशहूर किया। नौकरी छोडऩे से पहले वे इन्फोसिस के ग्लोबल हेड की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
अली बाबा बढ़ायेगी भारत में निवेश
चीन के सबसे धनी व्यक्ति और ई-कॉमर्स अलीबाबा के फाउंडर जैक मा की निगाहें अब भारत पर हैं। वे अब भारत के साथ अपनी कारोबारी गतिविधियां बढ़ाना चाहते हैं। हाल ही में जैक मा फिक्की के कार्यक्रम में भारत आए थे। उन्होंने भारत में और अधिक निवेश करने और भारतीय प्रतिभाओं को अपने साथ जोडऩे का वादा किया। इसके अलावा उन्होंने भारत में छोटे कारोबारियों को प्रोत्साहित करने की बात भी कही। अध्यापन छोड़कर 1999 में ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा की शुरुआत करने वाले जैक मा ने अमेरिका में आईपीओ के जरिए रिकार्ड 25 अरब डॉलर जुटाए।
जैक मा ने कहा कि भारत में हमारी एक टीम काम कर रही है। हम यहां और अधिक लोगों को जोडऩा चाहते हैं। फिक्की के कार्यक्रम में जैक मा भारतीय कारोबारियों को संबोधित कर रहे थे। जैकमा से पूछा गया था कि यदि वे भारत में निवेश करेंगे तो यहां के ई-कॉमर्स सेक्टर में उछाल आएगा। इसके बाद जैक मा का जवाब था कि वे निश्चित भारत में निवेश करेंगे। जैक मा के इस जवाब से कई लोग हैरान भी दिखे।
जैक मा ने कहा कि भारतीय मसाले, चॉकलेट और चाय ऐसे तीन प्रमुख उत्पाद हैं जिनकी बड़ी मांग है। यहां की सप्लाई भी बेहतर है। भारत के पास इसके अलावा कई और ऐसे उत्पाद हैं जो वह निर्यात कर सकता है। चीन के बाद भारत में ही अलीबाबा के सबसे ज्यादा यूजर्स हैं।
हम पारदर्शिता के लिए अपनी तकनीकी को बेहतर कर रहे हैं। यह प्लेटफॉर्म भारत में छोटे कारोबारियों को मदद करेगा। अलीबाबा के जरिए भारत के उत्पादों को 4 लाख चीनी खरीदार सकते हैँ। उन्होंने कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी प्रभावित हैं। जैक मा ने नरेंद्र मोदी के काम की सराहना भी की।
न्यूजकॉर्प ने ली प्रॉपटाइगर में हिस्सेदारी
वैश्विक मीडिया कंपनी न्‍यूजकॉर्प ने सिंगापुर की इलारा टेक्‍नोलॉजीज लिमिटेड में 25% हिस्‍सेदारी का अधिग्रहण 3 करोड़ डॉलर (185 करोड़ रुपये) में किया है। यह डिजिटल रियल एस्‍टेट मार्केटिंग प्‍लेटफॉर्म प्रॉपटाइगर डॉट कॉम की पैरेंट कंपनी है। सितंबर में खबर आयी थी कि प्रॉपटाइगर इस साल के अंत तक 2 करोड़ डॉलर की राशि जुटाने के लिए निवेशकों से बातचीत कर रही है। फंडिंग के इस चरण के साथ ही कंपनी ने अब तक कुल 4.4 करोड़ डॉलर की राशि जुटा ली है।
पहले दो चरणों में कंपनी ने सॉफ्टबैंक, हॉराइजन, सैफ, एस्‍सेल और अन्‍य से 70 लाख डॉलर की राशि जुटायी थी। अब कंपनी का मूल्यांकन 12 करोड़ डॉलर (740 करोड़ रुपये) हो गया है। प्रॉपटाइगर के सह-संस्‍थापक ध्रुव अग्रवाल का कहना है कि निवेश के इस नये चरण के बाद वे अपनी तकनीक में सुधार करेंगे क्‍योंकि अब वे सेकेंडरी बाजार में प्रवेश करने जा रहे हैं। मीडिया से बातचीत में उन्होंने बताया है कि अभी वे बैंगलूरु में 300 रियल एस्‍टेट ब्रोकरों के साथ एक पायलट परियोजना चला रहे हैं। इसके सफल हो जाने पर वे दूसरे बाजारों के लिए कई नये उत्पाद लेकर आयेंगे।
(निवेश मंथन, दिसंबर 2014)

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