Nivesh Manthan
Menu
  • Home
  • About Us
  • ई-पत्रिका
  • Blog
  • Home/
  • 2016/
  • जुलाई 2016/
  • सुधारों पर अमल से आयेगी तेजी
Follow @niveshmanthan

क्यों लगा था 80:20 का नियम

Details
Category: दिसंबर 2014

सरकार ने बढ़ते चालू खाते घाटे को देखते हुए अगस्त 2013 में सोने के आयात पर सख्ती की थी,

जिसके तहत 80:20 योजना को लागू किया गया था। शुरुआत में आरबीआई ने केवल सरकारी कंपनियों को ही इसकेतहत आयात में छूट दी थी। इसके बाद मई 2014 में यूपीए सरकार ने 16वीं लोकसभा चुनाव से ठीक पहले छह निजी कंपनियों को भी इसके तहत आयात की मंजूरी दे दी थी। वहीं उद्योग जगत की ओर से लगातार यह मांग उठ रही थी कि 80:20 योजना को खत्म कर दिया जाये। इस मांग के पीछे वजह यह थी कि छोटे कारोबारियों को इसका लाभ नहीं मिल रहा था और इस क्षेत्र की कंपनियों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा था।
फिलहाल सरकार ने इस योजना को हटा कर आभूषण उद्योग को ऑक्सीजन दे दिया है। वहीं, देश में सोने की तस्करी का मुद्दा भी गंभीर है, जिसका ताल्लुक सोने के आयात नियमों से है। वल्र्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक सोने के आयात पर सख्ती की वजह से इस साल 200 टन सोने की तस्करी की गयी। अब सरकार ने सोने के आयात में ढील दे दी है, इसलिए सरकार का मानना है कि सोने की तस्करी पर लगाम लगेगी। लेकिन दूसरी तरफ कुछ जानकारों का यह भी मानना है कि सोने का आयात बढऩे से अन्य विविध निवेशों को धक्का लगता है। फिलहाल सोने की कीमतों में अभी बड़ी गिरावट नहीं हुई है। ऐसे में यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि सोने के आयात से अन्य निवेशों को धक्का लगेगा।
सरकार के इस कदम से सिर्फ आभूषण निर्यात की अनिवार्यता ही नहीं खत्म हुई है, बल्कि छोटे कारोबारियों के लिए भी अवसर तैयार हुए हैं। रत्न-आभूषण (जेम्स एंड ज्वेलरी) से जुड़े छोटे कारोबारियों को उम्मीद है कि आयात नियमों में ढील से गहनों के निर्यात में और बढ़ोतरी होगी और साथ ही उनके उद्योग को विकास करने में भी मदद मिलेगी। फिक्की की 2013 की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि स्वर्ण आभूषण उद्योग का जीडीपी में 6-7% का योगदान है। इसके जरिये करीब 25 लाख लोगों को सीधे रोजगार मिला हुआ है, जबकि आईटी क्षेत्र में 21 लाख लोगों को रोजगार मिला है। रत्न-आभूषणों के घरेलू बाजार का आकार करीब 2,50,000 करोड़ रुपये का है, जो साल 2018 तक दोगुना होने की उम्मीद है।
(निवेश मंथन, दिसंबर 2014)

  • सातवाँ वेतन आयोग कहीं खुशी, कहीं रोष
  • एचडीएफसी लाइफ बनेगी सबसे बड़ी निजी बीमा कंपनी
  • सेंसेक्स साल भर में होगा 33,000 पर
  • सर्वेक्षण की कार्यविधि
  • भारतीय अर्थव्यवस्था ही पहला पैमाना
  • उभरते बाजारों में भारत पहली पसंद
  • विश्व नयी आर्थिक व्यवस्था की ओर
  • मौजूदा स्तरों से ज्यादा गिरावट नहीं
  • जीएसटी पारित कराना सरकार के लिए चुनौती
  • निफ्टी 6000 तक जाने की आशंका
  • बाजार मजबूत, सेंसेक्स 33,000 की ओर
  • ब्याज दरें घटने पर तेज होगा विकास
  • आंतरिक कारक ही ला सकेंगे तेजी
  • गिरावट में करें 2-3 साल के लिए निवेश
  • ब्रेक्सिट से एफपीआई निवेश पर असर संभव
  • अस्थिरताओं के बीच सकारात्मक रुझान
  • भारतीय बाजार काफी मजबूत स्थिति में
  • बीत गया भारतीय बाजार का सबसे बुरा दौर
  • निकट भविष्य में रहेगी अस्थिरता
  • साल भर में सेंसेक्स 30,000 पर
  • निफ्टी का 12 महीने में शिखर 9,400 पर
  • ब्रेक्सिट का असर दो सालों तक पड़ेगा
  • 2016-17 में सुधार आने के स्पष्ट संकेत
  • चुनिंदा क्षेत्रों में तेजी आने की उम्मीद
  • सुधारों पर अमल से आयेगी तेजी
  • तेजी के अगले दौर की तैयारी में बाजार
  • ब्रेक्सिट से भारत बनेगा ज्यादा आकर्षक
  • सावधानी से चुनें क्षेत्र और शेयर
  • छोटी अवधि में बाजार धारणा नकारात्मक
  • निफ्टी 8400 के ऊपर जाने पर तेजी
  • ब्रेक्सिट का तत्काल कोई प्रभाव नहीं
  • निफ्टी अभी 8500-7800 के दायरे में
  • पूँजी मुड़ेगी सोना या यूएस ट्रेजरी की ओर
  • निफ्टी छू सकता है ऐतिहासिक शिखर
  • विकास दर की अच्छी संभावनाओं का लाभ
  • बेहद लंबी अवधि की तेजी का चक्र
  • मुद्रा बाजार की हलचल से चिंता
  • ब्रेक्सिट से भारत को होगा फायदा
  • निफ्टी साल भर में 9,200 के ऊपर
  • घरेलू बाजार आधारित दिग्गजों में करें निवेश
  • गिरावट पर खरीदारी की रणनीति
  • साल भर में 15% बढ़त की उम्मीद
  • भारतीय बाजार का मूल्यांकन ऊँचा
  • सेंसेक्स साल भर में 32,000 की ओर
  • भारतीय बाजार बड़ी तेजी की ओर
  • बाजार सकारात्मक, जारी रहेगा विदेशी निवेश
  • ब्रेक्सिट का परोक्ष असर होगा भारत पर
  • 3-4 साल के नजरिये से जमा करें शेयरों को
  • रुपये में कमजोरी का अल्पकालिक असर
  • साल भर में नया शिखर
7 Empire

अर्थव्यवस्था

  • भारत की विकास दर (जीडीपी वृद्धि दर) : भविष्य के अनुमान
  • भारत की विकास दर (जीडीपी वृद्धि दर) बीती तिमाहियों में
  • भारत की विकास दर (जीडीपी वृद्धि दर) बीते वर्षों में

बाजार के जानकारों से पूछें अपने सवाल

सोशल मीडिया पर

Additionaly, you are welcome to connect with us on the following Social Media sites.

  • Like us on Facebook
  • Follow us on Twitter
  • YouTube Channel
  • Connect on Linkedin

Download Magzine

    Overview
  • 2023
  • 2016
    • July 2016
    • February 2016
  • 2014
    • January

बातचीत

© 2025 Nivesh Manthan

  • About Us
  • Blog
  • Contact Us
Go Top