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  • भारतीय शेयर बाजार को मिलता रहेगा ऊँचा मूल्यांकन
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तीसरी तिमाही में मुनाफे में बड़ी बढ़त की उम्मीद कम

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Category: अक्तूबर 2014

आम चुनावों के नतीजों के बाद सरपट दौडऩे वाला शेयर बाजार पिछले कुछ दिनों से हाँफता दिख रहा है।

यह बात अलग है कि इसकी बड़ी वजहें देसी नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय हैं। लेकिन निवेशक अब खुद ही हाथ रोकते दिख रहे हैं, क्योंकि उन्हें वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के नतीजों का इंतजार है।
कमोबेश विश्लेषक यही मान रहे हैं कि प्रमुख कंपनियों की आय में पिछली तिमाही जितना ही इजाफा हो सकता है या मामूली गिरावट भी झेलनी पड़ सकती है। आईसीआईसीआई डायरेक्ट की रिपोर्ट साफ तौर पर यही अनुमान लगा रही है कि सेंसेक्स में शामिल कंपनियों की कुल आय में पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के मुकाबले मुश्किल से 7% का इजाफा दिखेगा, जबकि जुलाई-सितंबर 2013 में इनमें लगभग 12% की वृद्धि दर्ज की गयी थी। इसकी वजह यह बतायी जा रही है डॉलर के मुकाबले रुपये में करीब 2.4% मजबूती। इसका असर विनिमय दर से जल्द प्रभावित होने वाले क्षेत्रों, मसलन आईटी और फार्मा पर देखने को मिल सकता है और उनकी वृद्धि धीमी रह सकती है। आईसीआईसीआई डायरेक्ट के विश्लेषक आईटी क्षेत्र की आय में पिछले साल की समान तिमाही के मुकाबले 13.6% और फार्मा में 6.4% उछाल का अनुमान लगा रहे हैं। पिछले साल के मुकाबले इस बार कच्चे तेल में कम उठान होने और सब्सिडी साझा करने का बोझ बढऩे से सरकार के नियंत्रण वाले तेल-गैस क्षेत्र में पर भी चोट पड़ेगी।
कुल मिला कर आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज का अनुमान है कि सेंसेक्स की कंपनियों की आय में लगभग 4% का इजाफा होगा, जो पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही से लेकर हालिया संपन्न तिमाही तक सबसे कम दर हो सकती है। लेकिन मार्जिन में तकरीबन 5 आधार अंक की बढ़ोतरी होने के कारण कर चुकाने के बाद मुनाफे (पीएटी) में इस बार 7% की ठीक-ठाक बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।
इस बार सीमेंट, दूरसंचार और कैपिटल गुड्स जैसे क्षेत्र सेंसेक्स की कंपनियों की आय को खासा सहारा दे रहे हैं। निवेशकों के लिहाज से भी यह बदलाव अहम है, क्योंकि इन क्षेत्रों की कंपनियों की आय और मार्जिन दोनों में सुधार दिख रहा है। सीमेंट क्षेत्र की आय 16% और मार्जिन में 439 आधार अंक यानी 4.39% अंक का इजाफा होने की उम्मीद जतायी जा रही है। इसी तरह दूरसंचार की आय में 10.7% और मार्जिन में 53.6 आधार अंक की वृद्धि दिख सकती है। इनसे साफ पता चल रहा है कि आय का चक्र अपने सबसे निचले स्तर से निकल रहा है और अब उसमें सुधार के दौर की शुरुआत मानी जा सकती है। जिंसों (कमोडिटी) की कीमतें इसी तरह नीचे रहीं और महँगाई की मार भी कम हुई तो आय में बढ़ोतरी का दौर इसी तरह परवान चढ़ता रह सकता है।
अगर हम मुनाफे (पीएटी) में वृद्धि को आधार बनायें तो सबसे बेहतर प्रदर्शन वाहन कंपनियों यानी ऑटो क्षेत्र का रहने की उम्मीद है। उसके बाद दूरसंचार, आईटी, वित्तीय और खनन क्षेत्र बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। आईसीआईसीआई डायरेक्ट ने अपने अनुमान में भारती एयरटेल के मुनाफे में पिछले साल की जुलाई-सितंबर तिमाही के मुकाबले इस बार 153% इजाफे की उम्मीद जतायी है। इसी तरह हीरो होंडा का मुनाफा 43%, इन्फोसिस 22%, एसबीआई 25% और कोल इंडिया का मुनाफा 23% बढऩे की उम्मीद की जा रही है। लेकिन इस मामले में सबसे खराब प्रदर्शन खनन, कैपिटल गुड्स, पावर और फार्मा की कंपनियों का रह सकता है।
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज का आकलन भी कमोबेश ऐसा ही है और फार्मा एवं आईटी के साथ उसे ऑटो क्षेत्र से खासी उम्मीदें हैं। उसने अपनी रिपोर्ट में अनुमान जताया है कि कच्चे माल की कीमतों में नरमी और रुपये की कीमत में स्थिरता के साथ माँग में इजाफा ऑटो क्षेत्र के वारे-न्यारे कर रहा है, जिसका असर इस क्षेत्र की कंपनियो के नतीजों में नजर आयेगा। कोटक ने इस क्षेत्र के मुनाफे में 27% इजाफे का अनुमान जताया है।
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज को उम्मीद है कि सेंसेक्स कंपनियों का शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 10.1% तक बढ़ सकता है। अगर इससे तेल-गैस कंपनियों को अलग कर दें तो उनका मुनाफा 16.4% तक बढऩे की उम्मीद है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि तेल मार्केटिंग कंपनियों को बीती तिमाही में सब्सिडी का भुगतान नहीं हुआ है, वहीं मुद्रा के उतार-चढ़ाव और रिफाइनिंग मार्जिन में नरमी से उनके मुनाफे पर असर पड़ सकता है।
एफएमसीजी, फार्मा, आईटी और वाहन क्षेत्र की कपंनियों का प्रदर्शन बेहतर रह सकता है। परिचालन मार्जिन में सुधार और लागत में नरमी के कारण ऑटो क्षेत्र में व्यापक सुधार की संभावना है। विश्लेषकों को उम्मीद है कि ऑटो क्षेत्र के ऑपरेटिंग मार्जिन में 130 से 150 आधार अंक का इजाफा हो सकता है, क्योंकि कच्चे माल की कीमतों में कमी आयी है।
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज को उम्मीद है कि सालाना आधार पर आईटी कंपनियों की आय में 9.3% और मुनाफे में 12.7% बढ़ोतरी हो सकती है। फार्मा क्षेत्र की बिक्री में 14% और मुनाफे में 18% का इजाफा संभव है। दूरसंचार क्षेत्र की आय वृद्धि एक अंक में रह सकती है, जबकि मुनाफे में सुधार हो सकता है। सभी क्षेत्रों की आय में एक समान सुधार की उम्मीद है, वहीं लंबी अवधि का परिदृश्य भी उत्साहजनक है। कोटक को सबसे ज्यादा निराशा की खबरें ऊर्जा क्षेत्र से आने का अंदेशा है। अपनी रिपोर्ट में उसने कहा है कि एनर्जी और यूटिलिटी क्षेत्रों की शुद्ध आय में पिछले साल की जुलाई-सितंबर तिमाही के मुकाबले गिरावट आ सकती है।
(निवेश मंथन, अक्टूबर 2014)

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