Nivesh Manthan
Menu
  • Home
  • About Us
  • ई-पत्रिका
  • Blog
  • Home/
  • 2013/
  • फरवरी 2013/
  • एक साधे सब सधे, सब साधे सब जाये
Follow @niveshmanthan

कोयले की कालिख मिटाने की कोशिश

Details
Category: अक्तूबर 2014

सुशांत शेखर :

सर्वोच्च न्यायालय ने 24 सितंबर को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए 1993 के बाद से आवंटित किये गये 218 कोयला ब्लॉकों में से 214 के आवंटन रद्द कर दिये।

प्रधान न्यायाधीश आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता वाली तीन-सदस्यीय खंडपीठ ने सिर्फ चार कोयला ब्लॉकों का आवंटन रद्द नहीं किया। रद्द होने से बचे कोयला ब्लाकों में एनटीपीसी और सेल के एक-एक ब्लॉक और एडीएजी के अल्ट्रा मेगा पावर प्लांट यानी यूएमपीपी को दिये गये दो ब्लॉक शामिल हैं।
इससे पहले 25 अगस्त को सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कह दिया था कि 1993 से 2010 के बीच के ये सारे आवंटन मनमाने ढंग से किये गये थे। पिछले दो दशकों में 36 स्क्रीनिंग कमिटियों ने अवैध और मनमाने तरीके से कोल ब्लॉक आवंटित किये। न ही ये आवंटन पारदर्शी थे और न ही सही ढंग से किये गये।
अदालत ने छह महीनों के भीतर संबंधित कंपनियों को इन कोयला ब्लॉकों से अपना कामकाज समेट लेने को कहा है। इस बीच अगर नीलामी की प्रक्रिया पूरी नहीं होती है तो उन ब्लॉकों की जिम्मेदारी कोल इंडिया को दे दी जायेगी।
अदालत ने उत्पादन शुरू कर चुके 40 और उत्पादन के लिए तकरीबन तैयार हो चुके 6 यानी कुल 46 ब्लॉकों को कुछ रियायत देने का प्रस्ताव भी ठुकरा दिया। न्यायालय ने इन कंपनियों पर ब्लॉक से 31 मार्च 2015 तक निकाले गये कोयले पर 295 रुपये प्रति टन की दर से जुर्माना भी लगाया है।
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की रिपोर्ट के मुताबिक कंपनियों पर जुर्माने का बोझ करीब 10,000 करोड़ रुपये का हो सकता है। प्रभुदास लीलाधर की रिपोर्ट के मुताबिक अकेले जिंदल स्टील एंड पावर पर 3,२५४ करोड़ रुपये का बोझ पड़ सकता है।
साथ ही जिन कंपनियों के कोल ब्लॉकों से उत्पादन शुरू हो चुका है, 2014-15 के दौरान उनके मुनाफे में तेज गिरावट भी दिख सकती है। इस दौरान स्पंज आयरन कंपनियों के मुनाफे में 9-10% और अल्युमीनियम क्षेत्र की कंपनियों के मुनाफे में 3-4% का असर पड़ सकता है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से देश में निवेश के माहौल पर असर पडऩे की आशंका जतायी जा रही है। सीएजी की रिपोर्ट के मुताबिक 178 कोल ब्लॉक डेवलप करने में कंपनियों ने करीब 2.87 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया था। साथ अदालत के फैसले से बैंकों के लाखों करोड़ रुपये फँस गये हैं। जून 2014 तक बैंकों ने इस्पात कंपनियों को करीब 2.65 लाख करोड़ रुपये का कर्ज दिया है।
साथ ही बिजली कंपनियों को दिये गये करीब पाँच लाख करोड़ रुपये के कर्ज का कुछ हिस्सा फँस सकता है। दरअसल बैंकों ने ज्यादातर कर्ज बिजली वितरण कंपनियों को दिये हैं। इसके पहले फरवरी 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले पर फैसला सुनाते हुए 122 लाइसेंस रद्द कर दिये थे। इससे भी बैंकों को करीब 10,000 करोड़ रुपये की चपत लगी थी।
हालाँकि रिजर्व बैंक ने कोयले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की वजह से बैंकों को संभावित नुकसान पर कुछ राहत देने के संकेत दिये हैं। लेकिन आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन इस पर पहले सरकार के कदम का इंतजार करना चाहते हैं।
(निवेश मंथन, अक्टूबर 2014)

  • सातवाँ वेतन आयोग कहीं खुशी, कहीं रोष
  • एचडीएफसी लाइफ बनेगी सबसे बड़ी निजी बीमा कंपनी
  • सेंसेक्स साल भर में होगा 33,000 पर
  • सर्वेक्षण की कार्यविधि
  • भारतीय अर्थव्यवस्था ही पहला पैमाना
  • उभरते बाजारों में भारत पहली पसंद
  • विश्व नयी आर्थिक व्यवस्था की ओर
  • मौजूदा स्तरों से ज्यादा गिरावट नहीं
  • जीएसटी पारित कराना सरकार के लिए चुनौती
  • निफ्टी 6000 तक जाने की आशंका
  • बाजार मजबूत, सेंसेक्स 33,000 की ओर
  • ब्याज दरें घटने पर तेज होगा विकास
  • आंतरिक कारक ही ला सकेंगे तेजी
  • गिरावट में करें 2-3 साल के लिए निवेश
  • ब्रेक्सिट से एफपीआई निवेश पर असर संभव
  • अस्थिरताओं के बीच सकारात्मक रुझान
  • भारतीय बाजार काफी मजबूत स्थिति में
  • बीत गया भारतीय बाजार का सबसे बुरा दौर
  • निकट भविष्य में रहेगी अस्थिरता
  • साल भर में सेंसेक्स 30,000 पर
  • निफ्टी का 12 महीने में शिखर 9,400 पर
  • ब्रेक्सिट का असर दो सालों तक पड़ेगा
  • 2016-17 में सुधार आने के स्पष्ट संकेत
  • चुनिंदा क्षेत्रों में तेजी आने की उम्मीद
  • सुधारों पर अमल से आयेगी तेजी
  • तेजी के अगले दौर की तैयारी में बाजार
  • ब्रेक्सिट से भारत बनेगा ज्यादा आकर्षक
  • सावधानी से चुनें क्षेत्र और शेयर
  • छोटी अवधि में बाजार धारणा नकारात्मक
  • निफ्टी 8400 के ऊपर जाने पर तेजी
  • ब्रेक्सिट का तत्काल कोई प्रभाव नहीं
  • निफ्टी अभी 8500-7800 के दायरे में
  • पूँजी मुड़ेगी सोना या यूएस ट्रेजरी की ओर
  • निफ्टी छू सकता है ऐतिहासिक शिखर
  • विकास दर की अच्छी संभावनाओं का लाभ
  • बेहद लंबी अवधि की तेजी का चक्र
  • मुद्रा बाजार की हलचल से चिंता
  • ब्रेक्सिट से भारत को होगा फायदा
  • निफ्टी साल भर में 9,200 के ऊपर
  • घरेलू बाजार आधारित दिग्गजों में करें निवेश
  • गिरावट पर खरीदारी की रणनीति
  • साल भर में 15% बढ़त की उम्मीद
  • भारतीय बाजार का मूल्यांकन ऊँचा
  • सेंसेक्स साल भर में 32,000 की ओर
  • भारतीय बाजार बड़ी तेजी की ओर
  • बाजार सकारात्मक, जारी रहेगा विदेशी निवेश
  • ब्रेक्सिट का परोक्ष असर होगा भारत पर
  • 3-4 साल के नजरिये से जमा करें शेयरों को
  • रुपये में कमजोरी का अल्पकालिक असर
  • साल भर में नया शिखर
7 Empire

अर्थव्यवस्था

  • भारत की विकास दर (जीडीपी वृद्धि दर) : भविष्य के अनुमान
  • भारत की विकास दर (जीडीपी वृद्धि दर) बीती तिमाहियों में
  • भारत की विकास दर (जीडीपी वृद्धि दर) बीते वर्षों में

बाजार के जानकारों से पूछें अपने सवाल

सोशल मीडिया पर

Additionaly, you are welcome to connect with us on the following Social Media sites.

  • Like us on Facebook
  • Follow us on Twitter
  • YouTube Channel
  • Connect on Linkedin

Download Magzine

    Overview
  • 2023
  • 2016
    • July 2016
    • February 2016
  • 2014
    • January

बातचीत

© 2025 Nivesh Manthan

  • About Us
  • Blog
  • Contact Us
Go Top