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लो, फिर सेंसेक्स ने छू लिया 20,000

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Category: सितंबर 2013

राजीव रंजन झा :

सबसे पहले एक बात आपके सामने स्वीकार करनी है। मैंने इस अंक के राग बाजारी का शीर्षक पहले रखा था -

'सेंसेक्स के लिए अभी दूर है 20,000’, लेकिन पत्रिका के प्रेस में जाने से ठीक पहले ही बाजार का मिजाज बदल गया और इसकी छपाई एक दिन के लिए टाल कर इस लेख को नये सिरे से लिखना पड़ा! सितंबर के पहले हफ्ते की उछाल और उससे भी ज्यादा गणेश चतुर्थी की छुट्टी के बाद मंगलवार 10 सितंबर को बाजार की जबरदस्त चाल ने मुझे एकदम से चौंका दिया और मेरे अनुमानों को धोबीपाट लगा दिया।
अगस्त के अंतिम कारोबारी दिन 30 अगस्त को सेंसेक्स 18,620 पर बंद हुआ था। अगर कोई उस समय ये भी कहता कि सेंसेक्स अगले कुछ हफ्तों में 20,000 पर चला जाये तो लोग उसे अविश्वास से देखते। लेकिन सितंबर के पहले छह कारोबारी सत्रों में ही सेंसेक्स ने दोबारा 20,000 का मुकाम हासिल कर लिया। अगर 28 अगस्त की निफ्टी की तलहटी 5,119 से 10 सितंबर के ऊपरी स्तर 5,905 तक की उछाल देखें तो केवल आठ कारोबारी सत्रों में इसने 786 अंक या 15.3% की उछाल दर्ज कर ली है। अपने-आप में यह बेहद तीखी उछाल है और बाजार में बड़े दुर्लभ मौकों पर ही ऐसा होता है। पिछले कुछ हफ्तों की उठापटक देख कर मुझे इस साल की शुरुआत में निवेश मंथन के जनवरी 2013 अंक में दिया गया शीर्षक याद आ रहा है, जिसमें कहा गया था कि इस साल अनुमानों से ज्यादा उतार-चढ़ाव होगा!
अगस्त 2013 के दूसरे पखवाड़े से अब तक भारतीय शेयर बाजार जबरदस्त ढंग से हिचकोले खा रहा है। जरा सेंसेक्स की 16 अगस्त की चाल देखिए। उस दिन यह 19,311 के ऊपरी स्तर से 18,560 के निचले स्तर तक फिसल गया, यानी एक ही दिन के अंदर इसने साढ़े सात सौ अंकों का उतार-चढ़ाव देखा। उस दिन निफ्टी का उतार-चढ़ाव सवा दो सौ अंकों का रहा। इसके बाद 21 अगस्त को तो निफ्टी का उतार-चढ़ाव 5,504 से 5,268 तक 236 अंकों का रहा। तीन सितंबर को निफ्टी ने 257 अंकों का उतार-चढ़ाव देखा। इन तीन हफ्तों में निफ्टी में 100 अंक से ज्यादा उतार-चढ़ाव तो लगभग रोज की बात हो गयी है।
इसी तीखे उतार-चढ़ाव के बीच सेंसेक्स ने 14 अगस्त के शिखर 19,393 से 28 अगस्त की तलहटी 17,449 तक 1944 यानी लगभग दो हजार अंकों की गिरावट झेली। फिर सितंबर का पहला हफ्ता पूरा होते-होते ही यह 19,294 तक वापस ऊपर लौट भी आया। इसी दरम्यान रुपये ने भी डॉलर के मुकाबले कमजोरी के नये रिकॉर्ड बनाये और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नये गवर्नर रघुराम राजन के पद सँभालते ही उनके बयानों और घोषणाओं के चलते वापस मजबूती भी हासिल करता दिखा।
डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और शेयर बाजार की मजबूती में एक सीधा संबंध बनता दिखा। जब-जब रुपया कमजोर हुआ, शेयर बाजार भी टूटा और ज्यों ही रुपया सँभलता दिखा तो शेयर बाजार भी मजबूती दिखाने लगा। विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) अगस्त में भारतीय शेयर बाजार से रूठे नजर आये, लेकिन सितंबर के पहले हफ्ते में फिर से खरीदारी के मोर्चे पर लौटे। पाँच और छह सितंबर को हजार-हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की शुद्ध खरीदारी के बाद 10 सितंबर को तो उनकी शुद्ध खरीदारी ढाई हजार करोड़ रुपये को पार कर गयी।
अब सवाल यह है कि सितंबर का महीना बाजार के लिए कैसा गुजरेगा। इसकी बात करने से पहले जरा देख लेते हैं कि निवेश मंथन के पिछले अंक में जिन तकनीकी संरचनाओं और संकेतकों पर मेरी नजर थी, उन्होंने कितना साथ दिया?
अगस्त 2013 के अंक में मैंने निफ्टी के बारे में लिखा था कि %अगर आने वाले दिनों में निफ्टी 5,487 से नीचे न जाये और मौजूदा स्तरों से सँभलता दिखे तो इसके लिए सबसे पहली चुनौती 5,630 को पार करना होगा। ...अगर यह 5,630 पार करे तो इसके बाद 6,093-5,487 की 38% वापसी यानी 5,718 और फिर 5,764 पर नजर रहेगी। दरअसल कुछ ठीक-ठाक बढ़त पाने के लिए जरूरी होगा कि यह 5,764 के ऊपर निकले, जो अप्रैल-मई की 5,477-6,229 की उछाल की 61.8% वापसी का स्तर है।’
उस समय निफ्टी का आठ अगस्त का पिछला बंद स्तर 5,566 का था और एक दिन पहले सात अगस्त को इसने 5,487 का निचला स्तर छुआ था। दरअसल उस समय यह जुलाई 2013 के शिखर 6,093 से लगातार इकतरफा ढंग से फिसलता हुआ आ रहा था। उस इकतरफा गिरावट के बावजूद मैंने वापस उछाल की संभावना जतायी थी, लेकिन साथ में जोड़ा था कि 5,764 के आगे जाने पर भी निफ्टी के लिए कड़ी बाधाओं का सिलसिला खत्म नहीं होगा।’
तब मैंने लिखा था कि ‘यहाँ से एक वापस उछाल की संभावना बन सकती है, लेकिन 5,830-5,850 के दायरे में कई बाधाओं का गुच्छा बन रहा है। इसलिए जब निफ्टी इन स्तरों के पास जाये तो काफी सावधान रहें।’ निफ्टी अगस्त में 5,764 से पहले ही अटक गया। इसने 14 अगस्त को 5,755 का ऊपरी स्तर छूने के बाद गिरावट की राहत दोबारा पकड़ ली।
सेंसेक्स के लिए मैंने लिखा था कि ‘मोटे तौर पर 19,300-19,500 के दायरे से ऊपर जा पाना आसान नहीं होगा।’ निफ्टी की तरह सेंसेक्स भी बताये गये बाधा स्तरों पर अटका। इसने 14 अगस्त को 19,393 का शिखर बनाया और उसके बाद नीचे की ओर पलट गया।
नीचे की ओर बाजार कहाँ तक फिसल सकता है, इसके बारे में मैंने जुलाई अंक में लिखी इस बात को दोहराया था कि ‘जून के अंतिम हफ्ते की तलहटी 5,566 के नीचे फिर से लौटने पर 4,531 (दिसंबर 2011 की तलहटी) से 6229 (मई 2013 का शिखर) तक की उछाल की 50% वापसी यानी 5,380 तक गिरने की आशंका बन जायेगी। इसके नीचे 61.8% वापसी का अगला पड़ाव 5,180 का होगा।’ अगस्त में हमें ये दोनों ही स्तर हकीकत में तब्दील होते दिखे और 28 अगस्त को निफ्टी ने 5,119 की तलहटी बनायी।
निफ्टी के लिए 6,007 अगला लक्ष्य
अब बात आगे की। इस समय निफ्टी पर हमें जो बड़ी संरचना दिख रही है, उसमें मई 2013 का शिखर 6,229 पर और अगस्त 2013 की तलहटी 5,119 पर है। इस गिरावट की वापसी के स्तरों को देखें तो छह सितंबर को निफ्टी इसकी 50% वापसी के स्तर 5,674 को छू लिया। अगले दिन 10 सितंबर को अपनी 216 अंक की छलाँग में इसने एक साथ कई बड़ी महत्वपूर्ण बाधाओं को एक झटके में तोड़ दिया। इसने 50 दिनों के सिंपल मूविंग एवरेज (एसएमए) को बाजार खुलते ही एक बड़े ऊपरी अंतराल (गैप) के साथ पार कर लिया। अभी 50 एसएमए 5,709 पर है।
इसने अगस्त 2013 के शिखर 5,755 को तोड़ा। इससे बाजार निश्चित रूप से जुलाई 2013 से बन रहे निचले शिखर और निचली तलहटी के सिलसिले से उबर गया है। इसने 6,229-5,119 की संरचना में 50% वापसी के स्तर 5,674 के बाद की 61.8% वापसी यानी 5,805 को भी तोड़ा। इसकी गाड़ी यहीं नहीं रुकी। इसने 200 एसएमए (5,833) को भी पार कर लिया और इसके काफी ऊपर 5,905 तक जाने के बाद 5,897 पर बंद हुआ।
जुलाई 2013 के बाद पहली बार सेंसेक्स और निफ्टी अपने 50 एसएमए और 200 एसएमए दोनों के ऊपर नजर आ रहे हैं। गौरतलब है कि जुलाई के अंतिम हफ्ते में निफ्टी 50 एसएमए के नीचे फिसला था और यह फिसलन इसके लिए किस तरह खतरनाक साबित हुई, इसे हमने अगस्त में देखा है।
पिछले अंक में मैंने 200 एसएमए और 50 एसएमए के नकारात्मक कटान (क्रॉसओवर) का जिक्र करते हुए लिखा था कि ‘यह निश्चित रूप से चिंताजनक है और बाजार में बड़ी गिरावट के अंदेशे पैदा करता है। इसलिए जब तक निफ्टी इन दोनों को पार करके इनके ऊपर टिकता न दिखे, तब तक ज्यादा बड़ी उम्मीदें लगाना ठीक नहीं होगा।’
ऊपर बतायी गयी बाधाओं के मद्देनजर ही मुझे लग रहा था कि निफ्टी का 5,800-5,850 के ऊपर टिक पाना बड़ा मुश्किल होगा। मैंने यह बात 10 सितंबर की सुबह शेयर मंथन पर अपने दैनिक स्तंभ में भी लिखी भी थी। लेकिन उसी दिन बाजार बंद होते-होते यह स्पष्ट हो गया कि मेरा अनुमान कितना गलत साबित हुआ!
लेकिन अब भी मेरी नजर इस बात पर रहेगी कि निफ्टी 200 एसएमए के ऊपर टिकता है या नहीं। मोटे तौर पर अगर निफ्टी 5,800-5,850 के ऊपर टिका रह गया तो यह इन्हीं स्तरों के आसपास वक्त गुजार कर जमने (कंसोलिडेशन) की कोशिश कर सकता है।
निफ्टी के लिए 6,000 का मुकाम अब केवल करीब 100 अंक दूर है। इसके लिए 6229-5119 की 80% वापसी का स्तर 6007 पर है, जो इसका अगला स्वाभाविक लक्ष्य बन सकता है। वहीं अगर सेंसेक्स को देखें तो इसने मई के शिखर 20,444 से अगस्त 2013 की तलहटी 17,449 तक की गिरावट की 61.8% वापसी के स्तर 19,300 से 80% वापसी यानी 19,845 तक का सफर एक ही दिन में 10 सितंबर को तय कर लिया। यह इससे कुछ और ऊपर जाकर 20,000 के मनोवैज्ञानिक मुकाम को भी फिर से छूने में सफल रहा।
पिछले कुछ महीनों से भारतीय बाजार की ऊपर या नीचे की चाल में कई बार 80% वापसी के स्तरों से पलटता रहा है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बार सेंसेक्स के लिए 80% वापसी ज्यादा कारगर बाधा बनती है और यह 19,845 के नीचे लौट आता है, या निफ्टी की 80% वापसी के स्तर 6,007 को छूने की ओर बढ़ता है। दरअसल कुछ लोग 6,050 तक की भी उम्मीदें कर रहे हैं। शायद ऐसा हो कि यहाँ से और आगे जाने पर सेंसेक्स मई-अगस्त की गिरावट की 100% वापसी करे और 20,444 को छूने का प्रयास करे। सेंसेक्स के लिए यह मुकाम करीब ढाई फीसदी दूर है, इसलिए अगर निफ्टी भी यहाँ से ढाई फीसदी और चढ़ा तो यह 6,050 तक पहुँच जायेगा। वैसी हालत में जुलाई 2013 का इसका शिखर 6,093 भी दूर नहीं रह जायेगा। वैसे में क्या पता कि यह वहाँ तक भी चला जाये।
उफ! कितनी सारी संभावनाएँ! शायद बाजार यहीं से पलट जाये। शायद निफ्टी 6,000 तक चला जाये, या शायद 6,050 तक, शायद 6,093 तक। क्या पता और आगे! लेकिन 6,229 से आगे की उम्मीद तो बाजार के सबसे बड़े तेजडिय़े भी नहीं कर रहे होंगे। अगर यह मई के शिखर 6,229 तक भी चला जाये तो यह 5% से कुछ ज्यादा की ही उछाल होगी। केवल बीते आठ सत्रों में 15% उछाल के सामने आगे ढाई से पाँच फीसदी तक की संभावित बढ़त को आगे के लिए सीमित उम्मीदों के तौर पर ही देखा जा सकता है!
लेकिन दूसरी ओर अगर बाजार यहाँ से पलटने लगे तो नीचे खाई ज्यादा गहरी नजर आती है। अभी दो हफ्ते पहले ही तो निफ्टी 5,000 के काफी पास 5,119 तक चला गया था और लोग 4,800 की भी खुल कर बातें कर रहे थे। इस लिहाज से कहा जा सकता है कि इस समय बाजार में लाभ की उम्मीदें सीमित हैं, जबकि घाटे का जोखिम बड़ा है। लाभ-जोखिम अनुपात इस समय अनुकूल नहीं कहा जा सकता।
लेकिन दूसरी ओर साप्ताहिक चार्ट पर भी सूरत बड़ी बदली-बदली नजर आ रही है। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने अपने साप्ताहिक चार्ट पर बनी बड़ी पट्टियों की निचली रेखा को अगस्त में तोड़ा था, लेकिन अब दोनों वापस इसके ऊपर लौट आये हैं। दोनों ही अपने 200 हफ्तों के एसएमए को काटने के बाद इसके ऊपर लौट आये हैं। इतना ही नहीं, दोनों 50 हफ्तों के एसएमए से भी ऊपर आ गये हैं। सेंसेक्स का 50 हफ्तों का एसएमए 19,254 पर और निफ्टी का 50 हफ्तों का एसएमए 5,812 पर है।
अगर किसी वजह से साप्ताहिक चार्ट पर सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही अपने 50 एसएमए के ऊपर टिक सके तो बाजार काफी अच्छी तेजी का रास्ता खुल सकता है। लेकिन उस सूरत में चार्ट जितनी खूबसूरत तेजी दिखाना चाहेंगे, वैसी खूबसूरती इस समय देश और विश्व के हालात में नहीं है। न तो हमारी अर्थव्यवस्था की विकास दर अचानक 6% के ऊपर जाने वाली है, न ही सरकारी घाटा एकदम से घटने वाला है।
अगले एक-दो महीनों में आपके सामने यह तस्वीर भी साफ नहीं होने वाली है कि अगली केंद्र सरकार कैसी होगी, जिससे राजनीतिक जोखिम कट जाये। उधर वैश्विक हालात देखें तो सीरिया को लेकर तनातनी कुछ घटी है, जिसके चलते 10 सितंबर की बड़ी उछाल संभव हो सकी, पर आगे वहाँ कब हालात फिर से बिगड़ जायें इस बारे में कुछ पक्का कहा नहीं जा सकता।
अगर बाजार के लिए कोई बेहद सकारात्मक बात हो सकती है तो बस यही कि आरबीआई और केंद्र सरकार के मिले-जुले प्रयासों से डॉलर के मुकाबले रुपया तेजी से वापस सँभलता जाये और इसके साथ-साथ एफआईआई वापस बड़े पैमाने पर खरीदारी करते रहें। वैसी हालत में बाजार अप्रत्याशित तेजी दिखा सकता है। लेकिन बाकी स्थितियाँ तो किसी भी ढंग से उत्साहजनक नहीं हैं।
ऐसे में अगर साप्ताहिक चार्ट पर सेंसेक्स और निफ्टी वापस 50 एसएमए के नीचे लौट आये तो दोबारा इस बात पर नजर टिक जायेगी कि ये अपनी इन बड़ी पट्टियों की निचली रेखा को अगली गिरावट के दौर में कितना सम्मान देते हैं। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में ये निचली रेखा और 200 हफ्तों का एसएमए एकदम करीब हैं। इस बार अगर सेंसेक्स-निफ्टी फिर से इनके नीचे फिसलते हैं तो अगली गिरावट का अगस्त की तलहटी पर थमना मुश्किल होगा।
लेकिन आज की तारीख में वह दूर की बात है। पहले तो हमें लगभग 5,800-5,850 पर ही नजर रखनी चाहिए। इस दायरे के नीचे फिसलना ही इस बात का पहला संकेत होगा कि बाजार ने दोबारा नीचे आना शुरू कर दिया है। वहीं लगभग 5,700 से 5,674 का दायरा टूटने के बाद निफ्टी करीब 6229-5119 की 38.2% वापसी के स्तर 5543 से लेकर पाँच सितंबर के ऊपरी अंतराल (गैप) के निचले छोर 5,460 तक कहीं भी फिसल सकता है।
(निवेश मंथन, सितंबर 2013)

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