सुशांत शेखर :
देश के लगातार बिगड़ते आर्थिक माहौल में एक-एक पैसे का मोल है।
ऐसे में हर निवेशक चाहता है कि उसकी बचत के एक-एक पैसे पर अच्छा लाभ मिले। यूँ तो -से-कम जोखिम और बेहतर लाभ वाले उत्पादों की जरूरत हर समय होती है, लेकिन मंदी जैसे हालात में इनकी उपयोगिता और बढ़ जाती है।
ऐसा ही एक उत्पाद है आपके बैंक का जाना-पहचाना बचत खाता, जिस पर निवेश के विकल्प के तौर पर आपकी नजर बहुत कम पड़ती है। पहले बचत खाते पर 4% ब्याज की सीमा तय थी। लेकिन रिजर्व बैंक ने बैंकों को बचत खाते पर ब्याज तय करने की छूट दे दी, जिससे बचत खाता भी निवेश का अच्छा विकल्प बन गया है।
रिजर्व बैंक से ब्याज तय करने की छूट मिलने के बाद बैंकों में नये ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए बचत खाते पर ज्यादा-से-ज्यादा ब्याज देने की होड़ लग गयी है। मसलन यस बैंक बचत खाते पर 7% ब्याज तक ब्याज देता है। यस बैंक एक लाख रुपये से ज्यादा के जमा पर 7% और उससे कम पर 6% ब्याज देता है।
इसी तरह कोटक बैंक और इंडसइंड बैंक एक लाख रुपये तक की जमा पर 5.5% और इससे ज्यादा की जमा पर 6% ब्याज देते हैं। लेकिन हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताने जा रहे हैं, जिनसे आपको अपने बचत खाते पर ही 9% से ज्यादा ब्याज मिल सकता है।
ऑटो-स्वीप खाता
बैंक बचत खाते को आकर्षक बनाने के लिए इसे और लचीला बना रहे हैं। इसी कड़ी में एक दिलचस्प उत्पाद है ऑटो-स्वीप खाता। यह बचत खाते और मियादी जमा (एफडी) का मिला-जुला रूप है। इसके तहत आपके बचत खाते में न्यूनतम रकम या आपकी ओर से तय रकम से ज्यादा रकम अपने-आप एफडी में बदल जाती है।
मान लीजिए आपके बचत खाते में एक लाख रुपये हैं और आपके खाते में न्यूनतम रकम 25,000 रुपये रहनी चाहिए। ऐसी स्थिति में बाकी बची 75,000 रुपये की रकम अपने-आप आपकी ओर से तय मियाद की एफडी में चली जाती है। ऐसी स्थिति में 25,000 रुपये की रकम पर तो आपको बचत खाते का सामान्य ब्याज मिलेगा, लेकिन 75,000 रुपये पर एफडी के लिए लागू दर से ब्याज मिलेगा। मौजूदा हालात में एक साल की एफडी पर आपको 9% तक इससे भी ज्यादा ब्याज मिलेगा।
यही नहीं, अगर आपने बचत खाते में शेष 25,000 से ज्यादा की रकम का चेक काट दिया, या एटीएम से पैसे निकालना चाहते हैं तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है। मान लीजिए आपने 35,000 रुपये का चेक काटा तो बाकी के 10,000 रुपये अपने-आप एफडी से निकल कर बचत खाते में आ जायेंगे। एटीएम से रकम निकालने की स्थिति में भी ऐसा ही होगा। लेकिन यह ध्यान रखें कि कुछ बैंक एफडी की रकम के इस्तेमाल पर 1% ब्याज का जुर्माना लगाते हैं।
बचत खाते को लचीला बनाने वाला उत्पाद तकरीबन सभी बैंक दे रहे हैं। कुछ बैंक इसे फ्लेक्सी एकाउंट कहते है तो कुछ मैक्सिमाइजर। लेकिन इनकी खूबियाँ तकरीबन एक जैसी ही हैं। आप चाहें तो नया ऑटो-स्वीप खाता खुलवा सकते हैं। कुछ बैंक सामान्य बचत खाते को ही फ्लेक्सी खाते में बदलने की सहूलियत देते हैं।
आई-विश आरडी
बचत खाते से 9% से ज्यादा ब्याज कमाने का एक और तरीका रेकरिंग डिपॉजिट (आरडी) का है। कई बैंक आपके बचत खाते से आरडी खोलने की सहूलियत देते हैं। आम तौर पर आरडी में एक नियत तारीख पर आपके खाते से नियत रकम कट जाती है। लेकिन कई बैंकों ने बचत खाते से जुड़ी आरडी को काफी लचीला बना दिया है। इनमें से सबसे अहम है आईसीआईसीआई बैंक का आई-विश आरडी।
आई-विश आरडी के तहत आप महीने में जितनी बार चाहें और जितनी चाहें रकम डाल सकते हैं। अगर आप किसी महीने में कोई रकम नहीं जमा करते हैं तब भी कोई दिक्कत नहीं है। मतलब यह कि आपके पास बचत खाते में जितनी अतिरिक्त रकम हो, उसे आप आईविश आरडी में जमा कर सकते हैं। आपको यह रकम अपने बचत खाते से आई-विश आरडी में ट्रांसफर करनी होगी।
आई-विश आरडी के तहत आपको एक रकम लक्ष्य के तौर पर चुननी होती है। साथ ही आपके पास एक अवधि चुनने का विकल्प होता है। मसलन 15 महीने की अवधि पर आई-विश आरडी पर 9% ब्याज मिलता है। आप चाहें तो अपने आई-विश लक्ष्य को सोशल वेबसाइट्स पर शेयर भी कर सकते हैं, जिससे आपके परिजन और दोस्त अपनी ओर से भी रकम हस्तांतरित कर सकें।
आई-विश आरडी की सुविधा ऑनलाइन बैंकिंग के जरिये ही मिलती है। साथ ही समय से पहले आरडी तुड़वाने पर 1% जुर्माना लगेगा। बचत खाते से जुड़ी लचीली आरडी की सुविधा कई बैंक देते हैं, लेकिन आई-विश योजना काफी लचीली है।
(निवेश मंथन, सितंबर 2013)