सुशांत शेखर :
देश में नये बैंक लाइसेंस के लिए उद्योग समूहों ने अच्छा उत्साह दिखाया है।
रिजर्व बैंक को इसके लिए 26 कंपनियों के आवेदन मिले हैं। एक जुलाई को बैंकिंग लाइसेंस की अर्जी देने के आखिरी दिन आरबीआई ने शाम को अर्जी देने वालों की सूची जारी की तो उसमें कई चौंकाने वाले नाम भी दिखे। इनमें टाटा, बिड़ला और अंबानी जैसे दिग्गजों के साथ कई अनजान नाम भी शामिल हैं।
कॉर्पोरेट जगत के दिग्गजों की बात करें तो टाटा संस, अनिल अंबानी की रिलायंस कैपिटल, कुमार मंगलम बिड़ला की एबी नुवो, एल एंड टी फाइनेंस, रेलिगेयर एंटरप्राइजेज, बजाज फिनसर्व, वीडियोकॉन की वैल्यु इंडस्ट्रीज, जेएम फाइनेंशियल जैसे नाम शामिल हैं।
सरकारी संस्थाओं में डाक विभाग, आईएफसीआई, आईडीएफसी और टूरिज्म फाइनेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने बैंक लाइसेंस का आवेदन किया है। वहीं एलआईसी हाउसिंग, इंडियाबुल्स हाउसिंग के अलावा कुछ ब्रोकिंग कंपनियों, जैसे इंडिया इन्फोलाइन और इडेलवाइज ने भी अर्जी दी है। विदेशी मुद्रा सेवा देने वाली कंपनी यूएई एक्सचेंज ने भी अर्जी दी है।
इन 26 कंपनियों की सूची में गुडग़ाँव की इनमैक्स मैनेजमेंट सर्विसेस, जनलक्ष्मी फाइनेंशियल सर्विसेस, स्मार्ट ग्लोबल वेंचर्स, सूर्यमणि फाइनेंसिंग कंपनी जैसी बिल्कुल अनजान कंपनियाँ भी शामिल हैं। इनमैक्स को एक सीए विनोद जैन चलाते हैं। इस कंपनी के कुल 100 कर्मचारी हैं। स्मार्ट ग्लोबल वेंचर्स में बी के मोदी की कंपनी स्पाइस इन्वेस्टमेंट्स की 99% हिस्सेदारी है और इसकी चुकता पूँजी बस एक लाख रुपये है। इस कंपनी का गठन भी इसी साल 21 जून को हुआ है।
सूर्यमणि फाइनेंसिंग डनलप टायर वाले पवन कुमार रुइया समूह की कंपनी है, जिसका नेट कैपिटल करीब 300 करोड़ रुपये है। इस कंपनी की तकरीबन पूरी कमाई ट्रेडिंग से आती है। यह अपने समूह की कंपनियों को कर्ज भी देती है।
लाइसेंस मिले न मिले पर चढ़ गये शेयर
बैंकिंग लाइसेंस की अर्जी देने की अंतिम तारीख नजदीक आते ही कंपनियों के बोर्ड ने धड़ाधड़ बैंक खोलने की अर्जी की मंजूरी दी। कई कंपनियों के शेयर इसकी खबर आते ही चढ़ गये। मसलन आईएफसीआई ने 27 जून को बाजार बंद होने के बाद बोर्ड के फैसले की जानकारी दी और अगले दिन कंपनी का शेयर 18% उछल गया। इसी दिन इंडिया इन्फोलाइन ने भी अर्जी देने की मंजूरी मिलने की जानकारी दी और अगले दिन शेयर 9% ऊपर था।
टूरिज्म फाइनेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने 19 जून को बाजार बंद होने के बाद अर्जी देने की मंजूरी मिलने की जानकारी दी। अगले दिन यह शेयर 15% तक उछल गया। इसी तरह मैग्ना फिनकॉर्प ने 26 जून और रेलिगेयर इंटरप्राइजेज ने 28 जून को आवेदन के लिए बोर्ड की मंजूरी मिलने की जानकारी दी। अगले दिन दोनों शेयर 7% से ज्यादा चढ़ गये। वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज ने भी 28 जून को वैल्यु इंडस्ट्रीज के बैंकिंग लाइसेंस की अर्जी देने की खबर दी और शेयर अगले दिन ऊपरी सर्किट पर था।
कई दिग्गजों ने खींचे हाथ
बैंकिंग लाइसेंस की अर्जी देने वालों में जहाँ कई कमजोर खिलाड़ी शामिल हैं, वहीं कई दिग्गज कंपनियों ने आखिरी समय में अर्जी देने का इरादा छोड़ दिया। इनमें सबसे अहम है महिंद्रा फाइनेंस, जिसने आरबीआई के नियमों को जटिल बताते हुए बैंकिंग लाइसेंस के आवेदन का इरादा छोड़ दिया। इसके साथ ही पिरामल समूह ने भी लाइसेंस पाने का इरादा छोड़ दिया।
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने भी बैंकिंग लाइसेंस की अर्जी नहीं दी। वैसे बाजार में चर्चा गर्म है कि अगर जेएम फाइनेंशियल को बैंकिंग लाइसेंस मिल जाये तो रिलायंस इंडस्ट्रीज उसे खरीद सकती है। यह सौदा इन्फोटेल सौदे की तरह हो सकता है, जिसे कंपनी ने देश भर में 4जी ब्रॉडबैंड सेवाओं का लाइसेंस और स्पेक्ट्रम मिलने के बाद खरीदा।
कब खुलेंगे नये बैंक
रिजर्व बैंक नये बैंकिंग लाइसेंस के आवेदनों पर विचार करने में 6 से 9 महीने का वक्त ले सकता है। लाइसेंस मिलने पर इन कंपनियों को डेढ़ साल के भीतर बैंक शुरू करना होगा। मतलब नये बैंक खुलने में करीब दो साल का वक्त लगेगा। आरबीआई ने साफ तौर पर यह नहीं कहा है कि वह कितनी कंपनियों को बैंक लाइसेंस देगा। लेकिन माना जा रहा है कि 5-6 कंपनियों को लाइसेंस मिल सकता है। हालाँकि वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि बैंकिंग लाइसेंस की कोई सीमा तय नहीं की गयी है। ऐसे में लाइसेंस और ज्यादा भी हो सकते हैं।
(निवेश मंथन, जुलाई 2013)