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हल्की हैं उम्मीदें , अगले एक साल में बस 8-10% बढ़त

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Category: जुलाई 2013

जनवरी 2013 में हमारे सहयोगी समाचार पोर्टल शेयर मंथन ने जब भारतीय शेयर बाजार की दशा-दिशा के बारे में शीर्ष जानकारों का सर्वेक्षण किया था तो उस समय जुलाई 2012 के मुकाबले बाजार का उत्साह कुछ सुधरा हुआ दिखा था।

इसके बावजूद उस सर्वेक्षण के नतीजे सीमित आशावाद की ही एक तस्वीर सामने रख रहे थे। आज की स्थिति से साफ है कि बाजार के लिए उन सीमित आशाओं को साकार करना भी मुश्किल हो गया।
दिसंबर 2012 के अंत में सेंसेक्स 19,427 और निफ्टी 5,905 पर थे। जनवरी 2013 के सर्वेक्षण के मुताबिक शीर्ष जानकारों का औसत अनुमान यह था कि जून 2013 के अंत में सेंसेक्स को 20,879 और निफ्टी को 6,283 पर होना चाहिए, यानी छह महीनों में केवल 7.5% तक की बढ़त का अनुमान था। मगर जून 2013 के अंत में सेंसेक्स 19,396 पर और निफ्टी 5,842 पर नजर आया, यानी साल की शुरुआत के स्तरों से थोड़ा नीचे ही।
मगर ऐसा भी नहीं कि जानकारों की उम्मीदें एकदम गलत रहीं। दरअसल मई 2013 में सेंसेक्स ने 20,444 और निफ्टी ने 6,229 के ऊपरी स्तर छुए। इस लिहाज से कह सकते हैं कि जून के लक्ष्यों को बाजार ने मई में ही पाने की कोशिश की, मगर जरा पीछे रह गया!
आइये अब शेयर मंथन के ताजा सर्वेक्षण के नतीजों को देखते हैं। पर उससे पहले एक बात दोहरा दें। इसमें लक्ष्यों की बात तो की जाती है, लेकिन यह मान कर सर्वेक्षण नहीं किया जाता कि कोई भविष्यवाणी करनी है। यह सर्वेक्षण बाजार की इस समय की मन:स्थिति को समझने का एक जरिया है। सहभागी जानकारों की संख्या के लिहाज से यह भारतीय शेयर बाजार का सबसे बड़ा सर्वेक्षण है, लेकिन सहभागियों का चयन शुद्ध सांख्यिकीय पद्धतियों के आधार पर नहीं किया गया है। सर्वेक्षण की अवधि जून के अंतिम सप्ताह से जुलाई के प्रथम सप्ताह के बीच रही है।
इस ताजा सर्वेक्षण का भी मोटा निष्कर्ष यही है कि बाजार एक सीमित आशावाद के साथ आगे बढ़ रहा है। यह ऊपर के लक्ष्यों को देख तो रहा है, लेकिन जोश के बदले हिचक के साथ। साथ ही, छह महीने पहले की तुलना में भी इसकी उम्मीदें कुछ हल्की पड़ी हैं। खास कर अगले छह महीनों के लिए बाजार ज्यादा उम्मीदें लेकर नहीं चल रहा। इसे बढ़त की जो कुछ उम्मीद है, वह जनवरी-जून 2014 की अवधि में दिखती है।
जानकारों का औसत अनुमान यह है कि सेंसेक्स दिसंबर 2013 के अंत में 20,061 पर होगा, जो जून 2013 के बंद स्तर 19,396 से केवल 3.4% ऊपर का लक्ष्य है। छह महीने पहले जनवरी 2013 के सर्वेक्षण में दिसंबर 2013 का लक्ष्य 21,985 था। इससे स्पष्ट है कि बीते छह महीनों में बाजार ने दिसंबर 2013 तक के लिए अपनी उम्मीदें करीब 2,000 अंक नीचे खिसका ली हैं।
निफ्टी के लिए ताजा सर्वेक्षण के मुताबिक दिसंबर 2013 का लक्ष्य 5,990 बन रहा है, जो जून 2013 के बंद स्तर 5,842 से केवल 2.5% ऊपर है। इसकी तुलना अगर जनवरी 2013 के सर्वेक्षण में दिसंबर 2013 के लक्ष्य स्तर 6,549 से करें, तो यह लक्ष्य लगभग 550 अंक से भी ज्यादा नीचे खिसक आया है।
लेकिन इसके बाद के छह महीनों को लेकर बाजार में कुछ बेहतर उम्मीदें दिखती हैं, लेकिन उन्हें भी सीमित ही कहा जा सकता है। जानकारों का औसत अनुमान है कि जून 2014 के अंत में सेंसेक्स 21,275 पर होगा, यानी साल भर में 9.7% बढ़त की उम्मीद बनती है।
निफ्टी के बारे में ताजा सर्वेक्षण का नतीजा है कि जून 2014 के अंत में यह 6309 पर होगा। इस तरह निफ्टी में तो साल भर में केवल 8% बढ़त का ही अनुमान सामने आ रहा है। इससे स्पष्ट है कि बाजार अभी अगले 12 महीनों को लेकर बहुत उत्साहित नहीं है।
फिर भी, जुलाई-दिसंबर 2013 के मुकाबले जनवरी-जून 2014 की उम्मीदें कुछ बेहतर लग रही हैं। मौजूदा आर्थिक चिंताओं के अलावा राजनीतिक घटनाक्रम भी इसका एक बड़ा कारण है। बाजार के एक तबके में यह आशंका है कि लोकसभा चुनाव 2014 में अपने तय समय पर होने के बदले कहीं पहले ही 2013 की अंतिम तिमाही में कराये जा सकते हैं। ऐसे में चुनाव से जुड़ा राजनीतिक जोखिम बाजार पर भारी पड़ सकता है। अगर लोकसभा चुनाव तय समय-सीमा के मुताबिक अप्रैल-मई 2014 में भी हों, तो जून 2014 तक राजनीतिक स्थिति साफ हो चुकी होगी।
हालाँकि कुछ विश्लेषकों ने चुनावी जोखिम के चलते जून 2014 के बारे में कोई अनुमान जताने से मना कर दिया। एंजेल ब्रोकिंग के फंड मैनेजर पी. फणिशेखर ने कहा, ‘अगर आप मुझे बता दें कि आने वाले चुनाव के नतीजे कैसे रहेंगे, तभी मैं आपको बता सकता हूँ कि जून 2014 में सेंसेक्स-निफ्टी कहाँ होंगे!’
केजरीवाल रिसर्च के निदेशक अरुण केजरीवाल ने भी दिसंबर 2013 के लक्ष्य तो बताये, लेकिन जून 2014 के नहीं। उन्होंने कहा, ‘कुछ पक्का नहीं कहा जा सकता। यह चुनावी नतीजों पर निर्भर है।’
इस सर्वेक्षण का अगला सवाल यह था कि इन 12 महीनों में अधिकतम तेजी और अधिकतम कमजोरी कितनी हो सकती है? जानकारों का औसत अनुमान यह सामने आया कि निफ्टी का शिखर 6,507 हो सकता है। बाजार के मौजूदा माहौल में यह स्तर सुनने में बड़ा ऊँचा लगता है, लेकिन वास्तव में जून 2013 के बंद स्तर से यह 11.4% की ही बढ़त दिखा रहा है। यानी अगले 12 महीनों में बाजार की तेजी ज्यादा-से-ज्यादा 11-12% की ही रहने की ठंडी उम्मीद दिखती है।
दूसरी ओर अगले 12 महीनों में निफ्टी की तलहटी का अनुमान 5,344 का है, जो जून 2013 के बंद स्तर से लगभग 500 अंक या 8.5% नीचे है। इस तरह अगले 12 महीनों के लिए मोटे तौर पर 5350-6500 का एक बड़ा दायरा मिल रहा है, जिसके बीच बाजार की उम्मीदें और आशंकाएँ सिमटी हैं। जनवरी के सर्वेक्षण से तुलना करें तो उस समय भी अगले 12 महीनों यानी जनवरी-दिसंबर 2013 के दौरान अधिकतम 12.9% तेजी और अधिकतम 8.7% गिरावट के अनुमान सामने आये थे। यानी पिछली बार की तरह इस बार भी देश के शीर्ष जानकार न तो नाटकीय उछाल की उम्मीद कर रहे हैं, न ही किसी बड़ी डरावनी गिरावट की।
जिस तरह दिसंबर 2013 के लिए सेंसेक्स-निफ्टी के लक्ष्य स्तर जनवरी के सर्वेक्षण की तुलना में नीचे खिसके हैं, उसी तरह शिखर का अनुमान भी 6,682 से घट कर 6,507 पर आया है। लेकिन पिछली बार तलहटी का अनुमान 5,389 का था, जिसकी तुलना में 5,344 का ताजा अनुमान ज्यादा नीचे नहीं है। यानी गिरावट की संभावना सीमित रहने की बात को लेकर बाजार पहले की तरह आश्वस्त है।
नाटकीय उछाल की उम्मीद इसलिए नहीं है कि अर्थव्यवस्था के सामने बहुत-सी चिंताएँ हैं। साथ में लोकसभा चुनावों की तलवार सर पर लटकी है, भले ही इसकी तारीख को लेकर अभी स्थिति साफ नहीं हो। डरावनी गिरावट की आशंका इसलिए नहीं है कि जो चिंताएँ हैं, वे जगजाहिर हैं और लंबे समय से बाजार इन पर मंथन करता रहा है। लिहाजा इन चिंताओं का असर बाजार पर पहले ही दिख चुका है।
हमने औसत अनुमानों को तो देख लिया। अब जरा और बारीकी से देखें, तो दिसंबर 2013 का लक्ष्य दो-तिहाई जानकारों ने 20,001-22,000 के दायरे में बताया है। इससे ज्यादा के लक्ष्य केवल 2% जानकारों ने दिये हैं। जनवरी 2013 के सर्वेक्षण में दिसंबर का लक्ष्य 20,001-22,000 के दायरे में बताने वाले जानकारों की संख्या 84.3% थी। जो संख्या घटी है, वह खिसक कर 18,001-20,000 (13.7%) और उसके नीचे 16,001-18,000 (13.7%) की श्रेणियों में चली गयी है। 
हालाँकि अगर जून 2014 के लक्ष्यों को देखें तो 20,001-22,000 के दायरे में 48.0% मत हैं, जबकि इससे ऊपर 22,001-24,000 के लक्ष्य 26.0% जानकारों ने दिये हैं। साथ ही 4% जानकारों ने 24,001-26,000 के दायरे में लक्ष्य रखा है। निफ्टी का जून 2014 का लक्ष्य 6,001-6,500 के बीच देखने वालों की संख्या 46.0% है। इसके ऊपर 22% ने 6,501-7,000 के बीच और 10% ने 7,001-7,500 के बीच के लक्ष्य दिये हैं।
अगले 12 महीनों में निफ्टी का शिखर 6,001-6,500 के बीच देखने वालों की संख्या सबसे ज्यादा 56.9% है। वहीं दो-तिहाई जानकार इसकी तलहटी 5,001-5,500 के बीच बनती देख रहे हैं। 
(निवेश मंथन, जुलाई 2013)

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