सिक्का ग्रुप नोएडा के सेक्टर 143 बी में 'सिक्का करनम ग्रीन्स’ आवासीय परियोजना का निर्माण कर रहा है।
इस बहुमंजिली आवासीय परियोजना में 1 बीएचके, 2 बीएचके, 3 बीएचके तथा 4 बीएचके भवन बन रहे हैं। इन भवनों का आकार 590-1920 वर्ग फुट के बीच है। इस परियोजना की खुबियों में वास्तु अनुकूल निर्माण, क्लब हाउस, स्विमिंग पुल, इंटरनेट-वाई-फाई, पावर बैकअप, लिफ्ट सिक्योरिटी, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, लैंडस्केपिंग और प्लाट तीन दिशा से खुला होना शामिल है। इन भवनों का निर्माण दिसंबर 2015 तक पूरा करके ग्राहकों को सौपने का लक्ष्य है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बनायेगा 7200 सस्ते घर
ग्रेटर नोएडा में सस्ते घर का सपना पूरा होता दिख रहा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की ओर से बनने वाले 7,200 फ्लैटों के निर्माण कार्य का शिलान्यास कर दिया है। इसमें सामुदायिक केंद्र, सीनियर सेकेंडरी स्कूल, पार्क, शॉपिंग सेंटर, बच्चों के खेल का मैदान आदि होंगे। इसकी प्रोजेक्ट की लागत 400 करोड़ रुपये आयेगी। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण चार-मंजिला फ्लैटों का निर्माण करेगा, जिसके तहत 30 वर्ग मीटर के फ्लैट बनने हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण 2,000 फ्लैट ग्रेटर नोएडा वेस्ट और बाकी के फ्लैट ओमीक्रॉन सेक्टर में बनायेगा। खबरों के मुताबिक इनकी कीमत 8.63 लाख रुपये होगी, जबकि पहले, दूसरे और तीसरे तल के फ्लैटों की कीमतें 7.52 रुपये होगी। इस राशि का भुगतान 7 वर्षों तक किश्तों के माध्यम से किया जाना है।
अहमदाबाद में बनेगी 'गोदरेज गार्डन सिटी’
अहमदाबाद में गोदरेज प्रॉपर्टीज ने सस्ती आवासीय योजना शुरू की है। गोदरेज गार्डन सिटी टाउनशिप परियोजना के तहत 12 मंजिला पाँच टावरों का निर्माण होगा। इन टावरों में एक बीएचके अपार्टमेंट 600 वर्ग फुट के होंगे, जिनकी शुरुआती कीमत 16.5 लाख रुपये रखी गयी है। प्रत्येक टावर में दो लिफ्टों की सुविधा दी जायेगी और सभी अपार्टमेंट दोनों तरफ से खुले होंगे। यह परियोजना अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन की सीमा के अंतर्गत है। इस परियोजना का मास्टर प्लान स्किडमोर, ऑइंग्स ऐंड मेरिल (एसओएम) ने तैयार किया है, जिन्होंने दुनिया की सबसे ऊँची इमारत बुर्ज खलीफा समेत कई विश्वप्रसिद्ध परियोजनाओं का डिजाइन बनाया है।
क्रेडाई-एनसीआर ने दिया पारदर्शिता पर जोर
देशभर में 8800 सदस्यों की संस्था क्रेडाई की एनसीआर इकाई ने कंज्यूमर रिड्रेसल फोरम को प्राथमिकता देते हुए इसमें पारदर्शिता लाने पर बल दिया है, जहाँ जमीन-जायदाद का कोई खरीदार क्रेडाई के किसी भी सदस्य के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकता है। पारदर्शिता को बनाये रखने के लिए क्रेडाई-एनसीआर ने आचार संहिता के तहत परियोजना का सही स्पष्टीकरण देना अनिवार्य किया है, जिसमें ग्राहकों के प्रति डेवलेपरों को पूर्ण जवाबदेही का उल्लेख भी होगा। इसके साथ ही खरीदार के साथ समझौते के समय विभिन्न मंजूरियों के बारे में बताना भी अनिवार्य होगा।
क्रेडाई-एनसीआर का दावा है कि कंज्यूमर रिड्रेसल फोरम की स्थापना से लेकर अब तक फोरम में लगभग 741 शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं, जिनमें से 598 मामलों को सफलतापूर्वक सुलझाया भी जा चुका है। क्रेडाई-एनसीआर ने डेवलेपरों द्वारा ग्राहकों को घर का कब्जा सौंपने में आनाकानी करने, संबंधित प्रतिबद्धताओं को पूरा न करने, अतिरिक्त पैसे की माँग करने आदि अन्य मामलों का जल्दी निपटारा करने के लिए भी कदम उठाये हैं। संस्था की वेबसाइट पर शिकायतों की बढ़ती सँख्या इस बात का प्रमाण है कि ग्राहकों के बीच जागरूकता बढ़ी है।
क्रेडाई की एनसीआर इकाई ने अगले दो वर्षों के लिए अपनी नयी टीम का भी गठन किया है। आम्रपाली समूह के सीएमडी डॉ अनिल कुमार शर्मा क्रेडाई-एनसीआर के नये अध्यक्ष चुने गये हैं। क्रेडाई-एनसीआर की नयी टीम में उनके अलावा मनु गर्ग, आर.सी गुप्ता और गौतम भल्ला उपाध्यक्ष बनाये गये हैं। मनीष अग्रवाल को सचिव, पंकज गोयल को संयुक्त सचिव और अजय सिंघल को कोषाध्यक्ष चुना गया है।
(निवेश मंथन, अप्रैल 2013)