यशीश दहिया, सीईओ, पॉलिसी बाजार :
बीमा कराने पर कर बचत का जो लाभ मिलता है, वह सामान्य रूप से अन्य निवेश में नहीं मिलता।
वह लाभ बीमा से ही मिल सकता है। स्वास्थ्य बीमा की जहाँ तक बात है, वह भी आपके लिए जरूरी है और उस पर कर लाभ भी है। वहीं जीवन बीमा के साथ निवेश की बात करें तो ऐसे निवेश पर आपको तीन बार कर में छूट मिलती है - पैसा डालते समय, साल-दर-साल उसके लाभ पर और फिर पैसा निकालते समय।
निवेश के जो बाकी विकल्प हैं, उनमें ज्यादातर में आपको पैसा निकालते समय कर चुकाना पड़ेगा। इसलिए अगर कोई 30% आयकर के वर्ग में है तो उसके लिए बीमा उत्पादों में निवेश पर 7% लाभ मिलना दरअसल 10% के बराबर है। अगर बैंक की मियादी जमा (एफडी) में 10% ब्याज मिले और बीमा से 7% लाभ मिले तो दोनों बराबर होंगे। कर संबंधी इस फायदे के अलावा बीमा का यह फायदा तो है ही कि पहले ही दिन से आपको बीमा सुरक्षा मिलती है। साथ में अगर आप गंभी बीमारी (क्रिटिकल इलनेस) वगैरह का कोई राइडर लेते हैं तो उसका भी फायदा मिलता है।
जहाँ तक यह नजरिया है कि बीमा उत्पादों को केवल शुद्ध सुरक्षा के लिहाज से देखा जाये और निवेश के लिए अन्य विकल्पों पर ध्यान दिया जाये, वह बात काफी मामलों में सही है। लेकिन अगर आप निवेश करने ही वाले हैं, तो कई स्थितियों में बीमा के साथ निवेश वाले उत्पाद भी अच्छा विकल्प बन जाते हैं। मसलन जब आपके सामने कोई स्पष्ट वित्तीय लक्ष्य हो, बच्चों के भविष्य की योजना बनानी हो, आगे कुछ वर्षों बाद एक बड़ा खर्च दिख रहा हो, उन स्थितियों में लंबी अवधि की योजना बनाने के लिए ये उत्पाद काफी काम आते हैं। ज्यादा लंबी अवधि के निवेश के और बहुत-से विकल्प तो हैं नहीं।
(निवेश मंथन, मार्च 2014)