शचींद्र नाथ, ग्रुप सीईओ, रेलिगेयर इंटरप्राइजेज :
आरबीआई ने नये बैंकों के लाइसेंस के लिए काफी अच्छे दिशानिर्देश बनाये हैं।
इनसे बैंकिंग क्षेत्र सब के लिए खुला है। लेकिन साथ ही इनमें सुरक्षा के पर्याप्त उपाय भी रखे गये हैं, जिससे वित्तीय बाजारों को लंबी अवधि में सुरक्षा मिले। नये बैंक लाइसेंस की यह शर्त रखी गयी है कि उन्हें कम-से-कम 25% शाखाएँ 10,000 से कम आबादी वाले इलाकों में खोलनी होंगी।
साथ ही पूँजी पर्याप्तता अनुपात (सीएआर) भी न्यूनतम 13% रखा गया है। ये शर्तें मौजूदा बैंकों पर लागू नहीं हैं। लेकिन मुझे नहीं लगता कि नया बैंक लाइसेंस पाने की आकांक्षा रखने वाले इन शर्तों के चलते हिचक जायेंगे। एक तरह से यह उनकी प्रतिबद्धता का इम्तहान भी है।
ग्रामीण क्षेत्रों में 25% शाखाएँ खोलने की शर्त मुझे उचित लगती है, क्योंकि नये बैंकिंग लाइसेंस जारी करने का प्राथमिक उद्देश्य बैंकिंग सेवाओं में अधिक लोगों का समावेश (इन्क्लूजन) है। आरबीआई ने किसी भी क्षेत्र को नकारात्मक सूची में नहीं डाला है, जो अच्छी बात है। जो भी कंपनी समावेश के इस बड़े लक्ष्य को पा सके और बैंकिंग सेवाओं का विस्तार कर सके, उसे यह मौका मिलना चाहिए। बैंकिंग लाइसेंस मिलने पर ग्राहकों को आकर्षित करने की हमारी रणनीति क्या होगी, इसकी चर्चा हम अभी नहीं करना चाहेंगे। हालाँकि हम कई ऐसे नये अनोखे तरीके चुनेंगे, जिससे बैंकिंग सेवाओं से वंचित लोगों को कम लागत पर ये सेवाएँ मिल सकें।
(निवेश मंथन, मार्च 2013)