अनुज भगिया, मार्केटिंग प्रमुख, पॉलिसी बाजार :
अपने लिए कर बचत की योजना बनाने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि वित्त वर्ष की शुरुआत से ही इसकी योजना बना ली जाये।
वित्त वर्ष के अंतिम महीने आने का इंतजार न करें। अगर कहीं भी नकद प्रवाह में कोई बाधा दिखती हो और संदेह हो कि कौन-सा निवेश मार्ग चुनें, तो इस स्थिति में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है कि कर बचाने के लिए सभी संभावित तरीकों को याद रखा जाये। हालाँकि कर बचाने के काफी तरीकों से करदाता भली-भाँति परिचित होते हैं, लेकिन कुछ ऐसे रास्ते भी हैं जिन्हें कम ही लोग जानते हैं।
करदाता के रूप में हम 80सी, 80 डी और ऐसी ही कई अन्य धाराओं के तहत अधिकतम कर राशि बचा सकते हैं। धारा 80सी की धारा के तहत जीवन बीमा, यूलिप, एनएससी, पीपीएफ और कई अन्य पेंशन योजनाओं के जरिये एक लाख रुपये तक की कर बचत की अनुमति मिलती है। इस धारा में गृह ऋण (हाउसिंग लोन) के मूलधन (प्रिंसिपल) राशि का भुगतान और अपने बच्चों की स्कूली शिक्षा के लिए स्कूल ट्यूशन फी के भुगतान को भी शामिल किया गया है।
जीवन बीमा : स्वयं अपने या अपने परिवार (पति-पत्नी और बच्चों) के लिए जीवन बीमा प्रीमियम की राशि का भुगतान 80सी के तहत आता है। सावधि बीमा (टर्म इन्श्योरेंस) पॉलिसी लेना अच्छा रहता है। यह सबसे सस्ता और आसान है।
अब ऑनलाइन सावधि बीमा योजनाएँ उपलब्ध हैं, जिनकी दरें पिछले सालों की तुलना में 50% से अधिक घटा दी गयी हैं। अभी दस से अधिक कंपनियाँ ऑनलाइन सावधि बीमा योजनाएँ मुहैया करा रही हैं। यह पॉलिसी उन सभी के लिए जरूरी है, जिनकी शादी हो गयी है या जिन पर कोई अन्य वित्तीय दायित्व है।
यूनिट लिंक्ड बीमा योजनाएँ (यूलिप) : यूलिप में बीमा सुरक्षा के साथ-साथ धन कमाने के अवसर भी शामिल हैं। यूलिप में निवेश का एक हिस्सा आपको जीवन बीमा सुरक्षा प्रदान करेगा। यूलिप का बचा भाग एक फंड में जाता है, जो उसका निवेश शेयरों या बांड वगैरह में करता है। निवेशक जो फंड चुनते हैं, उसके प्रदर्शन के आधार पर निवेश का मूल्य बदलता रहता है। हाल ही में शुरू हुई कुछ यूलिप योजनाओं में शून्य कमीशन होने से इनके ग्राहकों के लिए निवेश की आवंटित राशि ज्यादा है। अगर इनमें बेहतर फंड प्रबंधन भी दिखा तो ये लंबी समयावधि में महँगाई से मुकाबला करने के सर्वोतम तरीकों में से एक बन सकते हैं।
पब्लिक प्रॉविडेंट फंड : पीपीएफ लंबी अवधि की दृष्टि से प्रत्येक निवेशक के लिए आवश्यक है। यह 15 वर्ष या इससे अधिक अवधि के लिए प्रति वर्ष 8% से अधिक का कर मुक्त लाभ देता है। आप इसमें हर साल १०0,000 तक के निवेश पर कर छूट पा सकते हैं। लेकिन यह निवेश आपके लिए फायदेमंद है, चाहे आपको कर छूट की जरूरत हो या नहीं।
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट : यह छह साल का छोटा बचत विकल्प है जो छमाही 8% का ब्याज भुगतान करता है। यह ध्यान रखें कि प्रत्येक वर्ष अर्जित ब्याज करयोग्य है, लेकिन यदि ब्याज भी दोबारा निवेश किया जाये तो वह भी धारा 80सी के तहत आ जायेगा।
पाँच वर्षों की कर बचत सावधि जमा : अब कुछ बैंक पाँच वर्षों की अवधि के लिए एफडी की सुविधा भी दे रहे हैं, जिससे करदाता को कर कटौती का फायदा मिलता है। वरिष्ठ नागरिकों को इसमें उनके रिटर्न पर लगभग 0.50% ज्यादा ब्याज की सुविधा भी मिलती है। इसमें पाँच वर्षों के लिए निवेश बनाये रखने की शर्त है और समय से पहले पैसा निकालने की अनुमति नहीं है।
इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम : ये विविध इक्विटी म्यूचुअल फंड योजनाएँ हैं, जिनसे आपके निवेश पोर्टफोलिओ में ज्यादा फायदा मिल सकता है, लेकिन इनमें बाजार से जुड़ा जोखिम भी है। इनकी न्यूनतम समयावधि तीन साल की है। आप चाहें तो एकमुश्त निवेश करें या फिर नियमित निवेश योजना (एसआईपी) के जरिये, लेकिन एसआईपी के जरिये निवेश करते समय समयावधि का ध्यान रखें। एसआईपी की प्रत्येक किश्त तीन वर्षों की अवधि के लिए जमा होती है।
ईएलएसएस चुनते समय आपको फंड हाउस, वर्तमान एनएवी जिससे आपको आवंटित की गयी यूनिटों की संख्या निर्धारित होती है, और पिछली अवधि में उस योजना में मिले लाभ पर गौर करना चाहिए। प्रमाणित वित्तीय योजनाकार इन्हें खरीदने में आपके मददगार हो सकते हैं। वित्तीय वेबसाइटें भी आपको ऐसी विभिन्न योजनाओं की तुलना करने में मदद करेंगी।
उसी तरह से धारा 80डी में स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम के भुगतान पर कर में कटौती का फायदा देता है। इसके तहत कोई व्यक्ति 15,000 रुपये तक के स्वास्थ्य बीमा के प्रीमियम भुगतान पर कर कटौती का दावा कर सकता है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह राशि और 5,000 रुपये बढ़ कर 20,000 रुपये हो जाती है। अगर आप स्वयं के लिए और साथ ही अपने वरिष्ठ नागरिक माता-पिता के लिए भी प्रीमियम का भुगतान कर रहे हैं तो आप 35,000 रुपये तक के प्रीमियम भुगतान पर कर छूट ले सकते हैं।
इसके अलावा कोई व्यक्ति 15,000 रुपये की इस सीमा के तहत रक्षात्मक स्वास्थ्य जाँच (प्रिवेंटिव हेल्थ चेकअप) के लिए किये गये भुगतान पर भी कर छूट का दावा कर सकता है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए पहले की तरह यह सीमा 20,000 रुपये की होगी।
एक करदाता के रूप में हमें यह समझने की जरूरत है कि हमें कर बचत के लिए जल्दी शुरुआत करने और सही दिशा में कदम बढ़ाने की आवश्यकता है। मैंने आपको कुछ विकल्पों का सुझाव दिया है। लेकिन निवेश का जोखिम आपकी निवेश रणनीति और उद्देश्यों से भी जुड़ा हो सकता है और आपके पोर्टफोलिओ की कमियों से भी। सभी धाराओं में कर बचाने और करदाता के पोर्टफोलिओ को प्रभावी बनाने के लिए काफी विकल्प मौजूद हैं। इसलिए हमें जल्दी कदम उठाने चाहिए, ताकि ये सभी विकल्प हमारे लिए फायदेमंद हो सकें।
(निवेश मंथन, मार्च 2013)