देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का अक्टूबर-दिसंबर 2012 तिमाही में कंसोलिडेटेड मुनाफा बढ़ कर 4648 करोड़ रुपये हो गया है।
पिछले साल की इसी तिमाही में यह 4318 करोड़ रुपये रहा था। इस तरह बैंक के मुनाफे में 8% की बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान बैंक की कुल आमदनी 18% बढ़ कर 50942 करोड़ रुपये हो गयी है, जो कि गत वर्ष की समान अवधि में 43106 करोड़ रुपये रही थी।
बैंक के सकल एनपीए में तेज बढ़ोतरी हुई। दिसंबर 2012 के अंत तक उसका सकल एनपीए 53,457 करोड़ रुपये पर पहुँच गया, जो एक साल पहले दिसंबर 2011 के अंत में 40,098 करोड़ रुपये पर था। कुल ऋण में हिस्सेदारी के हिसाब से बैंक का सकल एनपीए तिमाही के दौरान 5.30% रहा, जो इससे पिछले कारोबारी साल की समान तिमाही में 4.61% पर था। दिसंबर तिमाही में बैंक का शुद्ध एनपीए 2.59% था। बैंक का कहना है कि कर्जों के लिए अधिक प्रावधान का असर मुनाफे पर पड़ा है।
एंजेल ब्रोकिंग के वीपी रिसर्च (बैंकिंग) वैभव अग्रवाल के मुताबिक एसबीआई के नतीजे उम्मीद से खराब रहे हैं। इसकी वजह से बैंक के शेयर पर थोड़ा दवाब दिख सकता है। लेकिन कारोबारी साल 2013-14 की पहली तिमाही से एसबीआई के नतीजों में सुधार दिख सकता है। इस लिहाज से शेयर में गिरावट पर लंबी अवधि के नजरिये से निवेश किया जा सकता है।
कोटक सिक्योरिटीज का कहना है कि एसबीआई का मुनाफा उम्मीदों से कम रहा है। हालाँकि कामकाजी लिहाज से नतीजे अपेक्षा के अनुरूप रहे हैं। बैंक के शेयर बारे में ब्रोकिंग फर्म का नजरिया खरीदने का है। इसका लक्ष्य भाव 2660 रुपये है।
घरेलू मोर्चे पर टाटा मोटर्स की चाल पड़ी सुस्त
दिग्गज वाहन कंपनी टाटा मोटर्स के तिमाही नतीजे निराशाजनक रहे हैं। कारोबारी साल 2012-13 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में कंपनी का कंसोलिडेटेड मुनाफा घट कर 1627 करोड़ रुपये हो गया है। पिछले साल की समान अवधि में यह 3405 करोड़ रुपये दर्ज हुआ था। इस तरह कंपनी के मुनाफे में 52.2% की कमी आयी है। हालाँकि इस दौरान कंपनी की आय 1.8% बढ़ कर 46,089 करोड़ रुपये पर पहुँच गयी है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में कंपनी की आय 45,260 करोड़ रुपये रही थी।
कंपनी की कुल आमदनी भी 2% बढ़ कर 46,278 करोड़ रुपये रही है, जबकि गत वर्ष की इसी तिमाही में यह 45,428 करोड़ रुपये रही थी। कंपनी का कहना है कि वैश्विक स्तर पर आर्थिक मंदी कायम है। अर्थव्यवस्था की सुस्त चाल का प्रभाव कंपनी के निर्यात पर पड़ा है। इस तिमाही में श्रीलंका और बांग्लादेश में कंपनी का प्रदर्शन उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा है। कंपनी को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में कच्चे माल की कीमत में कमी आयेगी। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज का कहना है कि टाटा मोटर्स के नतीजों ने घरेलू मोर्चे पर निराश किया है। हालाँकि जेएलआर का प्रदर्शन अच्छा रहा है। कंपनी के शेयर बारे में ब्रोकिंग फर्म का नजरिया खरीदने का है। इसका लक्ष्य भाव 360 रुपये है।
डीएलएफ के मुनाफे पर दिखा बिक्री घटने का दबाव
रियल एस्टेट क्षेत्र की दिग्गज कंपनी डीएलएफ के नतीजे अच्छे नहीं रहे हैं। कारोबारी साल 2012 की तीसरी तिमाही में कंपनी का कंसोलिडेटेड मुनाफा बढ़ कर 285 करोड़ रुपये हो गया है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 258 करोड़ रुपये रहा था। इस तरह कंपनी के मुनाफे में 10% की वृद्धि हुई है। लेकिन इस दौरान कंपनी की बिक्री 36% घट कर 1,310 करोड़ रुपये रह गयी है, जो कि बीते वर्ष की इसी तिमाही में 2034 करोड़ रुपये रही थी। इस तिमाही में कंपनी की कुल आमदनी 4.4% घट कर 2291 करोड़ रुपये रह गयी है, जो कि बीते वर्ष की इसी तिमाही में 2396 करोड़ रुपये रही थी। सालाना आधार पर तीसरी तिमाही में कंपनी की अन्य आय 361.6 करोड़ रुपये से बढ़कर 981 करोड़ रुपये रही है।
कंपनी पर कर्ज के ब्याज का दबाव बना हुआ है। कंपनी अपनी संपत्ति को बेच कर कर्ज को कम करने का प्रयास कर रही है। रेलिगेयर सिक्योरिटीज का कहना है कि डीएलएफ का मुनाफा उम्मीदों से कमजोर रहा है। हालाँकि कामकाजी लिहाज से नतीजे अपेक्षा के अनुरूप रहे हैं। कंपनी के शेयर बारे में ब्रोकिंग फर्म का नजरिया खरीदने का है। इसका लक्ष्य भाव 285 रुपये है।
ट्रांसमिशन शुल्क बढऩे से पावर ग्रिड के मुनाफे में इजाफा
सार्वजनिक क्षेत्र की ट्रांसमिशन कंपनी पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के नतीजे अच्छे रहे हैं। कारोबारी साल 2012 की तीसरी तिमाही में कंपनी का मुनाफा 40% बढ़ कर 1,129 करोड़ रुपये हो गया है, जबकि बीते वर्ष की समान अवधि में यह 809 करोड़ रुपये रहा था। अक्टूबर-दिसंबर 2012 तिमाही में कंपनी की कुल आय 35% बढ़ कर 3,490 करोड़ रुपये हो गयी है, जो कि पिछले साल की इसी तिमाही में 2,577 करोड़ रुपये थी।
कंपनी को इस तिमाही में 3,238 करोड़ रुपये का ट्रांसमिशन शुल्क मिला है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 2,340 करोड़ रुपये था। कंपनी का कहना है कि ट्रांसमिशन शुल्क बढऩे और बकाया शुल्क भुगतान का असर मुनाफे पर दिखा है। आने वाले दिनों में कंपनी की योजना विदेशों में ट्रांसमिशन लाइन का विस्तार करने की है।
रेलिगेयर सिक्योरिटीज का कहना है कि पावर ग्रिड के नतीजे उम्मीदों से बेहतर रहे हैं। कंपनी के शेयर बारे में ब्रोकिंग फर्म का नजरिया खरीदने का है। इसका लक्ष्य भाव 135 रुपये है।
सिप्ला के मुनाफे पर बिक्री में बढ़ोतरी का दिखा दम
दवा निर्माता कंपनी सिप्ला के तिमाही नतीजे ठीक रहे हैं। अक्टूबर-दिसंबर 2012-13 तिमाही में कंपनी का मुनाफा 26% बढ़ कर 339 करोड़ रुपये हो गया है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 270 करोड़ रुपये रहा था। इस तिमाही में कंपनी की बिक्री 19% बढ़ कर 2064 करोड़ रुपये हो गयी है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 1735 करोड़ रुपये रही थी।
कारोबारी साल 2012-13 की तीसरी तिमाही में कंपनी की कुल आय 18% बढ़ कर 2070 करोड़ रुपये रही है, जो कि बीते वर्ष की इसी तिमाही में 1760 करोड़ रुपये रही थी। कंपनी का ऑपरेटिंग मार्जिन 25.4% बढ़ कर 493 करोड़ रुपये हो गया।
कंपनी का कहना है कि निर्यात से मिलने वाली आमदनी में वृद्धि अवसाद निरोधक, एंटी मलेरिया, एंटी-रेट्रोवायरल और एंटी-अस्थमा क्षेत्र की बिक्री बढऩे के कारण हुई है। कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग फर्म का कहना है कि सिप्ला के मार्जिन उम्मीदों से नीचे रहे हैं। कंपनी के शेयर बारे में ब्रोकिंग फर्म का नजरिया होल्ड यानी रखने का है। इसका लक्ष्य भाव 426 रुपये है।
सेल के मुनाफे में तेज गिरावट
अक्टूबर-दिसंबर 2012 तिमाही में स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (सेल) का मुनाफा घट कर 484 करोड़ रुपये हो गया है। पिछले साल की समान अवधि में इसका मुनाफा 632 करोड़ रुपये रहा था। इस तरह कंपनी के मुनाफे में बीती तिमाही के दौरान 23% की गिरावट आयी है। इस दौरान में कंपनी की बिक्री 1% घट कर 10,494 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल की समान अवधि में 10,594 करोड़ रुपये रही थी। कारोबारी साल 2012 की तीसरी तिमाही में कंपनी की कुल आय भी 1% घट कर 10,670 करोड़ रुपये हो गयी है, जो बीते वर्ष की समान अवधि में 10,729 करोड़ रुपये रही थी।
मुनाफे में गिरावट के बावजूद मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज ने सेल के इन नतीजों को अनुमानों के अनुसार ही माना है। हालाँकि इसके शेयर के बारे में ब्रोकिंग फर्म की सलाह बेचने की है। इसका लक्ष्य भाव 39 रुपये है।
गेल इंडिया का मुनाफा बढ़ा
सार्वजनिक क्षेत्र की महारत्न कंपनी गेल इंडिया ने कारोबारी साल 2012 की तीसरी तिमाही के दौरान मुनाफे में 18% की बढ़त हासिल की है। इस दौरान कंपनी का मुनाफा 1285 करोड़ रुपये रहा है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 1091 करोड़ रुपये रहा था।
अक्टूबर-दिसंबर 2012 तिमाही में कंपनी की कुल आय 12% बढ़ कर 12,658 करोड़ रुपये हो गयी है, जो बीते वर्ष की इसी तिमाही में 11,315 करोड़ रुपये रही थी। कंपनी का कहना है कि इस तिमाही में पेट्रोलियम पदार्थों पर दी जा रही सब्सिडी के मद में 614 करोड़ रुपये का योगदान नहीं करना पड़ता, तो उसका मुनाफा और ज्यादा होता। पिछले वर्ष की समान अवधि में कंपनी को इस मद में 536.12 करोड़ रुपये का योगदान करना पड़ा था।
वेंचुरा सिक्योरिटीज ने गेल इंडिया का शेयर रखे रहने (होल्ड) की सलाह दी है, लेकिन इसका कोई लक्ष्य भाव नहीं बताया है।
हिंडाल्को की बिक्री बढ़ी, मगर मुनाफे में कमजोरी
कारोबारी साल 2012-13 की तीसरी तिमाही में हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड के मुनाफे में 4% की गिरावट आयी है। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में कंपनी का मुनाफा घट कर 434 करोड़ रुपये हो गया है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 451 करोड़ रुपये रहा था। हालाँकि इस दौरान कंपनी की शुद्ध बिक्री 3% बढ़ कर 6790 करोड़ रुपये हो गयी है, जो कि बीते वर्ष की इसी तिमाही में 6590 करोड़ रुपये रही थी।
कंपनी की कुल आय भी 3% बढ़ कर 6872 करोड़ रुपये हो गयी है, जो कि बीते वर्ष की इसी तिमाही में 6647 करोड़ रुपये रही थी। साल-दर-साल हिसाब से इस तिमाही में कंपनी की अन्य आय 91 करोड़ रुपये से बढ़कर 318 करोड़ रुपये हो गयी है। कंपनी का कहना है कि अन्य आय में बढ़त की वजह से नतीजे ठीक रहे हैं। आयात के मोर्चे पर कंपनी को चीन के बाजार से मुकाबला करना पड़ रहा है।
ब्रोकिंग फर्म मोतीलाल ओसवाल का कहना है कि हिंडाल्को इंडस्ट्रीज के नतीजे उम्मीदों के अनुसार रहे हैं। कंपनी के शेयर बारे में ब्रोकिंग फर्म का नजरिया खरीदने का है। इसका लक्ष्य भाव 175 रुपये है।
कोल इंडिया के मुनाफे में हल्का इजाफा
सार्वजनिक क्षेत्र की खनन कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड के नतीजे उम्मीदों के अनुसार ही रहे हैं। कारोबारी साल 2012-13 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही का कंसोलिडेटेड मुनाफा बढ़ कर 4395 करोड़ रुपये हो गया है। पिछले साल की इसी तिमाही में यह 4038 करोड़ रुपये रहा था, यानी कंपनी के मुनाफे में 8.8% की बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान कंपनी की बिक्री 13% बढ़कर 17,325 करोड़ रुपये रही, जबकि पिछले साल समान अवधि में कंपनी की बिक्री 15,349 करोड़ रुपये रही थी।
कंपनी की कुल आमदनी 14.3% बढ़ कर 19,685 करोड़ रुपये हो गयी है, जो गत वर्ष समान अवधि में 17,227 करोड़ रुपये रही थी। कंपनी का कहना है कि महंगे डीजल और वेतन में बढ़ोतरी का असर उसके मार्जिन पर दिखायी पड़ा। कंपनी को चालू साल के 4640 लाख टन के उत्पादन लक्ष्य को हासिल करना कठिन नजर आ रहा है।
ब्रोकिंग फर्म प्रभुदास लीलाधर का कहना है कि कंपनी के नतीजे उम्मीदों से बेहतर हैं। ब्रोकिंग फर्म ने यह शेयर जमा करने की सलाह दी है। इसका लक्ष्य भाव 400 रुपये है।
महिंद्रा : सुस्ती में अच्छा मुनाफा
साल 2012-13 की तीसरी तिमाही में महिंद्रा ऐंड महिंद्रा के मुनाफे में 26% की वृद्धि हुई है। इस दौरान कंपनी का मुनाफा बढ़ कर 836 करोड़ रुपये हो गया है, जबकि गत वर्ष समान अवधि में यह 662 करोड़ रुपये था। अक्टूबर-दिसंबर 2012 तिमाही में कंपनी की कुल आय 29% बढ़ कर 10,774 करोड़ रुपये हो गयी है, जो बीते वर्ष इसी तिमाही में 8384 करोड़ रुपये रही थी।
कंपनी का कहना है कि सुस्ती के दौर में उसका प्रदर्शन ठीक रहा है और ट्रैक्टर बिक्री घटने के बावजूद मुनाफे पर इसका ज्यादा प्रभाव नहीं दिखा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में मंदी नजर आ रही है। इस मंदी की वजह से ट्रैक्टर क्षेत्र में कंपनी की बाजार हिस्सेदारी घट कर 41.5% हो गयी है। ट्रक क्षेत्र में भी मंदी का दौर जारी है।
एंजेल ब्रोकिंग का कहना है कि महिंद्रा ऐंड महिंद्रा के नतीजे उम्मीदों से कमजोर रहे हैं। हालाँकि कंपनी के शेयर के बारे में ब्रोकिंग फर्म का नजरिया खरीदारी का है और इसने 1019 रुपये का लक्ष्य भाव रखा है।
सन फार्मा के मुनाफे में बढ़ोतरी
कारोबारी साल 2012-13 की तीसरी तिमाही में सन फार्मास्युटिकल के कंसोलिडेटेड मुनाफे में 32% बढ़ोतरी हुई है।
इस दौरान कंपनी का मुनाफा बढ़ कर 881 करोड़ रुपये हो गया है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 668 करोड़ रुपये रहा था। इस तिमाही में कंपनी की शुद्ध बिक्री में 33% बढ़ कर 2852 करोड़ रुपये रही है, जबकि पिछली साल के समान अवधि में यह 2145 करोड़ रुपये रही थी।
इस दौरान कंपनी की कुल आय 39% बढ़ कर 2933 करोड़ रुपये हो गयी है, जो कि गत वर्ष की इसी तिमाही में 2116 करोड़ रुपये रही थी।
कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग फर्म का कहना है कि सन फार्मा का ऑपरेटिंग मार्जिन उम्मीद से अच्छा रहा है। इस शेयर के लिए ब्रोकिंग फर्म का नजरिया खरीदारी का है। इसने सन फार्मा का लक्ष्य भाव 825 रुपये बताया है।
(निवेश मंथन, मार्च 2013)