लखनऊ के निवेशक दरबार में एस्कॉट्र्स सिक्योरिटीज के निदेशक अशोक अग्रवाल ने जहाँ शेयर बाजार में निवेश की बारीकियाँ बतायीं तो तकनीकी विश्लेषक मानस जायसवाल ने कारोबारियों के लिए फायदे के खास सूत्रों की चर्चा की।
अशोक अग्रवाल ने निवेशकों को आगाह किया कि इक्विटी में निवेश हमेशा जोखिम भरा होता है, इसलिए पूँजी की सुरक्षा उनकी निवेश रणनीति का काफी महत्वपूर्ण हिस्सा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इक्विटी यानी शेयर बाजार लंबी अवधि में सालाना औसतन 14-20% का लाभ देता है। लेकिन साथ ही शेयरों में निवेश के जोखिम को अच्छी तरह सँभालना भी जरूरी है।
जोखिम प्रबंधन के लिए उन्होंने सलाह दी कि निवेशक घाटा काटने (स्टॉप लॉस) के स्तरों का ध्यान रखें, छोटी-छोटी रकम लगायें, अपने निवेश को अलग-अलग शेयरों और क्षेत्रों में बाँट कर रखें, उधार लेकर सौदे या निवेश न करें, उचित मौके पर बिकवाली से न हिचकें और संभावित नुकसान सीमित करने के लिए हेजिंग रणनीति का प्रयोग करें। दिग्गज निवेशक डब्लू डी गैन का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि कारोबारी सौदों से फायदा कमाने और जोखिम प्रबंधन करने की कला में महारत हासिल करने से पहले गैन एक बार अपना सब कुछ गँवा चुके थे।
अशोक अग्रवाल ने वारेन बफेट के एक प्रसिद्ध सूत्र का हवाला दिया, जिसमें निवेश की सुरक्षा के दो नियम बताये गये हैं। पहला नियम - पैसा न डुबायें। दूसरा नियम - कभी पहला नियम न भूलें। इसी तरह स्टीव कोहेन का कहना था कि अपने घाटे को सीमित रखना ही आपकी लड़ाई का 90% भाग है। उन्होंने निवेश की सुरक्षा के बारे में कई खास नियमों का जिक्र किया। इनमें से एक नियम है कि अगर कोई शेयर खरीद भाव से 8% नीचे या 50% ऊपर चला जाये तो उससे बाहर निकल जाना चाहिए। साथ ही अगर दो साल बीत जायें और इन दोनों में से कोई शर्त पूरी नहीं हो, तो भी उस शेयर से निकल जाने में समझदारी है।
तकनीकी विश्लेषक मानस जायसवाल ने शेयर बाजार में आने वाले महीनों में तेजी रहने का अनुमान जताया और कहा कि निफ्टी दीवाली तक 7000 की ऐतिहासिक ऊँचाई छू सकता है। उन्होंने डॉव सिद्धांत और कुछ अन्य तकनीकी संरचनाओं के आधार यह अनुमान जताया। साथ ही उन्होंने ऐसे खास शेयरों का भी जिक्र किया, जिनकी मजबूती के दम पर निफ्टी इस मुकाम को हासिल कर सकेगा। इनमें पाँच खास शेयर रिलायंस इंडस्ट्रीज, महिंद्रा ऐंड महिंद्रा, ऐक्सिस बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और इन्फोसिस हैं। जायसवाल ने निवेशकों और कारोबारियों को सलाह दी कि वे हमेशा बाजार का रुझान समझ कर उसके अनुरूप निवेश या सौदे करें और अपने सौदों में घाटा काटने का स्तर (स्टॉप लॉस) जरूर तय करके रखें।
मानस जायसवाल ने शेयर कारोबार के लिए 10 सुनहरे नियमों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि अपनी पूँजी को बराबर हिस्सों में बाँट कर उन्हें अलग-अलग कारोबारी रणनीतियों में लगाना चाहिए। उनका अगला सुझाव था कि जिन शेयरों में अच्छी मात्रा में कारोबार होता हो, केवन उनमें ही सौदे करने चाहिए। उन्होंने कहा कि अक्सर कारोबारी बिकवाली सौदे करने में हिचकते हैं, लेकिन जिस तरह आप अक्सर खरीदारी सौदे करते हैं, उसी तरह सही मौकों पर अक्सर बिकवाली भी करनी चाहिए। अगर आपको बाजार की दिशा स्पष्ट नहीं लग रही हो तो उस समय सौदे करने से बचना चाहिए।
साथ ही उन्होंने आगाह किया कि आप अपने हर सौदे में फायदा ही कमाने की उम्मीद न रखें। किसी बुरे सौदे में यह सोच कर न अटके रहें कि बाद में भाव सुधर जायेगा। ऐसा करने पर ज्यादा संभावना यही रहेगी कि आपका नुकसान बढ़ता जायेगा। उन्होंने सचेत किया कि अगर आपने सही दिशा में सौदा किया है तो घाटा काटने का स्तर संशोधित करते हुए ज्यादा बड़ी चाल का फायदा लिया जा सकता है। लेकिन अगर सौदा गलत जा रहा हो तो पहले से तय किये हुए घाटा काटने के स्तर पर ही उससे बाहर आ जाना बेहतर है। लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी हिदायत दी कि एक हद से ज्यादा लालच ठीक नहीं। इसलिए पहले से तय स्तर पर मुनाफा ले लेना अच्छा रहता है। उन्होंने दूसरों की बातें सुन कर सौदे करने के बदले खुद फैसले करने की भी सलाह दी। उनकी आखिरी सलाह यह थी कि एक सीमा से ज्यादा सौदे करने से बचना चाहिए। एक बार में 3-5 सौदों में ही रहना चाहिए।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के सदस्य - संस्थागत बिक्री रितेश कुमार ने आरजीईएसएस के मौजूदा स्वरूप की चर्चा करते हुए बताया कि पहली बार इक्विटी में निवेश करने वाले व्यकिक्त किस तरह इस योजना में मिलने वाली कर छूट का लाभ उठा सकते हैं। निवेश मंथन के सलाहकार संपादक राजेश रपरिया और निवेश मंथन के संपादक राजीव रंजन झा ने भी निवेशकों की जिज्ञासाओं का समाधान किया।
(निवेश मंथन, मार्च 2013)