तकनीकी विश्लेषक सुनील मिंगलानी ने कहा कि किसी शेयर को खरीदने के लिए दो तरह की सोच काम करती है।
सबसे पहले तो आप निवेश करने की सोचते हैं। दूसरी बात निवेश की अवधि को लेकर होती है। कुछ लोग कहते हैं कि शेयर खरीद लो और सो जाओ। मुझे यह समझ में नहीं आता कि निवेश करने के बाद कोई 10 साल तक सो कैसे सकता है! आपको देखना है रोज। आपको ध्यान रखना है अपने पैसे का कि वो क्या कर रहा है। आज से 25 साल पहले ऐसी कितनी कंपनियाँ थी, जो आज भी जिंदा हैं? आप उन्हें उँगलियों पर गिन सकते हैं। आज बीएसई में 7000 से ज्यादा कंपनियाँ हैं। लेकिन आज से 25 साल बाद इनमें से कितनी कंपनियाँ बची होगीं? फिर आप पैसा लगा कर सो कैसे सकते हैं? केवल किसी कंपनी पर विश्वास ही नहीं करना है, बल्कि उसको परखना है। अगर कल परिस्थितियाँ बदलती हैं तो हमें भी बदलना पड़ेगा।
सुनील मिंगलानी ने शेयर की खरीद-बिक्री करते समय आमतौर पर होने वाली गलतियों की ओर भी निवेशकों और कारोबारियों का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने बाजार की दिशा और शेयर भाव के रुझान को देखते हुए कारोबार करने पर जोर दिया। उन्होंने किसी भी कंपनी के शेयर भाव को देखने के लिए चार्ट के विश्लेषण के फायदे बताये। साथ ही उन्होंने लंबी और छोटी अवधि के निवेश के अंतर को समझाते हुए शेयर भाव के व्यवहार को देख कर मुनाफा कमाने का सुझाव दिया।
ब्रोकिंग फर्म वेल इंडिया के इक्विटी रिसर्च प्रमुख विवेक नेगी ने कहा कि बहुत बार कड़वे सच निगलने पड़ते हैं और यही बात बाजार के साथ भी होती है। बाजार आपको व्यक्तिगत रूप से समझ नहीं सकता है। चाहे आप कितना भी पैसा बाजार में डुबा दें, पर बाजार कभी व्यक्तिगत रूप से लोगों को नहीं समझता है क्योंकि बाजार लाखों लोगों की सामूहिक भावना पर चलता है। अगर आपको लगता है कि किसी कंपनी में मेरा पैसा लगने के बाद यह सुरक्षित है और वापस आ सकता है तो आप ऐसी कंपनी में निवेश करें। आप अपना पैसा भावनाओं के आधार पर नहीं, अपितु सोच-समझ कर लगायें। बाजार के प्रति अपनी सोच सकारात्मक रख कर हम बाजार से पैसा कमा सकते हैं।
आईसीएआई के विजिटिंग फैकल्टी चार्टर्ड एकाउंटेंट एस के अग्रवाल ने कर बचत के उपायों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पीपीएफ अभी सबसे अच्छा विकल्प है। पीपीएफ में एक लाख रुपये तक राशि का निवेश 15 वर्षों की अवधि के लिए किया जा सकता है। इसमें मिलने वाला ब्याज भी करमुक्त है। छोटे निवेशक 50,000 रुपये तक की राशि को राजीव गाँधी इक्विटी फंड में निवेश कर सकते हैं। उन्हें इसके 50% हिस्से पर अतिरिक्त कर छूट मिलेगी। इस तरह से उन्हें 7,500 रुपये तक की कर बचत होगी।
निवेश मंथन के सलाहकार संपादक राजेश रपरिया ने कहा कि आम तौर पर निवेशक कोई शेयर खरीदने के बाद उस पर नजर रखना भूल जाते हैं। इसके चलते जब उस शेयर की सबसे अच्छी कीमतें मिल रही होती हैं तो वे मुनाफावसूली नहीं कर पाते और बाद में भाव नीचे आ जाने पर उन्हें पछतावा होता है। बाजार की संभावित दिशा के बारे में उन्होंने कहा कि चुनावी अनिश्चितता को लेकर निवेशकों के मन में आशंका जरूर रहेगी, लेकिन यह ध्यान रखना चाहिए कि देश के दोनों ही मुख्य राजनीतिक दल आर्थिक सुधारों के पक्षधर हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद कोई भी राजनीतिक समीकरण इन दोनों में से ही किसी एक दल के इर्दगिर्द बनेगा। निवेश मंथन के संपादक राजीव रंजन झा ने बाजार में कारोबार करते समय होने वाली छोटी-छोटी भूलों के प्रति निवेशकों को सचेत किया।
हेल्थ विलेज के प्रबंध निदेशक नरेश शर्मा ने इस मौके पर कहा कि आर्थिक सृमद्धि की आधारशिला स्वस्थ तन-मन पर टिकी है। इसलिए आज की दौड़-भाग में हमें अपने स्वास्थ्य के प्रति भी जागरूक होना चाहिए। निवेशक दरबार में आये प्रतिभागियों ने भी खुल कर अपने विचार रखे और अपनी जिज्ञासाओं का समाधान किया।
(निवेश मंथन, फरवरी 2013)