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संरचनाओं से समझें दिशा

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Category: फरवरी 2013

इस अंक में तकनीकी विश्लेषक सुनील मिंगलानी बता रहे हैं कुछ ऐसी खास संरचनाओं के बारे में, जो बाजार में रुझान जारी रहने या रुझान बदलने का संकेत देते हैं।

पहचानने में आसान ये संरचनाएँ आने वाले समय में बाजार की दिशा समझने में मददगार हैं।
हेड एंड शोल्डर्स
य ह एक ऐसी संरचना है जो रुझान के उलटने का संकेत देती है। यह तिहरी तलहटी और तिहरे शिखर की संरचना की तरह ही काम करती है, अंतर सिर्फ यह है कि किसी व्यक्ति के सिर की रूपरेखा की तरह इसमें भी बीच वाले शिखर/तलहटी का आकार बड़ा होता है और बाकी दो शिखरों/तलहटियों का आकार कंधों की तरह छोटा होता है।
जब शेयर भाव गर्दन की रेखा (नेकलाइन) के समर्थन/प्रतिरोध मूल्य को काट देता है तो इस संरचना की पुष्टि हो जाती है. इस समय कारोबारी मात्रा (वॉल्यूम) में भी वृद्धि होनी चाहिए। पुष्टि होने के बाद कंधे के स्तर पर घाटा काटने का स्तर (स्टॉप लॉस) लगा कर इसके आधार पर सौदा किया जा सकता है। इस संरचना का प्रथम लक्ष्य गर्दन से सिर की ऊँचाई के बराबर है। अकसर देखा गया है कि लक्ष्य से अधिक भी फायदा हो जाता है। जैसे-जैसे भाव आपकी दिशा में चलता जाये, आप अपना घाटा काटने का स्तर भी उसके साथ बदलते रहें। हेड एंड शोल्डर संरचना शिखर पर बनती है, जबकि उल्टी हेड एंड शोल्डर संरचना तलहटी पर। दोनों एक तरह से काम करते हैं।
झंडे की संरचना
झंडे या फ्लैग की संरचना छोटी अवधि में कोई रुझान जारी रहने का संकेत देती है। इसमें भाव झंडे के डंडे की तरह अचानक तेजी से बढ़ जाता है। इसके बाद झंडे की तरह यह धीरे-धीरे झुक कर अपनी तेजी को स्थिरता देता है। वास्तविक झंडे की ही तरह इसका आकार भी डंडे की तुलना में काफी छोटा होता है। ऊपर चढ़ते बाजार में यह संरचना अच्छी तेजी का संकेत देती है। इसी प्रकार गिरते बाजार में उल्टे झंडे की संरचना यह दर्शाती है कि अभी और गिरावट बाकी है। झंडा बनाने के पश्चात जब भाव भारी कारोबार के साथ डंडे के शिखर को पार करता है, तब इस संरचना की पुष्टि हो जाती है। इस संरचना में डंडे के आकार के बराबर लक्ष्य मान कर और झंडे के स्तर घाटा काटने के स्तर के साथ सौदा करना चाहिए। इस संरचना में घाटा काटने का स्तर बिल्कुल साफ दिखता है। मतलब यह कि जिस झंडे में हम सौदा लेते हैं उसका पहले वाला झंडा हमारे लिए घाटा काटने का स्तर होना चाहिए। इस संरचना में चाल काफी तेज होती है, इसलिए कारोबारियों को चुस्ती से सौदे करने और काटने चाहिए।
रुझान रेखा
रुझान रेखा या (ट्रेंड लाइन) एक तकनीकी विश्लेषक के पास उपलब्ध सबसे सरल, लेकिन शक्तिशाली उपकरणों में से एक है। रुझान रेखा एक गतिसूचक है। यह समय के साथ शेयर की कीमत में वृद्धि की दर को दर्शाता है और दर में वृद्धि या कमी के प्रति आपको सचेत करता है। रुझान रेखा और अन्य गति संकेतकों के बीच अंतर यह है कि आप मानव मस्तिष्क जैसे सुपर कंप्यूटर का प्रयोग करके भाव की प्रवृति देखने की कोशिश करते हैं, न कि एक नेत्रहीन, साधारण-सी गणना करने वाले कंप्यूटर से।
रुझान रेखा किसी रुझान को पहचानने और पुष्टि करने, दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है। ऊपर जाती रुझान रेखा समर्थन के रूप में कार्य करती है और दर्शाती है कि कीमत के साथ शुद्ध माँग भी बढ़ रही है। नीचे झुकी रुझान रेखा प्रतिरोध के रूप में कार्य करती है और दर्शाती है कि कीमत में गिरावट के साथ शुद्ध आपूर्ति भी बढ़ रही है।
(निवेश मंथन, फरवरी 2013)

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