सुगंधा सचदेव, धातु विश्लेषक, रेलिगेयर कमोडिटीज :
सोना
वैश्विक बाजारों से कोई साफ संकेत नहीं मिलने से पिछले महीने सोना एक दायरे में अटका रहा।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन बेन बर्नांके के बयान के बाद फेड और बैंक ऑफ जापान की ओर से राहत पैकेज को लेकर पैदा हुई अनिश्चितता की वजह से सोने की बढ़त सीमित रही। 2012 की चौथी तिमाही में चीन की जीडीपी विकास दर 7.9% रही जो उम्मीद से बेहतर है। चीन की बेहतर होती आर्थिक स्थिति से वैश्विक अर्थव्यवस्था में भी सुधार की उम्मीद बनी है। बैंक ऑफ जापान ने भी अर्थव्यवस्था में सुधार और महँगाई पर लगाम के लिए कई उपाय किये हैं।
घरेलू बाजार में सोने की कीमतों में तेजी रही, क्योंकि बाजार को पहले से ही आयात शुल्क बढऩे की आशंका थी। आयात शुल्क बढऩे से भारत में सोने का आयात महँगा हो जायेगा। सरकार ने बढ़ते चालू खाते घाटे पर लगाम लगाने के लिए सोने के आयात शुल्क में बढ़ोतरी की है। लेकिन उद्योग जगत को लगता है कि इससे माँग पर हल्का असर ही पड़ेगा।
चीन में नये साल की छुट्टियों के बावजूद हाजिर बाजार में सोने की खरीदारी सुस्त रही। दुनिया के सबसे बड़े गोल्ड ईटीएफ, न्यूयॉर्क के एसपीडीआर गोल्ड ट्रस्ट ने सोने की बिकवाली जारी रखी है और उसका भंडार 1.8 टन कम हुआ है। हालाँकि रूस के केंद्रीय बैंक ने सोने की खरीदारी जारी रखने का ऐलान किया है।
सोने ने 2013 की शुरुआत गिरावट से की। मासिक आधार पर सोने के भाव 31,000 प्रति 10 ग्राम के ऊपरी स्तरों से नीचे आ गये। दार्घकालिक तकनीकी संकेतक बता रहे हैं कि 32,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के ऊपर के भाव से शुरु हुई गिरावट और लंबी खिंच सकती है। एमसीएक्स पर सोने की कीमतें 29,300 रुपये प्रति 10 ग्राम और कॉमेक्स पर 1,635 डॉलर प्रति औंस का अहम समर्थन स्तर टूटने पर 1,580 डॉलर तक फिसल सकती हैं। हालाँकि इसके चार्ट सोने का भाव ओवरसोल्ड यानी हद से ज्यादा बिकवाली की स्थिति का इशारा कर रहे हैं, जिससे किसी वापस उछाल (पुल बैक) से इनकार नहीं किया जा सकता।
हालाँकि कोई भी वापस उछाल आये तो यह ताजा बिकवाली सौदे करने का अच्छा मौका होगा, क्योंकि कीमतें 200 दिनों के ईएमए के नीचे फिसल गयी हैं और कीमतें निर्णायक तौर पर इसके नीचे चल रही हैं जो मंदी के संकेत हैं। इसे 31,200 रुपये पर बाधा मिलेगी। सोने का भाव इस स्तर के ऊपर बंद होने पर ही आगे तेजी की उम्मीद रहेगी। फरवरी का दायरा एमसीएक्स पर 29300-31200 रुपये प्रति 10 ग्राम के बीच रहने की उम्मीद है।
चाँदी
जनवरी की शुरुआत में कॉमेक्स में 9% और एमसीएक्स में 5% से ज्यादा टूटने के बाद बिकवाली सौदे कटने से चाँदी की कीमतों में बढ़त रही। चीन, अमेरिका और यूरोप की आर्थिक सेहत से जुड़े उम्मीद से बेहतर आँकड़े आने से शेयर बाजार के साथ चाँदी, प्लैटिनम और पैलेडियम जैसी औद्योगिक इस्तेमाल वाली धातुओं में तेजी रही। चाँदी आधारित ईटीएफ में निवेश बढऩे से चाँदी में इस साल अब तक 6% से ज्यादा तेजी रही।
पिछले पाँच महीनों से चाँदी की कीमतें एक मोटे दायरे में रहीं। साप्ताहिक चार्ट के मुताबिक चाँदी की कीमतें एक चढ़ती पट्टी में हैं और निकट अवधि में 60,000 रुपये प्रति किलो पर मजबूत बाधा बन रही है। वहीं 56५00 रुपये प्रति किलो पर समर्थन स्तर है, जिसके नीचे फिसलने पर चाँदी में बिकवाली का दबाव बढ़ेगा और कीमतें 55,000 रुपये प्रति किलो तक फिसल सकती हैं। आरएसआई और एमएसीडी जैसे संकेतकों से आने वाले हफ्तों में चाँदी में सुस्ती के संकेत मिल रहे हैं। 60,000 रुपये प्रति किलो के ऊपर बंद होने के बाद ही चाँदी में टिकाऊ तेजी की उम्मीद जग सकेगी।
(निवेश मंथन, फरवरी 2013)