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बेहतर नतीजों से जगा रिलायंस को लेकर उत्साह

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Category: फरवरी 2013

भारत की सबसे बड़ी निजी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अक्टूबर-दिसंबर 2012 की तिमाही के दौरान 5502 करोड़ रुपये का मुनाफा हासिल किया है।

यह मुनाफा पिछले कारोबारी साल की समान तिमाही के 4440 करोड़ रुपये से 24% ज्यादा है। ठीक पिछली तिमाही, यानी कारोबारी साल 2012-13 की दूसरी तिमाही के 5376 करोड़ रुपये के मुकाबले यह 2.3% ज्यादा है। ये नतीजे बाजार के अनुमान के बेहतर रहे हैं। बाजार के विश्लेषकों का अनुमान था कि कंपनी का मुनाफा 5200 करोड़ रुपये के आसपास रहेगा।
कंपनी का शुद्ध कारोबार (नेट टर्नओवर) 93,886 करोड़ रुपये रहा है, जो ठीक पिछली तिमाही के 90,336 से 3.9% ज्यादा है। कारोबारी साल 2011-12 की तीसरी तिमाही के 85,135 से 10.3% ज्यादा है। कंपनी का ग्रॉस रिफाइनिंग मार्जिन 9.6 डॉलर प्रति बैरल रहा है। यह 2012-13 की दूसरी तिमाही में 9.5 डॉलर प्रति बैरल था। हालाँकि इस तिमाही के लिए जानकारों का अनुमान 8.5-9.0 डॉलर प्रति बैरल का था। इस लिहाज से जीआरएम भी अनुमान से बेहतर कहा जा सकता है। अक्टूबर-दिसंबर 2012 में कंपनी का ईपीएस (बेसिक) बढ़ कर 17.0 रुपये हो गया है, जबकि पिछले साल की इसी तिमाही में यह 13.6 रुपये रहा था।
रिफाइनिंग कारोबार में कंपनी की तिमाही आमदनी 86,641 करोड़ रुपये रही है, जो ठीक पिछली तिमाही के 83,878 करोड़ रुपये से 3.3% ज्यादा है। 2011-12 की दूसरी तिमाही के 76,738 करोड़ रुपये से 13% ज्यादा है। कंपनी के तेल-गैस खनन कारोबार की आमदनी 1,921 करोड़ रुपये रही है। इसमें तिमाही-दर-तिमाही 23.4% की गिरावट आयी है, जबकि साल-दर-साल 32.2% की कमी आयी है। पेट्रोकेमिकल कारोबार में कंपनी की आमदनी साल-दर-साल 11.5% बढ़ कर 22,053 करोड़ रुपये रही है। इसमें तिमाही-दर-तिमाही 0.02% कमी आयी है। कंपनी का कहना है कि पेट्रोकेमिकल कारोबार का मार्जिन बढऩे की वजह से तीसरी तिमाही के नतीजे बेहतर रहे हैं। कंपनी रिफाइनिंग कारोबार को बढ़ाने के लिए एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा निवेश कर रही है।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज का कहना है कि रिलायंस के नतीजे उनकी उम्मीदों से बेहतर रहे हैं। कंपनी के शेयर के बारे में ब्रोकिंग फर्म ने ऑउटपरफॉर्मर रेटिंग दी है और इसका लक्ष्य भाव 960 रुपये रखा है।
मारुति सुजुकी के नतीजों में दिखी तेज रफ्तार
देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी के तीसरी तिमाही के नतीजे अच्छे रहे हैं। अक्टूबर-दिसंबर 2012-13 तिमाही में कंपनी का मुनाफा बढ़ कर 501 करोड़ रुपये हो गया है। पिछले साल की समान तिमाही में यह 206 करोड़ रुपये रहा था। इस तरह कंपनी के मुनाफे 143% की वृद्धि हुई है। अक्टूबर-दिसंबर 2012-13 तिमाही में कंपनी की कुल आय 45% बढ़ कर 11,200 करोड़ रुपये दर्ज हुई है, जो कि गत वर्ष की इसी तिमाही में 7731 करोड़ रुपये रही थी। कंपनी की वाहनों की बिक्री की संख्या 2.4 लाख से बढ़कर 3 लाख रही। घरेलू बाजार में तीसरी तिमाही में वाहनों की बिक्री की संख्या 2.7 लाख रही।
मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज का कहना है कि मारुति सुजुकी के नतीजे उम्मीदों से बेहतर रहे हैं। इस ब्रोकिंग फर्म की सलाह है कि कंपनी के शेयर को 2220 रुपये के लक्ष्य के साथ खरीदें।
टीसीएस के नतीजों ने फिर खुश किया बाजार को
सूचना तकनीक (आईटी) क्षेत्र में देश की सबसे बड़ी कंपनी टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के तिमाही नतीजे अनुमान से बेहतर रहे हैं। तिमाही-दर-तिमाही आधार पर कंपनी का कंसोलिडेटेड मुनाफा 3434 करोड़ रुपये से 3.4% बढ़कर 3550 करोड़ रुपये हो गया। सालाना आधार पर भी कंपनी ने मुनाफे में 26.7% की बढ़ोतरी दिखायी है। टीसीएस की तिमाही आधार पर आमदनी 2.9% बढ़कर 16,070 करोड़ रुपये हो गयी। सालाना आधार पर आमदनी 21.7% बढ़ी है। अक्टूबर-दिसंबर 2012 में टीसीएस का ईपीएस (बेसिक) बढ़ कर 18.10 रुपये हो गया है, जबकि पिछले साल की इसी तिमाही में यह 14.30 रुपये रहा था। कोटक सिक्योरिटीज का कहना है कि टीसीएस के नतीजे उम्मीदों के अनुसार रहे हैं। ब्रोकिंग फर्म ने कंपनी के शेयर को जमा करने की सलाह दी है। इसका लक्ष्य भाव 1460 रुपये है।
हिंदुस्तान यूनिलीवर के नतीजों से चमकार गायब
हिंदुस्तान यूनिलीवर के तिमाही नतीजों से बाजार को निराशा हाथ लगी है। एंजेल ब्रोकिंग के रिसर्च विश्लेषक वी. श्रीनिवासन के मुताबिक कारोबारी साल 2012-13 की तीसरी तिमाही में हिंदुस्तान यूनिलीवर के नतीजे निराशाजनक रहे हैं।
घरेलू उपभोक्ता कारोबार में कंपनी की बिक्री की मात्रा में 5% की बढ़ोतरी हुई है, जो पिछले तीन सालों में सबसे कम है। हालाँकि कंपनी की कुल बिक्री साल-दर-साल 10% बढ़ कर 6434 करोड़ रुपये रही है। कंपनी के साबुनों और डिटर्जेंट की कम मार्जिन के बीच इस श्रेणी की बिक्री 20% बढ़ी है। कच्चे माल की लागत और विज्ञापन और प्रचार-प्रसार पर 132 करोड़ रुपये के अत्यधिक व्यय से कंपनी की ओपीएम सालाना आधार पर 122 बीपी की गिरावट आयी है। मुनाफा 15% बढ़ कर 871 करोड़ रुपये रहा है। एंजेल ने इस शेयर पर अपना नजरिया ‘उदासीन’ रखा है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज का भी कहना है कि कारोबारी साल 2012-13 की तीसरी तिमाही में हिंदुस्तान यूनिलीवर की बिक्री और मुनाफे के आँकड़े उसकी उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे हैं। बिक्री की मात्रा में 5% इजाफे की वजह से कंपनी की आय में साल-दर-साल 9.9% की बढ़ोतरी को आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने संतोषजनक नहीं माना। हालाँकि इस बिक्री में साबुन एवं डिटर्जेंट और पेय पदार्थ का योगदान महत्वपूर्ण रहा, जिनकी बिक्री में साल-दर-साल क्रमश: करीब 20% और 18% का इजाफा हुआ। वहीं पर्सनल केयर प्रोडक्ट और फूड्स की बिक्री में बढ़ोतरी कम हुई। इनकी बिक्री में साल-दर-साल क्रमश: करीब 13% और 8% का इजाफा हुआ। कंपनी के 16.4% मार्जिन को आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने उम्मीद के मुताबिक माना, लेकिन तिमाही मुनाफे में 15.6% की बढ़ोतरी को इसने अपनी उम्मीदों से कमजोर बताया है।
हिंदुस्तान यूनिलीवर के इन नतीजों के बाद ब्रोकिंग फर्म कार्वी स्टॉक कंपनी के शेयरों को बेचने की सलाह दी है। कार्वी ने इसका लक्ष्य भाव 471 रुपये रखा है।
कृषि कारोबार से मिली आईटीसी को नयी ऊर्जा
कारोबारी साल 2012-13 की तीसरी तिमाही में आईटीसी का मुनाफा बढ़ कर 2052 करोड़ रुपये हो गया है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 1701 करोड़ रुपये था। इस तरह कंपनी के मुनाफे में 21% की बढ़ोतरी हुई है।
अक्टूबर-दिसंबर 2012 की तिमाही में कंपनी की कुल आय 23% बढ़ कर 7712 करोड़ रुपये हो गयी है, जबकि पिछले वर्ष की इसी तिमाही में यह 6279 करोड़ रुपये रही थी। एंजेल ब्रोकिंग के रिसर्च विश्लेषक वी. श्रीनिवासन का कहना है कि आईटीसी के नतीजे शानदार रहे हैं। कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से कंपनी को सिगरेट कारोबार से अच्छी आमदनी हुई है। इस कारोबार में साल-दर-साल 13.1% की बढ़ोतरी के साथ 3,657 करोड़ रुपये की शुद्ध बिक्री हुई। कृषि कारोबार में 43.1% की वृद्धि ने बाजार को चौंका दिया और इस कारोबार में कंपनी शुद्ध बिक्री 1631 करोड़ रुपये की रही। होटल और पेपर्स एंड पैकजिंग कारोबार में भी क्रमश: 11% और 8.5% की वृद्धि देखने को मिली। एचडीएफसी सिक्योरिटीज का कहना है कि आईटीसी के नतीजे उम्मीदों से बेहतर रहे हैं। इस ब्रोकिंग फर्म ने 341 रुपये का लक्ष्य भाव रख कर कंपनी के शेयर को खरीदने की सलाह दी है।
मार्जिन घटने से धीमी पड़ी हीरो मोटोकॉर्प की चाल
कारोबारी साल 2012-13 की तीसरी तिमाही में दोपहिया क्षेत्र की दिग्गज कंपनी हीरो मोटोकॉर्प के मुनाफे में 20% की कमी आयी है। कंपनी का मुनाफा 613 करोड़ रुपये से घट कर 488 करोड़ रुपये हो गया। हालाँकि इस दौरान कंपनी की कुल आय 2.6% बढ़ी है। कंपनी की कुल आय 6119 करोड़ रुपये से बढ़कर 6278 करोड़ रुपये हो गयी।
इस दौरान कंपनी का एबिटा 943 करोड़ रुपये से घट कर 779 करोड़ रुपये रहा है। वहीं कंपनी का एबिटा मार्जिन 15.7% से घट कर 12.59% रहा है। कंपनी का कहना है कि ऑटो क्षेत्र के लिए पिछली तिमाही कठिनाईयों से भरी रही है। इस दौरान मानसून में देरी और ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी का दबाव कारोबार पर पड़ा। हालाँकि त्योहारी सीजन में बिक्री में बढ़ोतरी देखने को मिली। कंपनी ने अक्टूबर-नवंबर महीने में 11 लाख से अधिक दोपहिया वाहनों की बिक्री की। इसके अलावा कंपनी हर महीने 5 लाख वाहनों की खेप भेज रही है। कोटक सिक्योरिटीज का कहना है कि हीरो मोटोकॉर्प के नतीजों ने निराश किया है, हालाँकि इसकी आय में बढ़ोतरी अनुमान के अनुसार रही है। इस ब्रोकिंग फर्म ने हीरो के शेयर में निवेश घटाने की सलाह दी है और इसका लक्ष्य 1730 रुपये बताया है।
निराश बाजार को खूब चौंकाया इन्फोसिस ने
सीमित या थोड़ी नकारात्मक उम्मीदों के बीच आईटी क्षेत्र की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी इन्फोसिस ने अक्टूबर-दिसंबर 2012 की तिमाही में 10,424 करोड़ रुपये की आमदनी हासिल की, जो ठीक पिछली तिमाही से 5.7% और बीते साल की समान तिमाही से 12.1% ज्यादा है। गौरतलब है कि आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने आमदनी में तिमाही-दर-तिमाही बढ़त केवल 1.7% रहने का अनुमान लगाया था। इसी तरह मुनाफा देखें तो बीती तिमाही में यह 2,369 करोड़ रुपये रहा, जो पिछली तिमाही के बराबर ही है। इसकी तुलना में आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने केवल 2,132 करोड़ रुपये के मुनाफे का अनुमान लगाया था। जाहिर है कि आमदनी और मुनाफा, दोनों लिहाज से इसके तिमाही नतीजे बाजार के अनुमानों से बेहतर रहे। कामकाजी पैमाने पर देखें तो इसका एबिट मार्जिन 25.3% के अनुमान की तुलना में 25.7% रहा, यानी थोड़ा बेहतर। कंपनी ने बीती तिमाही में 89 नये ग्राहक बनाये हैं, जो इसकी पिछली तिमाही के मुकाबले लगभग दोगुनी है। नतीजों के बारे में पर्पललाइन इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स के निदेशक पी के अग्रवाल का कहना है कि इन्फोसिस के तिमाही नतीजे थोड़े से बेहतर रहे हैं। इन्फोसिस को रुपये की कमजोरी और अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार का फायदा मिला है। कंपनी के ग्राहकों की संख्या में अच्छी बढ़ोतरी हुई है। कंपनी ने जो अनुमान पेश किये हैं उसमें कोई खास बात नहीं है। आने वाली तिमाही में अगर कंपनी का प्रदर्शन ठीक रहता है, तो मुझे इसमें आशा की किरण नजर आयेगी।
एंजेल ब्रोकिंग का कहना है कि इन्फोसिस के नतीजों ने बाजार को चौंका दिया और इसके परिणाम उम्मीदों से बेहतर रहे हैं। ब्रोकिंग फर्म की सलाह है कि कंपनी के शेयर निचले भावों जमा करते रहें। इसका लक्ष्य भाव 2850 रुपये है।
एफसीसीबी से आरकॉम के मुनाफे पर पड़ा दबाव
कारोबारी साल 2012-13 की तीसरी तिमाही में रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड का कंसोलिडेटेड मुनाफा घट कर 105 करोड़ रुपये रह गया है। पिछले साल की समान अवधि में यह 186 करोड़ रुपये रहा था। इस तरह कंपनी के मुनाफे में 44% की गिरावट आयी है। अक्टूबर-दिसंबर 2012-13 तिमाही में कंपनी की कुल आमदनी में 9% का इजाफा हुआ है। इस दौरान कंपनी की आय बढ़ कर 5136 करोड़ रुपये हो गयी है, जबकि गत वर्ष की इसी अवधि में यह 4824 करोड़ रुपये रही थी।
इस दौरान कंपनी का एबिटा 1614 करोड़ रुपये से बढ़कर 1653 करोड़ रुपये रहा है। वहीं कंपनी का एबिटा मार्जिन 31.2% रहा है। इस तिमाही में कंपनी ने जीएसएम के अपने सभी ग्राहकों के लिए 'फेसबुक मैसेंजर प्लान' को बाजार में उतारा है।
कंपनी का कहना है कि नतीजों पर विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बॉन्डों (एफसीसीबी) के रिफाइनेंस शुल्क का दबाव पड़ा है। कंपनी पर कुल 37,361 करोड़ रुपये का कर्ज है। कंपनी ने पिछले साल फरवरी महीने में 1.1 अरब डॉलर के एफसीसीबी की एक किस्त को रिफाइनेंस कराया था। इसके अलावा मई 2011 में भी कंपनी ने 50 करोड़ डॉलर की राशि को भी रिफाइनेंस कराया था। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज का कहना है कि रिलायंस क युनिकेशंस के नतीजे उम्मीदों के कमजोर रहे हैं। ब्रोकिंग फर्म ने 69 रुपये लक्ष्य भाव के साथ यह शेयर बेचने की सलाह दी है।
एचडीएफसी बैंक का तिमाही मुनाफा 30% बढ़ा
कारोबारी साल 2012-13 की तीसरी तिमाही में एचडीएफसी बैंक के मुनाफे 30% की अच्छी वृद्धि हुई है। इस दौरान बैंक का मुनाफा बढ़ कर 1859 करोड़ रुपये हो गया है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 1430 करोड़ रुपये रहा था। अक्टूबर-दिसंबर 2012 की तिमाही में बैंक की कुल आमदनी 22% बढ़ कर 10507 करोड़ रुपये हो गयी है, जो कि गत वर्ष की इसी तिमाही में 8623 करोड़ रुपये दर्ज हुई थी।
वहीं इसकी शुद्ध आय (शुद्ध ब्याज आय और अन्य आय जोड़ कर) 31 दिसंबर 2012 की तिमाही में 23.4% बढ़ कर 5,598 करोड़ रुपये हो गयी। शुद्ध ब्याज आय या एनआईआई (ब्याज प्राप्ति में ब्याज खर्च घटा कर) 31 दिसंबर 2012 की तिमाही में 21.9% बढ़ कर 3,799 करोड़ रुपये हो गयी। बीती तिमाही में 24.3% ऋण वृद्धि और 4.1% शुद्ध ब्याज मार्जिन (एनआईएम) का इसमें प्रमुख योगदान रहा। विस्तार के मोर्च पर भी बैंक का प्रदर्शन अच्छा रहा है।
इस दौरान बैंक की शाखाओं की संख्या साल-दर-साल 2,201 से बढ़कर 2,776 पर पहुँच गयी। बैंक के एटीएम की संख्या भी 7,110 से बढ़कर 10,490 पर हो गयी है।
मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज के मुताबिक एचडीएफसी बैंक के नतीजे उम्मीदों के अनुसार रहे हैं। ब्रोकिंग फर्म की सलाह है कि इस बैंक के शेयर को 720 रुपये के लक्ष्य भाव के साथ रखे रहें।
उम्मीद से बेहतर विप्रो के नतीजे
आईटी क्षेत्र की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी विप्रो के कंसोलिडेटेड मुनाफे में 7% की बढ़ोतरी हुई है। अक्टूबर-दिसंबर 2012 तिमाही में कंपनी का तिमाही-दर-तिमाही आधार पर मुनाफा बढ़ कर 1716 करोड़ रुपये हो गया, जबकि जुलाई-सितंबर तिमाही में कंपनी को 1610 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। कारोबारी साल 2012-13 की तीसरी तिमाही में विप्रो की कुल आय में 3% की वृद्धि हुई है। इस अवधि में कंपनी की आमदनी 10,989 करोड़ रुपये रही है। पिछली तिमाही में विप्रो की आय 10,620 करोड़ रुपये रही थी।
तिमाही-दर-तिमाही आधार पर तीसरी तिमाही में कंपनी की अन्य आय 323 करोड़ रुपये से घटकर 322 करोड़ रुपये रही। तिमाही आधार पर तीसरी तिमाही में कंपनी की आईटी सेवा से आय 8,373 करोड़ रुपये से बढ़कर 8,602 करोड़ रुपये रही। कंपनी ने तिमाही-दर-तिमाही आधार पर चौथी तिमाही में आईटी सर्विस ग्रोथ 0.5-3% रहने का अनुमान दिया है।
कंपनी का कहना है कि विश्व अर्थव्यवस्था को देखते हुए उसने चौथी तिमाही का अनुमान दिया है। अमेरिका में फिस्कल क्लिफ को देखते हुए चिंता बनी हुई है। इससे अनुमान कमजोर दिख रहा होगा। हालाँकि अब तक कंपनी के कारोबार में लगातार तिमाही-दर-तिमाही इजाफा देखने को मिल रहा है। तीसरी तिमाही में ज्यादा छुट्टियाँ रहने के बावजूद नतीजे अच्छे रहे हैं। फॉरेक्स, घरेलू और विदेशी बाजार की कमाई बेहतर रहने के चलते तीसरी तिमाही में मार्जिन बेहतर रहे हैं। मोतीलाल ओसवाल को उम्मीद है कि आगामी कारोबारी सालों में कंपनी की डॉलर आय में बढ़ोतरी और ईपीएस में इजाफा होगा। इन नतीजों के बाद ब्रोकिंग फर्म ने कंपनी के शेयर खरीद रेटिंग कायम रखी है और इसका लक्ष्य भाव 470 रुपये बताया है।
आईसीआईसीआई की ब्याज आय बढऩे से मिली मजबूती
ब्याज की आमदनी में बढ़ोतरी होने से आईसीआईसीआई बैंक के मुनाफे में अच्छा इजाफा देखने को मिला है। अक्टूबर-दिसंबर 2012 तिमाही में बैंक का कंसोलिडेटेड मुनाफा बढ़ कर 2645 करोड़ रुपये हो गया है। पिछले साल की समान अवधि में यह 2174 करोड़ रुपये रहा था। इस तरह बैंक के मुनाफे में 22% की वृद्धि हुई है। कारोबारी साल 2012-13 की तीसरी तिमाही में बैंक की कुल आय 13% बढ़ कर 18,715 करोड़ रुपये हो गयी है, जो कि गत वर्ष की इसी तिमाही में 16,497 करोड़ रुपये रही थी। कारोबारी साल 2012-13 की तीसरी तिमाही में बैंक की शुद्ध ब्याज आमदनी 29% बढ़ कर 3,499 करोड़ रुपये हो गयी है, जो कि गत वर्ष की इसी तिमाही में 2,712 करोड़ रुपये रही थी।
तीसरी तिमाही में बैंक का शुद्ध ब्याज मार्जिन 0.37% अंक से बढ़ कर 3.07% अंक तक चढ़ गया। इस दौरान बैंक की कुल अग्रिम राशि 16% बढ़कर 2,86,766 करोड़ रुपये पर जा पहुँची, जबकि खुदरा अग्रिम राशि 17% बढ़ कर 96,528 करोड़ रुपये हो गयी। बैंक का प्रदर्शन एनपीए के मोर्चे पर भी अच्छा रहा। इस दौरान बैंक का शुद्ध एनपीए अनुपात पिछले साल के 0.70% से सुधर कर 0.64% हो गया। कोटक सिक्योरिटीज का कहना है कि आईसीआईसीआई बैंक के नतीजे उम्मीदों के अनुसार रहे हैं। ब्रोकिंग फर्म की सलाह है कि इस शेयर को 1308 रुपये का लक्ष्य भाव रख कर खरीदें।
बजाज ऑटो के मुनाफे को मिली नये उत्पादों से तेजी
नये उत्पाद और निर्यात में बढ़ोतरी का असर देश की प्रमुख वाहन निर्माता कंपनी बजाज ऑटो के तीसरी तिमाही के नतीजों पर दिखा है। कारोबारी साल 2012-12 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में कंपनी का मुनाफा 3% बढ़ कर 819 करोड़ रुपये हो गया है, जबकि गत वर्ष की समान अवधि में यह 795 करोड़ रुपये रहा था।
अक्टूबर-दिसंबर 2012-13 तिमाही में कंपनी की कुल आय भी 9% बढ़ कर 5413 करोड़ रुपये दर्ज हुई है, जो पिछले वर्ष की समान तिमाही में 4986 करोड़ रुपये रही थी। इस तिमाही में कंपनी की निर्यात से आय 2% बढ़ कर 1748 करोड़ रुपये रही है, जो पिछले वर्ष की इसी तिमाही में 1708 करोड़ रुपये रही थी। कंपनी का एबिटा मार्जिन 20.1% रहा है।
कंपनी ने घरेलू बाजार में 6,87,351 मोटरसाइकिलें बेचीं, जो गत वर्ष की संख्या 6,42,395 से 7% ज्यादा है। लेकिन मोटरसाइकिलों का निर्यात 2% घट कर 2,98,912 रहा। वाणिज्यिक वाहन श्रेणी में कंपनी ने 10% ज्यादा 1,41,478 वाहन बेचे। कंपनी का कहना है कि नये उत्पादों को लांच करके उसने घरेलू बाजार में छायी सुस्ती का मुकाबला किया है। लेकिन विदेशी बाजारों में माँग अभी भी कमजोर है।
आनंद राठी सिक्योरिटीज का कहना है कि बजाज ऑटो के नतीजे उम्मीदों से अनुसार रहे हैं। ब्रोकिंग फर्म की सलाह है कि कंपनी के शेयर खरीदें। इसका लक्ष्य भाव 2304 रुपये है।
(निवेश मंथन, फरवरी 2013)

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