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काले धन का मोह छोड़ नहीं पा रहे स्विस बैंक

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Category: फरवरी 2013

लगता है मानो स्विटजरलैंड की अर्थव्यवस्था केवल दुनिया भर के काले धन का स्वर्ग बने रहने पर ही टिकी है और इस स्वर्ग को बचाये रखने की भरसक कोशिश चल रही है।

कई देशों की सरकारों ने स्विटजरलैंड को काला धन जमा करने वाले स्विस बैंक खातों का ब्योरा देने की संधियों के लिए मजबूर किया, तो अब यहाँ के बैंक इस धंधे को जारी रखने के लिए दूसरे रास्तों की तलाश में लग गये हैं। ऐसी खबरें आ रही हैं कि इन बैंकों ने बचत, जमा और निवेश खातों के बदले सेफ डिपॉजिट बॉक्स (मतलब लॉकर) की सुविधा से धन-कुबेरों को आकर्षित करना शुरू किया है। ये बैंक अपने संभावित ग्राहकों से कह रहे हैं कि विभिन्न सरकारों से जो संधियाँ की गयी हैं, उनमें सेफ डिपॉजिट बॉक्स शामिल नहीं हैं, लिहाजा उनमें रखी गयी चीजों की जानकारी संबंधित देशों की सरकारों को देने की मजबूरी उन्हें नहीं होगी। एक तरह से वे धनकुबेरों को काला धन छिपाने का एक नया ‘सुरक्षित’ तरीका बता रहे हैं।
कहा जा रहा है कि स्विस बैंकों के ग्राहक इन लॉकरों में सोने की छड़ें, हीरा, विदेशी मुद्रा में नकदी, पेंटिंग जैसी चीजें रख सकते हैं। इस तरह चूहे-बिल्ली के खेल में स्विस बैंक अपने ग्राहकों को आयकर अधिकारियों की नजर से दूर रहने का एक नया नुस्खा बता रहे हैं। सीबीडीटी के एक पूर्व चेयरमैन ने निवेश मंथन से बातचीत में माना कि स्विस बैंक लॉकरों तक पहुँचना आयकर अधिकारियों के लिए काफी मुश्किल होगा। लेकिन उन्होंने सवाल किया कि भारतीय बैंकों के लॉकरों में ही क्या कम काला धन बंद है! अभी तो भारतीय लॉकरों में बंद चीजों के बारे में जान पाना भी मुश्किल होता है, क्योंकि जब तक बाकायदा आयकर छापा (सर्च एंड सीजर) न डाला जाये, तब तक लॉकर खुलवाना संभव नहीं।
सहारा पर सख्ती के निर्देश
सर्वोच्च न्यायालय का ताजा आदेश सहारा समूह की दिक्कतें बढ़ा सकता है। सेबी ने स्वोच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद लाखों निवेशकों को कुल करीब 24,000 करोड़ रुपये नहीं लौटाने के चलते सहारा समूह पर अवमानना का मुकदमा चलाने अर्जी दाखिल की थी। इस पर सर्वोच्च न्यायालय ने सहारा समूह को दो हफ्तों में अपना हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है। लेकिन साथ ही न्यायालय ने सेबी को भी फटकारा कि उसने सहारा समूह पर कार्रवाई क्यों नहीं की है। न्यायालय ने स्पष्ट कहा कि सेबी को सहारा समूह की संपत्तियाँ जब्त करने और उसके खाते से लेनदेन रोकने का अधिकार है।
अंकित फाइनेंशियल की छप्पड़-फाड़ कमाई!
लगता है कि अंकित फाइनेंशियल पर इन दिनों बाजार शब्दश: छप्पड़ फाड़ कर पैसे लुटा रहा है। बाजार में चल रही अटकलों पर अगर भरोसा करें तो अक्टूबर 2012 के पहले हफ्ते में एमके ग्लोबल के 650 करोड़ रुपये के अनचाहे सौदे (फ्रीक ट्रेड) में अंकित फाइनेंशियल को एक बड़ा फायदा मिल गया था। शुक्रवार एक फरवरी 2013 को इसी तरह टाटा मोटर्स और अल्ट्राटेक के शेयरों में ऐसे ही अनचाहे सौदों के चलते अचानक आयी गिरावट में भी फायदा कमाने वालों में अंकित फाइनेंशियल का नाम लिया जा रहा है। इन दोनों शेयरों में एक फरवरी को लगभग 10-10 प्रतिशत तक की गिरावट आयी, हालाँकि बाजार बंद होते-होते इनकी गिरावट कुछ हल्की हो गयी। बताया जा रहा है कि इनमें यह अचानक गिरावट रेलिगेयर कैपिटल मार्केट्स के अनचाहे सौदों की वजह से आयी। सॉफ्टवेयर की गड़बड़ी के चलते अपने-आप ही ये सौदे हो गये। खैर, बाजार में तो इस बात को लेकर चटखारे लिये जा रहे हैं कि अंकित फाइनेंशियल पर किस्मत इतनी मेहरबान कैसे है!
एलआईसी : मुनाफावसूली या विनिवेश की तैयारी?
अक्टूबर-दिसंबर 2012 की तिमाही में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने निफ्टी की 50 में से 27 कंपनियों के शेयरों की करीब 8000 करोड़ रुपये की बिकवाली की है। जो शेयर एलआईसी की बिकवाली की सूची में रहे हैं, उनमें महिंद्रा एंड महिंद्रा, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, टाटा मोटर्स, एलएंडटी, एचडीएफसी, विप्रो, एसबीआई, मारुति सुजुकी, डॉ. रेड्डीज और बजाज ऑटो के नाम विशेष हैं। जिनमें एलआईसी ने 500 करोड़ रुपये से लेकर 1,000 करोड़ रुपये तक की बड़ी बिकवाली की है। एलआईसी की बिकवाली वाली सूची में इसके अलावा अंबुजा सीमेंट्स, सिप्ला, टीसीएस और ल्युपिन जैसे नाम भी हैं। लेकिन इस दौरान एलआईसी ने निफ्टी के 14 शेयरों में खरीदारी भी की, जिनमें इन्फोसिस, रिलायंस इंडस्ट्रीज, कैर्न इंडिया, आईटीसी और हीरो मोटोकॉर्प के नाम खास तौर पर लिये जा सकते हैं। चुनिंदा 14 शेयरों में एलआईसी ने कुल मिला कर 4,000 करोड़ रुपये की खरीदारी की। इस तरह निफ्टी के शेयरों में इस खरीद-बिक्री ने शुद्ध रूप से 4,000 करोड़ रुपये की नकदी जुटायी है। जानकारों के बीच बहस चल रही है कि यह एलआईसी की मुनाफावसूली है या सरकार की तेज होती विनिवेश प्रक्रिया में पैसा लगाने की तैयारी!
घटने लगीं बैंकों की ब्याज दरें
भारतीय रिजर्व बैंक के नीतिगत ब्याज दरों में कटौती किये जाने के बाद से बैंकों ने भी कर्ज पर ब्याज दरों में कमी करने का सिलसिला शुरू कर दिया है। एसबीआई ने 0.50% अंक की कमी की है, जबकि एचडीएफसी बैंक ने कार ऋण पर ब्याज दरों में 0.25% अंक और दोपहिया वाहनों के ऋण पर 0.50% अंक की कटौती की है। पीएनबी ने अपनी आधार (बेस) दर को 0.25% अंक घटा कर 10.25% कर दिया है, जिससे उसके सभी ऋणों की ब्याज दरों पर असर पड़ेगा। बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने भी अपनी आधार दर में 0.25% अंक की कटौती की है।
(निवेश मंथन, फरवरी 2013)

  • सातवाँ वेतन आयोग कहीं खुशी, कहीं रोष
  • एचडीएफसी लाइफ बनेगी सबसे बड़ी निजी बीमा कंपनी
  • सेंसेक्स साल भर में होगा 33,000 पर
  • सर्वेक्षण की कार्यविधि
  • भारतीय अर्थव्यवस्था ही पहला पैमाना
  • उभरते बाजारों में भारत पहली पसंद
  • विश्व नयी आर्थिक व्यवस्था की ओर
  • मौजूदा स्तरों से ज्यादा गिरावट नहीं
  • जीएसटी पारित कराना सरकार के लिए चुनौती
  • निफ्टी 6000 तक जाने की आशंका
  • बाजार मजबूत, सेंसेक्स 33,000 की ओर
  • ब्याज दरें घटने पर तेज होगा विकास
  • आंतरिक कारक ही ला सकेंगे तेजी
  • गिरावट में करें 2-3 साल के लिए निवेश
  • ब्रेक्सिट से एफपीआई निवेश पर असर संभव
  • अस्थिरताओं के बीच सकारात्मक रुझान
  • भारतीय बाजार काफी मजबूत स्थिति में
  • बीत गया भारतीय बाजार का सबसे बुरा दौर
  • निकट भविष्य में रहेगी अस्थिरता
  • साल भर में सेंसेक्स 30,000 पर
  • निफ्टी का 12 महीने में शिखर 9,400 पर
  • ब्रेक्सिट का असर दो सालों तक पड़ेगा
  • 2016-17 में सुधार आने के स्पष्ट संकेत
  • चुनिंदा क्षेत्रों में तेजी आने की उम्मीद
  • सुधारों पर अमल से आयेगी तेजी
  • तेजी के अगले दौर की तैयारी में बाजार
  • ब्रेक्सिट से भारत बनेगा ज्यादा आकर्षक
  • सावधानी से चुनें क्षेत्र और शेयर
  • छोटी अवधि में बाजार धारणा नकारात्मक
  • निफ्टी 8400 के ऊपर जाने पर तेजी
  • ब्रेक्सिट का तत्काल कोई प्रभाव नहीं
  • निफ्टी अभी 8500-7800 के दायरे में
  • पूँजी मुड़ेगी सोना या यूएस ट्रेजरी की ओर
  • निफ्टी छू सकता है ऐतिहासिक शिखर
  • विकास दर की अच्छी संभावनाओं का लाभ
  • बेहद लंबी अवधि की तेजी का चक्र
  • मुद्रा बाजार की हलचल से चिंता
  • ब्रेक्सिट से भारत को होगा फायदा
  • निफ्टी साल भर में 9,200 के ऊपर
  • घरेलू बाजार आधारित दिग्गजों में करें निवेश
  • गिरावट पर खरीदारी की रणनीति
  • साल भर में 15% बढ़त की उम्मीद
  • भारतीय बाजार का मूल्यांकन ऊँचा
  • सेंसेक्स साल भर में 32,000 की ओर
  • भारतीय बाजार बड़ी तेजी की ओर
  • बाजार सकारात्मक, जारी रहेगा विदेशी निवेश
  • ब्रेक्सिट का परोक्ष असर होगा भारत पर
  • 3-4 साल के नजरिये से जमा करें शेयरों को
  • रुपये में कमजोरी का अल्पकालिक असर
  • साल भर में नया शिखर
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अर्थव्यवस्था

  • भारत की विकास दर (जीडीपी वृद्धि दर) : भविष्य के अनुमान
  • भारत की विकास दर (जीडीपी वृद्धि दर) बीती तिमाहियों में
  • भारत की विकास दर (जीडीपी वृद्धि दर) बीते वर्षों में

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