सुनील मिंगलानी, तकनीकी विश्लेषक :
तकनीकी विश्लेषण भाव को पढऩे की कला है, वह भाव जो प्रतिदिन बाज़ार में कारोबार करने से हमें मिलता है।
प्रतिदिन हमें चार तरह के भाव के आँकड़े मिलते हैं। पहला खुला, ऊँचा, निचला और बंद। इसी आँकड़े को पढऩे के लिए हम चार्ट का इस्तेमाल करते हैं।
तकनीकी विश्लेषण में सबसे पहला कदम यह है कि चार्ट पर भाव हम किस रूप में देखना चाहते है? चार्ट कई तरह के होते हैं जैसे बार, कैंडल या लाइन।
हर तरह की चार्ट पद्धति के अपने-अपने फायदे और नुकसान हैं। मेरे हिसाब से कैंडल चार्ट देखने और समझने में सबसे आसान है। यहाँ हम उसकी कुछ प्रमुख संरचनाओं की बात करेंगे।
कैंडलस्टिक चार्टिंग एक जापानी पद्धति है। इसकी शुरुआत सबसे पहले 17वीं शताब्दी में जापान में चावल के एक कारोबारी ने की थी, जिसका नाम होम्मा था। जैसा कि आप अगले चित्र में देख रहे हैं, कैंडल दो रंग की होती है - काली और सफेद। एक कैंडल के तीन हिस्से होते हैं - ऊपर की छाया, नीचे की छाया और कैंडल की बॉडी। ऊपर की छाया का आखिरी छोर हमें बताता है कि उस शेयर ने आज उच्चतम स्तर क्या बनाया है। इसी तरह नीचे की छाया का निचला छोर हमें उस दिन का निम्नतम स्तर बताता है। अगर भाव ऊपर खुल कर नीचे बंद हुआ है, तो बॉडी का रंग काला होगा और अगर भाव नीचे खुल कर ऊपर बंद हुआ हो, तो बॉडी का रंग सफेद होगा।
कैंडल कई प्रकार की होती हैं। किसी में ऊपर की छाया बड़ी होगी तो किसी में नीचे की। किसी में बॉडी बड़ी होगी तो किसी में छोटी। किसी में बॉडी और छाया दोनों छोटी होंगी और किसी में बॉडी और छाया दोनों बड़ी होंगी। यहाँ ध्यान रखने वाली बात यह है कि कैंडल का जो हिस्सा बड़ा होगा, उसका ज्यादा महत्व ज्यादा होगा। अगर छाया बड़ी है तो उसे उस ढंग से पढ़ा जायेगा और अगर बॉडी बड़ी है तो उसे उस ढंग से।
वी.मोरुबोजू : इस तरह की कैंडल में ऊपर या नीचे की छाया नहीं के बराबर होती है। इसलिए यह कैंडल बहुत तेजी या बहुत मंदी दिखाती है।
दोजी : इस तरह की कैंडल में बॉडी बिल्कुल न के बराबर होती है और दोनों तरफ की छाया थोड़ी बड़ी होती है। यह कैंडल अगली दिशा के बारे में अनिर्णय या अनिश्चतता की प्रतीक है, यानी कि बाजार के प्रतिभागी तय नहीं कर पा रहे कि किस तरफ जाना है।
एनगल्फिंग कैंडल : यह कैंडल अपने पहले वाली कैंडल को पूरी तरह से ढक लेती है। अगर पहली कैंडल काली और अगली कैंडल सफेद हो, या इसका उल्टा हो और बाद वाली कैंडल पहली कैंडल को पूरी तरह से ढक ले, तो यह छोटी अवधि में दिशा बदलने का संकेत है।
हथौड़ी : हैमर यानी हथौड़ी जैसी कैंडल अक्सर किसी निचली चाल के अंतिम छोर पर बनती है। इस कैंडल में बॉडी और ऊपर की छाया न के बराबर होती है, लेकिन नीचे की छाया काफी बड़ी होती है। इस तरह की कैंडल के अगले दिन अगर सफेद कैंडल बने और वह पिछले दिन के उच्चतम स्तर के ऊपर बंद हो तो इससे मध्यम अवधि का रुझान बदलने का संकेत मिलता है।
शूटिंग स्टार : हथौड़ी के विपरीत यह कैंडल किसी ऊपरी चाल के सबसे ऊपरी छोर पर बनती है। इस कैंडल में बॉडी और निचली छाया न के बराबर होती है और ऊपर की छाया काफी बड़ी होती है। इस तरह की कैंडल के अगले दिन या एक-दो दिन बाद अगर काली कैंडल देखने को मिले और वह शूटिंग स्टार कैंडल के निम्नतम स्तर के नीचे बंद हो तो यह मध्यम अवधि में रुझान बदलने का प्रतीक होता है।
(निवेश मंथन, दिसबंर 2012)