कारोबारी साल 2012-13 की दूसरी तिमाही में कंपनियों के नतीजे बाजार के अनुमानों से कुछ फीके ही रहे।
एंजेल ब्रोकिंग ने इन नतीजों पर अपनी रिपोर्ट में बताया कि 2012-13 की दूसरी तिमाही में सेंसेक्स कंपनियों के तिमाही मुनाफे में वृद्धि साल-दर-साल केवल 5.8% रही, जबकि नतीजों से पहले के अनुमान 7.7% वृद्धि के थे। अर्थव्यवस्था के धीमेपन की वजह से चक्रीय उतार-चढ़ाव वाले क्षेत्रों पर दबाव रहा। पूँजीगत खर्चों में कमी, ऊँची ब्याज दरों और ऊँची महँगाई ने भी इन तिमाही नतीजों पर असर डाला।
एंजेल ब्रोकिंग ने कहा है कि आमदनी में अनुमान से धीमी बढ़त का असर कंपनियों के इन नतीजों पर पड़ा है। हालाँकि मार्जिन में भी कमी नजर आयी, लेकिन मार्जिन में कमी अनुमानों के मुताबिक ही रही। इसके मुताबिक सेंसेक्स कंपनियों ने अपनी आमदनी में इस तिमाही के दौरान 11.7% की वृद्धि दर्ज की, जबकि नतीजों से पहले का अनुमान 14.3% वृद्धि का था। लेकिन गौरतलब यह है कि अगर ओएनजीसी के आँकड़ों को अलग हटा कर देखा जाये तो सेंसेक्स कंपनियों का मार्जिन ठीक पिछली तिमाही यानी अप्रैल-जून 2012 की तुलना में 0.10% अंक सुधरा है।
इडेलवाइज सिक्योरिटीज ने भी दूसरी तिमाही में सेंसेक्स कंपनियों के प्रदर्शन को अपने अनुमानों से कमजोर पाया है। इसका कहना है कि सेंसेक्स कंपनियों की आमदनी में वृद्धि की दर पिछली 12 तिमाहियों में से सबसे सुस्त रहना अर्थव्यवस्था में घटती माँग को दिखाता है। लेकिन इडेलवाइज के हिसाब से भी पिछली तिमाही के मुकाबले मार्जिन सुधरना इस बात का संकेत है कि लगातार मार्जिन घटने का सिलसिला कम-से-कम फौरी तौर पर खत्म हो रहा है। आने वाले समय में कंपनियों के मुनाफे पर निचले आधार यानी बीती तिमाहियों के आँकड़े कमजोर रहने का सकारात्मक असर दिखेगा और आंशिक रूप से मार्जिन में सुधार का असर होगा, क्योंकि कंपनियाँ खर्चों पर नियंत्रण के उपाय कर रही हैं।
लेकिन आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने अपने विश्लेषण में कहा है कि सेंसेक्स कंपनियों का ऑपरेटिंग लाभ मार्जिन जुलाई-सितंबर 2011 के 19.2% और अप्रैल-जून 2012 के 17.4% दोनों से घट कर जुलाई-सितंबर 2012 में 16.9% रहा। दरअसल इसने सेंसेक्स कंपनियों के अपने विश्लेषण में बैंकों और एनबीएफसी को अलग रखा।
एंजेल ब्रोकिंग के विश्लेषण में दिखता है कि केवल एफएमसीजी, आईटी, दवा, बुनियादी ढाँचा (इन्फ्रास्ट्रक्चर), बिजली और टेलीकॉम क्षेत्रों की आमदनी अनुमानों से बेहतर या उसके आसपास रही। आमदनी के मोर्चे पर अनुमान से सबसे ज्यादा पीछे रहने वाले क्षेत्रों में कैपिटल गुड्स, खनन, ऑटो, फाइनेंस और धातु प्रमुख हैं।
मुनाफे की बात करें तो फाइनेंस, एफएमसीजी, बुनियादी ढाँचा, आईटी, दवा और बिजली की स्थिति अनुमानों से बेहतर रही। लेकिन कैपिटल गुड्स ने मुनाफे में 5.3% वृद्धि के अनुमान के बदले वास्तव में 9.7% की गिरावट दिखायी। धातु क्षेत्र के बारे में अनुमान थ कि इसके मुनाफे में 24.5% वृद्धि होगी, लेकिन वास्तव में यह 1.6% घट ही गया। वहीं टेलीकॉम क्षेत्र के मुनाफे में कमी 16.1% के अनुमान की तुलना में 29.8% रही।
सेंसेक्स ईपीएस के अनुमानों में कमी
एंजेल ब्रोकिंग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सेंसक्स की प्रति शेयर आय (ईपीएस) साल 2012-13 में 4.9% बढ़ कर 1179 रुपये रहेगी और अगले साल 2013-14 में 14.7% बढ़ कर 1352 रुपये हो जायेगी। इन तिमाही नतीजों के बाद एंजेल ने अगले 12 महीनों का सेंसेक्स का नया लक्ष्य 20,300 माना है। यह लक्ष्य 2013-14 के लिए अनुमानित ईपीएस 1,352 रुपये पर 15 गुना पीई अनुपात के आधार पर है। इस तरह मौजूदा स्तर से अगले 12 महीनों में सेंसेक्स में 9.6% बढ़त आने की संभावना दिखती है। लेकिन साथ में इसका यह भी कहना है कि कंपनियों के मुनाफे में होने वाली वृद्धि का अनुमान बेहतर होने की स्थिति में सेंसेक्स में इससे ज्यादा बढ़ोतरी की संभावना बनेगी।
इसका आकलन है कि 2012-14 के दो कारोबारी वर्षों के दौरान सेंसेक्स ईपीएस की वृद्धि में सबसे ज्यादा 43.0% योगदान बीएफएसआई क्षेत्र का रहेगा। बीएफएसआई यानी बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं वगैरह के क्षेत्र केबारे में यह उम्मीद मुख्य रूप से दिग्गज निजी बैंकों - आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक के प्रदर्शन पर टिकी है। इसके अलावा एंजेल का मानना है कि इस दौरान सेंसेक्स ईपीएस की वृद्धि में ऑटो क्षेत्र 16.4% का और आईटी क्षेत्र 12.8% का योगदान करेगा।
इडेलवाइज ने अपनी रिपोर्ट में जिक्र किया है कि इन तिमाही नतीजों के बाद सेंसेक्स ईपीएस के बारे में बाजार का औसत अनुमान 2012-13 के लिए 2.7% और 2013-14 के लिए 2.1% घटा है। फिलहाल सेंसेक्स ईपीएस का बाजार का औसत अनुमान साल 2012-13 के लिए 1,226 रुपये और 2013-14 के लिए 1,437 रुपये है। इस बारे में इडेलवाइज के अपने अनुमान बाजार औसत से थोड़े बेहतर हैं। इसने सेंसेक्स ईपीएस 2012-13 में 1,244 रुपये और 2013-14 में 1,437 रुपये रहने का अनुमान सामने रखा है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने सेंसेक्स की तिमाही ईपीएस का विश्लेषण सामने रखा है। इसके मुताबिक दूसरी तिमाही में सेंसक्स ईपीएस 284 रुपये रही। इसकी तुलना में सेंसेक्स ईपीएस ठीक पिछली तिमाही में 274 रुपये और 2011-12 की दूसरी तिमाही में 250 रुपये थी। इस तरह पिछली तिमाही से 3.65% और पिछले साल की समान तिमाही से 13.60% वृद्धि दर्ज हुई। ईपीएस की गणना करने के लिए आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने बजाज ऑटो, सिप्ला, गेल, एचडीएफसी, एचडीएफसी बैंक, हीरो मोटोकॉर्प, हिंडाल्को, एचयूएल, आईटीसी, एलएंडटी, एमएंडएम, मारुति, एनटीपीसी, ओएनजीसी और रिलायंस इंडस्ट्रीज के स्टैंडएलोन आँकड़े और बाकी कंपनियों के कंसोलिडेटेड आँकड़े लिये हैं।
(निवेश मंथन, दिसबंर 2012)