Nivesh Manthan
Menu
  • Home
  • About Us
  • Download Magzine
  • Blog
  • Contact Us
  • Home/
  • 2017/
  • फरवरी 2017
Follow @niveshmanthan

वाह विनिवेश : सरकार ने बेचा, सरकारी कंपनी ने खरीदा

Details
Category: दिसंबर 2012

अरुण केजरीवाल निदेशक, क्रिस: 

सरकार ने हिंदुस्तान कॉपर के शेयरों के विनिवेश से 810 करोड़ रुपये जुटाये हैं और इस विनिवेश में ओएफएस आने के एक दिन पहले की तुलना में 41% निचले भाव पर सरकार ने अपने शेयर बेचे।

इस विनिवेश के बाद आश्चर्य इस बात पर है कि क्या ऐसी शुरुआत के बाद सरकार इस वित्त वर्ष के बाकी बचे चार महीनों में 30,000 करोड़ रुपये के महत्वाकांक्षी विनिवेश कार्यक्रम के लक्ष्य को पा सकेगी? महत्वपूर्ण सवाल यह है कि उसके विनिवेश कार्यक्रम में खरीदार कौन है? एचसीएल के विनिवेश को एलआईसी और सरकारी बैंकों - एसबीआई और पीएनबी ने उबारा। बेशक कुछ खुदरा और एचएनआई निवेशकों ने भी इसमें हिस्सेदारी की, लेकिन उनकी भागीदारी बेहद सीमित रही।
महत्वपूर्ण यह है कि पिछले दिन के बंद भाव से 41% छूट पर होने के बावजूद ओएफएस का भाव 78 के पीई अनुपात पर था, जबकि इसी क्षेत्र की दूसरी कंपनियों के पीई अनुपात इकाई अंक में ही होते हैं। एचसीएल के विनिवेश में इतनी छूट को इस बात का उदाहरण मान कर नहीं चलना चाहिए कि आगे के विनिवेश भी इसी तरह होंगे। इसे एक बार का विचलन मान लेना ही बेहतर होगा। सरकारी कंपनियों में भविष्य में होने वाले विनिवेश बाजार भाव के ही आसपास होंगे।
कागजी तौर पर भले ही एचसीएल में विनिवेश किया गया, लेकिन उम्मीद करनी चाहिए कि आगे होने वाले विनिवेश में भी महज ऊपरी बदलाव नहीं होगा। यहाँ तो बस शेयरधारक के रूप में भारत सरकार का नाम लिखा होने के बदले एक नया नाम आ गया - कखग, भारत सरकार का एक उद्यम।
(निवेश मंथन, दिसबंर 2012)

  • सातवाँ वेतन आयोग कहीं खुशी, कहीं रोष
  • एचडीएफसी लाइफ बनेगी सबसे बड़ी निजी बीमा कंपनी
  • सेंसेक्स साल भर में होगा 33,000 पर
  • सर्वेक्षण की कार्यविधि
  • भारतीय अर्थव्यवस्था ही पहला पैमाना
  • उभरते बाजारों में भारत पहली पसंद
  • विश्व नयी आर्थिक व्यवस्था की ओर
  • मौजूदा स्तरों से ज्यादा गिरावट नहीं
  • जीएसटी पारित कराना सरकार के लिए चुनौती
  • निफ्टी 6000 तक जाने की आशंका
  • बाजार मजबूत, सेंसेक्स 33,000 की ओर
  • ब्याज दरें घटने पर तेज होगा विकास
  • आंतरिक कारक ही ला सकेंगे तेजी
  • गिरावट में करें 2-3 साल के लिए निवेश
  • ब्रेक्सिट से एफपीआई निवेश पर असर संभव
  • अस्थिरताओं के बीच सकारात्मक रुझान
  • भारतीय बाजार काफी मजबूत स्थिति में
  • बीत गया भारतीय बाजार का सबसे बुरा दौर
  • निकट भविष्य में रहेगी अस्थिरता
  • साल भर में सेंसेक्स 30,000 पर
  • निफ्टी का 12 महीने में शिखर 9,400 पर
  • ब्रेक्सिट का असर दो सालों तक पड़ेगा
  • 2016-17 में सुधार आने के स्पष्ट संकेत
  • चुनिंदा क्षेत्रों में तेजी आने की उम्मीद
  • सुधारों पर अमल से आयेगी तेजी
  • तेजी के अगले दौर की तैयारी में बाजार
  • ब्रेक्सिट से भारत बनेगा ज्यादा आकर्षक
  • सावधानी से चुनें क्षेत्र और शेयर
  • छोटी अवधि में बाजार धारणा नकारात्मक
  • निफ्टी 8400 के ऊपर जाने पर तेजी
  • ब्रेक्सिट का तत्काल कोई प्रभाव नहीं
  • निफ्टी अभी 8500-7800 के दायरे में
  • पूँजी मुड़ेगी सोना या यूएस ट्रेजरी की ओर
  • निफ्टी छू सकता है ऐतिहासिक शिखर
  • विकास दर की अच्छी संभावनाओं का लाभ
  • बेहद लंबी अवधि की तेजी का चक्र
  • मुद्रा बाजार की हलचल से चिंता
  • ब्रेक्सिट से भारत को होगा फायदा
  • निफ्टी साल भर में 9,200 के ऊपर
  • घरेलू बाजार आधारित दिग्गजों में करें निवेश
  • गिरावट पर खरीदारी की रणनीति
  • साल भर में 15% बढ़त की उम्मीद
  • भारतीय बाजार का मूल्यांकन ऊँचा
  • सेंसेक्स साल भर में 32,000 की ओर
  • भारतीय बाजार बड़ी तेजी की ओर
  • बाजार सकारात्मक, जारी रहेगा विदेशी निवेश
  • ब्रेक्सिट का परोक्ष असर होगा भारत पर
  • 3-4 साल के नजरिये से जमा करें शेयरों को
  • रुपये में कमजोरी का अल्पकालिक असर
  • साल भर में नया शिखर

We are Social

Additionaly, you are welcome to connect with us on the following Social Media sites.

  • Like us on Facebook
  • Follow us on Twitter

Download Magzine

    Overview
  • 2016
    • July 2016
    • February 2016
  • 2014
    • January

बातचीत

© 2023 Nivesh Manthan

  • About Us
  • Blog
  • Contact Us
Go Top