दिनेश ठक्कर, सीएमडी, एंजेल ब्रोकिंग :
इस त्योहारी अवसर पर बाजार की संभावनाएँ उज्ज्वल दिख रही हैं और बाजार में एक आशा का माहौल बना है। भारतीय बाजार में हाल के महीने के दौरान निवेशकों का भरोसा लौटा है।
विदेशी संस्थागत निवेशकों का शुद्ध निवेश भी अच्छा रहा है। इस कारोबारी साल की पहली छमाही में एफआईआई का करीब 8 अरब डॉलर का निवेश हुआ है। वैश्विक स्तर पर नकदी बढऩे और आर्थिक सुधारों के लिए सरकार की ओर से उठाये गये कदमों से बाजार का मिजाज बदला है। लिहाजा अन्य शेयर बाजारों की तुलना में घरेलू बाजार का अच्छा प्रदर्शन आने वाले दिनों में भी जारी रहेगा।
मेरा मानना है कि सरकार आर्थिक सुधार के प्रयासों को जारी रखेगी, जिससे निवेश की प्रक्रिया को बल मिलेगा। निवेश संबंधी खर्च और पूँजीगत खर्च (कैपेक्स) बढऩे से कंपनियों की आमदनी सुधरेगी और अर्थव्यवस्था तेज होगी। सरकार अगर कुछ और नीतिगत कदम उठाये तो निवेशकों की धारणा और मजबूत होगी, लिहाजा मैं भारतीय शेयर बाजार में तेजी की उम्मीद कर रहा हूँ। मौजूदा स्तरों से सेंसेक्स का आगे का लक्ष्य 20,300 तक का है। अप्रैल 2013 से लेकर अगली दीपावली तक भारतीय शेयर बाजार एक नया ऐतिहासिक शिखर छू सकता है।
ऊँची महँगाई दर और पूँजीगत खर्च में धीमी वृद्धि चक्रीय ढंग से चलने वाले क्षेत्रों के शेयरों पर अभी असर डालते रहेंगे। इसलिए निवेशकों को मेरी सलाह है कि चुनिंदा शेयरों में निवेश करें और इसके लिए सस्ते मूल्यांकन वाले शेयरों को चुनें। जैसे मुझे खास तौर पर ऐक्सिस बैंक, क्रॉम्पटन ग्रीव्स और यूनाइटेड फास्फोरस पसंद हैं। कुछ समय पहले की ही स्थिति देखें तो बाजार लंबे समय तक ठंडा पड़ा रहा था। एक तरफ यूरो क्षेत्र की अनिश्चितताएँ थीं तो दूसरी तरफ घरेलू मोर्चे पर राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों पर मतभेद हावी थे।
ऐसी आशंका लग रही थी कि 2014 तक सब कुछ ऐसा ही चलता रहेगा। लेकिन घरेलू मोर्चे पर सरकार नीतिगत लकवे से उबरी और यूरो क्षेत्र में भी आर्थिक वातावरण सुधरा, जिसके चलते बाजार ने सकारात्मक ढंग से चौंकाया। निवेशकों की धारणा में काफी सुधार हुआ है। मैं उम्मीद करता हूँ कि आने वाले महीनों में भी सकारात्मक खबरें मिलने पर बाजार और ऊपर जायेगा। जो कुछ भी हो, आगे चल कर भारत का कॉर्पोरट क्षेत्र अपनी आय में करीब 15% की वृद्धि आसानी से हासिल कर सकेगा। हमारी बाजार पूँजी (मार्केट कैप) और जीडीपी का अनुपात केवल 60% है, जो विकसित देशों की तुलना में काफी कम है। यहाँ रियल एस्टेट को देखें या खुदरा कारोबार को देखें तो यह सब ज्यादातर असंगठित क्षेत्र में ही है। इसलिए यह माना जा सकता है कि कॉर्पोरेट क्षेत्र के मुनाफे में 15-17% की वृद्धि होती रहेगी। वैसा ही अब भी हो रहा है। उसी अनुपात में निवेश पर लाभ (आरओआई) भी होगा। लिहाजा निवेशकों को इक्विटी यानी शेयर बाजार से लंबी अवधि में सालाना औसतन 15-17% का फायदा मिलता रहेगा।
बीते सालों में बाजार ने यह सबक दिया है कि हर तरह की कमजोर धारणा खत्म हो जाने और एकदम सही समय आने का इंतजार करने के बदले अनुशासित ढंग से निवेश करने का नजरिया अपनाना चाहिए। मौजूदा स्थिति को देखते हुए मैं कहूँगा कि सही परख रखने और उचित समय तक निवेश बनाये रखने वाले निवेशकों के लिए बाजार में अच्छे शेयरों की भरमार है। उम्दा कंपनियों के शेयरों में निवेश के लिए यह एक अच्छा मौका है।
(निवेश मंथन, नवंबर 2012)