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Category: अप्रैल 2012

विजय चोपड़ा, हेड - एडवाइजरी, फुलर्टन सिक्योरिटीज

सिंडिकेट बैंक
सिंडिकेट बैंक के प्रबंधन ने कहा है कि बैंक की ओर से जारी ऋणों में सालाना 20% की वृद्धि होने की संभावना है। इस बैंक के पास पर्याप्त इक्विटी पूँजी है। इसका कोर कैपिटल रेश्यो अभी 9.31% है, जबकि उद्योग का औसत 8.75% का है। इसलिए अभी बैंक के ऋण पोर्टफोलिओ में और बढ़ोतरी की गुंजाइश अभी बाकी है। लिहाजा इस बैंक के मुनाफे और मार्जिन में और सुधार संभव है।
अर्शिया इंटरनेशनल
इस कंपनी को निवेश के लिए चुनने का मुख्य कारण यह है कि कंपनी ने फ्री ट्रेड वेयरहाउसिंग जोन (एफटीडब्लूजेड) के कारोबार में कदम रखा है। दरअसल यह कंपनी भारतीय लॉजिस्टिक क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव लाने की क्षमता रखती है।
भारत में लॉजिस्टिक पर होने वाला खर्च जीडीपी का लगभग 14% है, जबकि ज्यादातर विकसित देशों में यह खर्च 9-10% का है। लगभग 1900 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था में इसकी अक्षमताओं की वजह से लॉजिस्टिक पर 75 अरब डॉलर का फालतू खर्च हो जाता है। अर्शिया ने एफटीडब्लूजेड, रेलवे से ढुलाई, घरेलू डिस्ट्रीपार्क और लॉजिस्टिक सबको एक साथ जोड़ कर ऐसा एकीकृत कारोबारी मॉडल बनाया है, जिसका मकसद इसी फालतू खर्च को रोकना है।
श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस कंपनी
अपने बढ़ते कारोबार के साथ भी यह श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस कंपनी (एसटीएफसी) अपने ग्राहकों को दिये गये कर्जों पर जोखिम को सीमित रखने में सफल रही है। इसने निजी फाइनेंसरों से साझेदारी की है, जो दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद रही है। 
कंपनी इन निजी फाइनेंसरों से साझेदारी करके उन्हें न केवल पूँजी उपलब्ध कराती है, बल्कि उन्हें संपत्तियों के मूल्यांकन से जुड़ी सलाहकार सेवाएँ भी देती है। पूरे कारोबारी साल 2010-11 के दौरान ब्याज दरों में लगातार बढ़ोतरी के बावजूद एसटीएफसी अपने कोष की लागत (कॉस्ट ऑफ फंड) घटाने में सफल रही, क्योंकि यह अपने लेनदारियों को सिक्योरिटाइज कर पाती है।
बालकृष्ण इंडस्ट्रीज
बालकृष्ण इंडस्ट्रीज ऑफ दी हाईवे (ओटीएच) टायरों के क्षेत्र में विश्व की प्रमुख उत्पादक कंपनियों में से एक है। इसके उत्पादों की श्रृंखला में 1900 से ज्यादा एसकेयू शामिल हैं। इस कंपनी की 90% से ज्यादा आमदनी निर्यात से होती है। ओटीएच श्रेणी में इसकी बाजार हिस्सेदारी 3.5% है। अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने और बढ़ती माँग को पूरा करने के लिए कंपनी ने क्षमता विस्तार का कार्यक्रम शुरू किया है। इसकी मौजूदा वार्षिक क्षमता 160,000 टन की है, जिसे यह 2013-14 तक बढ़ा कर 234,000 टन करने वाली है। अपनी भारी-भरकम विस्तार योजनाओं पर कंपनी अगले 2-3 सालों में 1800 करोड़ रुपये का निवेश करने वाली है।
गेटवे डिस्ट्रीपाक्र्स
गेटवे डिस्ट्रीपाक्र्स (जीडीएल) अपने सीएफएस और आईसीडी इन्फ्रास्ट्रक्चर से उत्तरी, पश्चिमी, पूर्वी और दक्षिणी क्षेत्रों को अपने दायरे में लाना चाहती है और अपने इस नेटवर्क को रेल संपर्क से जोडऩा चाहती है। स्नोमैन लॉजिस्टिक नाम की सहायक कंपनी के जरिये इसका कोल्ड चेन कारोबार भारत में 18 स्थानों पर चल रहा है। कारोबारी साल 2012-13 में इसने 250 करोड़ रुपये के पूँजीगत खर्च की योजना बनायी है।
मेरा मानना है कि भारत में कंटेनर कार्गो के बढ़ते इस्तेमाल के साथ-साथ बंदरगाहों पर ढुलाई की बढ़ती मात्रा और क्षमता के चलते जीडीएल के लिए लंबी अवधि में अपना कारोबार बढ़ाने के अच्छे मौके उपलब्ध हैं। इसके पास मौजूद बुनियादी ढाँचे, भविष्य में पूँजीगत खर्च की योजनाओं और लॉजिस्टिक के बारे में इसके एकीकृत नजरिये को देखें तो लगता है कि इस क्षेत्र में बन रहे विकास के अवसरों का पूरा फायदा उठाने के लिए यह कंपनी अच्छी तरह तैयार है।
(निवेश मंथन, अप्रैल 2012)

  • सातवाँ वेतन आयोग कहीं खुशी, कहीं रोष
  • एचडीएफसी लाइफ बनेगी सबसे बड़ी निजी बीमा कंपनी
  • सेंसेक्स साल भर में होगा 33,000 पर
  • सर्वेक्षण की कार्यविधि
  • भारतीय अर्थव्यवस्था ही पहला पैमाना
  • उभरते बाजारों में भारत पहली पसंद
  • विश्व नयी आर्थिक व्यवस्था की ओर
  • मौजूदा स्तरों से ज्यादा गिरावट नहीं
  • जीएसटी पारित कराना सरकार के लिए चुनौती
  • निफ्टी 6000 तक जाने की आशंका
  • बाजार मजबूत, सेंसेक्स 33,000 की ओर
  • ब्याज दरें घटने पर तेज होगा विकास
  • आंतरिक कारक ही ला सकेंगे तेजी
  • गिरावट में करें 2-3 साल के लिए निवेश
  • ब्रेक्सिट से एफपीआई निवेश पर असर संभव
  • अस्थिरताओं के बीच सकारात्मक रुझान
  • भारतीय बाजार काफी मजबूत स्थिति में
  • बीत गया भारतीय बाजार का सबसे बुरा दौर
  • निकट भविष्य में रहेगी अस्थिरता
  • साल भर में सेंसेक्स 30,000 पर
  • निफ्टी का 12 महीने में शिखर 9,400 पर
  • ब्रेक्सिट का असर दो सालों तक पड़ेगा
  • 2016-17 में सुधार आने के स्पष्ट संकेत
  • चुनिंदा क्षेत्रों में तेजी आने की उम्मीद
  • सुधारों पर अमल से आयेगी तेजी
  • तेजी के अगले दौर की तैयारी में बाजार
  • ब्रेक्सिट से भारत बनेगा ज्यादा आकर्षक
  • सावधानी से चुनें क्षेत्र और शेयर
  • छोटी अवधि में बाजार धारणा नकारात्मक
  • निफ्टी 8400 के ऊपर जाने पर तेजी
  • ब्रेक्सिट का तत्काल कोई प्रभाव नहीं
  • निफ्टी अभी 8500-7800 के दायरे में
  • पूँजी मुड़ेगी सोना या यूएस ट्रेजरी की ओर
  • निफ्टी छू सकता है ऐतिहासिक शिखर
  • विकास दर की अच्छी संभावनाओं का लाभ
  • बेहद लंबी अवधि की तेजी का चक्र
  • मुद्रा बाजार की हलचल से चिंता
  • ब्रेक्सिट से भारत को होगा फायदा
  • निफ्टी साल भर में 9,200 के ऊपर
  • घरेलू बाजार आधारित दिग्गजों में करें निवेश
  • गिरावट पर खरीदारी की रणनीति
  • साल भर में 15% बढ़त की उम्मीद
  • भारतीय बाजार का मूल्यांकन ऊँचा
  • सेंसेक्स साल भर में 32,000 की ओर
  • भारतीय बाजार बड़ी तेजी की ओर
  • बाजार सकारात्मक, जारी रहेगा विदेशी निवेश
  • ब्रेक्सिट का परोक्ष असर होगा भारत पर
  • 3-4 साल के नजरिये से जमा करें शेयरों को
  • रुपये में कमजोरी का अल्पकालिक असर
  • साल भर में नया शिखर

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