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Category: अप्रैल 2012

के के मित्तल, पीएमएस प्रमुख, ग्लोब कैपिटल

एचसीएल टेक्नोलॉजीज

आईटी क्षेत्र में भारत की चौथी सबसे बड़ी कंपनी एचसीएल टेक्नोलॉजीज ने 2008 में यूके स्थित इंटरप्राइज ऐप्लिकेशंस की सलाहकार कंपनी एक्सॉन के अधिग्रहण किया था, जिसके बाद इसकी आमदनी में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। कैलेंडर वर्ष 2011 में इसकी आमदनी 18,334 करोड़ रुपये रही, जो कैलेंडर वर्ष 2008 की तुलना में दोगुनी से ज्यादा है।

कंपनी ने अपने लाभ मार्जिन में भी सुधार किया है। कर्मचारियों के इस्तेमाल का अनुपात सुधरने, लागत पर अच्छी तरह नियंत्रण और घाटा दे रहे फॉरेक्स हेजिंग सौदों को खत्म करने का इसमें प्रमुख योगदान रहा है। उम्मीद है कि मार्च 2012 को समाप्त तिमाही में इसकी बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग (बीपीओ) इकाई भी घाटे से फायदे में आ जायेगी। यह इकाई पिछली कई तिमाहियों से कामकाजी घाटे में चल रही थी। इसके लाभ में आ जाने से भी कंपनी के मार्जिन पर अच्छा असर होगा। मौजूदा भावों पर यह शेयर बीते 12 महीनों की आय के आधार पर 17 के पीई अनुपात पर चल रहा है। निवेशक कम-से-कम दो सालों तक अपना निवेश बनाये रखने के लिहाज से इसमें पैसा लगा सकते हैं। 

इंडसइंड बैंक
मुनाफे में अच्छी बढ़त, देनदारियों यानी जमाओं (लाएबिलिटी) के मोर्चेे पर सुधार, 1.5% के ऊँचे आरओए यानी रिटर्न ऑन एसेट्स और लगग 20% आरओई यानी रिटर्न ऑन इक्विटी को देख कर इंडसइंड को मिल रहे ऊँचे मूल्यांकन और शेयर बाजार में लगातार बेहतर प्रदर्शन को समझा जा सकता है।
इसके पास इक्विटी पूँजी पर्याप्त है। अगर 2011-12 के आरंभिक नौ महीनों के मुनाफे को छोड़ दें तो भी इसका टियर 1 पूँजी पर्याप्तता अनुपात (सीएआर) 10.7% है। लेकिन इसके बावजूद बैंक खबरों के मुताबिक अपनी संपत्तियों में वृद्धि यानी ज्यादा कर्ज देने के मकसद से 20-30 करोड़ डॉलर की पूँजी जुटाने की तैयारी में है।
इंडसइंड के कुल कर्ज में कॉर्पोरेट और खुदरा श्रेणियों का हिस्सा लगभग बराबर है। इसके खुदरा कर्जों में वाहन कर्ज सबसे प्रमुख है। यह ज्यादा जोखिम भरी श्रेणी है, लेकिन इसमें ज्यादा लंबे समय से मौजूद होने के चलते यह ज्यादा लाभदायक है। कारोबारी साल 2010-11 से 2013-14 के दौरान इसकी प्रति शेयर आय (ईपीएस) में सालाना औसतन (सीएजीआर) 28% की वृद्धि होने का अनुमान है।
एक्साइड इंडस्ट्रीज
लेड एसिड बैटरी बनाने वाली प्रमुख कंपनी एक्साइड इंडस्ट्रीज का गठन 1947 में हुआ था। इसके विभिन्न उत्पाद गाडिय़ों, टेलीकॉम टॉवर, पावर बैकअप, रेलवे, रक्षा क्षेत्र वगैरह में इस्तेमाल होते हैं। वितरण के लिए ऑटो क्षेत्र में इसके 11,350 और औद्योगिक क्षेत्र में 1200 अधिकृत डीलर हैं। इसके वितरण नेटवर्क में 41,500 खुदरा दुकानें शामिल हैं।
कंपनी के कच्चे माल की लागत में कमी आ रही है। ऑटो बैटरी बदलने (रिप्लेसमेंट) के बाजार में इसकी हिस्सेदारी बढ़ रही है। औद्योगिक बैटरियों की श्रेणी में कंपनी अपनी क्षमता का अधिक इस्तेमाल कर पा रही है। इन सब बातों से एक्साइड का शेयर दो सालों की अवधि के लिहाज से निवेश के लिए अच्छा लग रहा है। मार्च के अंत में 149 रुपये के मौजूदा भाव पर यह शेयर 2012-13 की अनुमानित ईपीएस के आधार पर 17.9 के पीई पर चल रहा है। यह इसी क्षेत्र की एक छोटी कंपनी अमारा राजा बैटरीज के करीब 10-11 पीई की तुलना में कुछ ज्यादा है। लेकिन एक्साइड को बाजार में हमेशा ही ज्यादा मूल्यांकन मिलता रहा है और मौजूदा स्तरों को महँगा नहीं कहा जा सकता है। लिहाजा मेरी सलाह है कि इसे 190 रुपये के लक्ष्य के साथ खरीदा जा सकता है।
हीरो मोटोकॉर्प
हीरो मोटोकॉर्प दुनिया में सबसे बड़ी दोपहिया कंपनी है। होंडा से विलगाव से पहले इसका नाम हीरो होंडा मोटर्स था। मोटरसाइकल और स्कूटर बनाने वाली इस कंपनी ने दो नये संयंत्र लगाने की योजना बनायी है। इनमें से एक संयंत्र दक्षिण भारत में और एक संयंत्र पश्चिम भारत में होगा।
मौजूदा बाजार भाव पर इस शेयर का पीई अनुपात 2011-12 के अनुमानों के आधार पर 16.45 और 2012-13 के आधार पर 13.96 बैठता है। कंपनी की प्रति शेयर आय (ईपीएस) 2011-12 में 121.53 रुपये और 2012-13 में 145.07 रुपये रहने का अनुमान है।
महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज
महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज (एमएमएफएसएल) भारत की सबसे प्रमुख गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में से एक है। इसके पास एक विशाल शाखा नेटवर्क है। यह यूटिलिटी गाडिय़ों, ट्रैक्टरों, कारों वगैरह की एक बड़ी श्रृंखला के लिए वाहन कर्ज देती है।
ग्रामीण और अर्धशहरी इलाकों पर इसका विशेष जोर है। ग्रामीण इलाकों में एमएमएफएसएल की कर्ज सुविधा गरीबी हटाने, ग्रामीण विकास और सबको साथ लेकर विकास के लक्ष्यों में भी सहायक है। भारत की बहुसंख्या गाँवों में रहती है। कंपनी ने निम्न आय वर्ग के 10 लाख से ज्यादा लोगों को कर्ज दिये हैं। इससे ग्रामीण भारत को आगे बढऩे में बड़ी मदद मिलती है।
मौजूदा भाव पर इस शेयर का पीई अनुपात 2011-12 के अनुमानित आँकड़ों के मुताबिक 10.8 और 2012-13 के आधार पर 9.5 है। मुझे उम्मीद है कि आने वाली तिमाहियों में इस कंपनी के बढऩे की रफ्तार कायम रहेगी। लिहाजा इसमें निवेश किया जा सकता है। इसका 12 महीनों का लक्ष्य भाव 815 रुपये का है।
(निवेश मंथन, अप्रैल 2012)

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  • उभरते बाजारों में भारत पहली पसंद
  • विश्व नयी आर्थिक व्यवस्था की ओर
  • मौजूदा स्तरों से ज्यादा गिरावट नहीं
  • जीएसटी पारित कराना सरकार के लिए चुनौती
  • निफ्टी 6000 तक जाने की आशंका
  • बाजार मजबूत, सेंसेक्स 33,000 की ओर
  • ब्याज दरें घटने पर तेज होगा विकास
  • आंतरिक कारक ही ला सकेंगे तेजी
  • गिरावट में करें 2-3 साल के लिए निवेश
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  • निकट भविष्य में रहेगी अस्थिरता
  • साल भर में सेंसेक्स 30,000 पर
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  • ब्रेक्सिट का असर दो सालों तक पड़ेगा
  • 2016-17 में सुधार आने के स्पष्ट संकेत
  • चुनिंदा क्षेत्रों में तेजी आने की उम्मीद
  • सुधारों पर अमल से आयेगी तेजी
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  • निफ्टी साल भर में 9,200 के ऊपर
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  • गिरावट पर खरीदारी की रणनीति
  • साल भर में 15% बढ़त की उम्मीद
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