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10 दिग्गज जानकारों के पसंदीदा शेयर

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Category: अप्रैल 2012

गजेंद्र नागपाल, सीईओ, यूनिकॉन फाइनेंशियल

इरोस इंटरनेशनल मीडिया
इस कंपनी का कारोबारी मॉडल काफी मजबूत है। इसने अगले कुछ सालों के दौरान सालाना 70 से ज्यादा फिल्में बनाने की योजना तैयार की है। इनमें से 8-10 बड़े बजट की हिंदी फिल्में होंगी। साल 2012-13 के लिए इसने 60 से ज्यादा फिल्मों की रूपरेखा बना ली है, जिनके लिए समझौते किये जा चुके हैं। इनमें से एक फिल्म रजनीकांत के साथ है। कई फिल्में पंजाबी, तमिल, मलयालम और तेलुगू की हैं।

अभी हाल में आयी एजेंट विनोद इरोस की ही बनायी फिल्म है। आगे आने वाली फिल्मों में हाउस फुल 2, तनु वेड्स मनु 2 वगैरह शामिल हैं, जिनके सैटेलाइट अधिकार पहले ही बेचे जा चुके हैं। यह कंपनी देश में मनोरंजन माध्यमों की बढ़ती पैठ का फायदा उठाने की अच्छी स्थिति में है। भविष्य की फिल्मों के आधार पर इसकी आमदनी अच्छी रहने की उम्मीद की जा सकती है। साथ ही अब थिएटर से अलग अन्य साधनों से कमाई भी बढऩे लगी है। मौजूदा भावों पर यह शेयर 2012-13 की अनुमानित ईपीएस के 8 पीई पर और 2013-14 की अनुमानित ईपीएस के 7 पीई पर है।
यूनाइटेड फॉस्फोरस
यूनाइटेड फॉस्फोरस (यूपीएल) ने कुछ समय पहले 2011-12 की वृद्धि के अपने अनुमानों को 35-40% से घटा कर 25-30% कर दिया, जिसके बाद इसके शेयर भाव में तीखी गिरावट आयी। इसने अपने अनुमानों में यह कटौती अपने प्रमुख बाजारों में जनवरी-मार्च की तिमाही के दौरान ज्यादा सर्दी पडऩे के चलते खेती का मौसम देर से शुरू होने के मद्देनजर की। लेकिन इस मौसमी प्रभाव के चलते कृषि-रसायनों (एग्रोकेमिकल) की खपत में आने वाले उतार-चढ़ाव का चक्र केवल छोटी अवधि का होगा। लंबी अवधि के लिए कंपनी अब भी बुनियादी रूप से मजबूत है। यूपीएल विश्व की प्रमुख जेनेरिक कंपनियों में से एक है। इसकी आमदनी विश्व भर में जेनेरिक कृषि-रसायनों की खपत से सीधे तौर पर जुड़ी है। अनुमान है कि कंपनी 2012-13 में आमदनी में 13% और मुनाफे में 31% बढ़त दर्ज करेगी। वहीं 2013-14 में इसकी आमदनी 9% और मुनाफा 17.5% बढऩे का अनुमान है। इसका ऋण-इक्विटी अनुपात 0.9 का है, जबकि रिटर्न ऑन इक्विटी (आरओई) 2013-14 के अनुमानों के आधार पर 15% से अधिक है। यह शेयर अभी 2011-12 की ईपीएस पर 11.7 के पीई अनुपात पर है, जबकि 2012-13 की ईपीएस के हिसाब से 8.9 पीई पर चल रहा है। मौजूदा भावों पर इसे खरीदना अच्छा रहेगा।
यस बैंक
यस बैंक ने अपने कारोबार और मुनाफे में अच्छी बढ़त दिखायी है। इसका मार्जिन अच्छा है और संपत्तियों की गुणवत्ता भी बेहतर है। साथ ही यह बैंक हर साल 125 नयी शाखाएँ खोल रहा है। इससे 2012-13 में इसकी कुल जमाराशि में चालू खातों और बचत खातों (कासा) का अनुपात बढ़ कर 15% होने का अनुमान है। इसका रिटर्न ऑन इक्विटी 2013-14 तक बढ़ कर 24% हो सकता है, जो 2010-11 में 21% पर था। लंबी अवधि के लिहाज से यह शेयर मुझे पसंद है। मौजूदा भावों पर यह 2012-13 की अनुमानित बुक वैल्यू के 2.1 गुना मूल्यांकन पर है। मैं इसे 424 रुपये के लक्ष्य के साथ खरीदने की सलाह दूँगा।
इलाहाबाद बैंक
इलाहाबाद बैंक अच्छी बढ़त के दौर में है। इसका वितरण नेटवर्क और ग्राहकों का आधार ऐसे राज्यों में अच्छा है, जहाँ कासा अनुपात ऊँचा रहता है। इससे बढ़ती ब्याज दरों के दौर में इस बैंक को अच्छे कारोबारी मौके मिलते हैं। शाखाओं के विस्तार के चलते आगे चल कर कासा जमाओं का अनुपात और सुधरने की उम्मीद है। हालाँकि मेरा मानना है कि बढ़ती लागत के चलते इसे अपना मार्जिन बनाये रखने में दिक्कत आ सकती है। साथ ही संपत्तियों की गुणवत्ता भी इसके लिए एक चुनौती रहेगी। लेकिन इसका मूल्यांकन काफी सस्ता हो गया है, लिहाजा अभी इसे खरीदने का अच्छा मौका है। यह शेयर अभी 2012-13 की बुक वैल्यू के 0.7 गुना मूल्यांकन पर उपलब्ध है। मेरी सलाह है कि इसे 220 रुपये के लक्ष्य के साथ खरीदा जा सकता है।
महिंद्रा एंड महिंद्रा
मेरे हिसाब से महिंद्रा एंड महिंद्रा की कहानी ग्रामीण भारत के विकास पर टिकी है। ट्रैक्टर श्रेणी में कमजोर माँग के चलते इसका भंडारण 4 हफ्तों के स्तर पर चला गया, जिसके बाद इसे उत्पादन में कमी करनी पड़ी। इसने मार्च महीने में हर हफ्ते में दो दिन उत्पादन रोकने का फैसला किया। फरवरी में पूरे उद्योग की बिक्री में 10% की कमी आयी, जबकि महिंद्रा की बिक्री में २०% गिरावट आयी। एक तो फसलों की कमजोर कीमत का असर पड़ा, साथ ही पिछले साल अधिक बिक्री की वजह से आधार (बेस) ऊँचा था। आगे चल कर ब्याज दरों में कमी आने से ग्रामीण माँग सुधरेगी। उत्पादन अप्रैल से सामान्य हो जाने की उम्मीद है। बजट में डीजल वाहनों पर विशेष शुल्क लगाये जाने की अटकलें थीं, लेकिन ऐसा नहीं किया गया, जो महिंद्रा के लिए सकारात्मक है। मौजूदा भावों पर यह शेयर 2012-13 की अनुमानित आय के हिसाब से 11.3 के पीई पर है। लिहाजा इन भावों पर खरीदारी करने वाले भविष्य में अच्छे फायदे की उम्मीद कर सकते हैं।
(निवेश मंथन, अप्रैल 2012)

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  • बाजार मजबूत, सेंसेक्स 33,000 की ओर
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  • आंतरिक कारक ही ला सकेंगे तेजी
  • गिरावट में करें 2-3 साल के लिए निवेश
  • ब्रेक्सिट से एफपीआई निवेश पर असर संभव
  • अस्थिरताओं के बीच सकारात्मक रुझान
  • भारतीय बाजार काफी मजबूत स्थिति में
  • बीत गया भारतीय बाजार का सबसे बुरा दौर
  • निकट भविष्य में रहेगी अस्थिरता
  • साल भर में सेंसेक्स 30,000 पर
  • निफ्टी का 12 महीने में शिखर 9,400 पर
  • ब्रेक्सिट का असर दो सालों तक पड़ेगा
  • 2016-17 में सुधार आने के स्पष्ट संकेत
  • चुनिंदा क्षेत्रों में तेजी आने की उम्मीद
  • सुधारों पर अमल से आयेगी तेजी
  • तेजी के अगले दौर की तैयारी में बाजार
  • ब्रेक्सिट से भारत बनेगा ज्यादा आकर्षक
  • सावधानी से चुनें क्षेत्र और शेयर
  • छोटी अवधि में बाजार धारणा नकारात्मक
  • निफ्टी 8400 के ऊपर जाने पर तेजी
  • ब्रेक्सिट का तत्काल कोई प्रभाव नहीं
  • निफ्टी अभी 8500-7800 के दायरे में
  • पूँजी मुड़ेगी सोना या यूएस ट्रेजरी की ओर
  • निफ्टी छू सकता है ऐतिहासिक शिखर
  • विकास दर की अच्छी संभावनाओं का लाभ
  • बेहद लंबी अवधि की तेजी का चक्र
  • मुद्रा बाजार की हलचल से चिंता
  • ब्रेक्सिट से भारत को होगा फायदा
  • निफ्टी साल भर में 9,200 के ऊपर
  • घरेलू बाजार आधारित दिग्गजों में करें निवेश
  • गिरावट पर खरीदारी की रणनीति
  • साल भर में 15% बढ़त की उम्मीद
  • भारतीय बाजार का मूल्यांकन ऊँचा
  • सेंसेक्स साल भर में 32,000 की ओर
  • भारतीय बाजार बड़ी तेजी की ओर
  • बाजार सकारात्मक, जारी रहेगा विदेशी निवेश
  • ब्रेक्सिट का परोक्ष असर होगा भारत पर
  • 3-4 साल के नजरिये से जमा करें शेयरों को
  • रुपये में कमजोरी का अल्पकालिक असर
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