संदीप त्रिपाठी :
हर ई-कॉमर्स कंपनी त्यौहारी मौसम बीतने पर यह दावा कर रही है कि उसने दूसरी कंपनी से ज्यादा बिक्री की। लेकिन कोई कंपनी अपने पूरे आँकड़े उजागर नहीं कर रही है। कंपनियों द्वारा जारी बयान में किये गये दावे मतगणना से पहले हर राजनीतिक दल द्वारा बहुमत प्राप्त करने के दावों जैसे लग रहे हैं।
भारतीय ई-कॉमर्स बाजार में बहुचर्चित कंपनियों में से अमेजन ने 'द ग्रेट इंडियन फेस्टिवल' (1-5 अक्टूबर), फ्लिपकॉर्ट ने 'बिग बिलियन डेज' (2-5 अक्टूबर) और स्नैपडील ने 'अनबॉक्स दिवाली' (2-5 अक्टूबर) नाम से अपना-अपना दिवाली धमाका पेश किया। उत्पादों पर 50-90% तक की छूट, हर 30 मिनट में नयी पेशकश, ग्राहकों को इनाम, ज्यादा उत्पाद, बैंक-विशेष के क्रेडिट-डेबिट कार्ड पर खरीदारी करने पर कैशबैक, फ्लैश योजना जैसे जाने कितने तरीके ग्राहकों को लुभाने के लिए अपनाये गये।
उद्योग संगठन एसोचैम ने एक रिपोर्ट में कहा है कि इस त्यौहारी मौसम में ऑनलाइन बिक्री 40 से 45% की वृद्धि के साथ 52,000 हजार करोड़ रुपये के पार निकल सकती है। पिछले साल त्यौहारी सीजन में 30,000 हजार करोड़ रुपये की ऑनलाइन बिक्री हुई थी।
छह अक्टूबर को मीडिया में आयी रिपोर्ट के मुताबिक फ्लिपकार्ट और स्नैपडील ने एक ही दिन में (तीन अक्टूबर को) 600-600 करोड़ रुपये का माल बेचा। फ्लिपकार्ट ने 10 घंटे के बीच 10 करोड़ डॉलर (600 करोड़ रुपये से अधिक) का सामान बेचने का दावा किया। वहीं, स्नैपडील ने छह अक्टूबर को प्रति मिनट में एक करोड़ रुपये के उत्पाद बेचने की बात कही।
एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक फ्लिपकार्ट ने नवरात्रि के बिग बिलियन डे इवेंट में 1.5५ करोड़ सामान बेचे, तो वहीं अमेजन ने ग्रेट इंडियन फेस्टिवल इवेंट में 1.5 करोड़ सामानों की बिक्री की। फ्लिपकार्ट के मालिक बिन्नी बंसल और अमेजन इंडिया के चीफ अमित अग्रवाल ने यह जानकारी दी। स्नैपडील ने 1.1 करोड़ सामानों की बिक्री की।
फ्लिपकार्ट के सह-संस्थापक सचिन बंसल तथा बिनी बंसल ने उस वक्त एक संयुक्त बयान में कहा कि हमारी वेबसाइट एक अरब बार देखी गयी और हमने 24 घंटे में 10 करोड़ डॉलर का माल बेचने का लक्ष्य केवल 10 घंटे में हासिल कर लिया। फ्लिपकार्ट पर बिक्री सुबह 8 बजे शुरू हुई और अधिकतर उत्पादों की बिक्री दोपहर तक हो गयी। वहीं, दूसरी तरफ ग्राहकों ने फ्लिपकार्ट वेबसाइट पर तकनीकी गड़बड़ी और उसके धीमे चलने की शिकायतें की। फ्लिपकार्ट ने माना कि तकनीकी खामी रही और कहा, ‘हमारी तकनीकी टीम इन खामियों को दूर करने में लगी रही और ग्राहकों को हर संभव मदद उपलब्ध करायी..।‘
पहले चरण की त्यौहारी सेल में अपना बिक्री लक्ष्य पूरा होने के दावे के बाद अक्टूबर के दूसरे हफ्ते के अंत में फिर तीनों कंपनियों ने दोबारा मेगासेल शुरू किया। जब लक्ष्य पूरा हो गया तो हफ्ते भर बाद और आकर्षक छूट और प्रस्तावों के साथ इन कंपनियों को दोबारा महासेल लगाने की जरूरत क्यों पड़ी? मीडिया में रिपोर्ट आयी कि फ्लिपकार्ट ने 13 से 17 अक्टूबर तक चली अपनी पाँच दिन की सेल के दौरान 1900 करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार किया। स्नैपडील ने भी इसी दौरान 1800 करोड़ रुपये के उत्पाद बेचे। अमेजन ने फिर कोई आँकड़ा उजागर नहीं किया। सबने मान लिया कि इस साल त्यौहारी मौसम में ई-कॉमर्स कंपनियों का घमासान खत्म हुआ। दिवाली के दो हफ्ते पहले ही यह भी कहा गया कि इन कंपनियों ने दिवाली की बिक्री पूरी कर ली।
लेकिन अक्टूबर के अंतिम हफ्ते में दिवाली से पाँच दिन पहले फिर तीनों कंपनियाँ नये प्रलोभनों के साथ मैदान में उतर आयीं। 25 अक्टूबर से 28 अक्टूबर तक तीसरे दौर का महासेल लगा। अब दिवाली भी बीत गयी है और महासेल भी। लेकिन 2 नवंबर तक इनमें से किसी कंपनी ने इन त्यौहारों के दौरान अपनी बिक्री के कुल आँकड़े जारी नहीं किये। इसकी बजाय दावे जरूर किये गये। फ्लिपकार्ट ने दावा किया है कि वह भारतीय ऑनलाइन रिटेल उद्योग में सबसे ऊपर है और अंदरूनी आकलन के अनुसार उसने अमेजॉन इंडिया की तुलना में ऊँची कीमत वाले उत्पाद ज्यादा बेचे। फ्लिपकार्ट का यह भी कहना है कि उसने मार्केटिंग और लॉजिस्टिक्स पर अमेजॉन की तुलना में कम खर्च किया। फ्लिपकार्ट के बिन्नी ने वित्तीय आँकड़े उजागर करने से इन्कार कर दिया। इसके जवाब में अमेजॉन इंडिया ने कहा कि कोई भी बाहरी इकाई अमेजॉन की बिक्री के बारे में विश्वसनीय टिप्पणी नहीं कर सकती। कंपनी ने तर्क दिया कि कोई भी आँकड़ा सार्वजनिक नहीं किया गया है।
(निवेश मंथन, नवंबर 2016)